Tuesday 14 March 2017

मुस्लिमों से ब्राह्मण की दुश्मनी क्यों ?

 भारत के मुस्लिमों से
ब्राह्मण की दुश्मनी क्यों ?

(1) - क्योंकि, पांचवी सदी में आखरी बौद्ध राजा बृहदत्त की हत्याकर ब्राम्हण सेनापति पुष्यमित्र शृंग ने मगध की गादी हथिया ली और ब्राम्हणराज और दंडविधान की घोषणा कर दी.....
इसके तहत बहुजनो,
करागीरों, श्रमकारी वर्ग को
शुद्र और अतिशूद्र" वर्ण में डाल दिया गया और धर्म आज्ञा से उन्हें सभी अधिकारों से वंचित कर दिया गया....

300 साल, यानी 7 वी सदी तक बहुजन समाज के लिए शिक्षा के दरवाजे ब्राम्हणवाद ने बंद कर दिए थे.....
इसी समय अरबस्तान से क्रांति की समतावादी व्यवस्था का विचार लिए इस्लाम के व्यापारी और सूफी संत भारत में आए और उन्होंने इस्लाम की समतावादी विचारधारा को भारत के बहुजनों में रखना और व्यवहार करना शुरू किया....
जिसमे हजरत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ति ,और हजरत नीजामुद्दीन संघर्ष बहुत अहम था ,!

जिसमे सबसे प्रमुख शिक्षा ही थी! क्योंकि कुरआन को पढ़ना अनिवार्य था और उसके लिए शिक्षा अनिवार्य!!
        इसतरह ब्राम्हणवाद ने जिन बहुजनों को शिक्षा क़े लिए मनाही की थी, उनके लिए शिक्षा के द्वार 7 वी सदी में ही इस्लाम ने खोले!!
7 वी सदी के इस्लामिक मदरसे और मकतब केवल कुरआन ही नहीं, गणित, भूगोल, यूनानी जानकारी, रसायनशास्त्र, व्यापारशास्त्र....
आदि की जानकारी देनेवाले स्तोत्र थे! इसीलिए, ब्राम्हणवाद की विषमता की मार झेल रहें बहुजन जाती-जंनजातियो ने इस्लाम स्वीकार कर वे मुसलमान बने और ब्राम्हणवाद की संस्कृति से मुक्त हो गए...!!
यही ब्राम्हणवाद की भारत को 99%  मूल भारतीय मुस्लिमों से दुश्मनी का कारण है.....
मजे की बात ये है की, तत्कालीन राज्य व्यवस्था को भी ब्राम्हणवाद की इस बंदी की मार झेलनी पड रही थी! इसलिए 7 वि सदी में राजा हर्षवर्धन ( अमोघवर्ष) ने अपने राज्य में मुस्लिम बननेवाले कारगिर, मल्लाह, बहुजनों को पूरी राजकीय सुरक्षा प्रदान की थी!
इसके लिए एक राज्य की और से विभाग ही खोला था, जिसका नाम "हुनरमंद विभाग" था और अबुसाद ये पहला इस विभाग का प्रमुख था...
अमोघवर्ष ने मस्जिदें, मदरसो और मकतब, खांनख्वाहो को पूरी सुरक्षा और आर्थिक मदद प्रदान की थी.....
डॉ. भगवती शरण अपनी बेहतरीन किताब "भारतीय संस्कृति के स्त्रोत" में लिखते है,
 इस्लाम के विचारकों ने ऐसा विचार और ऐसा व्यवहार जनमानस के सामने रखा, जिसकी कल्पना भी ब्राम्हणोंने कभी नहीं की थी और ना ही वो वैसा व्यवहार कर सकते थे.....

,,!!!जागो और जगाओ ,!!!!

No comments:

Post a Comment