Thursday, 9 February 2017

मनुस्मृति की रचना क्यों की गई?

मनुवाद क्या है? मनुस्मृति की रचना क्यों की गई? ब्राह्मणों के एकाधिकार की रक्षा करने के लिए मनुस्मृति की रचना की गई है तथा वेद और पुराणों का निर्माण हुआ है। तब से विदेशी आर्य ब्राह्मण अपने उद्देश्य को ध्यान मेें रखकर कार्यरत हैं। आज का ब्राह्मणवाद ही मनुवाद है जिसका प्रभाव समाज पर है। ब्राह्मणों के एकाधिकारशाही के प्रभाव को नष्ट किये बगैर हम मनुवाद को नष्ट नहीं कर सकते। मनुवाद की बुनियाद जाति व्यवस्था है जिसमें असमानता की भावना उपरी क्रम में सम्मान बढ़ाती है और उपर से निचे की तरफ अपमान का स्तर बढ़ाती है। इससे मूलनिवासी समाज में शूद्र वर्ग के ओबीसी, अनुसूचित जाती, जनजाति तथा धर्म परिवर्तीत मुस्लिम, इसाई आदि समाज में घृणा पैदा करती है। इस अधिकारवंचित जातियों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए मनुस्मृति का उपयोग किया गया। दो हजार साल से मनुस्मृति का प्रभाव समाज पर चला आ रहा है। इसलिए वर्तमान स्थिति में मनुस्मृति को समझना जरुरी है| -

 स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है - बाल गंगाधर टिळक बाल गंगाधर तिलक ने 'स्वराज का आन्दोलन चलाया। बालगंगा तिलक ने अकोला, यवतमाल और भुसावल (महाराष्ट्र) में अपने भाषणों में कहा कि 'स्वराज का यह अर्थ नहीं है कि अंग्रेजों को भारत से भगाया जाय, बल्कि स्वराज का यह अर्थ है कि प्राचीन काल में (#मनुस्मृति के अनुसार) राजा जब अपना राज्य सकट (शासन-व्यवस्था) चलाता था, तो उस समय के विद्वान ब्राह्राणों को साथ में लेकर अपना शासन-प्रशासन चलाता था, आज का राजा अंग्रेज है, आज के अंग्रेज राजा आज के विद्वान ब्राह्राणों को साथ में लेकर यदि अपना शासन-प्रशासन चलते हंै तो अंग्रेजों का राजा हमारा भी राजा होगा, अंग्रेजों का शासन हमारा भी शासन होगा और यदि अंग्रेज लोग ऐसा करते हैं तो 'अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाने की कोर्इ जरूरत नहीं है। यह बात तिलक ने अपने भाषण में कहा और तिलक खुद केसरी नामक डेली अखबार निकालते थे, उसमें यह बात प्रकाशित हुर्इ। उस अखबार का वैल्यूम प्रकाशित हुआ है, वो हमारे पास उपलब्ध है। ये जो दस्तावेजी प्रमाण है इससे सिद्ध होता है कि 'स्वराज का आन्दोलन स्तंत्रता का आन्दोलन नहीं था। बलिक अंग्रेजों के प्रशासन में ब्राह्राणों के लिए हिस्सेदारी हासिल करना था, यह तिलक के भाषण से प्रमाणित होता है, अर्थात यह कोर्इ आजादी का आन्दोलन नहीं था।

No comments:

Post a Comment