#बौद्ध #धर्म से जुड़ी कुछ #महत्वपूर्ण #जानकारी...........
★ दुनिया की 25% से अधिक जनसंख्या (1.8 अरब) बौद्ध धर्म की अनुयायी है।
★ बौद्ध धर्म दुनिया का पहला "विश्वधर्म" है।
★ जनसंख्या की तुलना में बौद्ध धर्म दुनिया का "दूसरा" सबसे बडा धर्म है।
★ 1,22,00,00,000 (91%) चीन में है सबसे अधिक बौद्ध अनुयायी। दुनिया के 68% बौद्ध चीन में है।
★ 6,67,00,000 (5.5%) बौद्ध अनुयायी भारत में है।
★ एशिया महाद्वीप का "प्रमुख धर्म" बौद्ध धर्म है, करीब 45% एशियाई जनसंख्या बौद्ध है।
★ करीब 18 देशों में बौद्ध धर्म "प्रमुख धर्म " है और 6 देशों का "राष्ट्रधर्म" (राजधर्म) है।
★ 11 देशों में 90% से अधिक बौद्ध जनसंख्या है।
★ गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के 'लुम्बिनी' ग्राम में हुआ था।
★ बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। सिद्धार्थ की मां का नाम 'महामाया' और पिता का नाम 'शुद्धोदन' था। माता के देहान्त के बाद इनका लालन-पालन इनकी मौसी 'गौतमी' ने किया।
★ भगवान बुद्ध का विवाह 'यशोधरा' नामक राजकन्या से हुआ था, उन्हें एक पुत्र हुआ, जिसका नाम 'राहुल' था।
★ बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में ज्ञान प्रकाश की तृष्णा को तृप्त करने के लिए घर त्याग दिया, जिसे बौद्ध धर्म ग्रंथों में 'महाभिनिष्क्रमण' कहा गया है।
★ 2500 वर्ष पुर्व गौतम बुद्ध को 35 वर्ष आयु में गया के निकट निरंजना नदी के किनारे एक पीपल (बोधि वृक्ष) के नीचे 49वें दिन ज्ञान प्राप्त हुआ। ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ 'बुद्ध' कहलाए। बौद्ध ग्रंथों में इनके ज्ञान प्राप्ति को 'निर्वाण' कहा गया है।
★ वाराणसी के निकट 'सारनाथ' में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश पांच पंडितों, साधुओं को दिया, जो बौद्ध परंपरा में 'धर्मचक्रप्रवर्तन' के नाम से विख्यात हैं।
★ भगवान बुद्ध का देहावसान अस्सी वर्ष की आयु में 483 ईसा पूर्व में वर्तमान उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में हुआ था। इसे बौद्ध परंपरा में 'महापरिनिर्वाण' के नाम से जाना जाता है।
★ बौद्ध धर्म का मूलाधार चार आर्य सत्य हैं। ये चार आर्य सत्य हैं- दुःख है, दुःख का कारण है, दुःख का निवारण है और दुःख निरोध-गामिनी-प्रतिपदा (दुःख निवारक मार्ग) यानी अष्टांगिक मार्ग है।
★ दुःख को हरने वाले और तृष्णा का नाश करने वाले आर्य अष्टांगिक मार्ग के आठ अंग हैं। उन्हें मज्झिम प्रतिपदा यानी मध्यम मार्ग भी कहते हैं।
★ अष्टांगिक मार्ग को भिक्षुओं का कल्याण मित्र कहा गया।
★ गौतम बुद्ध ने तपस्स एवं मल्लक नाम के दो शूद्रों को बौद्ध धर्म का सर्वप्रथम अनुयायी बनाया।
★ तथागत बुद्ध ने अपने जीवन में सर्वाधिक उपदेश कौशल देश की राजधानी 'श्रावस्ती' में दिए। उन्होंने 'मगध' को भी अपना प्रचार केंद्र बनाया।
★ भगवान बुद्ध के प्रधान शिष्य उपालि व आनंद थे। सारनाथ में ही बौद्ध संघ की स्थापना हुई।
★ बौद्ध धर्म अनीश्वरवादी है। वास्तव में बुद्ध ने काल्पनिक ईश्वर के स्थान पर मानव प्रतिष्ठा पर ही बल दिया।
★ बौद्ध धर्म में 'वर्ण व्यवस्था', 'जाति प्रथा' एवं किसी भी प्रकार के भेदभाव नहीं है।
★ बौद्धों के लिए महीने के 4 दिन अमावस्या, पूर्णिमा और दो चतुर्थी दिवस उपवास यानि उपोसत के दिन होते थे।
★ बौद्धों का सबसे पवित्र एवं महत्वपूर्ण त्योहार 'वैशाख' की पूर्णिमा है, जिसे 'बुद्ध पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन ही बुद्ध का जन्म, विवाह, ज्ञानप्राप्ती और महापरिनिर्वाण हुआ था।
★ बौद्ध धर्म के दो प्रमुख सम्प्रदाय हैं- हीनयान और महायान।
★ हीनयान सम्प्रदाय के लोग श्रीलंका, म्यानमार, थाइलैंड, कम्बोडिया, सिंगापुर, लाओस आदि देशों में फैले हुए हैं।
★ वर्तमान में महायान सम्प्रदाय के लोग तिब्बत, चीन, कोरिया, ताइवान, हांगकांग, वियतनाम और जापान में हैं।
★ बौद्ध धर्म की एक और शाखा 'व्रजयान' प्रचलित हुई 7वीं शताब्दी आई। जिसका प्रमुख केंद्र भागलपुर जिला (बिहार) में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय था। भूटान और मंगोलिया इन दो बौद्ध देशों में वज्रयानी बौद्ध है।
★ तथागत बुद्ध के अस्थि अवशेषो पर भट्टि (द.भारत) में निर्मित प्रचीनतम स्तूप को महास्तूप की संज्ञा दी गई है।
★ बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत 'त्रिपिटक' ग्रंथ में संग्रहीत हैं। यह तीन विभागों मे बटा हुआ है, क्रमशः सुत्त पिटक, विनय् पिटक और अभिधम्म पिटक। त्रिपिटक के इन 3 पिटकों में कुल 17 ग्रंथ है।
★ भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश लोकभाषा पाली (मूल रूप में मागधी) में दिए थे।
★ बौद्ध धर्म के दो अनुयायी समूदाय है, एक भिक्खू और दूसरा उपासक।
★ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न है – बुद्ध, धम्म और संघ।
★ मूर्ति एवं शिल्प कला के क्षेत्र में बौद्ध धर्म का बडा योगदान रहा है।
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