Sunday, 26 February 2017

मुसलमान सपा या बीजेपी को वोट देते है तो

इसको पढ़ने के बाद भी
 मुसलमान सपा या बीजेपी को वोट देते है 
तो फिर आप खुद की मौत का सामान खुद ही तैयार कर रहे है।

मुजफ्फरनगर दंगो की रिपोर्ट आउटलुक मेग्जीन में छापी गयी थी, उस दौरान पीड़ितों की बयानों पर नजर डालिये।
रुबीना:- ढोल बज रहा था। हिंदी फिल्मों के गाने बज रहे थे और मेरी अस्मत लुट रही थी,मैं बेबस थी और अपनी अस्मत को पल-पल तार-तार होते कलपती रही।
बेवा आविदा:- मेरी उम्र 60 वर्ष है,इस दंगे में हमारी मां-बहने गन्नों के खेतों में भटक रहीं थी,हम इतनी ठंड में दो दिन तक गन्नो के खेतों में भागते रहे।
साबिरा:- मेरी दो बेटियां थी। एक को बराहना किये,मां के सामने अस्मत लूटी और दूसरी लड़की को लकड़ी के नाजुक हिस्सों पर मारकर जख्मी किया। फिर दोनों बेटियों के सामने मेरी अस्मत लूटी।
मैनाज:- जालिमों ने कहा था कि मुस्लिमों की लौंडियों को रख लो।
3° (डिग्री) की ठंड थी और हमारे बच्चे बुजुर्ग मां-बहन कैम्पों में नहीं सो सके।
सर्दी से बच्चे मर रहे थे। तब इनकी हुकूमत ने कहा था कि 'अगर ठंड से बच्चे मरते हैं तो साइबेरिया में तो सारे इंसान मर जाते।
ये था वो मंजर,ये भयावह दौर किसी की भी रूह कंपा सकता है,पर लोग फिर भी गठबंधन को समर्थन देने की बात करते हैं। ताज्जुब होता है ये सुनकर। समाजवादी का ये चेहरा एक बार नहीं सेकड़ों बार आया है सबके सामने पर आपको फिर भी वो ही चेहरा पसंद है।
शायद आप पीड़ित नहीं हैं और ना ही आपके अंदर मानवता,ढोंग कितना भी करलें पर आपका सपा जैसी पार्टी को वोट देना यही दर्शाता है।

मैं मोदी और अखिलेश में भेद नहीं कर पाऊँगा और आप?

मुहम्मद इमरान भारतीय

मायावती के राज में क्या इतनी भयावहता की कल्पना भी की जा सकती है???

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