Tuesday 14 February 2017

तुलसी पूजन

तुलसी पूजन पर युलसी दास पर विशेष लेख


तुलसी दास के ऊपर सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह ???

तुलसी दास जिस जन्म तिथि पर पैदा हुए और जो जन्म लेने का स्थान रहा था ? क्या उस पर किसी ने कभी गौर किया है , क्या ?
तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश में अयोध्या के पास बाँदा जिले में राजापुर गाँव में हुआ था , जिसका समय 1497 ईश्वी या 1532 ईश्वी के पास की थी और --- मृत्यु 1623 ईश्वी में ।
अब सबसे बड़ा प्रश्न यह खड़ा हो जाता है कि जिस “बाबरी मस्जिद” को आज देश के ब्राह्मण या RSS भारतीय स्वाभिमान के ऊपर कुठाराघात व आततायी बाबर का कलंक बोलता है I
फिर , जब मुग़ल शासक “बाबर” श्री राम जी की मंदिर को तोड़कर उस जगह पर बाबरी मस्जिद बना रहा था , तब क्या उस समय तुलसी दास को मालूम नहीं था ? या किसी लोभ में आकर बाबर से मिल गए ? या मालूम होते हुए भी बाबर से डर गए, क्या ? तुलसी दास इसकी चर्चा या जानकारी कही लिखे क्यों नहीं ? अब तो तुलसी दास पर भी संदेह पक्का होने लगा है कि ये मुग़ल शासक से मिलकर काम किया I क्योकि - तुलसी दास का जन्म उसी के आसपास है । इतिहाश कहता हैं कि 1528 में ही बाबर ने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनवाई थी । तुलसी दास ने तो देखा या सुना जरूर होगा उस बात को । बाबर श्री राम जी के जन्मस्थल को तोड़ रहा था और तुलसी लिख रहे थे..'माँग के खाइबो मसीत में सोइबो' और फिर उन्होंने “रामचरित मानस” और अन्य ग्रन्थ लिख डाली। राम मंदिर के टूटने का और बाबरी मस्जिद बनने का क्या तुलसी दास को जरा भी अफसोस न रहा होगा..? उस समय तुलसी दास का एक और “विनय पत्रिका” भी निकालता था I उसमे भी मुगलो की आतंक या मंदिर को तोड़े जाने की चर्चा क्यों नहीं है ? हिन्दुओ पर जजिया कर लगाने जैसी बातो को क्यों नहीं लिखा ? मुगलो की आतंक की भयावहता और ब्राह्मणों की दोगला नीति को देखकर 1469 ईश्वी में जन्मे “सतगुरु नानक देव” जी ने मुगलो से लड़ने की लिए अपनी "सरदार " सेना का निर्माण किया और उस सेना के द्वारा काफी लंम्बी लड़ाई मुगलो के विरुद्ध भी लड़ी , फिर भी तुलसी दास ने इन बातो को अपनी "विनय पत्रिका " या अन्य जगह लिखा क्यों नहीं ? क्या “बाबर” के आतंक का प्रभाव तुलसी दास पर हुआ ....? बाबर के बाद “हिमायु” का आतंक हुआ ... ? हिमायु के बाद अकबर का आतंक हुआ . ...? या फिर क्या  तुलसी दास का पूर्वज था मुग़ल ?
?.......................आपको क्या लगता है तुलसी दास पर ?
क्योकि तुलसी दास का मृत्यु  1623 ईश्वी में हुआ था I

राजीव पटेल
पटना ।     

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