Wednesday 22 March 2017

बच्चों को समाज के खातिर मरने दिया

आज हमारा समाज वास्तविक को छोड़कर काल्पनिक किस्से कहानियों पर बिस्वास करते*

एक सच्ची घटना माता रमावाई तथा परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी का ⤵⤵⤵⤵⤵⤵⤵⤵⤵🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

 माता  रमाबाई और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने अपने ४ लहू के जिगर को बच्चों को समाज के खातिर मरने दिया !मगर समाज को जिन्दा रखा !

 जब माता  रमाबाई ने एक दिन बीमारी के कारन उपश्याम  गुरूजी को कहा की मैं बीमार हु मगर बाबासाहेब तो समाज के है मेरे लिए तो उनके पास समय कहा है ?

तब माता  रमाबाई रोने लगी।  उपश्याम गुरूजी ने कहा की वे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी को समझाएंगे।  जब उन्होंने कहा की आप समाज के लिए रात दिन समय देते है मगर बीमार रमाबाई के लिए समय नहीं देते है

 ऐसा जब डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने सुना तो वे ग़ुस्से से बोले की मुझपर सारे लोगो ने कहा होता तो मैं  उसकी परवाह नहीं करता मगर रमाबाई ने ऐसा नहीं कहना चाहिए था !

उसके लिए उसका भाई शंकर भाऊ है देखभाल के लिए , मेरे भाई का लड़का मुकुंद है और समय समय पर डॉक्टर और नर्सेस है।  मगर मेरे समाज के लिए मैं  अकेला ही देखभाल के लिए हु , रमाबाई जितनी बीमार है


उससे भी ज्यादा समाज बीमार है !यह बात सुनकर उपश्याम  गुरूजी को यह बात भी सही लगी।  वे जब माता  रमाबाई को यह सारा वाक़ियात बताया तब रमाबाई भी रोने लगी और कहा की जब से वे लन्दन से पढ़ाई करके लौटे है

तब से उनके ऊपर एक ही जूनून सवार है उनका काम हमारा जो समाज है वही  हमारे बच्चे है उनके आज़ादी के लिए ही वे रात दिन काम कर रहे है।  आइन्दा मैं  कितनी भी बीमार क्यों न रहु मुंह तक नहीं खोलूंगी !!!....

 जब माता  रमाबाई ने खाना पीना  छोड़ दिया डॉक्टर ने आशा छोड़ दिया।  एक दिन जब डॉ बाबासाहेब आंबेडकर कोर्ट से लौटे और उन्होंने देखा की रमाबाई ने इशारे से बाबासाहेब को अपने पास बुलाया और हाथ हाथो में लेकर कहा की देखो आप मुझे वचन दो को मेरे निधन के बाद आप हताश नहीं होंगे हमारे बच्चे तो जिन्दा नहीं रह सके समाज ही अपना बच्चा है

मुझे वचन दो की आप उन्हें ब्राम्हणी व्यवस्था से आज़ाद करेंगे ! ऐसा कहकर माता  रमाबाई ने आखरी साँस छोड़ी !!

आज वे बच्चे यानि समाज को उनका सपना पूरा करने के लिए सामने आना होगा !*


डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के वारिस समाज ही है , जो सिद्धांत को लेकर काम करेंगे वही  सच्चे वारिस है !!
मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़  रहा है की आज ही के दिन १ साल  पहले खून के वारिस कहनेवाले प्रकाश आंबेडकर ने  मेरे ऊपर जान लेवा हमला गुंडों के द्वारा कसारा  में दैनिक मूलनिवासी नायक के मेळावा और माता  रमाबाई आंबेडकर जी के स्मृति दिन के प्रोग्राम के अवसर पर करवाया था !!


मैंने तो समाज के लिए नौकरी न करने का शपत उस दिन लिया जब से फुले  शाहू आंबेडकर विचारधारा समज में आयी  !

मुझे गर्व है की मेरी जिंदगी फालतू नहीं जा रही है मैं  एक बहुत बड़े मिशन के काम आ रहा हु ! मुझे गर्व है की मैं  बामसेफ का फूल टाइमर  हु !!
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी की हत्या जिन ब्राम्हणो ने की उसका बदला  हम लेकर रहेंगे क्यों की मैं डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का बच्चा हु बाप के हत्या का बदला  लेकर रहूँगा !
आरएसएस बीजेपी और गांधीवादियों से सावधान !!


सच्चे अम्बेडकरवादी है तो विदेशी ब्राम्हणो को देशभर में एक्सपोज करना होगा मूलनिवासी बहुजनो को जगकर राष्ट्रव्यापी जनांदोलन में जोड़ना होगा !!जय भीम जय मूलनिवासी !!

जय भीम जय भारत दोस्तों

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जागो और जगाओ अंधविश्वास पाखंड मनुवाद ब्राह्मण वाद भगाओ समाज को जागरूक करो शिक्षित करो संगठित करो  

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