आरक्षण किसके लिए?
आरक्षण किसके लिए?
क्या आरक्षण पाने वाले अपने समाज से न्याय करते है?
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संजीव खुदशाह
वर्तमान सरकार और आर आर एस ने ज्यो ही आरक्षण समीक्षा की बात कही वैसे ही आरक्षण लाभार्थी ( अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछडा वर्ग ) गहरी नींद से जाग उठे। उन्हे् डॉं अंबेडकर याद आने लगे, समाजिक संगठन याद आने लगा, वे लोग जो समाज के अधिकारों लिए लड़ते है, अम्बेीडकरी आंदोलन की अलख जगाये हुये है, याद आने लगे। यहां प्रश्ना यह है की आरक्षण आखिर किसके लिए था। क्याक आराक्षण इस लिए था की लोग आरक्षण का लाभ लेकर अपने ही समाज को हिकारत की नजर से देखे। आरक्षण का अधिकार देने वाले डॉं अंबेडकर को धिक्काहरे।
इस बीच खबर आयी की प्रमोशन में आरक्षण भी खत्मं कर दिया गया। इस उत्तकरप्रदेश सरकार ने लागू भी कर दिया तत्परश्चाषत कई अफसर, कलर्क डिमोट होकर फिर से चपरासी बना दिये गये।। इस से देश भर के आरक्षण लाभार्थियों में मानो भूचाल सा आ गया। इसका प्रभाव देश भर में पडा जो आरक्षण लाभार्थी हर साल वैष्णनव देवी, सीर्डी आदी में भारी भरकम रकम चढाते थे, अचानक उन्हेभ अंबेडकरी संगठन याद आने लगे।
कुछ लाभार्थी नये आरक्षण बचाव संगठन बनाने लगे। फेसबुक वाटसएप में ऐसे आरक्षण बचाव ग्रुप की बाढ सी आ गयी। ये आरक्षण लाभार्थी एकाएक समाज सेवक की भूमिका में आ गये। ये वही आरक्षण लाभार्थी है जिन्होीने समाज को धोका दिया था।

1 जब अंबेडकर वादी संगठन चंदा मांगने आते थे, उन्हेक भगा दिया करते थे या उनके लिए 10 रूपये मुश्किल से निकलता था। वहीं दुर्गा गणेश के चंदा वे हजारों में देते थे।

2 अपने आपको आरक्षित वर्ग का कहने में शर्म महसूस करते थे। और रोज अपने ही समाज को गाली दिया करते थे।

3 मोबाईल पर भजन आदी ब्राम्ह णवादी रिंगटोन रखते थे ताकि उनके सवर्ण मित्र खुश रहे।

4 अम्बेलडकर को गाली बकते थे, एवं अपने बच्चों को अपनी जाति और उनके बारे में नही बताते थे ।

5 अपनी पत्नी से हर हफ्ते ब्राम्हरणवादी व्रत रखवाते थे ताकि अपने आप को सवर्ण के करीब बताया जा सके।
प्रश्न ये उठता है की क्या समाज के ऐसे गद्दारों के लिए आरक्षण की व्यवस्थाे डॉं अम्बेंडकर ने प्रदान की थी। बिल्कुाल नही डॉं अम्बेडकर जीते जी ऐसे लोगो को पहचान गये थे इन्ही के लिए उन्होने कहा था मुझे मेरे लोगो ने ही धोखा दिया।
आईये जाने की बाबा साहब ने आरक्षण की व्येवस्था क्यो की।

1 आरक्षण पाकर व्यक्ति अपने समाज का उत्थान करे न की सिर्फ अपने परिवार का उत्थान करे और समाज से नफरत करे।

2 अपने समाज का गौरवशाली इतिहास को जाने खोज करे, या ऐसा करने वाले व्यक्ति को आर्थिक मदद करे। इसकी जानकारी से अपने बच्चों को अवगत कराये।

3 समाज को अपने शोषको एवं उद्धारको में फर्क करना बताऐ।

4 समाज को धार्मिक अंधविश्वास से मुक्ति दिलाये।
लेकिन आरक्षित वर्ग लाभ लेकर अपने जिम्मे दारी से मूह मोड लिया।
यहां पर बात सिर्फ आरक्षण लाभार्थी की नही है हर वह मदद जो सरकार द्वारा जातिय आधार पर मिलती है के बारे में है। चाहे व्यक्ति व्यापार में हो या पढ़ रहा हो हर स्तर पर उसे जातिय आधार पर रियायत या सहूलियत मिलती है। ये बाते उन सभी व्यक्तियों पर बराबर लागू होती है।
अभी ये मौकापरस्ति लाभार्थी अल्प समय के लिय जाग गये है। जैसे ही उनका हित सुरक्षित होगा वे फिर सो जायेगे अपने ही समाज को, बाबा साहेब को गाली बकना चालू कर देगे। मेरा प्रस्थाान बिन्दु यहीं है आप सीने में हाथ रख कर कहे की क्या वास्तक में आरक्षण पाने वालों ने अपने समाज के साथ न्याय किया है?
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