Wednesday 22 March 2017

हमारी आबादी ज्यादा है

 🌎जो ओबीसी, एससी, एसटी का बहुजन समाज  इस घमंड मे जी रहे है कि हमारी आबादी ज्यादा है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें bas itna kehna cahuga ki plz 2 minutes ka samay nikal kar jara is post ko zaror padhe

🌎आखिर न्यायालय से ओबीसी क्यों मिट गया ?🌏

🌎"संविधान " जो बाबा साहब अंबेडकर ने अपने बहुजनो के लिए बनाया  आज उसकी हिफाजत के लिए आज वहाँ एक भी "बहुजन" नहीं बचा l🌏

"आरक्षण " जिसका विवरण संविधान में है, जहां की राज बहुजन समाज का होना चाहिए  आज उन जगहो को प्राइवेट कंपनियो को बेचा जा चुका है, और वहाँ आज एक भी बहुजन   नहीं बचा l

"सचिवालय " जहां डा लोहिया ने ओबीसी, एससी, एसटी के हकदारी के लिए जी जान लगा दी आज वॅहा एक भी सचिव "ओबीसी, एससी, एसटी" नही है 

"खेती मे " में 40 साल पहले तक 90% लोग करना चाहते थे, आज सिर्फ 10% बचे हैं l क्यों कि खेती पर निर्भर रहने वाली बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग था!!

"मिडिया जगत " में जातिवाद का हालत यह है कि ओबीसी-  एससी-  एसटी को घुसने तक नही दिया जा रहा है!!

"देश " में बहुजनो की आबादी 85% है मगर देश के कैबिनेट मंत्रालय मे 1% भी नही है!!

"न्यायालय " मे 90% केस ओबीसी- एससी-  एसटी के है मगर 1% वकिल और जज ओबीसी, एससी, एसटी के नही है!!

मित्रों, विश्वविद्यालय, विद्यालय, मे 85% बच्चे ओबीसी- एससी- एसटी के है मगर 1% डीन, वीसी, प्रोफेसर, लेक्चरर, ओबीसी- एससी- एसटी के नही है!!

देश के इकोनॉमी को 85% टैक्स आप ओबीसी-  एससी-  एसटी देते हो मगर मजा 3% आबादी वाला धूर्त और चालाक उठा रहा है!!

आपके पैसे को लूटकर देश के चंद लोग खा रहे है सरकार
मध्यस्थता कर रही है!!

हमेशा हिंदू के नाम पर वोट की  की भीख मांगने वाले ……

जब ओबीसी-  एससी-  एसटी के हक और प्रतिनिधित्व की बात करो तो आप पर जातिवाद का आरोप लगाता है!!

  29 राज्य है भारत के और ओबीसी-  एससी-  एसटी की आबादी के 25 राज्यो मे 85% से उपर है मगर केवल 5 सीएम ओबीसी - एससी- एसटी है!!

और "बहुजनो" का एक मात्र देश भारत ही अब "बहुजनो" के लिए सुरक्षित नहीं रहा l

मैंने 10 लोगों को जो कि ओबीसी- एससी- एसटी  हैं, उनसे पूछा कि किस जाति के हो ?

सभी ने अलग - अलग जवाब दिया……
किसी ने कहा यादव …
किसी ने कहा पटेल …
किसी ने कहा कोईरी …
किसी ने कोहार कहा …
तो किसी ने पाल …… सब लोगों ने अलग - अलग बताया l

लेकिन मैंने 10 ब्राह्मणो  से पूछा कि कौन सी जाति के हो ?

सभी का एक जवाब आया…… "ब्राह्मण "

मुझे बड़ा अजीब लगा, मैंने फिर से पूछा, फिर वही जवाब आया…… "ब्राह्मण "

तब मुझे बहुत अफसोस हुआ, और लगा हम कितने अलग और वो कितने एक……

भारत ओबीसी- एससी- एसटी का है और हम सब भारतीय और भारत के हर संसाधन पर हमारा हक होना चाहिए!!


और अगर आप को "भारतीय " होने का गर्व करते हो तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मुझे वापस किसी भारतीय से ही मिले l

दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में एक ओबीसी भाई ने जनहित याचिका डाली थी कि मंदिर मे  एक ही जाति का मठाधीश और पूजारी क्यो होता है  l

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि "वेद  " और "पूराण " के हिसाब से  मंदिर पर हक ब्राह्मण का ही है क्योकि फैसला सुनाने वाला जज ब्राह्मण ही था!!

यदि योग्यता और बराबरी का हक  वेद और पुराण के खिलाफ है, माननीय सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से भारत मे बराबरी अौर संविधान की बात हराम है!!

क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?

अजीब कानून है भैया……
अपने पैसे के लिए देश लाइन मे लगा है!!
 जनता का पैसा खाने वाला माल्या पंच सितारा मे पड़ा है ……

ये जो नीचे लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है, कल ये आपके शहर में भी हो सकता है l

अगर ये किसी ओबीसी, एससी, एसटी, किसान लेकर भागा होता तो इन जातिवादी  मिडिया वाले आपको पकड़कर तिहाड़ मे डाल दिए होते!!

कुछ दिन पहले जी न्यूज के सुधीर चौधरी ने सपा के सुनील कुमार सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में ब्राह्मण ज्यादा हर पद पर हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?

इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया l

बीजेपी के शासित गुजरात मे "दलित " को इसलिए गाड़ी मे बाँधकर मारा गया कि वह उनके मरे हुए गाय को नही उठाया!!

और उन्होंने उनके पेशाब को पीने से मना कर दिया!!

मगर उन पर इस अत्याचार की कारवाई तक नही हुई वो फिर अपना अत्याचार फैला रहे है क्योकि
गुंडा भी वही है
थाने का पुलिस
थाने का दलाल
एसपी-कलेक्टर
आगे बढो तो
वकिल और नेता
यॅहा तक की जज
भी उनके जाति का है!!

आरएसएस का हालत यह है कि जो वोट के लिए हिंदू धर्म का सहारा लेता है लेकिन जब देश के 85% हिंदुओ ने आरक्षण के लिए आंदोलन किया तो उन्हे गोलियो से भून दिया!!

और जब भारत को आजादी मिली तो तिरंगे को जलाया

तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिन्द पर आपत्ति इस सबका कारण थी l

पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन वो सब एक जाति के थे प्रशासन ने जातिवाद दिखाया  उनको छोड़ दिया गया l

ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं, वो पैदाइशी चालाक थे और आजभी है l

हाथ जोड़ के विनती है, इसे शेयर करें ये कोई छोटी खबर नहीं है l


 केवल आरक्षण आंदोलन का कारण कभी नहीं बन सकता .भारत में कूल अबादी का मात्र 2 % ही सरकारी नौकरी है . 2 % में पचास प्रतिशत आरक्षण मतलब 1 % . हिसाब से आपके हिस्से 1 करोड़ 26 लाख नौकरी .वह भी सही से नहीं मिली है . कर्मचारियों के माध्यम  आंदोलन करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है . कर्मचारी जिसकी सरकार है उसके खिलाफ राजनीतिक रूप से नहीं  जायेगा . सरकार ,आपके भाषण में और सत्यनरायण भगवान के कथा आयोजन में कोई अंतर हो तो बताइये ? आम पब्लिक को संबोधित कीजिये . खास को नहीं . कब तक दो दशक पहले तक प्रशिक्षित कैडरों से काम चलाइयेगा .वे भी या तो आउटडेटेड हो चुके हैं या पार्टी छोड़ चुके हैं . 'मेरे' आदमी फटाफट 'उसके 'आदमी में रूपांतरित हो रहे हैं !! जानते हैं क्यों ,क्योंकि आप दिन भर चले अढाई कोस .
 ई वी एम को रिग किया गया क्योंकि आपने करने के लिये माहौल तैयार करके दिया .अब तो होश में आ जाओ  ?
यह बात समझने वाले समझ जायेंगे ,जो ना समझे वह अनाड़ी है

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