@----::---- ब्राह्मण जाल ----::----@
जिस प्रकार किसी मृतक के मौत का कारण जानने के लिये चीड़-फाड़ कर पोस्टमार्टम किया जाता है। ठीक उसी प्रकार यदि समाज की दुर्गति का कारण जानना है तो समाज का "पोस्टमार्टम" करो.....!!
🔍🔎ब्राह्मण के जाल को साधारण बुद्धि वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं और ब्राह्मण की गुलामी में फंसते चले जा रहे हैं.........!!
🔍🔎जिस प्रकार बाघ के जाल को बाघ नहीं समझता, चूहे के जाल को चूहा नहीं समझता और फंसता चला जाता है। उसी प्रकार हम/तुम भी फंसे हैं..........!!
🔍🔎ब्राह्मण का जाल साधारण बुद्धि से दिखाई नहीं देगा। उसके लिये तीक्ष्ण, तर्कशील बुद्धि की जरूरत होती है..........!!
🔍🔎बैक्टीरिया साधारण आँख से दिखाई नहीं देता, उसको देखने के लिये माइक्रोस्कोप की जरूरत होती है............!!
@---:---- स्वयं चिन्तन करें ----:---@
🔍🔎एक अनपढ़ भिखमंगा ब्राह्मण, पढ़े-लिखे सम्पन्न बुजुर्ग sc,st,obc के किसी अधिकारी
को आशीर्वाद देता है।
क्या यही स्वाभिमान है....….??
🔍🔎लड़का-लड़की का पालन-पोषण व शादी-विवाह की तैयारी उसके माता-पिता करते हैं.....
लेकिन शादी करवायेगा ब्राह्मण...........??
🔍🔎अच्छे ढ़ंग से नहाये धोये को भी..........
दो बूंद जल छिड़कर पवित्र करेगा ब्राह्मण......??
🔍🔎लोग घर-मकान स्वयं बनायेंगे......
गृह-प्रवेश करायेगा ब्राह्मण..............??
🔍🔎मूर्ति बनायेगा कलाकार..........
प्राण-प्रतिष्ठा करवायेगा ब्राह्मण............??
🔍🔎देवी या देवता का मंत्र......... संस्कृत में पढ़ेगा ब्राह्मण..........??
🔍🔎देवी-देवता क्या संस्कृत भाषा ही जानते हैं............??
🔍🔎क्या वे अंग्रेजी हिन्दी नहीं समझते, कोई एम.बी.बी. एस. करने के बाद ही डाॅक्टर कहलाता है
लेकिन ब्राह्मण का बच्चा जन्म लेते ही पंडित कहलाता है..........?? क्यों........??
🔍🔎जिला का मालिक डी.एम. राज्य का मालिक सी.एम., देश का मालिक पी.एम. लेकिन -
हिन्दू धर्म का मालिक ब्राह्मण...........?? क्यों........??
🔍🔎क्या शेष सभी 97% हिन्दू नालायक हैं.........??
मालिक होने लायक नहीं हैं.....??
🔍🔎क्या इस प्रकार हिन्दू धर्म एक जेल नहीं है......??
🔍🔎क्या ब्राह्मण जाति उस जेल का जेलर नहीं है और क्या सभी जातियां कैदी नहीं हैं.......
क््या रामचरित मानस, गीता, महाभारत, पुराण, मनुस्मृति जेल मैनुअल नहीं हैं............??
🔍🔎जिसमें केवल जाति के नाम पर ब्राह्मण को प्रतिष्ठा ही प्रतिष्ठा और सभी जातियों को कैदी की तरह अपमान ही अपमान लिखा है......!!
🔍🔎जेल में घुसते ही कैदी जेल के अधीन हो जाते हैं और हिन्दू जन्म लेते ही ब्राह्मण के अधीन हो जाते हैं........!!
🔍🔎जेल केवल कैदी को कन्ट्रोल करने के लिये है, पर सजा पूरी होने केबाद जेल से रिहाई हो जाती है लेकिन ब्राह्मण के इस जेल में हिन्दू जेल में ही पैदा होता है और जेल में ही मर जाता है........!!!!
।। जागो बहुजन जागो ।।
।। पाखंडवाद को त्यागो।।
।।फिजूल क्रियाकांड छोड दो।।
।। गुलामी की जंजीरे तोड दो।।
🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤
⛱
🇮🇳🇮🇳
• जय भारत •
जय भारतीय संविधान
ब्राहमणो की पुराणो की रची कहनी जैसी लग रही है. असल मे जहां जहां भी ब्राहमणो के मन्दिर मुसलमानों ने तोड़े या ध्वस्थ किये वहां वहां पर उन मन्दिरो में विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहामणो ने कुंआरी मूलनिवासी लड़कियो को व्यभिचार के लिए देवदासी बना कर रखा हुआ था और जाति प्रथा व छुवा छूत का बोल बाला था जिसकी सूचना मिलने पर मुसलमान शासको ने देवदासियो को मुक्त करने के लिए उन मन्दिरो पर हमला कर उन्हे तोडा और देवदासी बनायी लड़कियो को मुक्त करवाया. परन्तु लोगो को डर था कि ब्राहामण पन्डे पुजारी फिर से लोगो को बहका कर या जोर जब्बरदस्ती उनकी लड्कियो को यहाँ लाकर फिर से देवदासी बनाकर व्यभिचार शुरू कर देंगे तो क्या होगा??? तब शाशको ने उन जगहो पर मस्जिद व अन्य इस्लामी स्थल बनवाये ताकि ब्राहमणो के व्यभिचार व जाति प्रथा और छुवा छूत पर रोक लगायी जा सके और इस तरह से लोगो को राहत मिली. चालाक और धूर्त विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमण ये सच लोगो को नही बताते और मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाने का आरोप मुसलमानों पर लगा कर लोगो को गुमराह कर उनमे वैमन्स्य फ़ैलाते हैं.
इतिहास गवाह है कि मुसलमानों के शाशन काल मे विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमणो ने मुसलमानो का कभी कोई विरोध नही किया... क्यों??? (शायद मूलनिवासियो को दन्गे फ़साद हिन्दू बनाकर उनके वोटो की जरूरत तब नही थी परन्तु आज है) उल्टे मुसमानो के साथ राज काज भागेदारी निभाकर नवरत्नो मे शुमार हुये थे.
लोकतन्त्र व्यवस्था मे विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमण अल्पसंख्यक (3.5%) है और सिर्फ़ अपने ही वोटो से MLA,MP तो क्या कही ग्राम प्रधान भी नही हो सकता इसलिए वो मुसलमानों के खिलाफ़ दुशप्रचार करके सांप्रदायिक दन्गे फ़सादो से मूलनिवासियो को हिंदू बनाकर उनके वोटो से भारत की राजसत्ता पर काबिज रहना चाहाता है.
मूलनिवासी अनार्य भारतियो को ब्राहमणो के दुशप्रचार व षड्यंत्रकारी नीतियो से सचेत रहने की जरूरत है...
जय भीम जय मूलनिवासी
देखें क्या सोच है bjp rss वाले का sc st के लोगों के लिए
राजस्थान में भाजपा कमेटी की मीटिंग के दौरान बीकानेर के अनुसूचित जाति अर्जुन राम मेघवाल की किसी राय पर अमित शाह का जबाब था।
तुम लोगो को रिजर्व सीटे जीतने के लिये पार्टी मे रखा जाता है सलाह देने के लिए नहीं, सलाह देने के लिए हमारे पास ढाई लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं आप चुप रहिये इतना सुनते ही अर्जुन राम मेघवाल पार्टी की मीटिंग छोडकर चले जाते हैं।
स्रोत इन्डिया टुडे
आप विचार करिए जब ये हालत है हमारे जन प्रतिनिधियों की तो हमारी आवाज पार्टी में ऊपर तक कैसे जायेगी।
चन्द्रकान्ता मेघवाल की पिटाई और अन्य के साथ दुर्व्यवहार कोई बडी बात नहीं है इतनी ही वैल्यू है हमारे नेताओ की समय समय पर इनको पीटकर इनकी औकात का एहसास दिला दिया जाता है।
अब सोचिये उनके कथनानुसार उनके पास ढाई लाख सक्रीय कार्यकर्ता हैं वे एकमत होकर बहुजन मूलनिवासियों के हक़ को छीनने के लिए षड्यंत्र और हिंदुत्व के नाम पर बेवकूफ बनाये रखने का काम करते हैं।
आज हमारा समाज अपनी अल्पबुद्धि का अहंकार छोड़ सामाजिक भलाई हेतु एकमत होकर काम करे तो सबका कल्याण हो सकता है।
वैसे तो लोग शान दिखाने के लिए बड़ी बड़ी बातें, बड़ा बड़ा खर्चा और समाज कल्याण हेतु नकली दिखावा कर रहे हैं लेकिन जो करना चाहिए उससे कोसों दूर हैं।
3% वाले 40% बेवकूफों का सहयोग लेकर आज पूरे देश पर राज्य कर रहे हैं। क्या उसमें आप भी शामिल हैं? अथवा आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं? और विरोधियों के चमचे बनकर अपनी झूँठी शान पर मर रहे हैं।
इसलिए आपके लिए चेतावनी है कि होश में आ जाओ अन्यथा पीढ़ियों तक इसी तरह से गुलाम बने रहोगे।
*आप इस देश के शासक थे और पुनः शासक बनने के लिए कार्य करना चाहिए तब बहुजन मूलनिवासियों का कल्याण हो सके
अंत में यही कहुगा कि अपने समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के लिए प्रण ले
ताकि हमारे समाज को पता चले कि उसके हक और अधिकारों का हनन कौन कौन रहा है
जागो और जगाओ समाज को शिक्षित करो संगठित करो
जय भीम जय भारत
लंका मे जब लक्ष्मण को शक्तिबाण लगा तब उनके प्राण बचाने के लिये सुषेन वैद्य के कहने पर हनुमान जी "संजीवनी बूटी" लेने #द्रोणागिरि पर्वत की ओर उड़े! लंका से द्रोणागिरि पर्वत की दूरी लगभग 3 हजार किमी० है!
हनुमान जी आधी रात को उड़े थे और रास्ते मे थोड़ा समय #कालनेमी ने बर्बाद किया, लौटते समय #भरत ने भी बाण मारकर कुछ समय नष्ट किया!
हनुमान जी ने आने--जाने मे 6 हजार किमी० की यात्रा की, अगर ऐसा माना जाये कि उन्हे छः घन्टे लगे तब भी औसत चाल हुयी एक हजार किमी० प्रति घंटा,
अब पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 13 करोड़ 80 लाख किमी० है, तो हनुमान को बचपन मे कितना दिन लगेगा सूर्य तक पहुँचने मे,और फिर वापस पृथ्वी पर आने मे।
तुलसीदास जी फेकने मे तो आप माहिर थे, अब जरा यह भी बताओ कि जो हनुमान जवानी मे हजार किमी० प्रति घंटा की चाल से उड़े, तो बचपन मे किस चाल से सूर्य की तरफ उड़े थे!
बाबा तुलसी का झूठ देखो कि लिखते है कि हनुमान सूर्य को निगलकर धरती पर वापस आकर बैठे थे और देवतागण विनती कर रहे थे कि सूर्य को बाहर निकालो! सूर्य, पृथ्वी से दर्जनो लाख गुना बड़ा है और उसे खाकर हनुमान जी पृथ्वी पर ही बैठे थे!
दूसरी बात कोई भी बन्दर अगर केला भी खाता है तो उसे चबाकर खाता है, और हनुमान सूर्य को बिना चबाये ही निगल गये फिर देवताओं के कहने पर उसी स्थिति मे बाहर भी निकाल दिया!
भला यह सम्भव है कि जो चीज मुँह से खायी जाये उसे मुँह से ही सही-सलामत वापस भी निकाल दिया जाये!
तुलसी बाबा झूठ की झड़ी!!!!
मनुवाद के झुठ ओर पाखंड जिन पर हम आँख बंद करके विशवास् कर लेते हैं।
आईये जानते है कुछ ऐसे ही झुठी कहानियों को।
1- जब हनुमान जी ने सूर्य को अपने मुह में दबा लिया था तब सिर्फ भारत में अंधेरा हुआ था या पूरे विश्व में।
2- कृष्ण जी की गेंद यमुना में कैसे डूब गई जबकि दुनिया की कोई गेंद पानी में नही डूब सकती।
3- कहा जाता है कि भारत में 33 करोड़ देवी देवता हैं जबकि उस समय भारत की कुल जनसंख्या भी 33 करोड़ नही थी।
4- भारत के अलावा और किसी देश में इन 33 करोड़ देवताओ में से सिर्फ भगवान बुद्ध के अलावा किसी देवताओ को नही पूजा जाता।
5- आरक्षण से पहले इनके बंदर भी उड़ते थे , ओर न जाने किस किस विधि से बच्चों का जन्म हो जाता था, परंतु जबसे आरक्षण लागू हुआ है इनके सारे आविष्कार बन्द हो गए।
6- जब एक व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति को बिना ग्रुप मिलाये हुए नही दिया जा सकता क्योंकि अगर A positive वाले व्यक्ति को सिर्फ आ positive वाले व्यक्ति का खून दिया जा सकता है अगर दूसरा खून दिया गया तो उस व्यक्ति की मौत हो सकती है। फिर इंसान के शरीर पर हाथी की गर्दन कैसे फिट हो गयी।
7- 33 करोड़ देवी देवताओं के होते हुए भी भारत हजारों साल कैसे गुलाम हो गया।
8- कोई भी देवता किसी शुद्र के घर पर पैदा क्यों नही हुआ।
9- इतने सारे देवी देवताओं के होते हुए भी शुद्र का विकास क्यों नही हुआ। उनके साथ भेदभाव क्यो हुआ।
जागो और जगाओ साथियों
जिस प्रकार किसी मृतक के मौत का कारण जानने के लिये चीड़-फाड़ कर पोस्टमार्टम किया जाता है। ठीक उसी प्रकार यदि समाज की दुर्गति का कारण जानना है तो समाज का "पोस्टमार्टम" करो.....!!
🔍🔎ब्राह्मण के जाल को साधारण बुद्धि वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं और ब्राह्मण की गुलामी में फंसते चले जा रहे हैं.........!!
🔍🔎जिस प्रकार बाघ के जाल को बाघ नहीं समझता, चूहे के जाल को चूहा नहीं समझता और फंसता चला जाता है। उसी प्रकार हम/तुम भी फंसे हैं..........!!
🔍🔎ब्राह्मण का जाल साधारण बुद्धि से दिखाई नहीं देगा। उसके लिये तीक्ष्ण, तर्कशील बुद्धि की जरूरत होती है..........!!
🔍🔎बैक्टीरिया साधारण आँख से दिखाई नहीं देता, उसको देखने के लिये माइक्रोस्कोप की जरूरत होती है............!!
@---:---- स्वयं चिन्तन करें ----:---@
🔍🔎एक अनपढ़ भिखमंगा ब्राह्मण, पढ़े-लिखे सम्पन्न बुजुर्ग sc,st,obc के किसी अधिकारी
को आशीर्वाद देता है।
क्या यही स्वाभिमान है....….??
🔍🔎लड़का-लड़की का पालन-पोषण व शादी-विवाह की तैयारी उसके माता-पिता करते हैं.....
लेकिन शादी करवायेगा ब्राह्मण...........??
🔍🔎अच्छे ढ़ंग से नहाये धोये को भी..........
दो बूंद जल छिड़कर पवित्र करेगा ब्राह्मण......??
🔍🔎लोग घर-मकान स्वयं बनायेंगे......
गृह-प्रवेश करायेगा ब्राह्मण..............??
🔍🔎मूर्ति बनायेगा कलाकार..........
प्राण-प्रतिष्ठा करवायेगा ब्राह्मण............??
🔍🔎देवी या देवता का मंत्र......... संस्कृत में पढ़ेगा ब्राह्मण..........??
🔍🔎देवी-देवता क्या संस्कृत भाषा ही जानते हैं............??
🔍🔎क्या वे अंग्रेजी हिन्दी नहीं समझते, कोई एम.बी.बी. एस. करने के बाद ही डाॅक्टर कहलाता है
लेकिन ब्राह्मण का बच्चा जन्म लेते ही पंडित कहलाता है..........?? क्यों........??
🔍🔎जिला का मालिक डी.एम. राज्य का मालिक सी.एम., देश का मालिक पी.एम. लेकिन -
हिन्दू धर्म का मालिक ब्राह्मण...........?? क्यों........??
🔍🔎क्या शेष सभी 97% हिन्दू नालायक हैं.........??
मालिक होने लायक नहीं हैं.....??
🔍🔎क्या इस प्रकार हिन्दू धर्म एक जेल नहीं है......??
🔍🔎क्या ब्राह्मण जाति उस जेल का जेलर नहीं है और क्या सभी जातियां कैदी नहीं हैं.......
क््या रामचरित मानस, गीता, महाभारत, पुराण, मनुस्मृति जेल मैनुअल नहीं हैं............??
🔍🔎जिसमें केवल जाति के नाम पर ब्राह्मण को प्रतिष्ठा ही प्रतिष्ठा और सभी जातियों को कैदी की तरह अपमान ही अपमान लिखा है......!!
🔍🔎जेल में घुसते ही कैदी जेल के अधीन हो जाते हैं और हिन्दू जन्म लेते ही ब्राह्मण के अधीन हो जाते हैं........!!
🔍🔎जेल केवल कैदी को कन्ट्रोल करने के लिये है, पर सजा पूरी होने केबाद जेल से रिहाई हो जाती है लेकिन ब्राह्मण के इस जेल में हिन्दू जेल में ही पैदा होता है और जेल में ही मर जाता है........!!!!
।। जागो बहुजन जागो ।।
।। पाखंडवाद को त्यागो।।
।।फिजूल क्रियाकांड छोड दो।।
।। गुलामी की जंजीरे तोड दो।।
🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤🛤
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🇮🇳🇮🇳
• जय भारत •
जय भारतीय संविधान
ब्राहमणो की पुराणो की रची कहनी जैसी लग रही है. असल मे जहां जहां भी ब्राहमणो के मन्दिर मुसलमानों ने तोड़े या ध्वस्थ किये वहां वहां पर उन मन्दिरो में विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहामणो ने कुंआरी मूलनिवासी लड़कियो को व्यभिचार के लिए देवदासी बना कर रखा हुआ था और जाति प्रथा व छुवा छूत का बोल बाला था जिसकी सूचना मिलने पर मुसलमान शासको ने देवदासियो को मुक्त करने के लिए उन मन्दिरो पर हमला कर उन्हे तोडा और देवदासी बनायी लड़कियो को मुक्त करवाया. परन्तु लोगो को डर था कि ब्राहामण पन्डे पुजारी फिर से लोगो को बहका कर या जोर जब्बरदस्ती उनकी लड्कियो को यहाँ लाकर फिर से देवदासी बनाकर व्यभिचार शुरू कर देंगे तो क्या होगा??? तब शाशको ने उन जगहो पर मस्जिद व अन्य इस्लामी स्थल बनवाये ताकि ब्राहमणो के व्यभिचार व जाति प्रथा और छुवा छूत पर रोक लगायी जा सके और इस तरह से लोगो को राहत मिली. चालाक और धूर्त विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमण ये सच लोगो को नही बताते और मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाने का आरोप मुसलमानों पर लगा कर लोगो को गुमराह कर उनमे वैमन्स्य फ़ैलाते हैं.
इतिहास गवाह है कि मुसलमानों के शाशन काल मे विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमणो ने मुसलमानो का कभी कोई विरोध नही किया... क्यों??? (शायद मूलनिवासियो को दन्गे फ़साद हिन्दू बनाकर उनके वोटो की जरूरत तब नही थी परन्तु आज है) उल्टे मुसमानो के साथ राज काज भागेदारी निभाकर नवरत्नो मे शुमार हुये थे.
लोकतन्त्र व्यवस्था मे विदेशी यूरेशियन आर्य ब्राहमण अल्पसंख्यक (3.5%) है और सिर्फ़ अपने ही वोटो से MLA,MP तो क्या कही ग्राम प्रधान भी नही हो सकता इसलिए वो मुसलमानों के खिलाफ़ दुशप्रचार करके सांप्रदायिक दन्गे फ़सादो से मूलनिवासियो को हिंदू बनाकर उनके वोटो से भारत की राजसत्ता पर काबिज रहना चाहाता है.
मूलनिवासी अनार्य भारतियो को ब्राहमणो के दुशप्रचार व षड्यंत्रकारी नीतियो से सचेत रहने की जरूरत है...
जय भीम जय मूलनिवासी
देखें क्या सोच है bjp rss वाले का sc st के लोगों के लिए
राजस्थान में भाजपा कमेटी की मीटिंग के दौरान बीकानेर के अनुसूचित जाति अर्जुन राम मेघवाल की किसी राय पर अमित शाह का जबाब था।
तुम लोगो को रिजर्व सीटे जीतने के लिये पार्टी मे रखा जाता है सलाह देने के लिए नहीं, सलाह देने के लिए हमारे पास ढाई लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं आप चुप रहिये इतना सुनते ही अर्जुन राम मेघवाल पार्टी की मीटिंग छोडकर चले जाते हैं।
स्रोत इन्डिया टुडे
आप विचार करिए जब ये हालत है हमारे जन प्रतिनिधियों की तो हमारी आवाज पार्टी में ऊपर तक कैसे जायेगी।
चन्द्रकान्ता मेघवाल की पिटाई और अन्य के साथ दुर्व्यवहार कोई बडी बात नहीं है इतनी ही वैल्यू है हमारे नेताओ की समय समय पर इनको पीटकर इनकी औकात का एहसास दिला दिया जाता है।
अब सोचिये उनके कथनानुसार उनके पास ढाई लाख सक्रीय कार्यकर्ता हैं वे एकमत होकर बहुजन मूलनिवासियों के हक़ को छीनने के लिए षड्यंत्र और हिंदुत्व के नाम पर बेवकूफ बनाये रखने का काम करते हैं।
आज हमारा समाज अपनी अल्पबुद्धि का अहंकार छोड़ सामाजिक भलाई हेतु एकमत होकर काम करे तो सबका कल्याण हो सकता है।
वैसे तो लोग शान दिखाने के लिए बड़ी बड़ी बातें, बड़ा बड़ा खर्चा और समाज कल्याण हेतु नकली दिखावा कर रहे हैं लेकिन जो करना चाहिए उससे कोसों दूर हैं।
3% वाले 40% बेवकूफों का सहयोग लेकर आज पूरे देश पर राज्य कर रहे हैं। क्या उसमें आप भी शामिल हैं? अथवा आज कंप्यूटर और मोबाइल की दुनियाँ में अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं? और विरोधियों के चमचे बनकर अपनी झूँठी शान पर मर रहे हैं।
इसलिए आपके लिए चेतावनी है कि होश में आ जाओ अन्यथा पीढ़ियों तक इसी तरह से गुलाम बने रहोगे।
*आप इस देश के शासक थे और पुनः शासक बनने के लिए कार्य करना चाहिए तब बहुजन मूलनिवासियों का कल्याण हो सके
अंत में यही कहुगा कि अपने समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के लिए प्रण ले
ताकि हमारे समाज को पता चले कि उसके हक और अधिकारों का हनन कौन कौन रहा है
जागो और जगाओ समाज को शिक्षित करो संगठित करो
जय भीम जय भारत
लंका मे जब लक्ष्मण को शक्तिबाण लगा तब उनके प्राण बचाने के लिये सुषेन वैद्य के कहने पर हनुमान जी "संजीवनी बूटी" लेने #द्रोणागिरि पर्वत की ओर उड़े! लंका से द्रोणागिरि पर्वत की दूरी लगभग 3 हजार किमी० है!
हनुमान जी आधी रात को उड़े थे और रास्ते मे थोड़ा समय #कालनेमी ने बर्बाद किया, लौटते समय #भरत ने भी बाण मारकर कुछ समय नष्ट किया!
हनुमान जी ने आने--जाने मे 6 हजार किमी० की यात्रा की, अगर ऐसा माना जाये कि उन्हे छः घन्टे लगे तब भी औसत चाल हुयी एक हजार किमी० प्रति घंटा,
अब पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 13 करोड़ 80 लाख किमी० है, तो हनुमान को बचपन मे कितना दिन लगेगा सूर्य तक पहुँचने मे,और फिर वापस पृथ्वी पर आने मे।
तुलसीदास जी फेकने मे तो आप माहिर थे, अब जरा यह भी बताओ कि जो हनुमान जवानी मे हजार किमी० प्रति घंटा की चाल से उड़े, तो बचपन मे किस चाल से सूर्य की तरफ उड़े थे!
बाबा तुलसी का झूठ देखो कि लिखते है कि हनुमान सूर्य को निगलकर धरती पर वापस आकर बैठे थे और देवतागण विनती कर रहे थे कि सूर्य को बाहर निकालो! सूर्य, पृथ्वी से दर्जनो लाख गुना बड़ा है और उसे खाकर हनुमान जी पृथ्वी पर ही बैठे थे!
दूसरी बात कोई भी बन्दर अगर केला भी खाता है तो उसे चबाकर खाता है, और हनुमान सूर्य को बिना चबाये ही निगल गये फिर देवताओं के कहने पर उसी स्थिति मे बाहर भी निकाल दिया!
भला यह सम्भव है कि जो चीज मुँह से खायी जाये उसे मुँह से ही सही-सलामत वापस भी निकाल दिया जाये!
तुलसी बाबा झूठ की झड़ी!!!!
मनुवाद के झुठ ओर पाखंड जिन पर हम आँख बंद करके विशवास् कर लेते हैं।
आईये जानते है कुछ ऐसे ही झुठी कहानियों को।
1- जब हनुमान जी ने सूर्य को अपने मुह में दबा लिया था तब सिर्फ भारत में अंधेरा हुआ था या पूरे विश्व में।
2- कृष्ण जी की गेंद यमुना में कैसे डूब गई जबकि दुनिया की कोई गेंद पानी में नही डूब सकती।
3- कहा जाता है कि भारत में 33 करोड़ देवी देवता हैं जबकि उस समय भारत की कुल जनसंख्या भी 33 करोड़ नही थी।
4- भारत के अलावा और किसी देश में इन 33 करोड़ देवताओ में से सिर्फ भगवान बुद्ध के अलावा किसी देवताओ को नही पूजा जाता।
5- आरक्षण से पहले इनके बंदर भी उड़ते थे , ओर न जाने किस किस विधि से बच्चों का जन्म हो जाता था, परंतु जबसे आरक्षण लागू हुआ है इनके सारे आविष्कार बन्द हो गए।
6- जब एक व्यक्ति का खून दूसरे व्यक्ति को बिना ग्रुप मिलाये हुए नही दिया जा सकता क्योंकि अगर A positive वाले व्यक्ति को सिर्फ आ positive वाले व्यक्ति का खून दिया जा सकता है अगर दूसरा खून दिया गया तो उस व्यक्ति की मौत हो सकती है। फिर इंसान के शरीर पर हाथी की गर्दन कैसे फिट हो गयी।
7- 33 करोड़ देवी देवताओं के होते हुए भी भारत हजारों साल कैसे गुलाम हो गया।
8- कोई भी देवता किसी शुद्र के घर पर पैदा क्यों नही हुआ।
9- इतने सारे देवी देवताओं के होते हुए भी शुद्र का विकास क्यों नही हुआ। उनके साथ भेदभाव क्यो हुआ।
जागो और जगाओ साथियों
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