Wednesday 22 March 2017

पढ़े लिखे समाज ने धोखा दिया

मुझे पढ़े लिखे समाज ने धोखा दिया....
               -बाबा साहब डा. भीम राव
                अम्बेडकर जी।

इस बिषय पर एक गोपनीय. टीम ने
एक survey. किया।
पेश है survey team. की रिर्पोट. ..

1 ) 98% पढे-लिखे लोग बाबा साहब को जानते हैं ।
2 ) 80% पढे-लिखे लोग बाबा साहब के सिद्धान्तों को
नहीं जानते ।
3 ) 95% पढे-लिखे लोगों की पत्नियां ढकोसलों और कपोलकल्पित तीज त्यौहार मनाती हैं ।
4 ) 98% पढे-लिखे लोगों कि पत्नियाँ और बच्चे भगवान बुद्ध के बारे
में नही जानते ।
5 ) 80% पढे-लिखे लोगों के drawing Room मे बाबा साहब
की फोटो है लेकिन अन्दर छोटा मन्दिर भी है और उस मन्दिर में घंटा
बजाने में अपना समय बरबाद करते हैं ।
6 ) 85% पढे-लिखे लोग भगवान, भूत प्रेत, आत्मा-परमात्मा आदि से डरते
हैं ।
7 ) 80% पढे-लिखे लोग कोई न कोई नशा करते हैं ।
8 ) 90% पढे-लिखे लोग आरक्षण का पूरा लाभ लेते हैं और काम विदेशी युरेशियन ब्राह्मणों का करते हैं ।
9 ) 0% पढे-लिखे लोगों का आर्थिक संगठन हैं, लेकिन बाबा साहब के विचारधाराओं पर चलने के बजाए उनकी जय जयकार करते रहते हैं ।
10 ) गाँवों मे अनपढ़ सीधे - साधे लोगों का भी सर्वे किया गया है ।
98% बाबासाहब को जानते हैं, लेकिन उनके सिद्धान्तों को बिलकूल
नहीं जानते ।
11 ) बाबासाहब ने कहा था कि, मेरी जयंती मनाने से मेरा कार्य पूरा नहीं होगा, मेरे अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देनी चाहिए ! लेकिन अफसोस, हमारे लोग बाबा साहब से भी बहुत आगे निकल गए ।
12 ) बाबा साहब की जयंती पर सिर्फ़ जय जयकार करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन उनके विचारों को 6743 जातियों में प्रचार-प्रसार करने के लिए एक रुपया भी खर्चा नहीं करते ।
ऐसे पढ़े-लिखे लोगों का हमें धिक्कार करना चाहिए...!
मेरी तस्वीरों से ज्यादा, मेरे विचारों का प्रचार करो । क्योंकि ये लड़ाई सिर्फ़ और सिर्फ़ पूर्णतः मेरे विचारों की हैं....!!
           ये है हमारे शिक्षित समाज का दोगला चरित्र। खाते बाबा साहब की हैं और अदायगी इधर-उधर अपने समाज व महापुरुषों के हत्यारों को पूज कर करते हैं।

🙏🏻👏🏻जय भीम 👏🏻🙏🏻

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