Tuesday, 14 February 2017

राज्यो के चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं हैं

याद रखिये 2017 के विभिन्न राज्यो के चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं हैं, बल्कि इस समय भारतीय संविधान के ऊपर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा हैI असली खेल तो उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 के बाद शुरू होगा,, क्योंकि अगर भाजपा 2017 में ज्यादा सीट जीत लेती है तो उसका राज्य सभा में बहुमत हो जायेगा। अगर भाजपा का राज्य सभा में बहुमत हो गया तो वह यह सब कानून पास कराएगी । १. भूमि अधिग्रहण २. दलित और पिछड़ा वर्ग का रिज़र्वेशन खत्म कर दिया जायेगा ३. दलित और पिछड़ा वर्ग (शूद्र) को एकदम से गुलाम बना दिया जायेगा (इसको मजाक में मत लीजिये 1970 के पहले भारत में शुद्रो के साथ क्या होता था पता कर लीजिये) ४. मुस्लिम को वोट देने का अधिकार छीन लिया जायेगा ५. शुद्रो का शिक्षा लेने का अधिकार छीन लिया जायेगा ६. संविधान के प्रस्तावना में से समाजवाद और धर्म निरपेक्ष शब्द हटा दिया जायेगा ७. रेलवे जैसी बड़ी संस्थाओं का निजी करण करके औने पौने दाम पर अम्बानी जैसे पूंजीपतियों के हाथ बेच दिया जायेगा I अगर किसी को इन बातो पर यकीन नहीं है तो ज़रा दिमाग पर जोर दो और इन बातों पर विचार करो! 1. भूमि अधिग्रहण बिल लेकर भाजपा बहुत कोशिश कर चुकी है लेकिन राज्यसभा में नहीं पास हो पाया क्योंकि राज्यसभा में भाजपा का बहुमत नहीं है I 2. रिजर्वेशन ख़त्म करने के लिए संघ और भाजपा पहले से ही आंदोलन करवा रही हैं, और संघ प्रमुख ये बयान भी दे चूका है की अब इस पर विचार करना चाहिए I 3. समय - समय पर भाजपा नेता ये बयान देते आये हैं की मुस्लिमो से वोट देने का अधिकार छीन लेना चाहिए I 4. संघ भारतीय संविधान को नहीं मानता है और शुरू से ही ये उसका विरोध कर रहा है, जिस समय भारतीय संविधान तैयार किया जा रहा था उस समय संघ ये दलील दे रहा था की हमारे पास मनुस्मृति नामक संविधान पहले से ही है, हमें दूसरे संविधान की जरुरत नहीं है I 5. संविधान में धर्म निरपेक्ष और समाजवाद शब्द का विरोध वाजपेयी सरकार के समय से ही भाजपा बहुत तेजी से करती आ रही है I अब देश के गरीब लोगो का भविष्य इन चुनावो पर आश्रित है। अब फैसला आप को करना है । अगर आप बाबा साहेब की विचारधारा को मजबूत बनाना चाहते है तो इस सन्देश को आगे से आगे बढाऐं और बसपा (मायावती ) को चुनाव जिताऐं । वर्ना मर्जी है आपकी आखिर मोबाइल है आपका ।

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