Tuesday, 14 March 2017

लोकसभा में पास कराओ या इस्तीफा दो

सेवा में
          सर्व श्री,

1-उदित राज
2-प्रो0 राम शंकर
3-साध्वी सावित्री बाई फूले
4-कमलेश पासवान
5-श्रीमति प्रियंका सिंह रावत
6-अशोक कुमार दोहरे
7-अंशुल वर्मा
8-राजेश कु0 दिवाकर
9-भानु प्रताप सिंह
10-विनोद कुमार सोनकर
11-श्रीमती नीलम सोनकर
12-श्रीमती अंजू बाला
13-कौशल किशोर
14-डॉ0 यशवंत सिंह

समस्त एस०सी०/एस०टी० सांसद, भारत सरकार

विषय:-117वॉ संविधान संशोधन (प्रोन्नति में आरक्षण बिल) लोकसभा में पास कराओ या इस्तीफा दो

महोदय/महोदया
             आपको भली भांति अवगत है कि 117 वां संविधान संसोधन बिल राज्य सभा से पारित हो चुका है और लोक सभा में लम्बित है।जब कि यह बिल 1995 से लम्बित था आप जिस पार्टी से जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उस सरकार ने अपनी दलितविरोधी मानसिकता का उदाहरण दे दिया है।
   आप यूपी से लोक सभा की उन सीटों से सांसद है जो भारत के संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधत्व अधिकार पर संरक्षित है इसलिए आज आप सांसद है और संसद मे दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं किन्तु आप अपने दलित समाज के अधिकारो के लिए संसद मे आवाज क्यों नहीं उठाते हो।
         आप की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार है आप सभी दलित सांसद सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाते हो। ऐसी क्या मज़बूरी है की आप सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री को इस्तीफा क्यों नही सौंप देते है क्यों आप सक्रिय भूमिका नहीं अपनाते हो??
       आप भी बाबा साहेब को धोखा दे रहे हो। आप समाज के प्रति ज़िम्मेदार नहीं हो। आप ने आरक्षण के बल पर सांसदी तो ले ली लेकिन आप उन लाखों लोगों की ओर नहीं देख रहे हैं जो आप की निष्क्रियता के कारण तमाम कानूनी/ सरकारी बाध्यताओं को झेलने को मजबूर है कुछ तो शर्म करो।
       यदि आप सक्रिय भूमिका नहीं अदा कर सकते तो आप या तो बिल पास कराओ या समाज के लोगो के बीच मत जाओ। आप का समाज के लोग इस्तीफा मांग रहे हैं आप चुन सकते हैं

सांसदी या समाज।

वर्ना वो दिन दूर नही जब समाज के लोग बहिष्कार करंगे।
   अतः आप से आग्रह है कि 117वॉ संविधान संशोधन बिल पास कराओ या इस्तीफा दो।



" इस मैसेज को इतना शेयर करें कि सभी दलित सांसदों तक पहुँच जाये।
 आपकी रगों में सच्चे दलित का खून है तो कम से कम 10 लोगों को शेयर करें ।"  

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