एस सी/ एस टी/ओ बी सी भाइयो यदि आपसे यह कह दिया जाय कि आज से भारत का संविधान ख़त्म और हिन्दू धर्म के कानून प्रारम्भ तो क्या आपको पता है की आपके साथ क्या होगा
आइये बताते है
👉1.शिक्षा का अधिकार ख़त्म इसका अर्थ यह हुआ की आपके बच्चे स्कूल/कॉलेज नही जा सकते वह अच्छी पढाई नही कर सकते उन्हें नीच काम ही करना पड़ेगा।
👉2.स्वेच्छा से व्यापार करने का अधिकार ख़त्म इसका अर्थ यह हुआ कि आपके पूर्वज जो भी नीच काम करते आये है वही आपको भी करना पड़ेगा इससे आप बच नही सकते है यदि आप अपने पारम्परिक कार्य से अलग कुछ करते पाये गए तो आपको इसकी सजा भगतनी पड़ेगी।
👉3.धन रखने का अधिकार ख़त्म अर्थात यदि आपने अपने पास किसी भी प्रकार की सम्पति रखी है तो आप अपराधी है जिसकी आपको सजा मिलेगी।
👉4.अपने तन पर अच्छे वस्त्र पहनने का अधिकार ख़त्म अर्थात आप इच्छानुसार अपने शरीर पर अच्छे कपडे नही पहन सकते है आपको वही फटे पुराने कपडे पहनने होंगे जिससे दूर से ही आपकी पहचान शुद्र के रूप में हो जाये।
👉5.शिक्षाप्रद बातें सुनने का अधिकार ख़त्म अर्थात यदि आप कुछ अच्छी बातें सुनते हुए पाये गए तो आपके कान में शीशा पिघलाकर डाल दिया जायेगा जिससे आप दोबारा कुछ ना सुनने पाये।
👉6.आरक्षण से नौकरी पाने का अधिकार ख़त्म आज जो एस सी/ एस टी/ओ बी सी के लोग चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक का पद गर्व से धारण किये हुए है वे एक ही सेकंड में अर्श से फर्श पर आ जायेंगे और उन्हें वही अपना-अपना नीचतापूर्ण काम करना होगा।
👉7.खुद से अपने बच्चों का अच्छा नाम रखने का अधिकार ख़त्म अर्थात उन्हें पंडितो के बताये हुए सेवको के नाम रखने होंगे।
👉8.एस सी/ एस टी की सुरक्षा के लिए बनाये गए कानून ख़त्म अर्थात कोई भी ठाकुर,पंडित किसी भी चमार,खटीक,पासी,धोबी,मुसहर आदि जातियो को बिना उसकी गलती के कही भी मार-पीट सकता है और वे लोग पंडितो,ठाकुरो का कुछ नही कर सकते।
👉9.हमारे समाज की महिलाओं को दिए गए अधिकार ख़त्म अर्थात सवर्ण जाति के लोग अपनी बहन बेटियो के साथ तो कुछ करेंगे नही लेकिन हमारी बहन बेटियो की इज्जत से हमेशा खिलवाड़ करेंगे।
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सोचिये ऊपर की बातें पढ़ने में कितनी ख़राब लग रही है ना लेकिन ऐसा हुआ है हमारे पूर्वजों के साथ, जितना लिखा गया है उससे कही ज्यादा मुसीबत हमारे पूर्वजों द्वारा झेली गयी है और इन सभी मुसीबतो से छुटकारा दिलाया सिर्फ एक इंसान ने वो है 🙏
एक बार दगडू प्रसाद जल विभाग में इंजिनियर बन गए |
आरक्षण से नौकरी मिली और मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ा आये |
थोडा समय हुआ तो आरक्षण से प्रमोशन भी पा गए |
बड़े खुश हुए |
अब तो घर में भगवान गणेश आयोजन हुआ, सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ
और माता का जागरण कराकर ब्राह्मण को भोजन करवाया |
समय बदला और प्रमोशन में आरक्षण ख़त्म कर दिया गया
और इसके वजह से प्रमोशन पाए हुए सभी अधिकारी कर्मचारी अवनत हो गए |
अब दगडू प्रसाद बड़े दुखी हुए |
सीधे भगवान की शरण में पहुँच गए |
भगवान भी प्रसन्न होकर तुरंत प्रकट हो गए |
भगवान : कहो ! क्या परेशानी है ?
दगडू प्रसाद : हे ! प्रभु मेरा डिमोशन हो गया है |
भगवान : इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?
दगडू प्रसाद : भगवान मैं चाहता हूँ कि मेरा फिर से प्रमोशन हो जाये |
भगवान : मे क्या सेवायोजन मंत्री हूँ ,जो तेरा प्रमोशन करवा दूंगा |
दगडू प्रसाद : प्रभु ! सब कुछ आपकी मर्जी से ही तो होता है | आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता है |
भगवान : अगर सब कुछ मैं ही करता तो फिर संविधान की जरुरत ही क्या थी ?
भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाकर हमारा सर्वनाश कर दिया |
दगडू प्रसाद प्रभु आप ये क्या कह रहे हैं ?
भगवान् : अगर हमारा वश चलता तो तुम्हारे जैसे शूद्र लोगो को पढने ही नहीं देते |
इसीलिए हजारों साल तक
तुम्हारे वंशजों को शिक्षा, संपत्ती और स्वतंत्रता से वंचित रखा गया था.
लेकिन अंग्रेजो का सहयोग लेकर भीमराव आंबेडकर ने हमारे साम्राज्य का सत्यानाश कर दिया.
दगडू प्रसाद : प्रभु मैंने तो आपको नौकरी लगने से लेकर प्रमोशन होने तक हर जगह चढ़ावा चढ़ाया था, आपने तब क्यों नही बताया |
भगवान : अरे जब हमने पढने का ही अधिकार नहीं दिया तो नौकरी और प्रमोशन कैसे दे सकते हैं ?
नौकरी प्रमोशन तुमको संविधान से मिले है
परन्तु तुम मुर्ख चढ़ावा यहाँ चढाने आते हो।
🙏जय भीम नमो बुद्धाय🙏
एक बार दगडू प्रसाद जल विभाग में इंजिनियर बन गए |
आरक्षण से नौकरी मिली और मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ा आये |
थोडा समय हुआ तो आरक्षण से प्रमोशन भी पा गए |
बड़े खुश हुए |
अब तो घर में भगवान गणेश आयोजन हुआ, सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ
और माता का जागरण कराकर ब्राह्मण को भोजन करवाया |
समय बदला और प्रमोशन में आरक्षण ख़त्म कर दिया गया
और इसके वजह से प्रमोशन पाए हुए सभी अधिकारी कर्मचारी अवनत हो गए |
अब दगडू प्रसाद बड़े दुखी हुए |
सीधे भगवान की शरण में पहुँच गए |
भगवान भी प्रसन्न होकर तुरंत प्रकट हो गए |
भगवान : कहो ! क्या परेशानी है ?
दगडू प्रसाद : हे ! प्रभु मेरा डिमोशन हो गया है |
भगवान : इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?
दगडू प्रसाद : भगवान मैं चाहता हूँ कि मेरा फिर से प्रमोशन हो जाये |
भगवान : मे क्या सेवायोजन मंत्री हूँ ,जो तेरा प्रमोशन करवा दूंगा |
दगडू प्रसाद : प्रभु ! सब कुछ आपकी मर्जी से ही तो होता है | आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता है |
भगवान : अगर सब कुछ मैं ही करता तो फिर संविधान की जरुरत ही क्या थी ?
भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाकर हमारा सर्वनाश कर दिया |
दगडू प्रसाद प्रभु आप ये क्या कह रहे हैं ?
भगवान् : अगर हमारा वश चलता तो तुम्हारे जैसे शूद्र लोगो को पढने ही नहीं देते |
इसीलिए हजारों साल तक
तुम्हारे वंशजों को शिक्षा, संपत्ती और स्वतंत्रता से वंचित रखा गया था.
लेकिन अंग्रेजो का सहयोग लेकर भीमराव आंबेडकर ने हमारे साम्राज्य का सत्यानाश कर दिया.
दगडू प्रसाद : प्रभु मैंने तो आपको नौकरी लगने से लेकर प्रमोशन होने तक हर जगह चढ़ावा चढ़ाया था, आपने तब क्यों नही बताया |
भगवान : अरे जब हमने पढने का ही अधिकार नहीं दिया तो नौकरी और प्रमोशन कैसे दे सकते हैं ?
नौकरी प्रमोशन तुमको संविधान से मिले है
परन्तु तुम मुर्ख चढ़ावा यहाँ चढाने आते हो।
🙏जय भीम नमो बुद्धाय🙏
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