Wednesday, 8 February 2017

विशाल भारत राष्ट्र को ब्राह्मण की देन


विशाल भारत राष्ट्र को ब्राह्मण की देन 〰〰〰〰〰〰〰〰

१ जातिप्रथा ......................ब्राह्मणों की देन 

२) बाल विवाह ....................ब्राह्मणों की देन 

३) सती-प्रथा ......................ब्राह्मणों की देन 

४) चातुर्वर्ण ........................ब्राह्मणों की देन 

५) दहेजप्रथा ......................ब्राह्मणों की देन

 ६) अछूतपन .......................ब्राह्मणों की देन 

७).उंच-नीच .......................ब्राह्मणों की देन 

८) अन्ध्विस्वास ..................ब्राह्मणों की देन 

९) बेरोजगारी .....................ब्राह्मणों की देन 

१०) देश का सत्यानाश ............ब्राह्मणी सरकारों का दोष 

११) धार्मिक लूट ....................ब्राह्मणों की देन 

१२) महिलाओं की गुलामी .........ब्राह्मणों की देन 

१३) आदिवासियों का अलगीकरण..ब्राह्मणों की देन 

१४).धार्मीक संगठन संघ की आड मे आंतक फेलाना ....................ब्राह्मणो की देन 

१५) राजनीती के नाम पे धार्मीक दंगे करवाना......... ....... . ब्राह्मणो की देन 

१६) धर्म आश्था के नाम पर नग्नता व अश्सीलता का प्रद्रशन................ब्राह्मणो की देन 

१७) नंगे साधुओ बाबाओ का सम्रथन कर कानुन का ऊलंगन करना............ब्राह्मणो की देन 

१८) मंदीरो की संपती का ऐका अिधकार ............ब्राह्मण 

१९) स्कुल कोल्ज अस्पताल से ज्याद मंदीरो का निर्माण........... ब्राह्मणो की देन 

२०) पुत्र को वारीश बनाकर कन्या भ्रुण हत्या को बडावा देना.......... 

21)भारत के ज्यादा आबादी का वर्ग(sc,st,ओबीसी) को सस्त्र के अधिकार से वंचित रखा ,,, इसकी वजह ऐ हर विदेशी आक्रमण का गुलाम बना और भारत के टुकड़े हुए 

22)भारत में sc,st,ओबीसी,सत्रियो का जो पिछड़ापन है जो ब्राह्मण की देंन है 

क्यूंकि उनको मुलभुत अधिकारों से हजारों साल वंचित रखा अब आप बताओ देश के दुश्मन कौन ? ब्राह्मणवादी या मुशलीम...?...... उतना करने के बाद ब्राह्मण पूजनीय कैसे हुआ? क्यूंकि सारे साहित्य, अभ्यासक्रम,प्रिंट,electrronic, वोकल मीडिया पर ब्राह्मण का कब्ज़ा है और हमारे लोग हमारे महापुरुषों को जानते नहीं,मानते नहीं,उनका साहित्य पढ़ते नहीं,,,, सारे मूल निवासीयो को गलतफहीओ से बाहर निकालो SC, ST, OBC, Minorities मिलकर जागृति की लहर फैलाओ

🕸 मूल निवासी नारा है भारत देश हमारा है 🕸 ☄☄☄☄☄☄☄☄☄☄☄

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