हिंदुस्तान कहाँ से टपका ? 🇮🇳
आप इस महान देश को "हिंदुस्तान" क्यों कहते हो।
जो लोग इस देश को हिंदुस्तान कहते हैं वो या तो अनपढ़ हैं, देश के गद्दार है, विदेशी है, सवर्ण हैं।
राजेश चौधरी सदर कैंट बरेली
हिंदुस्तान वर्ण व्यवस्था को इंगित करने और मजबूत करने वाला शब्द है। हिन्दू यानि ब्रहमा के शरीर से पैदा। हिन्दू यानि तीन वर्ण उच्च और एक वर्ग जन्मजात अछूत (शूद्र) और तीनों वर्गों की गुलाम कौम। हिन्दू शब्द से बना हिंदुस्तान यानि हिंदुओं का स्थान इसलिए पूरी दुनिया (विश्व) मे एकमात्र हिंदुओं का देश था नेपाल जहाँ लोकतंत्र नहीँ था जहाँ संविधान लागू नहीँ था। जहाँ राजशाही थी। हिंदुस्तान मतलब हिंदुओं का स्थान जहाँ वर्ण व्यवस्था लागू हो इसलिए इस महान देश को कुछ मुठ्ठी भर काले अंग्रेज भी हिंदुस्तान कह कर वर्षो से प्रचारित कर रहे हैं। हिंदुस्तान एक अवैध (नाजायज़) "असंवैधानिक" शब्द है। जो लोग "हिंदुस्तान" शब्द का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं वो कौन हैं सिर्फ सवर्ण यानि यूरेशिन ब्राह्मण मतलब विदेशी लोग (सवर्ण लोग) । "हिंदुस्तान" शब्द का सर्वाधिक उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि यह लोग देश के संविधान को नही मानते है क्योंकि इस देश में आज भी वर्ण व्यवस्था लागू हैं। देश के पूरे सिस्टम में वर्ण व्यवस्था लागू हैं। मनु स्मृति लागू हैं। देश की न्याय पालिका भी इस वर्ण व्यवस्था से अछूती नही है। मनु स्मृति के कारण ही राजस्थान हाई कोर्ट में मनु की आदम कद प्रतिमा स्थापित है। जब इस देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हो चुका है तो फिर isi आतंकवादी से भी ज्यादा कुख्यात ,बर्बर, रूह कपा देने वाले अमानवीय अत्याचार करने वाले घिनोना और मनुष्य को ही गुलाम बनाने वाले मनु की प्रतिमा हाई कोर्ट में क्यों लगी ? मो 09719993399 क्योंकि इस देश को आज भी यूरेशिन विदेशी ब्राह्मण (सवर्ण) "हिंदुस्तान" न केवल मानते हैं बल्कि देश की सारी व्यवस्था को संविधान से अलग कर रखा है। इस देश का संविधान लिखा दुनिया के सबसे काबिल व्यक्ति मानव चिंतक ,करुणा वात्सल्य की प्रतिमूर्ति ,भारत रत्न , बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर जी ने। बाबा साहब ने मलमूत्र के समान घृणित वर्ण व्यवस्था के समूल नाश के लिए संविधान के सबसे पहले पेज पर ही लिखा हम भारत के लोग यानि we are people of india । लोकतंत्र के इस सबसे मजबूत लिखित कानून (संविधान) मे "हिंदुस्तान" शब्द कही किसी भी पेज पर नही लिखा हैं ,किसी भी लाइन में हिंदुस्तान नही लिखा है। इसके बाद भी "हिंदुस्तान" नाम के इस असंवैधानिक अवैध शब्द का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ अल्पसंख्यक मजहबी धार्मिक और सियासी नेता भी हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल करते हैं ,जानते हैं क्यों ? क्योंकि इन्होंने अपने धर्मो मे भी जाति व्यवस्था की कुप्रथा शुरू कर रखी है। अल्प संख्यक के धर्मो मे भी ऊँची जातियाँ बना दी गई है। सवर्णों ने यह ओछी मानसिकता गंदा जहर अन्य धर्मों मे भी फैला दिया है। इनमे (अल्प संख्यको ) भी छुआ छूत जात पात होती हैं। इन धर्मो मे (अल्प संख्यको) मे भी ऊँची जाति के लोग नीची जाति के लोगों से बेटी रोटी का संबंध नहीं रखते हैं और यही ऊँची जाति के अल्पसंख्यक मनुवादी लोग भारत को हिंदुस्तान कहते हैं। क्योंकि यह ऊँची जाति के अल्पसंख्यक मनुवादी अच्छी तरह जानते हैं कि इनका और इनके अन्य धर्मों के सभी ऊँची जाति के लोगों का डीएनए एक समान हैं। 95 प्रतिशत शूद्र (अछूत) हिन्दू धर्म छोड़ कर अन्य धर्मों (इस्लाम,ईसाई, सिख ) में चले तो गये लेकिन यहॉ भी उनको अछूत ( शूद्र) का ही दर्जा मिला। सिर्फ बौद्ध धर्म को छोड़ कर। आरएसएस के हिन्दू झंडा बरदार नेता अल्पसंख्यको से कहते है कि तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे यानि तीन जातियों (सवर्ण) के गुलाम थे। नीच शूद्र (अछूत) थे। मै आप से कहना चाहता हूँ कि आप हिंदुस्तान शब्द का उपयोग न करे। इस शब्द का इस्तेमाल करना पूरी तरीके से नाजायज़ और हराम है। यह अवैध और असंवैधानिक शब्द है। जो लोग हिंदुस्तान शब्द का उपयोग करते है समझ लो की यह कौन लोग हैं ? इसी का छोटा रूप है "जय हिंद" इसलिए यह शब्द "जय हिंद" भी नहीं बोले। उसकी "जय" जहाँ वर्ण व्यवस्था लागू हैं। राजेश चौधरी सदर कैंट बरेली यूपी 09719993399 आईये संविधान बचाए एक कदम मानवता के नाम। संविधान निर्माता के नाम "जय भीम" देश के नाम "जय भारत" एक संवैधानिक ,गरिमापूर्ण, अर्थपूर्ण नारा समता, बंधुत्व, समानता प्रेम और एकता को प्रदर्शित करने वाला।
🇮🇳जय भीम जय भारत 🇮🇳
आप इस महान देश को "हिंदुस्तान" क्यों कहते हो।
जो लोग इस देश को हिंदुस्तान कहते हैं वो या तो अनपढ़ हैं, देश के गद्दार है, विदेशी है, सवर्ण हैं।
राजेश चौधरी सदर कैंट बरेली
हिंदुस्तान वर्ण व्यवस्था को इंगित करने और मजबूत करने वाला शब्द है। हिन्दू यानि ब्रहमा के शरीर से पैदा। हिन्दू यानि तीन वर्ण उच्च और एक वर्ग जन्मजात अछूत (शूद्र) और तीनों वर्गों की गुलाम कौम। हिन्दू शब्द से बना हिंदुस्तान यानि हिंदुओं का स्थान इसलिए पूरी दुनिया (विश्व) मे एकमात्र हिंदुओं का देश था नेपाल जहाँ लोकतंत्र नहीँ था जहाँ संविधान लागू नहीँ था। जहाँ राजशाही थी। हिंदुस्तान मतलब हिंदुओं का स्थान जहाँ वर्ण व्यवस्था लागू हो इसलिए इस महान देश को कुछ मुठ्ठी भर काले अंग्रेज भी हिंदुस्तान कह कर वर्षो से प्रचारित कर रहे हैं। हिंदुस्तान एक अवैध (नाजायज़) "असंवैधानिक" शब्द है। जो लोग "हिंदुस्तान" शब्द का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं वो कौन हैं सिर्फ सवर्ण यानि यूरेशिन ब्राह्मण मतलब विदेशी लोग (सवर्ण लोग) । "हिंदुस्तान" शब्द का सर्वाधिक उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि यह लोग देश के संविधान को नही मानते है क्योंकि इस देश में आज भी वर्ण व्यवस्था लागू हैं। देश के पूरे सिस्टम में वर्ण व्यवस्था लागू हैं। मनु स्मृति लागू हैं। देश की न्याय पालिका भी इस वर्ण व्यवस्था से अछूती नही है। मनु स्मृति के कारण ही राजस्थान हाई कोर्ट में मनु की आदम कद प्रतिमा स्थापित है। जब इस देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हो चुका है तो फिर isi आतंकवादी से भी ज्यादा कुख्यात ,बर्बर, रूह कपा देने वाले अमानवीय अत्याचार करने वाले घिनोना और मनुष्य को ही गुलाम बनाने वाले मनु की प्रतिमा हाई कोर्ट में क्यों लगी ? मो 09719993399 क्योंकि इस देश को आज भी यूरेशिन विदेशी ब्राह्मण (सवर्ण) "हिंदुस्तान" न केवल मानते हैं बल्कि देश की सारी व्यवस्था को संविधान से अलग कर रखा है। इस देश का संविधान लिखा दुनिया के सबसे काबिल व्यक्ति मानव चिंतक ,करुणा वात्सल्य की प्रतिमूर्ति ,भारत रत्न , बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर जी ने। बाबा साहब ने मलमूत्र के समान घृणित वर्ण व्यवस्था के समूल नाश के लिए संविधान के सबसे पहले पेज पर ही लिखा हम भारत के लोग यानि we are people of india । लोकतंत्र के इस सबसे मजबूत लिखित कानून (संविधान) मे "हिंदुस्तान" शब्द कही किसी भी पेज पर नही लिखा हैं ,किसी भी लाइन में हिंदुस्तान नही लिखा है। इसके बाद भी "हिंदुस्तान" नाम के इस असंवैधानिक अवैध शब्द का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ अल्पसंख्यक मजहबी धार्मिक और सियासी नेता भी हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल करते हैं ,जानते हैं क्यों ? क्योंकि इन्होंने अपने धर्मो मे भी जाति व्यवस्था की कुप्रथा शुरू कर रखी है। अल्प संख्यक के धर्मो मे भी ऊँची जातियाँ बना दी गई है। सवर्णों ने यह ओछी मानसिकता गंदा जहर अन्य धर्मों मे भी फैला दिया है। इनमे (अल्प संख्यको ) भी छुआ छूत जात पात होती हैं। इन धर्मो मे (अल्प संख्यको) मे भी ऊँची जाति के लोग नीची जाति के लोगों से बेटी रोटी का संबंध नहीं रखते हैं और यही ऊँची जाति के अल्पसंख्यक मनुवादी लोग भारत को हिंदुस्तान कहते हैं। क्योंकि यह ऊँची जाति के अल्पसंख्यक मनुवादी अच्छी तरह जानते हैं कि इनका और इनके अन्य धर्मों के सभी ऊँची जाति के लोगों का डीएनए एक समान हैं। 95 प्रतिशत शूद्र (अछूत) हिन्दू धर्म छोड़ कर अन्य धर्मों (इस्लाम,ईसाई, सिख ) में चले तो गये लेकिन यहॉ भी उनको अछूत ( शूद्र) का ही दर्जा मिला। सिर्फ बौद्ध धर्म को छोड़ कर। आरएसएस के हिन्दू झंडा बरदार नेता अल्पसंख्यको से कहते है कि तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे यानि तीन जातियों (सवर्ण) के गुलाम थे। नीच शूद्र (अछूत) थे। मै आप से कहना चाहता हूँ कि आप हिंदुस्तान शब्द का उपयोग न करे। इस शब्द का इस्तेमाल करना पूरी तरीके से नाजायज़ और हराम है। यह अवैध और असंवैधानिक शब्द है। जो लोग हिंदुस्तान शब्द का उपयोग करते है समझ लो की यह कौन लोग हैं ? इसी का छोटा रूप है "जय हिंद" इसलिए यह शब्द "जय हिंद" भी नहीं बोले। उसकी "जय" जहाँ वर्ण व्यवस्था लागू हैं। राजेश चौधरी सदर कैंट बरेली यूपी 09719993399 आईये संविधान बचाए एक कदम मानवता के नाम। संविधान निर्माता के नाम "जय भीम" देश के नाम "जय भारत" एक संवैधानिक ,गरिमापूर्ण, अर्थपूर्ण नारा समता, बंधुत्व, समानता प्रेम और एकता को प्रदर्शित करने वाला।
🇮🇳जय भीम जय भारत 🇮🇳
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