Wednesday, 8 March 2017

आदरणीय बहुजन समाज

आदरणीय चमार ,दुसाध ,पासी ,खटिक,धोबी,जाटव ,मुसहर ,बाल्मीकी समाज का एवं
अपने सभी जातियों के लोग जो विधायक ,सांसद ,मंत्री,आईएएस,आईपीएस ,जज , न्ययिक सेवाकर्मी,वकील,डाक्टर,इंजीनियर,उच्चाधिकारी,अध्यापक,कर्मचारी , व्यापारी है । उनसे प्रश्न करे और साथ ही उन्हें जागृत भी करे...!

1.आज आप जीस भी पद/उपलब्धि पर है वह बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के वजह से है । फिर भी आप उनके योगदान को नही मानते । आखिर क्यों ?

2.बाबा साहेब के आदर्शों और विचारो को इन समाज में न तो बताते है और न ही खुद मानते है । आखिर क्यों ?

3.शिक्षा मे इन समाज के बच्चो को समानता का अधिकार के लिये माँग क्यों नही करते है । क्योंकि आप भी जानते है की वाइवा मे आपके समाज के बच्चो से युगोस्लाविया के स्पेलिंग पूछा जाता है । दूसरे से नेपाल का स्पेलिंग पूछा जाता है ।

4.आप अपने स्तर से आरक्षण खत्म करने वालो का विरोध क्यों नही करते है ।

5.आपके अपने समाज के साथ कही कूछ गलत होता है तो अपने स्तर से उनका सहायता क्यों नही करते है । बल्कि आप अपनी पहचान छुपा के रखते है । ऊन  सर्वसमाज में की मै इस जातियों के अन्तर्गत नही आता हूँ ।


6.आप क्यों सिर्फ अपना और अपने परिवार का ही विकास करते है । इन सभी जातियों का क्यों नही?

7.यदि आप विधायक ,सांसद ,मंत्री ,आईएएस आईपीएस डाक्टर इंजीनियर अध्यापक वकील इत्यादि बन गए तो क्या आपको इन जातियों/समाज से मुक्ति मिल जायेगी । नही तो ? फिर मुह छुपा के क्यों रहते है ।

8.जबतक आप सरकारी सेवा/पावर में रहते है । तब तक उस पद का लाभ इन समाज के जातियों को क्यों नही दिला पाते है । फ़िर सेवानिवृत होने पर आप समाजसेवी बन जाते है । आखिर ऐसा क्यों ?

9.पूरी जिंदगी मनुवाद का समर्थन करते है और बच्चों की नौकरी/प्रमोशन / शिक्षा की जब बात आती है । तो आप आरक्षण लेने हेतु दलित और महादलित बन जाते है । आखिर ऐसा क्यों ?

10.सम्पन्नता आने पर आप खुद को मनुवादी विचार धारा के बन जाते है । तब न अपने आप को चमार ,दुसाध ,पासी ,चौधरी ,धोबी ,बाल्मीकी ,मुसहर ,मानते है न दलित ! आखिर ऐसा क्यों ? जबकि आपने स्वयं बचपन से गरीबी और जातिवाद का दंश झेला है और झेलते है । फ़िर अपने ही समाज के लोगों से इस तरह का आखिर व्यवहार क्यों ?

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