भारत में गणतंत्र दिवस मना रहे हैं

यूँ तो आज हम सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, कई स्कूल,कॉलेजो और सरकारी भवनों में बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है, लेकिन क्या वहाँ पर बाबा साहब नाम के शब्द का जिक्र हो रहा है, क्या वहाँ उनकी फोटो पर हार चढ़ाया जाता है हार चढ़ाना तो दूर उनकी फोटो तक नहीं रखी जाती।
यदि आज यही संविधान कोई सवर्ण बनाता तो उसकी तारीफों के जगह जगह पुल बांधे जाते।यह बात सभी जानते हैं कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है इसी संविधान की वजह से हमारा राष्ट्र एक सम्प्रभु गणतांत्रिक राष्ट्र बन पाया जहाँ हर भारतीयों को सामान अवसर मिल पाया, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग से सम्बंधित हो।
उन्होंने संविधान बनाने में काफी मेहनत की थी, अन्य देशों के संविधान पढ़ने के लिए विदेश भी गये, और भारतीय संविधान में अपने भी कई विचार प्रस्तुत किये, दिन रात मेहनत करके सभी नागरिकों के लिए धर्म जाति लिंग के आधार पर उनके अधिकारों को संविधान में सुरक्षित रखा। आज के दिन तो उनके जीवन और संविधान पर प्रकाश डालना चाहिए, लेकिन ऐसा करेंगे तो उनका मान बढ़ जायेगा, जो कि मनुवादी विचारधारा के लोग कभी नहीं चाहते।
इन्ही मनुवादी लोगों ने देश को बर्बाद कर रखा है जब भारतीय संविधान दूसरे देशों के संविधान से प्रेरित है तो अपने देश और उन देशों में इतना अंतर क्यों है क्योंकि इसका कारण यह है कि अपने देश पर शासन करने वाले लोग बुरे और भ्रष्ट है।
संविधान को अंगीकृत करते समय बाबा साहब ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा हो अंततः वह घटिया बन जायेगा अगर उसका उपयोग करने वाले लोगों की नीयत अच्छी नहीं होगी।
और संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो अंततः वह अच्छा बन जायेगा अगर उसका उपयोग करने वाले लोगों की नीयत अच्छी होगी।
आज गणतंत्र दिवस है ,सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई।
पर अफसोस इस राजनीतिक चुनाव की गर्मागर्मी मे बहुत सारे लोग ,संबिधान व अम्बेडकर जी के बारे मे बताने से कुछ परहेज करेगें क्युकि वो एक निम्न अछूत जाति से थे और वो टैग उन पर जिंदगी भर रहा और तो और उनके देहांत के बाद भी, क्योकि ब्राह्मण ने जाति चीज ही ऐसी बनाई है।स्कूलों में तो उनके बारे में विस्तार से पढ़ाया तक नहीं जाता।
स्कूलों मे क्या पूछना खूब धूम धमाके से बच्चों से भी धार्मिक देवी देवताओं के गीत गवाये जायेगें ,,उन बच्चो को यह बताने की हिम्मत बहुत कम लोगो को ही होगी ,की आज जो सभी समाज के बच्चे पढ लिख कर गा रहे हैं ,ये संबिधान की देन है ! किसी देवी देवता भगवान की नही ,, अगर किसी सवरस्वती की देन होती ये पढाई लिखाई तो आपके बाप दादा परदादा भी पढे लिखे होते !
!! जय भारत !! जय संबिधान. !!
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