Thursday 2 March 2017

पत्थर तो सिर्फ लखनऊ और नॉएडा में लगे है ।

पत्थर तो सिर्फ लखनऊ और नॉएडा में लगे है ।


और मात्र 600 सौ करोड़ 
लेकिन राजनाथ सिंह जब यूपी के मुख्यमंत्री थे , तब पटपड गंज दिल्ली के पास युमुना में जो अक्षर धाम मंदिर बना है उसमें 1 रुपया मीटर की जमीन दी गयी ।
1:-आज मोदी जी ने पटेल की मूर्ति के लिए चाइना को 1600 सो करोड़ रूपये दिए ।
यानि सिर्फ मूर्ति के लिए 1हजार करोड़ फालतू जिसमे मायावती ने जितने पार्क स्मार्क बनाये उसमे करीब करीब 3 बन जाते ।
2:- और दूसरी मूर्ति शिवाजी महाराज के नाम पर फिर चीन को 2300 सो करोड़ का ऑडर दिया यानि 1700 सौ करोड़ फालतू इसमें कोन सा देश भगति दिखती है ।
मायावती जी ने जो स्मार्क बनाये वह भारत के ही मूर्ति कार थे , भारतीय ही कारीगर थे , भारतीय ही मजदूर थे 
। जिनका रोजगार बहनजी ने दिया और मात्र 600 सो करोड़ रुपया लगा कर देश में कम बजट में आलीशान विकास किया ।
ऐसा विकास भारत में या तो सम्राट अशोक के शासन काल में हुआ जिसके अवशेष और आलीशान अजंता सम्राट स्तूप व् किले मिलते है ।या मुग़ल सासन में हुआ , और बाकी अंग्रेजो के शासन में हुआ ।
अब जब बहनजी ने उन करोड़ो करोड़ो दबे कुचले भारतीय नागरिकों के महापुरुषो के ईतिहास को इन स्मारकों के माध्यम से ऐतिहासिक स्मार्क बनाये गए वह आपको इतने समय बाद भी पत्थर नजर आते है ।
लेकिन मोदी जी ने देश का इतना बड़ा धन अपने दुश्मन देश चीन को सिर्फ 2 मूर्तियों में 1600+2300 =3900 सौ करोड़ दे दिया यह आपको देश नही दीखता ।

इतने 3900 सो करोड़ अगर भारत देश के छोटे छोटे शहरो में मायावती जी की तर्ज पर भारतीय कारिकारो को भारतीय मूर्तिकारों को भारतीय मजदूरी करने वालो को किया काम नही मिलता , रोजगार के अवसर उपलब्ध नही करवाये जाते ।
यही तो सासन करने वाले राजा का काम होता है ।
छोटे से छोटे मजदूर को काम उपलब्ध कराने के लिए ।
ऐसे ऐसे काम किये जाते रहे है जो आज भारत देश में ऐतिहासिक मिसाल भारत की पहचान बनी हुई है । और अपने देश की प्रजा को रोजगार दिया जाता रहा है ।जो बहनजी ने अपने शासन में किया ।
जो मनुवादियो को मनुमीडिया के लोगो को गरीबो को कितने साल तक रोजगार मिला ,इन पत्थरों के स्मारक से , कितनर घरो का चुला चला इन पत्थरो से यह क्यू नही देखते ?
अगर मोदी जी शिवाजी की मूर्ति बनवाते है ।
तो बहनजी ने उनकी भी मूर्ति स्मार्क में बनवायी हुयी है और उनके पोत्र शाहूजी महाराज की बनायी हुयी है ।

जो 26 जुलाई 1902 को अपने स्टेट कोलापुर में आरक्षण के जनक ने 50% अपने राज्य में दबे कुचले समाज को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए भारत में सबसे पहले लागु किया था ।
उनकी ही महरबानियो की बदौलत ,ज्योतिराव फुले जी , जो (सैनी )से आज(ओबीसी) समाज से आते है। उनके बाद सविधान के रचियेता डॉ भीम राव अम्बेडकर जी भी उन्ही के आरक्षण की देन है ।
आखिर क्यू सिर्फ शिवाजी को बताते हो उनके पोत्र ने जो काम किया उनका इतिहास क्यू नही भारत में पढ़ाते ?
खेर बात शुरू हुई पत्थरो से 
उन पत्थरो के कामो से भारतीय संस्कृति का जन्म होता है ।
भारतीय इतिहास का जन्म होता है ।
भारतीय मजदूरों को भारतीय कारीगरों को भारतीय मूर्तिकारों के परिवार पलते है ।
अतः इसे विकास बीजेपी भी करे कांग्रेस भी करे सपा भी करे ।
लेकिन भारतीय बेरोजगारों के लिए करे ।
भारतीय इतिहास के लिए करे सिर्फ मंदिरों के लिए बीजेपी की हम तो बस राम मंदिर बनाएंगे ।
अरे भाई बनाओ कोण रोकता है लेकिन कुछ अच्छे काम भी जनता के हित में कर लो , बसपा के शासन की तरह ग्रेटर नॉएडा में सम्राट अशोक के शासन की याद बसपा के सासन में नालंदा युनिवर्सटी की तर्ज पर इंटरनेशनल गौतम बुद्धा युनिवर्सटी बनायी ।
एक्सप्रेशवे बनाये , कन्या इंटर कॉलेज बनाये , स्कूल बनाये ।नये जिले बनाये जिनमे प्रसासन के कार्यालयो का निर्माण हुआ , हर जिले को अलग से डवलप किया जिसमें जेल भी बनी रिजर्व पुलिस के लिए आवास बने उनके कार्यालय बने , नये कोर्ट बने जिलाधिकारी कार्यलय बने तेसिल बनी ।

आखिर ये विकास क्यू नजर नही आते ।
सिर्फ मात्र 600 सो करोड़ से बने दलित प्रेरणा स्थल आपको पत्थर नजर आये ।
आखिर आप केसा विकास चाहते है सिर्फ हवा हवाई बाते मोदी जी की तरह करते है ।
कोई वैज्ञानिक , गणित के हिसाब से सत्यता के हिसाब से देश का विकास सही में अगर कर सकती है तो वह है बहनजी बसपा की सरकार अन्यथा ।
आप जैसे लोग देश वासियों में धर्म के नाम पर पत्थरो के झुटे खबरों के नाम पर नफरत की हवा चलाने में लगे रहते है ।
लेकिन हब वक्त शिक्षा का है वेज्ञानिक युग है इलेक्ट्रॉनिक युग है ।
सत्य की खब्र्र सब रखते है और सभी ने अपने परिवार को खुस रखना चाहते ही सभी उन्हें अच्छी शिक्षा देना चाहते है ।
सभी प्यार मोहबत से रहना चाहते है ।।सभी क्राईम फ्री भारत देखना चाहते है सभी अपने देश का विकास अंतराष्ट्रीय स्तर पर डवलप देखना चाहते है
जय भीम नमो बुद्धाय ।।  

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