Tuesday 14 March 2017

आरएसएस की स्थापना

आरएसएस की स्थापना 
चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर
सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं.
क्या
आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ?
चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी
हैं.
18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा
निम्न
स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और
गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों
को
उपयोग नहीं करने देते थे.
दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम
समूहों
ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़
ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत
में
भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने
वाले
बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि
चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो
किसी
समय कोंकण के तट पर आए थे.
चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है.
इसी
समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट
रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति
शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी
विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर
दिया.
यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़ बनानी शुरू कर दी क्योंकि
वह
समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य
का
अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ
भट्ट के
परिवार के पास रहा.
एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर
यह
हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर
दिया
जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न
सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति
प्राप्त
थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप
से
ऊपर उठाने के इस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों
के
अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड
मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में
ऊपर उठने
का यह बेमिशाल उदाहरण है। (रिचर्ड मैक्‍सवेल ईटन। का एक सामाजिक इतिहास
डेक्कन, 1300-1761: आठ भारतीय जीवन, खंड 1. पी। 192)
चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं
मिलती
थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में
citapavani
कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में
शुमार
थी. आश्चर्यजनक रूप से चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का
कोई
प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को
मुख्यधारा में
स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन
ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है
कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआत की तो इंग्लिश
मीडियम
स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण
सबसे आगे
थे.
इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले इसरायली चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से
इज़राइली
यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम
का
संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद
को
पहुँचाया
recvd रूप Fwded  



 RSS की किताब बोल रही हैं,
RSS के किताब "बंच ऑफ थाट्स"में स्वयंसेवकों के लिए निम्न लिखित दिशा-निर्देश दिये हैं :-

(1) अशोक चक्र वाला तिरंगा नहीं बल्कि भगवा झंडा हमारा राष्ट्रध्वज है।

(2) जमींदारी प्रथा और राजाओं के राज्यों को खत्म घोषित करना भयंकर भूल थी।

(3) संसदीय जनतंत्र भारतीय जनमानस के लिए उचित नहीं है।

(4) समाजवाद एक विदेशी विचारधारा है ।

(5) भारत का संविधान जहरीला बीज है ।

(6) सभी विधानसभाएँ और राज्य सरकारें समाप्त घोषित कर दी जानी चाहिये ।

(7) भारत की सरकार एकतंत्री ( तानाशाही) होनी चाहिये ।

(8) जब तक ईसाई-मुस्लिम हिन्दुत्व स्वीकार नहीं करते तब तक उनके साथ दुश्मन की तरह बरताव किया जाना चाहिये ।

9. निजी स्कूलों में कम से कम SC ST OBC बच्चो को दाखिला देना।
10. सरकारी स्कूलों में कम से कम पढाई होना और बिना पढाई के बच्चो को पास करना ताकि वो नाकारा हो जाये और आगे competition fight ना कर पाए।
शिक्षा का भगवाकरण किया जाय।

11. SC ST OBC समाज के खूब पढ़े लिखे और कामयाब लडको से अपनी बेटियों की शादी करना ताकि दलित लड़के अपने समाज और माँ बाप से दूर रहे। अगर वो उनकी बात नहीं तो उन्हें झूठे दहेज़ के केस में फँसा दे।

12. SC ST OBC लडकियों को रेप करना और उन्हें मजबूर करना के वो पढ़ न सकेँ।

13. हिन्दुओ के हर छोटे से छोटे पर्व का खूब प्रसार प्रचार

14. SC ST OBC मोहल्लो बस्तियों में हिन्दू मंदिर बनाना

15. आरक्षण विरोधी प्रचार करना

16. SC ST OBC के मन में ये भावना पैदा करना के वो हिन्दू है l

17. SC ST बस्तियों मोहल्लो के आस पास दारु के ठेके खोलना ताकि वो ज्यादा से ज्यादा नशे की लत में पड़े रहे l

18. हर हिन्दू पर्व पर ज्यादा से ज्यादा सरकारी खर्च करवाया जाये रास्ते जाम कर दिए जाये।


19. गाँव और बस्तियों में पानी की pipe line के बजाये टैंकर से पानी भेजना ताकि ये आपस में खूब लड़े और सिर फोड़ा करें।


 *🚩RSS गद्दार व आतंकवादी संगठन है🚩*
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              * नस्लीय सीक्रेट सर्विस *
                          * (आरएसएस) *
        *प्रजातीय रहस्यमय क्रम-व्यवस्था*
🐍 RSS का असली नाम रेसियल सीक्रेट सर्विस है | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नहीं |
🐍 RSS की  स्थापना इजराइली यहुदी मूल के चितपावन ब्राह्मणों नी की है |
🐍 RSS में ज्यादातर सरसंघचालक चितपावन ब्राह्मण ही होते आए हैं | रिसर्च के अनुसार इन ब्राह्मणों का DNA 99.90% बेने इज़राइली यहूदियों से मिलता है |
🐍 RSS आज भी अमेरिका की आतंकवादी लीस्ट में शामिल है |
🐍 RSS ने अपने कार्यालय पर तिरंगा झंडा लहराना 52 वर्षो के बाद शुरु किया है, इसका असली नाम रेसियल सीक्रेट सर्विस था | 
🐍 RSS का आज़ादी के आंदोलन से कोई सरोकार नहीं है । 
🐍 RSS ने देश जब 15 अगस्त को आजाद हुआ तब इसने स्वाधीनता दिवस मनाने से इंकार किया था और 1947 से लेकर 2002 तक नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा कभी नहीं फहराया। 
🐍  RSS ने वर्ष 2002 के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद तिरंगा फहराया गया । 
🐍 RSS पर सरदार पटेल ने प्रतिबन्ध (बैन) इसीलिए लगाया था, क्योंकि बैन हटाने के लिए उसने जो हलफनामा दिया था उसमे निम्नलिखित मुख्य बातें थी :-- 
1) RSS भारत के संविधान को मानेगा, जिसको वो नहीं मानता था और आज भी नहीं मानता है | इसीलिए स्वयं सेवक गैर संवैधानिक बयान देते रहते हैं |
2) RSS संविधान में निहित राष्ट्रीय प्रतीकों का विरोध नहीं करेगा, जिसके वो हमेंशा खिलाफ रहा और आज भी है |
3) RSS कभी भी राजनीति में नहीं आएगा, परंतु आज वो सरकार में है । 
🐍 RSS कुल मिलाकर देशद्रोही संस्था है जो तब भी थी और आज भी देश का सामाजिक ताना बाना बिखेरना चाहती है। 
🐍 RSS वाला देशभक्ति की बात करे, तो उसे कहिए  *"केस नंबर 176, नागपुर, 2001"* वह शर्म से सिर झुका लेगा | हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो | सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है |
🐍 RSS के नागपुर हेडक्वार्टर में 26 जनवरी 2001 को तीन युवक पहुंचे, उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था | वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते थे | वहां मौजूद RSS के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया | उनकी सरकार थी, पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया | आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया | सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए | 
🐍 RSS इस घटना की शर्म की वजह से अब कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है 
🐍 RSS विश्व का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है, यह हम OBC, SC, ST, MINORITY तथा अन्य गैर मनुवादी भारतीय भाई -बहनों को आर्थिक + सामाजिक +मानसिक और यहाँ तक की शारीरिक तौर से गुलाम बनाना चाहता है !
🐍 RSS का मकसद भगवान बुद्ध, सम्राट अशोक, ज्योतिबा फूले, पेरियार ई. वी. रामासामी नायकर, ललई सिंह यादव, संत कबीरसाहेब,  गुरुनानक, गुरुरविदास, छत्रपति शिवाजी, नारायण गुरु, सावित्री बाई फुले, शाहूजी महाराज, डॉ बाबा साहेब आंबेडकर तथा अन्य बहुजन महापुरुषों के संघर्षो को नेस्तनाबूत करना है । 
🐍 RSS संगठन भारत के संविधान को बदल कर अपनी मनुस्मृति की विचारधारा हम भारतीयों पर लागू करके सिर्फ और सिर्फ अपना मनुवादी राज्य निर्मित करना चाहता है | 
        👇 *ए भारत देश के बहुजनो* 👇
     *12% से भी कम ये यूरेशियन विदेशी आर्य लोग 88% से भी ज्यादा हम भारत के मूल निवासीयों पर राज कर रहे हैं, और हमारे धन धरती पर कब्जा जमाये हुए हैं | प्राचीन वैदिक काल के ये गोमांसाहारी आज गोभक्त बन गये, और वोल्गा नदी वाले, अब हमारी गंगा को माँ कहने लगे | पेरियार ई. वी. रामासामी नायकर ने ठीक कहा था, सांप और ब्राह्मण मिल जाए तो सांप को छोड़दो, पहले ब्राह्मण को मारो |*
     *ये विदेशी तुम्हें हमेशा हमेशा के लिए सुलादे इस से पहले बहुजनो तुम जाग जाओ*
     🇮🇳 आओ हम 88% इस महान भारत देश के मूलनिवासी भाइयों बहनो हम सब एक साथ मिलकर इस विश्व के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन "RSS" को पूरी तरह जड़ से उखाड़ फेंके और अपने इस महान भारतवर्ष की रक्षा करें । 
       🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
                    *बोल अट्ठासी*
                  *जय मूलनिवासी*

  🙏🏻🙏🏻☸ जय 💚 भारत ☸🙏🏻🙏🏻


 https://youtu.be/vjzdq25czYg
http://www.dainikbharat.org/2017/07/blog-post_52.html?m=1

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