Friday, 3 March 2017

भगवान ने सब कुछ दिया

भगवान ने सब कुछ दिया

1,नशा करना भोलेनाथ ने सिखाया।
2,बेईमानी,छल,कपट को श्री कृष्ण ने सिखाया।
3,तलाक देकर नारी को बेघर करना श्री राम ने सिखाया।
4,झूठ बोलना नारदमुनि ने सिखाया।
5,भीख माँगना श्री साईनाथ ने सिखाया।
6,स्त्री को बुरी नजर से देखना श्री कृष्ण ने सिखाया।
7,जानवरो की हत्या करना श्री राम ने सिखाया।
8,नारी पर अत्याचार करना लक्ष्मण ने सिखाया।
9, जुऑ खेलना पांडवो ने सिखाया
10,नारी का सटा लगाना भी पांडवो ने सिखाया ।
11'बलात्कार करना इन्द्र ने सिखाया ।
अगर भगवान नही होता तो दुनिया में एक भी अपराध नही होते!
जनहित में जारी
"""""""""""""""""""""जय भीम""""""""""""""""""""""     

जातीय प्रतिदर्श का पैमाना तो देखिये..

🐚महात्मा गांधी देश के नेता
🐚पंडित नेहरू देश के नेता
🐚इंद्रा गांधी देश की नेता
🐚राजीव गांधी देश के नेता
🐚सोनिया गांधी देश की नेता
🐚राहुल गांधी देश का नेता
🐚प्रियंका गांधी देश की नेता
🐚अटल बिहारी देश के नेता
🐚प्रणब मुखर्जी देश का नेता
🐚लालकृष्ण आडवाणी देश का नेता
🐚नरेंद्र मोदी देश का नेता
🐚सरदार पटेल देश का नेता

दूसरी तरफ 

🎓 डॉ अम्बेडकर दलितों के नेता
🎓 ज्योतिबा फुले ओबीसी के नेता
🎓 चौधरी चरण सिंह जाटों के नेता
🎓 के. आर. नारायणन दलित राष्ट्रपति
🎓 कांशीराम साहब दलितों के नेता
🎓 मायावती दलितों की नेता
🎓 बाबू जगजीवन राम दलितों के नेता
🎓लालू, मुलायम यादव ,यादवों के नेता

मतलब सवर्ण हो तो देश का नेता
शूद्र हो तो जातीय समुदाय का नेता.

वाह रे जातिवादी सवर्णों और संघी यूरेशियन ब्राह्मणो, 
कहते हो जातिवाद की राजनीति नहीं करते और खुद सबसे बड़े जातिवादी हो.


 जय भीम जय भारत दोस्तों
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कहा गया कि मनुष्य को सोचने समझने की शक्ति ज्यादा होती है तो क्या आप किसी भी तरह की कार्य करने से पहले कभी गहराइयों से सोचें हैं
या फिर आप भी उसी तरह करते हैं कि ऐ सब सदियों से चले आ रहे हैं

तब आप गलत कर रहे हैं और अपने पुरखों के साथ धोखा कर रहे हैं और हमारे पूर्वजों के हत्यारे को सम्मानित कर रहे हैं जो हमारे लिए बहुत ही दुख की बात है

जानो  समझो फिर मानों

दोस्तों आप सोच सकते हैं कि किसी भी महिला को कितनी बड़ी गलती के कारण क्या उसे जिंदा जलाया जा सकता है? ❓


तथा क्या संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है❓


कबीर दास जी आज होते तो शूद्रों के लिए यही दोहे कहते:
•देवत पूजत जुग भया,रहे शूद्र के शूद्र।
प्रमोशन भी न मिला,गई तरक्की डूब।।
•लगी दुकानें धरम की, शूद्र करै जयकार।
बाम्भन बनिया हो रहे, दिनो-दिन मालामाल।।
•बाम्भन की गति जानिये, बाम्भन है शैतान।
कर्मकाण्ड करवाइ कै, बन बैठा भगवान।।
•बाम्भन घर-घर बैठता, जैसे करिया साँप।
झूम रहे है शूद्र जी,जैसे आ गये भोलेनाथ।।
•स्वर्ग नरक के भेद करि, शूद्रन को दिया डराय।
लीला कला सुनाय कै, मेवा मिश्री खाय।।
•जयकारा जय बोलि कै, शूद्रन खङे कतार।

जल्दी माल चढाई दे,नहि जइहै नरक के द्वार।। 

No comments:

Post a Comment