Tuesday, 14 March 2017

सामाजिक गद्दारो की वजह से

भाइयो, 
आजकल के विपरीत माहौल में भी हमारा समाज राजनितिक शक्ति नही बना पाया उन सामाजिक गद्दारो की वजह से जो
1-  लाखो की संख्या में बाबा साहब के नाम से संगठन चलाते है और उनके घरों में पाखण्ड धूमधाम से मनाए जाते है
2- उन ऊँची पोस्टों पर बैठे दलित समाज के अधिकारियो की समाज के प्रति निष्क्रियता के कारण जबकि ये पड़ और अधिकार समाज और बाबा साहब के त्याग से मिला है और ये अधिकारी अपना भविष्य मंदिरी,मठो और सत्संगों में ढूंढते रहते है
3-सारे दलित नेताओ केवल एक मकसद कि किसी तरह बहन जी का कद छोटा हो चाहे इसके लिये उनको कितनी ही बड़ी गद्दारी क्यों न करनी पड़ जाये इस काम सबसे ज्यादा रोल वामन मेश्राम का रहा जिसका इस चुनांव में बीजेपी की जीत और बसपा की हार के बाद बीजेपी मेश्राम को राष्ट्रपति निर्विरोध बनवा देगी
4-दलित समाज में अनेको जातिये आती है लेकिन मनुवादी उनको ही सबसे बड़ा दुश्मन मानते है जो बाबा साहब की बढ़ाते हुये अपनी राजनितिक शक्ति बनने की इच्छा रखते है जैसे जाटव आदि बाकि दलित समाज की जातियां तो इनके तलवे चाटती रहती है
5- लगता है इसी तरह से हमारा धम्म खतरे में पड़ा होगा हमारे बीच के गद्दारो की वजह से
      आज के चुनाव नतीजों की हार हमारे समाज के कुछ लोग मशीनों में गड़बड़ी होना बताएंगे जोकि उचित नही है जबकि हमारी हार का मुख्य कारण अनेको व्हाट्सप ग्रुपो में वेकार की फालतू और बड़ी बड़ी बातें करते रहना और हमारे पढ़े लिखे लोगो इतना अत्याचार और भेदभाव झेलने के बाद भी मंदिर,मठो और  सत्संगों में ही अपने अमूल्य समय को बर्बाद करते रहना है हमारी आवाज संसद में रही नही और जो उम्मीद थी विधानसभा में वो भी खत्म हो गयी अब हमारे समाज का क्या भविष्य हो इसकी कल्पना भी करना मुश्किल है क्योकि आरक्षण और प्रमोशन देने के लिये बहन जी या बसपा और सत्ता चाहिये हिन्दू के नाते मनुवादियो की
      इस बीजेपी की जीत और बसपा की हार का श्रेय उन दलित समाज के गद्दारो को जाता है जो बीजेपी के जीतने से अब हिन्दू हो गये
   भाइयो, आज के बाद मैं सभी व्हाट्सप के ग्रुपो से अलग हो रहा हूँ कुछ जागरूक लोगो से संपर्क में रहूगा और फेसबुक आदि भी आज से बंद, जय भीम-जय कांशीराम  

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