Thursday, 2 March 2017

ब्राहमण #बणिया की मेरिट कैसे बनती है ????

ब्राहमण #बणिया की मेरिट कैसे बनती है ????

1950 से 2017 तक कुछ नही बदला। 
योग्यजन पर आज भी अयोग्य राज कर रहे हे।
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अछूतानंद दास- 'चमार' को भी दूसरों की तरह, इंटरव्यू में अंक दिए जाते तो वह  topper  होता ।

आईये देखते हैं कैसे --

1950 में संघ लोक सेवा आयोग( UPSC ) दिल्ली, ने स्वतंत्र भारत में प्रथम I.A.S.परीक्षा आयोजित की इसमें #एन. कृष्णन #प्रथम व् #अनिरुध गुप्ता का #22वां और अछूतानंद दास ‘चमार’ का सबसे #अंतिम #48वां स्थान आया । 

इसके साथ ही बंगाल का अछूतानंद दास ‘चमार’#पहला #I.A.S.बना। लिखित परीक्षा में अछूतानंद दास’ चमार ने 613 अंक लेकर प्रथम स्थान लिया, एन. कृष्णन ने 602 और ए. गुप्ता को 449 अंक मिले। 

300 marks interview जातिवादियो द्वारा लिया गया । जातिवादियो  ने अछूतानंद दास  को केवल 110 अंक ही दिए व् एन. कृष्णन को 260 अंक और ए. गुप्ता को 265 अंक दिये । 

सामान्य ज्ञान की 100 अंकों की  लिखितपरीक्षा में अछूतानंद दास  ने  79अंक लेकर टॉप किया.
व् एन. कृष्णन ने 69अंक और ए. गुप्ता केवल 40अंक ही प्राप्त कर सका।

यदि इंटरव्यू #जातिवादियो द्वारा नही लिया जाता या फिर इंटरव्यू होता ही ना तो अछूतानंद दास  स्वतंत्र भारत की पहली I.A.S.परीक्षा का टाँपर  होता ।
 एन. कृष्णन का 48 वां स्थान और अनिरुध गुप्ता कभी भी I.A.S. न बनता ।

इस तरह, एन. कृष्णन को कुल = 931 अंक ; ए. गुप्ता को कुल = 754 अंक तथा अछूतानंद दास  को कुल = 802 अंक प्राप्त हुए ।

इमानदारी से यह देखो कि, ... यदि 'अछूतानंद दास'चमार' को भी दूसरों की तरह इंटरव्यू में 250अंक दिए जाते तो उसे ( 613+250+79 = 942 ) 942अंक मिलते तो वह ही टापर होता .

तथा कथित 'मेरिट' कैसे बनती है ? उसका यह केवल एक उदाहरण मात्र है ।

"तुम अगर बिछड़े रहो तो चंद कतरे ही फकत !!
तुम अगर मिल जाओ तो बिफरा हुआ तूफान हो!!
पुरे देश की नोकरशाही पर इन्होंने जबरिया कब्जा जमा रखा हे।जिसे हमसब  को  मिलजुलकर अब हटाना ही होगा। 

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