हिन्दू ब्राह्मण धर्म की भयानक प्रथाएं
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आर्य ब्राह्मणों नें भारत के मूलनिवासियों जो पहले शूद्र कहे जाते थे ( sc/st/obc) को जातियों में बॉटकर एक दूसरे से वैमनस्यता पैदा कर दी उसके बाद भयानक प्रथायें चलाईं गयी कुछ निम्न है--
👉�दास प्रथा----
इसमें शूद्रों को ब्राह्मणो, का दास बनना पडता था उनके घरों पर पानी भरना,पशुओं को चारा करना,घर की महिलाओं ,पुरूषों के कपडे धोना,तथा घर का मैला उठाना पडता था जो लोग इस काम को नही करना चाहते थे उन्हे १०० कौडे और गॉव से निकाल दिया जाता था
👉�नरि बल प्रथा---
इसमें ब्राह्मणों के देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिये शूद्र स्त्री- पुरूषों के मन्दिर पर सिर पटकपटक मार दिया जाता था
👉�शुध्दिकरण प्रथा--
इसमें शूद्रों की शादी होने पर दुल्हन अपने पति के घर नही जाती थी और कम से कम तीन दिन ब्राह्मण के घर शारीरिक सेवा देनी पडती थी तभी दुल्हन को शुध्द माना जाता था
👉�देवदासी प्रथा---
इसमें ब्राह्मणों के कहने पर शूद्र अपनी लडकियों को मन्दिरों पर दान देते थे मन्दिर के पुजारी उनका शारीरिक शोषण करते थे
👉�चरक प्रथा----
इसमें ब्राह्मण जब अपना आलीसान मकान का निर्माण करता था तो शूद्रों को पकडकर जिन्दा चिनवा देता था इस प्रथा में माना जाता था कि शूद्रों को चिनवाने से मकान अधिक दिनों तक टिकाऊ रहेगा
सती प्रथा.....
ब्राम्हण धर्म की यह अमानवीय कुप्रथा थी जिसमे किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाने पर उसको पति के साथ बांधकर ज़िंदा जलाया जाता था इस जघन्य अपराध को अंग्रेजो की मदद से बड़ी मुश्किल से ख़तम किया जा सका.
अब हमें खुद सोचने पर मजबूर होना चाहिये कि हमारे पूर्वजों ने कितनी जिल्लत और यातना भरी जिन्दगी जी होगी फिर भी हम है कि उन्ही के पूर्वजों ब्रह्मा,बिष्णु,महेश, काली,दुर्गे,गणेश,आदि की पूजा पाठ करते है और ब्राम्हणी कुरीतियों को ढो रहे है अब हमारे समाज को कुरीतियों से छुटकारा पाना ही होगा तभी समाज ब्राम्हणी दासता से मुक्त होगा .....
जय भीम। नमो बुद्धाय।
विज्ञान आने के बाद
😳बंद हो गये सभी चमत्कार😳
😳विज्ञान आने के बाद ईश्वर के अवतार और पैगम्बरो का आना बन्द हो गया!
😳विज्ञान के आने के बाद ईश्वर-अल्लाह ने धरती पर किताबे भेजना बन्द कर दिया!
😳विज्ञान के आने के बाद मंत्र मारने,खीर पीने और फल खाने से बच्चे पैदा होना बन्द हो गये!
😳विज्ञान के आने के बाद असुरो और शैतानों ने लोगों को सताना बन्द कर दिया!
😳विज्ञान के आने के बाद कभी किसी ने ना तो सूर्य को निगला और ना ही चाँद को तोड़ा!
😳विज्ञान के आने से मर्दो के मुँह,नाक,कान और पैर से बच्चे पैदा होना बन्द हो गये!
😳विज्ञान आने के बाद जो बन्दर,भालू और गिद्ध संस्कृत बोलते थे, वो चींचीं और चूंचू करने लगे!
😳विज्ञान के आने से श्राप देकर सांप-बिच्छू बनाना भी बन्द हो गया!
😳विज्ञान आने के बाद प्राणी को श्राप देकर भस्म करना और पत्थर का बना देना बन्द हो गया।
😳विज्ञान आने के बाद मानव बलि देकर बारिश कराना भी बन्द हो गया।
😳जरा सोचो विज्ञान आपके जीवन मे कितना बदलाव लाया है।
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आर्य ब्राह्मणों नें भारत के मूलनिवासियों जो पहले शूद्र कहे जाते थे ( sc/st/obc) को जातियों में बॉटकर एक दूसरे से वैमनस्यता पैदा कर दी उसके बाद भयानक प्रथायें चलाईं गयी कुछ निम्न है--
👉�दास प्रथा----
इसमें शूद्रों को ब्राह्मणो, का दास बनना पडता था उनके घरों पर पानी भरना,पशुओं को चारा करना,घर की महिलाओं ,पुरूषों के कपडे धोना,तथा घर का मैला उठाना पडता था जो लोग इस काम को नही करना चाहते थे उन्हे १०० कौडे और गॉव से निकाल दिया जाता था
👉�नरि बल प्रथा---
इसमें ब्राह्मणों के देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिये शूद्र स्त्री- पुरूषों के मन्दिर पर सिर पटकपटक मार दिया जाता था
👉�शुध्दिकरण प्रथा--
इसमें शूद्रों की शादी होने पर दुल्हन अपने पति के घर नही जाती थी और कम से कम तीन दिन ब्राह्मण के घर शारीरिक सेवा देनी पडती थी तभी दुल्हन को शुध्द माना जाता था
👉�देवदासी प्रथा---
इसमें ब्राह्मणों के कहने पर शूद्र अपनी लडकियों को मन्दिरों पर दान देते थे मन्दिर के पुजारी उनका शारीरिक शोषण करते थे
👉�चरक प्रथा----
इसमें ब्राह्मण जब अपना आलीसान मकान का निर्माण करता था तो शूद्रों को पकडकर जिन्दा चिनवा देता था इस प्रथा में माना जाता था कि शूद्रों को चिनवाने से मकान अधिक दिनों तक टिकाऊ रहेगा
सती प्रथा.....
ब्राम्हण धर्म की यह अमानवीय कुप्रथा थी जिसमे किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाने पर उसको पति के साथ बांधकर ज़िंदा जलाया जाता था इस जघन्य अपराध को अंग्रेजो की मदद से बड़ी मुश्किल से ख़तम किया जा सका.
अब हमें खुद सोचने पर मजबूर होना चाहिये कि हमारे पूर्वजों ने कितनी जिल्लत और यातना भरी जिन्दगी जी होगी फिर भी हम है कि उन्ही के पूर्वजों ब्रह्मा,बिष्णु,महेश, काली,दुर्गे,गणेश,आदि की पूजा पाठ करते है और ब्राम्हणी कुरीतियों को ढो रहे है अब हमारे समाज को कुरीतियों से छुटकारा पाना ही होगा तभी समाज ब्राम्हणी दासता से मुक्त होगा .....
जय भीम। नमो बुद्धाय।
विज्ञान आने के बाद
😳बंद हो गये सभी चमत्कार😳
😳विज्ञान आने के बाद ईश्वर के अवतार और पैगम्बरो का आना बन्द हो गया!
😳विज्ञान के आने के बाद ईश्वर-अल्लाह ने धरती पर किताबे भेजना बन्द कर दिया!
😳विज्ञान के आने के बाद मंत्र मारने,खीर पीने और फल खाने से बच्चे पैदा होना बन्द हो गये!
😳विज्ञान के आने के बाद असुरो और शैतानों ने लोगों को सताना बन्द कर दिया!
😳विज्ञान के आने के बाद कभी किसी ने ना तो सूर्य को निगला और ना ही चाँद को तोड़ा!
😳विज्ञान के आने से मर्दो के मुँह,नाक,कान और पैर से बच्चे पैदा होना बन्द हो गये!
😳विज्ञान आने के बाद जो बन्दर,भालू और गिद्ध संस्कृत बोलते थे, वो चींचीं और चूंचू करने लगे!
😳विज्ञान के आने से श्राप देकर सांप-बिच्छू बनाना भी बन्द हो गया!
😳विज्ञान आने के बाद प्राणी को श्राप देकर भस्म करना और पत्थर का बना देना बन्द हो गया।
😳विज्ञान आने के बाद मानव बलि देकर बारिश कराना भी बन्द हो गया।
😳जरा सोचो विज्ञान आपके जीवन मे कितना बदलाव लाया है।
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