Tuesday 14 February 2017

राजा अब रानी के पेट से नहीं



बाबासाहेब खुश होते हुए संसद से बाहर निकले तो काँग्रेस के, आचार्य कृपलानी उनसे मिले, और बोले,
"डॉ अम्बेडकर, आज आप बहुत खुश लग रहे हैं. क्या बात है?" बाबासाहेब ने कहा, "पहले रानी के पेट से ही राजा जन्म लेता था, लेकिन मैने अब यह व्यवस्था की है कि राजा अब रानी के पेट से नहीं, मतदान पेटी से पैदा होगा, इसलिये मै खुश हूँ." कृपलानी जी बोले, "तो फिर आपकी खुशी ज्यादा दिन रुकने वाली नही है. आपके लोग गरीब हैं, लाचार हैं, बिकाऊ हैं, वे बिक जाएंगे, हम उनसे वोट खरीदकर अपनी सरकार बनाएंगे, आप कुछ भी नहीं कर पायेंगे." बाबासाहेब बोले, "मेरे लोग गरीब हैं, लाचार हैं, बिकाऊ हैं. वे बिक जायेंगे, तुम उनके वोट खरीदकर अपनी सरकार बनाओगे, लेकिन जिस दिन मेरे लोग अपने वोट की सही कीमत पहचान लेंगे, उस दिन तुम्हारे जैसा बड़ा भिखारी कोई नहीं होगा." जागो वोटर जागो.

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