बाबा साहब हमे आरक्षण नहीं दिलाते
यदि बाबा साहब हमे आरक्षण नहीं दिलाते तो क्या होता ?
यह वाकैयी सोचने वाली बात है और इस पर विचार करना भी जरूरी है, कि यदि बाबा साहब आरक्षण नहीं दिलाते तो क्या होता ?
1, राजनीती में हमारा एक भी नेता नही होता।
2, सरकारी नौकरी में हमारा एक भी कर्मचारी और अधिकारी देखने को भी नहीं मिलता छोड़कर सफाई कर्मचारी को।
3, सरकारी बंगला और सरकारी क्वार्टर कैसा होता है देखने को भी नहीं मिलता।
4, रेलवे में जनरल डिब्बे के अलावा कभी बैठने को नहीं मिलता।
5, हवाई जहाज को आसमान में उड़ते हुए देखने के अलावा कोई चारा नहीं बचता।
6, सरकारी स्कूलों के अलावा हमारा एक भी बच्चा पब्लिक स्कूल में पढ़ नहीं पाता।
7, गाड़ी या मोटर कार खरीदने की बात भी हमारे लिए बेकार की होती।
8, हमारे समाज की बस्तियाँ नर्क के समान होती।
9, हमारे समाज में किसी का भी खिला हुआ चेहरा देखने को भी नहीं मिलता व पेट अन्दर और पँसलियाँ बाहर दिखाई देती।
10, सूट बूट और टाई पहनना हमारे लिये एक न पूरा होने वाला सपना होता।
11, शादी में टू व्हीलर या फोर व्हिलर गाड़ी की जगह चौपाया पशु, भेड़, बकरी या पाड़ी देना ही हमारी शान होता।
12, आपस में ही एक दूसरे की टांग खींचने की बजाय किसी सेठ साहूकार के हाथा जोड़ी या पॉँव पकड़ रहे होते।
13, बफर सिस्टम की बजाय पीतल की थाली हाथ में लिए घूम रहे होते।
14, बेटियों को स्कूल कॉलेज में पढ़ाने की बजाय उनका बाल विवाह करके ससुराल भेज रहे होते।
15, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने की बजाय ईंट भट्ठों पर मजदूरी के लिए साथ ले जा रहे होते।
कहने का तातपर्य यह है कि आज हमारे समाज में जो भी बदलाव देखने को मिल रहा है उसके पीछे बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन संघर्ष से मिला हुआ आरक्षण है।
💐Jai Bhim💐
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