बाबा साहब ने हमारे लिए कर क्या दिया ?
ये पोस्ट खास तौर पर उन लोगो के लिए है जो कहते है बाबा साहब ने हमारे लिए कर क्या दिया ? तो पढ़ो आँखें खोल के कि बाबा साहब ने हमारे और हमारे समाज के लिए क्या क्या किया ।
डॉ0 बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन पर आधुनिक भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदारी थी और उन्होंने एक ऐसे संविधान की रचना की जिसकी नज़रों में सभी नागरिक एक समान हों, धर्मनिरपेक्ष हो और जिस पर देश के सभी नागरिक विश्वास करें।
एक तरह से भीमराव अम्बेडकर ने आज़ाद भारत के DNA की रचना की थी।-
इसके अलावा डॉक्टर अम्बेडकर की प्रेरणा से ही भारत के Finance Commission यानी वित्त आयोग की स्थापना हुई थी।-
डॉ॰ अंबेडकर के Ideas से ही भारत के केन्द्रीय बैंक की स्थापना हुई, जिसे आज हम Reserve Bank of India के नाम से जानते हैं ये बाबा साहब की भारत को देन है।
दामोदर घाटी परियोजना, हीराकुंड परियोजना और सोन नदी परियोजना को स्थापित करने में डॉ॰ अंबेडकरने बड़ी भूमिका निभाई थी ये भी बाबा साहब की भारत को देन है।
भारत में Employment Exchanges की स्थापना भी डॉक्टर अम्बेडकर के विचारों की वजह से हुई थी ये भी बाबा साहब की भारत को देन है।
भारत में पानी और बिजली के Grid System की स्थापना में भी डॉक्टर अम्बेडकर का अहम योगदान माना जाता है। ये भी बाबा साहब की भारत को देन है।
भारत को एक स्वतंत्र चुनाव आयोग भी डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की ही देन है।
कार्य करने के 8 घंटे श्रम विभाग कार्य के दिन अवकाश ये सब भारत को बाबा साहब की देन है।
महिलाओ को प्रेगनेंसी छुट्टी देना बाबा साहब की भारत की महिलाओ को देन है।
ये वो योगदान है जिन्हें आज़ादी के बाद की तमाम सरकारों ने हमेशा ही अनदेखा किया है।
यानी योजनाएं और विचार अम्बेडकर के थे, लेकिन उनका श्रेय दूसरे लोगों ने लूटा।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बीच चले राजनीतिक शीत युद्ध यानी Political Cold War के कुछ उदाहरण ...-
डॉ॰ अम्बेडकर, जवाहर लाल नेहरू की सरकार में प्लानिंग का मंत्रालय चाहते थे लेकिन नेहरू ने अम्बेडकर को सिर्फ कानून मंत्रालय दिया।-
डॉ॰ अम्बेडकर विदेश और रक्षा मामलों की समितियों में सदस्यता चाहते थे, लेकिन नेहरू सरकार ने डॉ॰अम्बेडकर को ऐसी किसी समिति का सदस्य नहीं बनाया।-
डॉ॰ अम्बेडकर, नेहरू सरकार की विदेश नीति से असहमत थे।-
डॉ॰ अम्बेडकर हिंदुओं में सामाजिक अधिकार और महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने की बात करने वाले हिंदू कोड को समाज सुधार के लिए ज़रूरी मानते थे लेकिन नेहरू सरकार ने अम्बेडकर के मंत्री रहते हुए हिंदू कोड को स्वीकार नहीं किया।-
डॉ॰ अम्बेडकर को भारत रत्न सम्मान देने के लिए भी कोई पहल नहीं की गई। उनकी मौत के 34 वर्षोंके बाद 1990 में वीपी सिंह सरकार ने उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जबकि कांग्रेस ने डॉ॰ अम्बेडकर को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
बाबा साहब डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर से जुड़ी तमाम सच्चाइयां है। इन सच्चाइयों को जानना और समझना आधुनिक भारत के निर्माण के लिए बहुत ज़रूरी हैं।
डॉ॰ अम्बेडकर को जातियों की सीमा में बांधना और उन्हें सिर्फ़ दलितों के मसीहा के तौर पर पेश किया जाना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा इसीलिए डॉ॰ अम्बेडकर के मूल विचारों को हमने Decode किया हैं।
जय भीम नमो बुद्धाय
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