Sunday, 26 February 2017

भगवान मिलें या ना मिलें, इसकी कोई गारंटी नहीं है

विचारणीय तथ्य

धार्मिक पुस्तकें पढ़ने से आपको भगवान मिलें या ना मिलें, इसकी कोई गारंटी नहीं है

परंतु

मंदिर में अपनी कमाई में से दान-अनुदान-अनुष्ठान पर जरूर खर्च करना पड़ता है, इसकी 100% गारंटी है

मतलब, "आर्थिक नुकसान ही नुकसान"

और

पवित्र ग्रंथ संविधान आपको शिक्षा देकर योग्य बनाता है, इसकी तो 100% गारंटी है

तथा

संविधान से शिक्षा, शिक्षा से नौकरी, नौकरी से पैसा, पैसे से मकान + वाहन + संसाधन, मकान + वाहन + संसाधन से मान + सम्मान, मान + सम्मान से सामाजिक + राजनीतिक प्रगति अवश्य मिलती है

मतलब, "आर्थिक फायदा ही फायदा"

अब चुन लें कि आपको

नुकसानदायक धार्मिक पुस्तकें चाहिए

अथवा

लाभदायक संविधान चाहिए        

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