Tuesday 14 February 2017

सवाल सवर्णों के हैं

सवाल सवर्णों के हैं और जवाब "अंकुर सिंह चमार" का।

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#सवाल1- जिस समय चन्द्रशेखर आज़ाद महान
साईकिल ले कर चलते थे उस समय
भीमराव अम्बेडकर भारत और इंग्लैण्ड
फ्लाइट से आते जाते थे। क्यों ?
#उत्तर1- (क्योंकि तुम्हारे पूर्वजों द्वारा उन्हें यहाँ बैलगाड़ी पर भी चढ़ने नहीं दिया जाता था, जबकि अंग्रेज़ जातिवादी नहीं थे)
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#सवाल2- जब राम प्रसाद बिस्मिल जी भुने चने खा कर क्रान्ति की ज्वाला में खुद जल रहे थे
तब भीमराव अंबेडकर ब्रिटेन के गवर्नर के
शाही भोज में शामिल होते थे। क्यों ?
#उत्तर2- (क्योंकि तुम्हारे पूर्वजों द्वारा उन्हें सार्वजनिक गंदे तालाब का भी पानी पीने की इजाज़त नहीं थी, जबकि अंग्रेज़ बिना जाति देखे योग्यता पर बाबा साहब को ससम्मान भोज पर बुलाते थे)
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#सवाल3- जब सारा भारत स्वदेशी के नाम पर
विदेशी कपड़ों की होली जला रहा था तब
भीमराव अम्बेडकर कोट पैंट और टाई पहन
कर चलते थे। क्यों ?
#उत्तर3- (क्योंकि बाबा साहब के साफ-सुथरे-सफेद-स्वदेशी कपड़ो पर तुम्हारे पूर्वजों द्वारा गोबर-कीचड़ उछाला जाता था, जबकि कोट-पैंट पर ऐसा करना अंग्रेज़ी सभ्यता को चोट पहुँचाना, अंग्रेज़ो का अपमान होता जिससे डरकर तुम्हारे पूर्वज कोट-पैंट गंदा नहीं करते थे)
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#सवाल4- जब भगत सिंह एक वकील को मोहताज़ थे तब बैरिस्टर वकील भीमराव अंबेडकर अंग्रेज अफसरों के मुकदमे लड़ रहे थे । क्यों ?
#उत्तर4- (क्योंकि उस समय गांधी के साथ बहुत बड़ी-बड़ी वकालत पढ़े लोग थे जो भगत सिंह को बचाने का दंभ भरते थे। बाबा साहब को भगत सिंह का वकील बनाने में #छूत लगने का डर था, क्योंकि बाबा साहब अछूत थे। वैसे भगत सिंह को पता था कि उसने क्या किया है। और वह अपनी खुशी से फाँसी पर चढ़ लोगों के लिए मिसाल बनना चाहता था। तो यह बात और तर्क लागू ही नहीं होती)
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#सवाल5- और अंत में वही बन गया भारत भाग्य
विधाता ........उसी को मिली भारत की नींव भरने की जिम्मेदारी।...क्यों ?..अंजाम सब देख रहे हैं।
#उत्तर5- (तुम लोगों नें सिर्फ़ डिग्री के लिए पढ़ाई की थी। जबकि बाबा साहब नें ज्ञान के लिए। तुम्हारे अंदर संविधान बनाने की क्षमता नहीं थी तब मजबूरी में बाबा साहब को याद किया। संविधान निर्माण के दौरान भी छूआछूत और तानों को बर्दाश्त करते हुए एक सच्चे देशभक्त के रूप में देश के लिए बाबा साहब नें संविधान बनाया। वे सच में "भारत भाग्य विधाता हैं।" भारत का अंजाम आज विश्व-शक्ति बनने की ओर सिर्फ़ इसीलिए है क्योंकि उसकी नींव बाबा साहब नें रखी)
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#सवाल6- आज वर्षों बाद मेरे जैसे कुछ गिने चुने लोग हैं जो अब भी भगत सिंह और चन्द्रशेखर तिवारी (आज़ाद) को अपना आदर्श मानते हैं..संख्या कम है हमारी और हमें गर्व है इस बात का और हमेशा रहेगा..#जय_हिंद
#उत्तर6- और हम बाबा साहब को अपना आदर्श मानते हैं। क्योंकि हम अंग्रेज़ो के गुलाम नहीं थी।बल्कि तुम लोग हमें अपना गुलाम बनाए रखना चाहते थे जिससे हमें अंग्रेज़ो के सहयोग से बाबा साहब नें आजाद कराया। हमारे लोगों में इस बात पर गर्व करने की संख्या लगातार बढ़ रही है।
#जय_भीम
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बहुत समय से सोशल-मीडिया पर यह सवाल सवर्णों द्वारा फैलाया जा रहा था। अगर मेरा जवाब पसंद आया हो तो दे मारो सबके मुँह पर।
- अंकुर सिंह #चमार    

7 comments:

  1. भगतसिंह का केस क्युं नहीं लडा इस बारे में थोड़ा डिटेल दो भाई मैं भी बाबा विरोधियों के मुं को बंद करनक चाहता हूं।
    जय भारत जय भीम जय संविधान ।

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  2. भाई अंकुर चमार जाती कबसे सिंह लगाने लग गयी

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    1. इस शब्द का संविधान में कोई उल्लेख नहीं है तो उसे कोई भी लगा सकता है

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  3. बहुत खूब जी

    एक प्रश्न है मेरा

    Dr अम्बेडकरजी, गांधी जी व नेहरू जी बेरिस्टर थे तो उन्होंने भगत सिंह का केस क्यो नही लड़ा

    कृपया तार्किक जवाब दे ?????

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    1. Kyoki bhagat singh ka case lahore me chal raha tha aur ambedkar Mumbai me rahte the, ambedkar ne barrister ki degree li lekin unhone kabhi bhi vaqalat ko apna pesha nahi banaya aur waise bhi unhe shudra hone k karan case hi nhi milte the...aur Lahore me bhagat singh ka case janeane waqil asif ali lad rahe the to case unse le k ambedkar ko dene ka koi matlab samjh nhi aata ...aur haa sabse jaruri baat bhagat singh k against yani British government k liye case suryanaran sharma jo ki ek brahmn the aur rss k sanshthapak golvalkar k bahut kareebi the wo lad rahe the🙏🙏

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  4. ओह परम ज्ञानी बाबा साहब इतने ही ज्ञानी थे तो और देशों ने अपना संविधान बाबा साहब से क्यों नहीं लिखवा लिया,,, भारत के संविधान के मुख्य शिल्पी जिन्होंने दो तिहाई संविधान ड्राफ्ट किया था वो बी एं राव थे जिन्हें नव बुद्धू बी आर राव अर्थात भीम राव समझ बैठे हैं उन्होंने बर्मा का संविधान भी लिखा था बाबा जी कमेटी के चेयरमैन थे मात्र वो भी गांधी की कृपा से सरनेम तक अपने मास्टर कृष्णा अम्बेडकर का प्रयोग करते थे बाबा जबकि खुद का सर नेम सकपाल था और बाप अंग्रेजो की सेना में सर्जेंट वो व्यक्ति गरीब कैसे हो सकता है कुल 284 लोगो की मेहनत लगी थी संविधान लिखने में अम्बेडकर ने मात्र अनुसूचित जाति और जनजाति एक्ट 1935 ड्राफ्ट किया था या यूं कहे कॉपी पेस्ट किया था जिसे अंग्रजों ने पहले ही ड्राफ्ट कर रखा था, सच्चाई यह है कि हरामियों को इज्जत हज़म नहीं होती कल के हरामी जो समाज की हर जाति से थे आज के दलित है इन नव बुद्धू ज्ञानियों ने एक बार अम्बेडकर की किताब शूद्र कौन थे पढ़ ली होती तो ज्यादा अच्छा होता आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन शूद्र कौन थे ये पता करने में लगा दिया अंत में पता चला ये और कोई नहीं गैर सामाजिक काम करने वाले अपराधियों को समझ से बहिष्कृत किए गए लोगों के समूह है जिनका हुक्का पानी बंद कर दिया गया था वो ब्राह्मण भी थे क्षत्रिया भी थे वैश्य भी थे जो आज दलित है और विकृत मानसिकता के कारण आज भी ऐसे काम करते है

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    1. श्रीमान जी आपको कोटि कोटि नमन
      बहुत ही सटीक जवाब दिया है आपने
      सभी जय भीम वालो को यह पढ़ने की जरूरत है

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