Sunday, 26 February 2017

72 करोड़ ओबीसी अब तो जागो

72 करोड़ ओबीसी अब तो जागो🔹

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां, प्रधानमंत्री ऑफिस के 53 अधिकारियों में OBC का एक भी अधिकारी नही है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां, राष्ट्रपति कार्यालय के 49 अधिकारियों में एक भी ओबीसी नही है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र हैं, जहां भारत के मंत्रिमंडल में टॉप 10 मंत्रियों में एक भी OBC नहीं।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां 96 केंद्रीय सचिवों में सें एक भी सचिव OBC नही है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां 43 विश्वविद्यालयों में एक भी कुलसचिव OBC नहीं है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां सुप्रीम कोर्ट के 46 जजों में सें एक भी OBC जज नही है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां विधानसभा, लोकसभा और राजसभा में ओबीसी के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां, काउंसलिंग में अन्याय, सलेक्शन कमेटी द्वारा भेदभाव, इंटरव्यू में पक्षपात और PSC के चेयरमेन तक ओबीसी नहीं बनाया जाता।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां, उच्च पदों में, न्यायपलिका, मीडिया, उद्योग, व्यापार, आदि सभी जगह ओबीसी की संख्या नगण्य है, जो कि कम से कम 52% तो होना ही था।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां, शिक्षा का निजीकरण और मंहगा किया जा रहा है।ओबीसी छात्रों की स्कालरशिप कम कर दी है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां 1931 से आज तक OBC की जनगणना नहीं हो रही। जबकि देश में SC,ST और जानवरों तक की जनगणना होती है लेकिन ओबीसी की नहीं होती है।

✅यह कैसा प्रजातंत्र है जहां देश के बजट में 52% ओबीसी को 52% की जगह केवल 1% राशि उपलब्ध करवाई है।

 ✅यह कैसी ओबीसी की जनता है जो OBC के आरक्षण (हिस्सेदारी) विरोधियों को ही वोट करके उनकी सरकार बनाते है।

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहा मंडल आयोग की शिफारिश के बाद भी OBC को पदोनन्ति में आरक्षण नही दिया जाता है। मंडल आयोग की 13 शिफारिशों मे एक भी पूरी नही की गयी

✅ यह कैसा प्रजातंत्र है जहां 52% OBC के विकास और अधिकारो की बात ही नही होती।

*🔹इसका मतलब यह नहीं है कि प्रजातंत्र खराब है, या ओबीसी के लोगो में दिमाग नही है, बल्कि ओबीसी समाज के लोग कुछ बदमाश लोगों की साजिश के शिकार है ।

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अखिल भारतीय ओबीसी महासभा
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ओबीसी समाज को शेयर करेंगे तो जागृती आयेगी, और आपके बच्चे अधिकारी, जज और उद्योगप

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