नमोबुद्धाय-जयभीम 85%बहुजन समाज से विशेष अनुरोध है कि इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
1. ब्राहमण आपको भगवान के नाम पर मूर्ख बनाकर अंधविश्वास में निष्ठा रखने के लिए तैयार करता है और स्वयं गआरामदायक जीवन जी रहा है तथा बहुजनों को अछूत कहकर निंदा करता है | देवता की प्रार्थना करने के लिए दलाली करता है। मैं इस दलाली की निदा करता हूँ और आपको भी सावधान करता हू की ऐसे ब्राहमणों का विश्वास मत करो |
2. उन देवताओ को नष्ट कर दो जो तुम्हे शुद्र कहें, उन पुराणों और इतिहास को ध्वस्त कर दो जो देवता को शक्ति प्रदान करते हैं | उस देवता कि पूजा करो जो वास्तव में दयालु भला और बौद्धगम्य है |
3. ब्राहमणों के पैरों में क्यों गिरना ???? क्या ये मंदिर हैं ?? क्या ये त्यौहार हैं ..??? नहीं ,ये सब कुछ भी नही हैं | हमें बुद्धिमान व्यक्ति कि तरह व्यवहार करना चाहिए यही प्रार्थना का सार है |
4. अगर देवता ही हमें निम्न जाति बनाने का मूल कारण है तो ऐसे देवता को नष्ट कर दो। अगर धर्म है तों इसे मत मानो ,अगर मनुस्मृति , गीता, या अन्य कोई पुराण आदि है तो इसको जलाकर राख कर दो | अगर ये मंदिर , तालाब, या त्यौहार हैं तो इनका बहिस्कार कर दो | अंत में हमारी राजनीति ऐसा करती है तो इसका खुले रूप में पर्दाफास करो |
5. संसार का अवलोकन करने पर पता चलता है कि भारत जितने धर्म और मत मतान्तर कहीं भी नहीं है और यही नही , बल्कि इतने धर्मांतरण (धर्म परिवर्तन ) दूसरी जगह कहीं भी नहीं हुए है ..?? इसका मूल कारण भारतीयों का निरक्षर और गुलामी प्रवृत्ति के कारण उनका धार्मिक शोषण करना आसान है |
6. आर्यो ने हमारे ऊपर अपना धर्म थोपकर ,असंगत,निरर्थक और अविश्नीय बातों में हमें फांसा| अब हमें इन्हें छोड़कर ऐसा धर्म ग्रहण कर लेना चाहिए जो मानवता की भलाई में सहायक सिद्ध हो |
7. ब्राहमणों ने हमें शास्त्रों और पुराणों की सहायता से गुलाम बनाया है |और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मंदिर , ईश्वर,और देवी -देवताओं की रचना की ।
8. सभी मनुष्य समान रूप से पैदा हुए हैं तो फिर अकेले ब्राह्मण ऊंच व अन्यों को नीच कैसे ठहराया जा सकता है |
9. संसार के सभी धर्म अच्छे समाज की रचना के लिए बताए जाते हैं, परन्तु हिंदू/सनातन/आर्य/वैदिक धर्म में हम यह अंतर पाते है कि यह धर्म एकता और मैत्री के लिए नही है |
10. ऊँची–ऊँची लाट किसने बनाई ?? मंदिर किसने बनाए और उसकी चोटी पर सुनहरी परत किसने चढाई ?? क्या ब्राह्मणों ने इन मंदिरों , तालाबों या अन्य परोपकारी संस्थाओं के लिए एक रुपया भी दान दिया ????
11.ब्राहमणों ने अपना पेट भरने हेतु अस्तित्व , गुण ,कार्य, ज्ञान,और शक्ति के बिना ही देवताओं की रचना करके और स्वयं भू भूमि देवता बनकर हंसी मजाक का विषय बना दिया है |
12.सभी मानव एक है हमें भेदभाव रहित समाज चाहिए , हम किसी को प्रचलित सामाजिक भेदभाव के कारण अलग नहीं कर सकते |
13. हमारे देश को आजादी तभी मिल गई समझाना चाहिए जब ग्रामीण लोग, देवता ,अधर्म , जाति ओर अंधविस्वास से छुटकारा पा जायेंगे |
14. आज विदेशी लोग दूसरे ग्रहों पर सन्देश और अंतरिक्ष यान भेज रहे हैं और हम ब्राहमणों के द्वारा श्राद्धो में परलोक में बसे अपने पूर्वजों को चावल और खीर भेज रहे हैं| क्या ये बुद्धिमानी है ???
15. ब्राहमणों से मेरी यह विनती है कि अगर आप हमारे साथ मिलकर नही रहना चाहते तों आप भले ही जहन्नुम में जाए| कम से कम हमारी एकता के रास्ते में मुसीबते खड़ी करने से तों दूर जाओ |
16. ब्राहमण सदैव ही उच्च एवं श्रेष्ठ बने रहने का दावा कैसे कर सकता है ?? समय बदल गया है उन्हें नीचे आना होगा , तभी वे आदर से रह पायेंगे नही तों एक दिन उन्हें बलपूर्वक और देशाचार के अनुसार ठीक होना होगा |
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