स.पा. और ब.स.पा.
👉आरक्षण अधिनियम, १९९४ को स.पा. - ब.स.पा. की साझा सरकार द्वारा बनाया गया था👈
⏭सरकारी ठेकों में आरक्षण के प्राविधान बसपा सरकार ने किया और बदले की भावना से सपा सरकार ने इसे ख़त्म किया ।
⏭संविदा व डेली बेजेज में आरक्षण का प्राविधान बसपा सरकार ने किया और बदले की भावना से सपा सरकार ने इसे लागू नहीं किया ।
⏭ भूमि आवंटन में एस सी / एस टी को मिलने वाली प्राथमिकता को बसपा ने सुनिश्चित किया और सपा सरकार ने ख़त्म किया ।
⏭ बसपा सयकार ने व्यवस्था की थी कि एस.सी./ एस.टी. अपनी कृषि योग्य भूमि अपने ही वर्ग में बेच सकते थे । अब किसी को भी बेच सकते हैं । ऐसा विधेयक सपा सरकार ने बनाया।
⏭ बसपा सरकार समान अवसर की अवधारणा के आधार पर वंचित वर्ग को न्यायपूर्ण ढंग से प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था की थी। सपा सरकार ने कोर्ट के आदेश की आड़ में गलत तरीके से उन कर्मचारियों को भी पदावनत कर दिया जो बिना आरक्षण के तरक्की पाए थे।
⏭बसपा सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रावासों की व्यवस्था की थी। उन्ही छात्रावासों में सामान्य वर्ग के छात्रों को 30 प्रतिशत आरक्षण सपा सरकार ने ही दिया ।
⏭गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी से अनुसूचित जाति के छात्रो को अध्ययन के लिए विदेश भेजे जाने की व्यवस्था बसपा सरकार ने की थी, लेकिन उसको ख़त्म किया वर्तमान सपा सरकार ने ।
⏭ बसपा ने संविधान प्रदत्त अ.जा.- अ.ज.जा. के अधिकारों को संरक्षित किया, जबकि सपा सरकार ने कक्षा एक से आठ तक की छात्रवृत्ति को ख़त्म कर दिया ।
⏭ बसपा सरकार ने अपने कार्यकाल में गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी का निर्माण किया गया, जबकि सपा ने उसका नाम बदलकर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी किया गया।
⏭ बसपा सरकार ने अपने कार्यकाल में के.जी. मेडिकल कालेज को उच्चीकृत कर छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी का निर्माण किया गया, जबकि सपा ने उसका नाम बदलकर के. जी. मेडिकल यूनिवर्सिटी किया गया।
⏭ बसपा सरकार के कार्यकाल में बने मान्यवर कांशीराम कृषि विश्विद्यालय का नाम बदलकर बाँदा कृषि विश्विद्यालय सपा सरकार ने किया ।
⏭ बसपा सरकार द्वारा निर्मित डॉ अम्बेडकर उपवन पंक्षी विहार का नाम सपा सरकार ने बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क किया ।
⏭ बसपा सरकार ने शोषित, वंचित और पिछड़े समाज के महापुरुषों और संतो के नाम पर जिले बनाये गये। सपा सरकार ने इन जिलों का नाम बदल दिया जैसे संत रविदासनगर का नाम बदलकर भदोही और भीमनगर का नाम बदलकर संभल किया ।
⏭आरक्षित पदों की कुल संख्या (रिक्तियों) की गणना करने के लिए लागू "राउंड ऑफ़" (गणित) का फार्मूला जो बसपा सरकार द्वारा लागू किया गया था उसे सपा सरकार ने ही बदल दिया जिससे 1.99 रिक्त पदों को सिर्फ एक पद माना जायेगा। एससी/एसटी के साथ ही ओ.बी.सी को भारी नुकसान।
⏭आरक्षित पदों की कुल संख्या (रिक्तियों) की गणना करने के लिए लागू रोस्टर के फार्मूले को सपा सरकार ने ही बदल दिया, जिससे तीन रिक्त पदों पर आरक्षण शून्य, चार रिक्त पदों पर एक ओ.बी.सी., पांच रिक्त पदों पर एक पद एस.सी. को मिलेगा और एस.टी. तो विलुप्त ही हो गए। पूरे शासन मे अधिकांश विभागो मे तीन से अधिक रिक्तियां निकाली ही नहीं गयीं।
⏭आरक्षित पदों की कुल संख्या की गणना करने के बाद बैकलाग का फार्मूला जो बसपा सरकार द्वारा लागू किया गया था उसको सपा सरकार ने दर्शन ही नहीं करने दिया, जिससे प्रदेश मे एस.सी. के साथ ही ओ.बी.सी का प्रतिनिधित्व भी बहुत कम हो गया।
⏭विश्वविद्यालय की कार्य परिषद आदि निकायों मे एस.सी. व ओ.बी.सी. का प्रतिनिधित्व ब.स.पा. द्वारा सुनिश्चित किया गया था, उसे सपा सरकार ने ही समाप्त कर दिया गया।
⏭ ब.स.पा. ने प्रमोशन में आरक्षण का बिल राज्य सभा से पास कराया था। लोकसभा में पारित होने जा रहे पदोन्नति में आरक्षण विधेयक को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने दलित सांसद से फड़वाकर बड़ा ही नेक कार्य किया है इससे एस.सी. के साथ ही ओ.बी.सी. के लिए प्रमोशन में आरक्षण का रास्ता हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गया।
⏭ थानों में थानाध्यक्षों की तैनाती में लागू एस.सी. /एस.टी. /ओ.बी.सी. आरक्षण की व्यवस्था बसपा सरकार ने की थी उसे खत्म किया गया सपा सरकार द्वारा ।
⏭ सपा सरकार द्वारा पुलिस भर्ती में सामान्य और पिछड़े वर्ग की बराबर ही शुल्क एस.सी. / एस.टी. से वसूला गया।
⏭ प्रदेश में एस.सी. व एस.टी. के गरीब, निराश्रित, विधवा, विकलांग आदि को मिलने वाला शादी बीमारी अनुदान सपा सरकार द्बारा बंद कर दिया। वो दूसरी बात है कार्यकाल की अंतिम बेला में पुनः शुरू कर दिया है ।
☀स.पा. सरकार मे लैपटॉप/ स्मार्टफोन मिलता है, लेकिन ब.स.पा. सरकार मे बाबा साहब द्वारा दिया गया आरक्षण☀
👉अब आरक्षित वर्ग (अनु. जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग) के लोग स्वयं तय करे कि 2017 और 2019 में उनके वोट का असली हकदार कौन???....................?
।। नमो बुद्धाय जय भीम ।।
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