ओबीसी के विरोध में हो रहे षडयंत्र कि जानकारी ओबीसी के जागृत लोगों को नहीं है
ओबीसी के लोग तो लिखे पढे लोग है
जो ब्राह्मणों नें लिखा वही पढा
इसलिए आज उनके हक अधिकार ब्राहमणी तंञ दवारा छिन लिए गयें है
संविधान कहता है कि आरक्षण (प्रतिनिधित्व )
जनसंख्या के अनुपात में शासन प्रशासन में भागीदारी है
ब्राह्मण कहते हैं यह खेरात है
ओबीसी के लिखे पढे लोगों नें बाबा साहब दवारा लिखा संविधान ब्राह्मणों कि बातों में आकर पढा ही नहीं
इसलिए आज यह हालात है कि
1)52% ओबीसी को 27% आरक्षण (प्रतिनिधित्व ) है
जबकि यह संविधान के विरोध में है
संविधान कहता है लोकतंत्र में जनसंख्या के हिसाब से प्रतिनिधित्व लोकतंत्र का प्राण है
इसलिए भारतीय लोकतंत्र में ओबीसी कि 52% शासन प्रशासन में भागीदारी होनी चाहिए
परन्तु आज आजादी के सत्तर साल बाद ब्राह्मणवादी सरकारों नें इसका non-implementation किया ओर जो हक अधिकार SC/ST को 1932 में ही मिल गये थे वह हक अधिकार ब्राह्मणों नें ओबीसी को 1992 मतलब साठ साल बाद मिले
उसमें भी असंवैधानिक क्रिमीलेयर लगा कर ओबीसी के लोगों के साथ षडयंत्र किया और आज ओबीसी का शासन प्रशासन में केवल 5% प्रतिनिधित्व है
आज ओबीसी का grade A & B कि सर्विसेज में सही प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण बडे लेवल पर धिरे धिरे ओबीसी कि समस्याओं का निर्माण राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है
यह ओबीसी के लिखे पढे लोगों को समझ नहीं आता है
ब्राह्मणों नें हिन्दुत्व के नाम पर ब्राह्मणों का राज स्थापित किया
ओबीसी को रोज नये नये षडयंत्र करके ओबीसी के लिखे पढे लोगों को हिन्दु बनाया
और सारे हक अधिकार छिन कर देश कि
विधायिका
कार्यपालिका
न्यायपालिका
और मिडिया परकब्जा किया
और अब कहते हैं
यह हिन्दु धर्म नहीं है परम्परा है
मतलब यह परम्परा मनुस्मृति अनुसार ब्राह्मण धर्म है
और ब्राह्मण धर्म का विधान लागू किया
और शुद्रों के सारे हक अधिकार छिने
यह है हकिकत
अब ओबीसी के लिखे पढे लोगों से निवेदन है कि वह ब्राह्मणों के दवारा हिन्दु नाम के षडयंत्र से बाहर निकलें
अपने आसपास नजर दोडायें
स्वतंत्र सोच रखकर संविधान में दिये आर्टिकल 340 को समझें
काका कालेलकर कमीशन क्या था वह जाने
काका कालेलकर कमीशन क्यों लागू नहीं हुआ वह जानें
मंडल कमीशन क्या है वह समझें
मंडल कमीशन क्यों इतने बरसों तक लागू नहीं हुआ वह जानने कि कोशिश करें
ओबीसी को जब मंडल कमीशन लागू हो रहा था तो उसके विरोध में किन लोगों नें राष्ट्रीय लेवल पर विरोध किया उनको जाने समझें
फिर भले ही भाईचारा निभाना
ओबीसी को प्रतिनिधित्व SC/ST कि तरह ही मिला है
वही संविधान है
वही कानून है फिर SC/ST कि जनसंख्या तो 22% है
SC/ST को 22% प्रतिनिधित्व है
परन्तु ओबीसी कि जनसंख्या 52% है
52% ओबीसी को 52% प्रतिनिधित्व क्यों नहीं है
उसमें भी षडयंत्र करके असंवैधानिक क्रिमीलेयर लगा दी
वह संविधान के विरोध में है
क्योंकि यह प्रतिनिधित्व का अधिकार मौलिक अधिकार है वह शासन प्रशासन में SC/ST/OBC को सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन कि वजह से मिला है ना कि आर्थिक पिछड़े पन कि वजह से
1992 में मंडल कमीशन लागू होने के बाद भी उसका non- implementation किया ओर आज ओबीसी को आज 2016 तक 52% होने के बावजूद 5% ही प्रतिनिधित्व मिला है तो ओबीसी को यह समझना जरूरी है कि शासन प्रशासन किन लोगों के कब्जे में है
कोन लोग ओबीसी के लोगों के हक अधिकार छिन रहा है
इसलिए ओबीसी के लिखे पढे लोगों से निवेदन है कि ब्राह्मणों के हिन्दू नाम के षडयंत्र से निकल कर पढे लिखे बनें
स्वतंत्र सोच विकसित करें व आपकी आनेवाली पिढियो को इस षडयंत्र मे ना झोंके
ओर उनके हक अधिकार सुरक्षित करने कि लड़ाई लडें
यह लिंक पर जो विडियो है उसको यु-टयूब पर जाकर देखें यह ओबीसी के विरोध में हो रहे षडयंत्र को बताता है
देखने के बाद
पढने के बाद भी समझ नहीं आये तो ओबीसी के लोगों से निवेदन है कि कम से कम एक हजार लोगों को भेजें शायद किसी जागरूक को समझ आये 🙏
https://youtu.be/19Hiu0gHxcc
ओबीसी के लोग तो लिखे पढे लोग है
जो ब्राह्मणों नें लिखा वही पढा
इसलिए आज उनके हक अधिकार ब्राहमणी तंञ दवारा छिन लिए गयें है
संविधान कहता है कि आरक्षण (प्रतिनिधित्व )
जनसंख्या के अनुपात में शासन प्रशासन में भागीदारी है
ब्राह्मण कहते हैं यह खेरात है
ओबीसी के लिखे पढे लोगों नें बाबा साहब दवारा लिखा संविधान ब्राह्मणों कि बातों में आकर पढा ही नहीं
इसलिए आज यह हालात है कि
1)52% ओबीसी को 27% आरक्षण (प्रतिनिधित्व ) है
जबकि यह संविधान के विरोध में है
संविधान कहता है लोकतंत्र में जनसंख्या के हिसाब से प्रतिनिधित्व लोकतंत्र का प्राण है
इसलिए भारतीय लोकतंत्र में ओबीसी कि 52% शासन प्रशासन में भागीदारी होनी चाहिए
परन्तु आज आजादी के सत्तर साल बाद ब्राह्मणवादी सरकारों नें इसका non-implementation किया ओर जो हक अधिकार SC/ST को 1932 में ही मिल गये थे वह हक अधिकार ब्राह्मणों नें ओबीसी को 1992 मतलब साठ साल बाद मिले
उसमें भी असंवैधानिक क्रिमीलेयर लगा कर ओबीसी के लोगों के साथ षडयंत्र किया और आज ओबीसी का शासन प्रशासन में केवल 5% प्रतिनिधित्व है
आज ओबीसी का grade A & B कि सर्विसेज में सही प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण बडे लेवल पर धिरे धिरे ओबीसी कि समस्याओं का निर्माण राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है
यह ओबीसी के लिखे पढे लोगों को समझ नहीं आता है
ब्राह्मणों नें हिन्दुत्व के नाम पर ब्राह्मणों का राज स्थापित किया
ओबीसी को रोज नये नये षडयंत्र करके ओबीसी के लिखे पढे लोगों को हिन्दु बनाया
और सारे हक अधिकार छिन कर देश कि
विधायिका
कार्यपालिका
न्यायपालिका
और मिडिया परकब्जा किया
और अब कहते हैं
यह हिन्दु धर्म नहीं है परम्परा है
मतलब यह परम्परा मनुस्मृति अनुसार ब्राह्मण धर्म है
और ब्राह्मण धर्म का विधान लागू किया
और शुद्रों के सारे हक अधिकार छिने
यह है हकिकत
अब ओबीसी के लिखे पढे लोगों से निवेदन है कि वह ब्राह्मणों के दवारा हिन्दु नाम के षडयंत्र से बाहर निकलें
अपने आसपास नजर दोडायें
स्वतंत्र सोच रखकर संविधान में दिये आर्टिकल 340 को समझें
काका कालेलकर कमीशन क्या था वह जाने
काका कालेलकर कमीशन क्यों लागू नहीं हुआ वह जानें
मंडल कमीशन क्या है वह समझें
मंडल कमीशन क्यों इतने बरसों तक लागू नहीं हुआ वह जानने कि कोशिश करें
ओबीसी को जब मंडल कमीशन लागू हो रहा था तो उसके विरोध में किन लोगों नें राष्ट्रीय लेवल पर विरोध किया उनको जाने समझें
फिर भले ही भाईचारा निभाना
ओबीसी को प्रतिनिधित्व SC/ST कि तरह ही मिला है
वही संविधान है
वही कानून है फिर SC/ST कि जनसंख्या तो 22% है
SC/ST को 22% प्रतिनिधित्व है
परन्तु ओबीसी कि जनसंख्या 52% है
52% ओबीसी को 52% प्रतिनिधित्व क्यों नहीं है
उसमें भी षडयंत्र करके असंवैधानिक क्रिमीलेयर लगा दी
वह संविधान के विरोध में है
क्योंकि यह प्रतिनिधित्व का अधिकार मौलिक अधिकार है वह शासन प्रशासन में SC/ST/OBC को सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन कि वजह से मिला है ना कि आर्थिक पिछड़े पन कि वजह से
1992 में मंडल कमीशन लागू होने के बाद भी उसका non- implementation किया ओर आज ओबीसी को आज 2016 तक 52% होने के बावजूद 5% ही प्रतिनिधित्व मिला है तो ओबीसी को यह समझना जरूरी है कि शासन प्रशासन किन लोगों के कब्जे में है
कोन लोग ओबीसी के लोगों के हक अधिकार छिन रहा है
इसलिए ओबीसी के लिखे पढे लोगों से निवेदन है कि ब्राह्मणों के हिन्दू नाम के षडयंत्र से निकल कर पढे लिखे बनें
स्वतंत्र सोच विकसित करें व आपकी आनेवाली पिढियो को इस षडयंत्र मे ना झोंके
ओर उनके हक अधिकार सुरक्षित करने कि लड़ाई लडें
यह लिंक पर जो विडियो है उसको यु-टयूब पर जाकर देखें यह ओबीसी के विरोध में हो रहे षडयंत्र को बताता है
देखने के बाद
पढने के बाद भी समझ नहीं आये तो ओबीसी के लोगों से निवेदन है कि कम से कम एक हजार लोगों को भेजें शायद किसी जागरूक को समझ आये 🙏
https://youtu.be/19Hiu0gHxcc
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