Tuesday, 14 February 2017

मौलिक जानकारी

🔴मौलिक जानकारी 🔴

 जानकारी के अभाव मे शूद्र लोग अपने पूर्वज के हत्यारा का जाप करते है।
    जिस रामायण मे जात के नाम से गाली दिया गया है, उसी रामायण को शूद्र लोग रामधुन  ( अष्टयाम ) मे अखण्ड पाठ करते है, और अपने को गाली देते है । और मस्ती मे झाल बजाकर निम्न दोहा पढते है :-

श्री राम जय राम जय जय राम ।
श्री राम जय राम जय जय राम ।।

जे बरनाधम तेलि कुम्हारा।
स्वपच किरात कोल कलवारा।।
             नारी मुई गृह संपत्ति नासी ।
             मूड़ मुड़ाई होहिं संयासी ।।
                     (उ•का• 99ख  03)

श्री राम जय राम जय जय राम ।

       ते बिप्रन्ह सन आपको पुजावही।
       उभय लोक निज हाथ नसावही।

बिप्र निरक्षर लोलुप कामी।
निराचर सठ बृषली स्वामी ।।
         (उ•का•99ख 04)

     श्री राम जय राम जय जय राम ।

शूद्र करहीं जप तप ब्रत नाना।
बैठी  बरासन  करहिं  पुराना।।
     सब नर कल्पित करहिं अचारा।
      जाइ न बरनि अनीति  अपारा।।
             ( उ• का • 99 ख 05)

श्री राम जय राम जय जय राम ।

मै खल मल संकुल मति नीच बस          मोह।
हरिजन द्विज देखे जरऊ करऊ विष्णु द्रोह।।   (उ• का• 105 क )

श्री राम जय राम जय जय राम ।

       अधम जाति मै बिधा पाए।
       भयऊँ जथा अहि दूध पिआएँ।।
              (उ• का•105 क  03 )

श्री राम जय राम जय जय राम ।

आभीर ( अहिर) जमन किरात खस। स्वपचादि     अति    अधरूप    जे।।
              (उ• का• 129  छं•01 )

श्री राम जय राम जय जय राम ।

काने खोरे कूबरे कुटिल कुचली जानि।। (अ• का• दोहा 14)

सति हृदय अनुमान किय सबु जानेउ सर्वग्य।
कीन्ह कपटु मै संभु सन नारी सहज अग्य।।(बा • का• दोहा 57क)

श्री राम जय राम जय जय राम ।

जदपि जोषिता नहि अधिकारी ।
दासी मन  क्रम  बचन  तुम्हारी ।।
        (बा• का• दोहा 109  /01)

श्री राम जय राम जय जय राम ।

ढोल गवार शूद्र पशू नारी ।
सकल ताड़ना के अधिकारी ।।
    ( सु•का•  दोहा 58/ 03)

पुजिए   बिप्र  शील  गुण हीना।
शूद्र न पुजिए गुण ज्ञान प्रविना।।

श्री राम जय राम जय जय राम ।
श्री राम जय राम जय जय राम ।।

    इस प्रकार से अनेको जगह जाति एवं वर्ण के नाम रखकर अपशब्द बोला गया है ।पुरे रामायण मे जात के नाम से गाली दिया गया है,
     इसी रामायण मे बालकाण्ड के दोहा 62  के  श्लोक 04  मे कहा गया है, कि जाति अपमान सबसे बड़ा अपमान है

जद्धपि जग दारूल दुख नाना।
सब ते जाति कठिन अवमाना।।

 इतना अपशब्द लिखने के बाद    भी हमारा समाज( शूद्र , sc, st, obc ) रामायण को सीने से लगा कर रखे हुए है, और हजारो , लाखो रूपये खर्च कर रामधुन  ( अष्टयाम ) कराते है ।कर्ज मे डूबे रहते है ।बच्चे को सही शिक्षा नही देते है ।और कहते है कि भगवान के मर्जी है ।
           कुछ लोग पढ़ने-लिखनेके पश्चात (बाबासाहब डाॅ भीमराव अंबेडकर जी के लिखे गए संविधान के आधार पर )नौकरी पाते है, और कहते है, कि ये सब राम जी के कृपा से हुआ है।
          यदि आप राम  ( भगवान ) के कृपा से ही पढे लिखे और नौकरी पाए तो , आपके पिताजी ,दादाजी, परदादाजी ,लकरदादाजी इत्यादि भी पढे लिखे होते नौकरी पेशा मे होते !!
        यदि सब राम  (  भगवान )
के  कृपा   से  ही  हुआ   है, तो  आप बताइए कि  अंग्रेज़ के राज के पहले एक    भी  शूद्र   ( sc, st, obc and minority ) पढ़ा लिखा विद्वान बना हो?
      साथियो, हम (शूद्र sc, st, obc and minority ) जो भी कुछ है, भारतीय संविधान के बल पर ही है।
       इसलिए हमसब का परम कर्तव्य बनता है कि भारतीय संविधान की रक्षा करें।
         क्योंकि    भारतीय    संविधान अभी    खतरे   मे है , इसे     ब्राह्मणी  (सवर्णो का ) संगठन  (RSS)  ध्वस्त करने पर लगा हुआ है ।और हमलोग हाथ पर हाथ रख कर सोय हुए है ।ब्राह्मणो के षडयंत्र मे फंसकर धर्म कार्य  (अंधभक्ति ) मे लगे हुए है ।
          ( विशेष जानकारी के लिए RSS संस्थापक  गोलवरकर द्वारा लिखित पुस्तक बंच आॅफ थाॅट्स की अध्ययन किया जाए, जिसमे लिखा है कि भारतीय संविधान जहरिला बीज है, इसे समाप्त कर देना चाहिए )

      साथियो हमारा सबसे बड़ा धर्म  ( कर्तव्य ) है , भारतीय संविधान की रक्षा करना ।
     
      


जय भीम ll जय भारत ll

No comments:

Post a Comment