काम की बात है जरूर पढ़ें
बाबा साहब के नाम को जपने वाले झूठे भीमबंधुओं निम्नलिखित बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक एक बार जरूर विचार करना कि वर्तमान केंद्र सरकार आपके प्रति कितनी गंभीर और चिंतित है, तो जानों इन गुप्त षडयंत्रों को:
1 केंद्र सरकार ने बाबा साहब से संबंधित अध्यायों (Lessons) को सीबीएसई के पाठ्यक्रमों (Syllabus) में से हटा दिया है ताकि हमारी आगामी पीढ़ियां बाबा साहब और उनके ऐतिहासिक कामों के बारे में जान ना सकें।
2. केंद्र सरकार ने नवंबर, 2015 में आरक्षित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने का हलफनामा (Affidavit) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पेश (Produce) कर दिया है ताकि आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जा सकें जबकि राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण के बिल को बहुत पहले पास कर दिया था। केवल लोकसभा को पास करना था और लोकसभा में इनका पूर्ण बहुमत होने के बावजूद पदोन्नति में आरक्षण के बिल को खत्म कर दिया।
3. केंद्र सरकार ने कर्मचारी भर्ती आयोगों और कर्मचारी भर्ती बोर्डों के स्थान पर संबंधित विभागों अथवा मंत्रालयोंके द्वारा सरकारी कर्मचारियों की सीधी भर्ती यानि बिना लिखित परीक्षा के सरकारी कर्मचारियों को भर्ती करने का निर्णयले लिया है जिस पर कई राज्य सरकारों ने अमल (Implementation) भी प्रारंभ कर दिया है जिसमें आरक्षण कीव्यवस्था लागू नहीं होगी। यानि अघोषित रूप से संविधान के अनुच्छेद 16 (4) की मान्यता खत्म कर दी है।
4. केंद्र सरकार ने एसटी के शोधार्थियों की यूजीसी से मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है ताकि आरक्षित वर्ग के शोधार्थी आसानी से पीएचडी की डिग्री हासिल ना कर सकें।
5 केंद्र सरकार ने 2016 में सीबीएसई से जाति आधारित दसवीं-बारहवीं के परीक्षा परिणाम घोषित करवाये यानिअब परीक्षार्थियों की कॉपियां जातिगत आधार पर जाँचकर SC+ST+OBC के परीक्षार्थियों को कम नंबर दिये जाएंगे।
6. केंद्र सरकार ने सरकारी विभागों का निजीकरण सिर्फ SC+ST+OBC वर्ग के कर्मचारियों की सरकारी क्षेत्र में भर्तियां नहीं करने के लिए ही किया है क्योंकि इस तरह निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होने से SC+ST+OBC के कर्मचारियों को निजी क्षेत्र में बिल्कुल भर्ती नहीं किया जाएगा।
7. केंद्र सरकार ने बीएड प्रवेश परीक्षा में भी आरक्षण खत्म कर दिया है।
8. केंद्र सरकार ने न्यायाधीशों की भर्ती में आरक्षण लागू नहीं कर रखा है जिसके कारण आरक्षित वर्ग के न्यायाधीशों की पर्याप्त भर्तियां नहीं होती है और अनारक्षित (Unreserved) वर्ग के न्यायाधीश आरक्षण के विरूद्ध असंवैधानिक निर्णय दे-देकर आरक्षण खत्म करने में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग कर रहे हैं। आपकी जानकारी हेतुकि सर्वोच्च न्यायालय में लगभग 600 न्यायाधीशों में से 582 तो केवल ब्राह्मण ही हैं। एक एससी और एक एसटी केदो न्यायाधीश हैं। ओबीसी का एक भी नहीं है। बाकी के 16 न्यायाधीश क्षत्रिय और वैश्य वर्ग के हैं।
9. केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयोंमें भी एसोसिएट प्रोफेसरों की भर्ती में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया है।
10. केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने के लिए सरकारी कार्यलयों को भी बाध्य नहीं किया है जबकि दिखावे के लिए संविधान दिवस मनाने का आदेश भी जारी कर दिया है।
11. केंद्र सरकार ने राजपत्रित अधिकारियों को उनके कक्षों में बाबा साहब की फोटो लगाने के लिए भी बाध्य नहीं किया है जबकि केंद्र सरकार ने बाबा साहब की फोटो अधिकारियों के कक्षों में लगाने का दिखावे के लिए एक आदेश भी जारी कर दिया है।
12. केंद्र सरकार ने 26 नवंबर, 2015 को बाबा साहब की फोटो के सिक्कें जारी किये थे जिनको बाजार में आज तक नहीं उतारा गया ताकि बाबा साहब की फोटो से भारतीय मुद्रा अछूत ना हो जाएं।
13. बाबा साहब की प्रतिभाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ भी केंद्र सरकार कोई कड़ी और ठोस कार्यवाही नहीं करती है।
14. आरक्षित वर्ग के लोगों की जमीन हड़पने वालों के विरूद्ध भी केंद्र सरकार कोई मजबूत कार्यवाही नहीं करती है।
15. आरक्षित वर्ग के लोगों के परिवारों में खुशी के अवसरों पर सामाजिक जातिगत भेदभावों के तहत बारात नहीं निकालने देने, बेंडबाजें नहीं बजाने देने, नाच-गानें नहीं होने देने और दु:खों के अवसरों पर शमशान घाटों पर दाह-संस्कार नहीं होने देने, मारपीट, बलात्कार करने वालों के विरूद्ध भी केंद्र सरकार कोई कठोर कार्यवाही नहीं करती है।
16 स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयोंमें प्रवेश (Entrance) में और शुल्क (Fees) में छूट को भी खत्म किया जा रहा है।
अब आप आपका आंकलन (Analysis) खुद कर लीजिए कि जितने वफादार आप उनके और उनकी पार्टियों के हों, क्या उतनी वफादार वो पार्टियां आपके अधिकारों के प्रति हैं।शायद आपका जवाब *नहीं है अगर आप सच्चे अम्बेडकरवादी हैं, तो अपने जीवन का बहुमूल्य समय बाबा साहब के सपनों की सरकार बनाने में लगाओं।
फिर भी आपको यदि मनुवादी पार्टियां ज्यादा पसंद हैं, तो बाबा साहब द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का आज ही त्याग कर दों और मनुवादियों के तलवें चाटों और बाबा साहब को धोखा देकर इस आरक्षित समाज को संकट में मत डालों। कुछ तो शर्म करों। क्यों थोड़े से लालच में अपनी पीढ़ियों का जीवन परेशानी में डाल रहे हों। जीओं तो बाबा साहब की तरह शहंशाह बनकर जीओं। क्यों गुलाम बनकर जीना चाहते हों। क्यों पराये बाप मनु की औलाद बनना चाहते हों। बाबा साहब की औलाद कहलाने में किस बात की शर्म आती है।
बाबा साहब हमारा जीवन हैं, हमारी सांसें हैं, हमारी ताकत हैं, हमारी शक्ति है। *मनुवादी का बच्चा।
कभी ना होगा सच्चा।।
बाबा साहब का बच्चा।
बहुजन समाज का होगा सच्चा।
भारत का संविधान बिलकुल सही है फिर भी आरएसएस और बीजेपी के नालायक नेता भारत के संविधान को बदलने की बात करते रहते हैं , और SC ,ST, OBC के गद्दार नेता रामदास आठवले, रामविलास पासवान, उदित राज जैसे मनुवादी लोग बीजेपी की गोद में बैठ कर मलाई खा रहे हैं और संविधान खत्म करने में उनको सहयोग कर रहे हैं!
आप खुद सोचकर देखिये :---अगर कोई आदमी गोमुत्र को पवित्र मानता है, लेकिन SC और ST को अछुत या नीच मानता है , तो यह उस आदमी की खोपड़ी में घुसे हुए मनुवाद के कारण है।
इसी तरह आरएसएस और बीजेपी के नेता भारत की समस्याएं खत्म करने की बजाय घूम फिरकर मन्दिर-मस्जिद, लव जेहाद, गोबर, गोमांस और गौमूत्र के मुद्दों पर ही राजनीती करके पुरे देश का वक़्त बर्बाद करते हैं ।
पढ़कर शांत न रहें
जागो और दूसरों को भेजकर जगाओ
पढ़ने के लिए सधन्यवाद....
जय भीम।
जय भारत।।
जय कांशीराम साहब जी।।।
बाबा साहब के नाम को जपने वाले झूठे भीमबंधुओं निम्नलिखित बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक एक बार जरूर विचार करना कि वर्तमान केंद्र सरकार आपके प्रति कितनी गंभीर और चिंतित है, तो जानों इन गुप्त षडयंत्रों को:
1 केंद्र सरकार ने बाबा साहब से संबंधित अध्यायों (Lessons) को सीबीएसई के पाठ्यक्रमों (Syllabus) में से हटा दिया है ताकि हमारी आगामी पीढ़ियां बाबा साहब और उनके ऐतिहासिक कामों के बारे में जान ना सकें।
2. केंद्र सरकार ने नवंबर, 2015 में आरक्षित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने का हलफनामा (Affidavit) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पेश (Produce) कर दिया है ताकि आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जा सकें जबकि राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण के बिल को बहुत पहले पास कर दिया था। केवल लोकसभा को पास करना था और लोकसभा में इनका पूर्ण बहुमत होने के बावजूद पदोन्नति में आरक्षण के बिल को खत्म कर दिया।
3. केंद्र सरकार ने कर्मचारी भर्ती आयोगों और कर्मचारी भर्ती बोर्डों के स्थान पर संबंधित विभागों अथवा मंत्रालयोंके द्वारा सरकारी कर्मचारियों की सीधी भर्ती यानि बिना लिखित परीक्षा के सरकारी कर्मचारियों को भर्ती करने का निर्णयले लिया है जिस पर कई राज्य सरकारों ने अमल (Implementation) भी प्रारंभ कर दिया है जिसमें आरक्षण कीव्यवस्था लागू नहीं होगी। यानि अघोषित रूप से संविधान के अनुच्छेद 16 (4) की मान्यता खत्म कर दी है।
4. केंद्र सरकार ने एसटी के शोधार्थियों की यूजीसी से मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है ताकि आरक्षित वर्ग के शोधार्थी आसानी से पीएचडी की डिग्री हासिल ना कर सकें।
5 केंद्र सरकार ने 2016 में सीबीएसई से जाति आधारित दसवीं-बारहवीं के परीक्षा परिणाम घोषित करवाये यानिअब परीक्षार्थियों की कॉपियां जातिगत आधार पर जाँचकर SC+ST+OBC के परीक्षार्थियों को कम नंबर दिये जाएंगे।
6. केंद्र सरकार ने सरकारी विभागों का निजीकरण सिर्फ SC+ST+OBC वर्ग के कर्मचारियों की सरकारी क्षेत्र में भर्तियां नहीं करने के लिए ही किया है क्योंकि इस तरह निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होने से SC+ST+OBC के कर्मचारियों को निजी क्षेत्र में बिल्कुल भर्ती नहीं किया जाएगा।
7. केंद्र सरकार ने बीएड प्रवेश परीक्षा में भी आरक्षण खत्म कर दिया है।
8. केंद्र सरकार ने न्यायाधीशों की भर्ती में आरक्षण लागू नहीं कर रखा है जिसके कारण आरक्षित वर्ग के न्यायाधीशों की पर्याप्त भर्तियां नहीं होती है और अनारक्षित (Unreserved) वर्ग के न्यायाधीश आरक्षण के विरूद्ध असंवैधानिक निर्णय दे-देकर आरक्षण खत्म करने में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग कर रहे हैं। आपकी जानकारी हेतुकि सर्वोच्च न्यायालय में लगभग 600 न्यायाधीशों में से 582 तो केवल ब्राह्मण ही हैं। एक एससी और एक एसटी केदो न्यायाधीश हैं। ओबीसी का एक भी नहीं है। बाकी के 16 न्यायाधीश क्षत्रिय और वैश्य वर्ग के हैं।
9. केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयोंमें भी एसोसिएट प्रोफेसरों की भर्ती में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया है।
10. केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने के लिए सरकारी कार्यलयों को भी बाध्य नहीं किया है जबकि दिखावे के लिए संविधान दिवस मनाने का आदेश भी जारी कर दिया है।
11. केंद्र सरकार ने राजपत्रित अधिकारियों को उनके कक्षों में बाबा साहब की फोटो लगाने के लिए भी बाध्य नहीं किया है जबकि केंद्र सरकार ने बाबा साहब की फोटो अधिकारियों के कक्षों में लगाने का दिखावे के लिए एक आदेश भी जारी कर दिया है।
12. केंद्र सरकार ने 26 नवंबर, 2015 को बाबा साहब की फोटो के सिक्कें जारी किये थे जिनको बाजार में आज तक नहीं उतारा गया ताकि बाबा साहब की फोटो से भारतीय मुद्रा अछूत ना हो जाएं।
13. बाबा साहब की प्रतिभाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ भी केंद्र सरकार कोई कड़ी और ठोस कार्यवाही नहीं करती है।
14. आरक्षित वर्ग के लोगों की जमीन हड़पने वालों के विरूद्ध भी केंद्र सरकार कोई मजबूत कार्यवाही नहीं करती है।
15. आरक्षित वर्ग के लोगों के परिवारों में खुशी के अवसरों पर सामाजिक जातिगत भेदभावों के तहत बारात नहीं निकालने देने, बेंडबाजें नहीं बजाने देने, नाच-गानें नहीं होने देने और दु:खों के अवसरों पर शमशान घाटों पर दाह-संस्कार नहीं होने देने, मारपीट, बलात्कार करने वालों के विरूद्ध भी केंद्र सरकार कोई कठोर कार्यवाही नहीं करती है।
16 स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयोंमें प्रवेश (Entrance) में और शुल्क (Fees) में छूट को भी खत्म किया जा रहा है।
अब आप आपका आंकलन (Analysis) खुद कर लीजिए कि जितने वफादार आप उनके और उनकी पार्टियों के हों, क्या उतनी वफादार वो पार्टियां आपके अधिकारों के प्रति हैं।शायद आपका जवाब *नहीं है अगर आप सच्चे अम्बेडकरवादी हैं, तो अपने जीवन का बहुमूल्य समय बाबा साहब के सपनों की सरकार बनाने में लगाओं।
फिर भी आपको यदि मनुवादी पार्टियां ज्यादा पसंद हैं, तो बाबा साहब द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का आज ही त्याग कर दों और मनुवादियों के तलवें चाटों और बाबा साहब को धोखा देकर इस आरक्षित समाज को संकट में मत डालों। कुछ तो शर्म करों। क्यों थोड़े से लालच में अपनी पीढ़ियों का जीवन परेशानी में डाल रहे हों। जीओं तो बाबा साहब की तरह शहंशाह बनकर जीओं। क्यों गुलाम बनकर जीना चाहते हों। क्यों पराये बाप मनु की औलाद बनना चाहते हों। बाबा साहब की औलाद कहलाने में किस बात की शर्म आती है।
बाबा साहब हमारा जीवन हैं, हमारी सांसें हैं, हमारी ताकत हैं, हमारी शक्ति है। *मनुवादी का बच्चा।
कभी ना होगा सच्चा।।
बाबा साहब का बच्चा।
बहुजन समाज का होगा सच्चा।
भारत का संविधान बिलकुल सही है फिर भी आरएसएस और बीजेपी के नालायक नेता भारत के संविधान को बदलने की बात करते रहते हैं , और SC ,ST, OBC के गद्दार नेता रामदास आठवले, रामविलास पासवान, उदित राज जैसे मनुवादी लोग बीजेपी की गोद में बैठ कर मलाई खा रहे हैं और संविधान खत्म करने में उनको सहयोग कर रहे हैं!
आप खुद सोचकर देखिये :---अगर कोई आदमी गोमुत्र को पवित्र मानता है, लेकिन SC और ST को अछुत या नीच मानता है , तो यह उस आदमी की खोपड़ी में घुसे हुए मनुवाद के कारण है।
इसी तरह आरएसएस और बीजेपी के नेता भारत की समस्याएं खत्म करने की बजाय घूम फिरकर मन्दिर-मस्जिद, लव जेहाद, गोबर, गोमांस और गौमूत्र के मुद्दों पर ही राजनीती करके पुरे देश का वक़्त बर्बाद करते हैं ।
पढ़कर शांत न रहें
जागो और दूसरों को भेजकर जगाओ
पढ़ने के लिए सधन्यवाद....
जय भीम।
जय भारत।।
जय कांशीराम साहब जी।।।
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