Wednesday, 8 February 2017

हिन्दूधर्म पर’बाबा साहेब के विचार एवं उनके संदेश

‘हिन्दूधर्म पर’बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचार एवं उनके संदेश: ************** ✒ 

तुम हिन्दू कभी नहीं थे, तुम आज भी हिन्दू नहीं हो। ✒ तुम हिन्दू धर्म के गुलाम हो। ✒ तुम्हें धर्म का भी गुलाम बना लिया गया है। ✒ हिन्दू धर्म छोड़ना धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि गुलामी की जंजीरे तोड़ना है। जाति के अधार पर किसी को ऊँचा मानना पाप है और नीचा मानना महापाप। ✒ हिन्दू धर्म की आत्मा वर्ण जाती और ब्रह्मण हितेषी कर्मकांडो मैं है। ✒ वर्ण और जाति के बिना हिन्दू धर्म की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। ✒ हिन्दू धर्म मे कर्म नहीं जाति प्रधान है। ✒ हिन्दू धर्म वर्णों का है तुम किसी भी वर्ण में नहीं आते हो, जबरदस्ती सबसे नीचे वर्ण में रखा गया है। ✒ हिन्दू धर्म के कर्मकांडों को तुम्हे नहीं करने दिया गया और तुम नहीं कर सकते हो। ✒ हिन्दु धर्म के भगवान उनके अवतार और उनके देवी देवता ना तो तुम्हारे हैं और न तुम उनके हो। ✒ इसलिए वे तुम्हारे साये से भी परहेज करते आये हैं और आज भी कर रहे हैं। ✒ कुत्ते बिल्ली की पेशाब से उन्हें कोई परहेज नहीं है परन्तु तुम्हारे द्वारा दिए गए गंगा जल से अपवित्र हो जाते हैं। ✒ उनकी पुनः शुद्धि गाय के मल-मूत्र से होती है। ✒जब तक तुम हिन्दू रहोगे तुम्हारा स्थान सबसे नीचा रहेगा। ✒याद रखो हिन्दू धर्म के देवी देवताही तुम्हारे पूर्वजों के हत्यारे हैं! ✒धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए नहीं और जो धर्म तुम्हें इन्सान नही समझता वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है | ✒जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था है, वह धर्म नही,गुलाम बनाये रखने की साजिश है। डॉ.भीमरावअम्बेडकर

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