हिंदू धर्म को पहले जानें, फिर मानें
उसके बाद ही अपना अमूल्य मत डालें
आप तथाकथित हिंदू धर्म का समर्थन करने से पहले जरा इन बातों पर जरूर गौर करें क्योंकि हिन्दू धर्म वर्णों का धर्म है :-
1. ब्राह्मण = हिन्दू धर्म का मालिक (पिता)
2. क्षत्रिय = हिंदू धर्म का रक्षक (पुत्र)
3. वैश्य = हिंदू धर्म का पोषक (माँ)
4. शूद्र = हिन्दू धर्म का सेवादार (नौकर)
(शूद्र का मतलब ऊपर के तीनों वर्णों का सेवक, दास, गुलाम, चपरासी, चाकर होता है)
यदि आप भारत में कथित और काल्पनिक हिंदू धर्म को वापस स्थापित करना चाहते हों, तो वर्ण व्यवस्था भी वापस स्थापित होगी जिसे मानना आपकी मजबूरी होगी
तो आप खुद भी विचार करें कि हिंदू धर्म में आप क्या बनोगे ?
मालिक
रक्षक
पोषक
या
सेवक/दास/गुलाम यानि दलित, पीड़ित, शोषित, प्रताड़ित, लाचार, बहिष्कृत, अछुत
जो लोग आपसे हिंदू धर्म का समर्थन करवाना चाहते हैं, उनसे पूछिएं कि इस हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना के बाद आपका हिंदू धर्म में कौनसा वर्ण या स्थान होगा ?
यदि वो आपका चौथा वर्ण बताते हैं, तो क्या आप हिंदू धर्म के चौथे वर्ण का शूद्र बनना पसंद करोगे ?
चौथे वर्ण का हिंदू यानि शूद्र बनने के बाद आप पर मनुस्मृति का विधान भी लागू होगा जिसके अनुसार :-
1. आप शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं
2. आपको सिर्फ बेगारी यानि गुलामी करनी पड़ेगी
3. आपकी महिलाओं की अस्मत ब्राह्मण लूटने के लिए स्वतंत्र होगा
4. आपकी बेटियों को मंदिरों में दासी देवदासी बनाया जाएगा
5. ब्राह्मण को आपके साथ मार-काट करने का अधिकार होगा
6. ब्राह्मण को आपसे आपके धन-सम्पत्ति छीनने का अधिकार होगा
7. आपको संसाधन रखने का कोई अधिकार नहीं होगा
"विश्वास नहीं, तो एक बार मनुस्मृति पढ़ लेना, सब समझ में आ जाएगा"
चौथे वर्ण के हिंदुओं की भारत की आजादी के पहले ऐसी ही सामाजिक दर्दनाक दयनीय हालत थी, जो देश की आजादी के 70 सालों के बाद संवैधानिक प्रावधान के बावजूद भी पूरी तरह से नहीं सुधरी है
तो क्या आप वापस उसी दयनीय परिस्थिति में जाना चाहते हों ?
यदि हाँ, तो खूब करिएं गुलाम बनने के लिए हिंदू धर्म का समर्थन और चौथे वर्ण का गुलाम बनकर ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यों की खूब करिएं गुलामी
यदि आप ऊपर की बातों से सहमत हों, तो ही हिंदू धर्म का समर्थन करें
याद रखिएं, ब्राह्मण आपको कभी भी सामाजिक वर्ण व्यवस्था से आजाद नहीं करना चाहता है और इस दुष्कर्म में ब्राह्मण का साथ क्षत्रिय और वैश्य भरपूर देते हैं
जो गुलाम नहीं बनना चाहता है, वो कभी भी ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद द्वारा प्रायोजित षडयंत्र में सहयोग नहीं करेगा
क्योंकि शूद्र हिंदू धर्म में गुलाम थे और बाबा साहब ने शूद्रों को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यों की गुलामी से आजाद कराया था।
सिर्फ मानसिक रूप से ब्राह्मणवाद के गुलाम ही हिंदू-हिंदू करेंगे
ब्राह्मणवाद के षड्यंत्र का जाल मंदिर से लेकर संसद तक फैला हुआ है
ब्राह्मणवाद के षडयंत्रों से बचना होगा, और अपने समाज को बचाना होगा।
इसलिये
बाबा साहब, मान्यवर कांशीराम जी, महात्मा जोतिबा फूले सहित हमारे महापुरुषों के विचारों को आगे बढ़ाना होगा
SC+ST+OBC+Minorities के लोगों को ब्राह्मणों द्वारा प्रायोजित षडयंत्रों से मुक्ति का मार्ग बताना होगा......................
जो राजनीतिक पार्टियां और संगठन हिंदू धर्म का एजेंडा लेकर राजनीति करते हैं तथा जिन राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य हैं, वो हमें हिंदू धर्म के नाम पर गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं, यही उनका गुप्त एजेंडा होता है
अतः ब्राह्मणों के इस षडयंत्र को आज से ही प्रत्येक स्तर पर खत्म करिएं
और SC+ST+OBC+Minorities की सरकार बनाकर ब्राह्मणवाद से मुक्ति पाइएं
जय भीम। जय कांशीराम।। जय फूले।।।
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