जय भीम जय भारत दोस्तों
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🐄गाय एक जानवर है उसको हरामखोरों ने माता बना दिया।माता भी बना लिया और ,दूध देना बन्द कर दे तो घर से निकाल भी देते है।सड़को पर प्लास्टिक खाने को छोड़ देते है।
🌬चेचक बीमारी का नाम था उसको भी हरामखोरों ने माता बना दिया।चेचक माता को तो गोली खिला खिला कर WHO ने भारत से भगा ही दिया।बेचारी चेचक माता।
🌞छठ पर्व का नाम था उसको भी छठ माता बना दिया हराम खोरों ने(यह माता बनाने का मनुवादियों का ताजा रिसर्च था)।अभी नए नए माताओ का रिसर्च जारी भी है।आगे देखिये कौन कौन सी माताएं आती है,चेचक माता,दीपावली माता,होली माता,हैजा माता,दस्त माता वगैरा वगैरा।
🇮🇳भारत अपने देश का नाम है ।भारत पुरुष वाचक शब्द है।पुरुष अपना नाम भारत रखते है।अगर हरामखोर दोगले मनुवादियों के अनुशार यह नाम भरत के नाम पर पड़ा है तो वह भी पुरुष ही था।अपने देश में जिस बच्चे के पिता का नाम भारत है वो "भारत माता की जय "कैसे बोल सकता है?
वैसे तो मनुवादी इस देश को हिंदुस्तान ,हिंदुस्तान चिल्लाते है।और जब माता बनाना होता है तो देश का नाम भारत हो जाता है।क्या नौटंकी है?
देश को भी हरामखोरों ने माता बना दिया।भारत माता का फोटो भी बना दिया जिसका शक्ल भारत के बहुसंख्यक मूलनिवासी असली मेहनती महिलाओं से मैच ही नही करता है।भारत माता का फोटो विदेश से आयी एयरकंडीशन में बैठी चन्द विदेशियों से ही मैच करता है।उसके हाथ में तिरंगा झंडा भी नही होता।उसको RSS का भगवा झंडा पकड़ा दिया।
और जो भारत की असली माताएं है वो अधिकतर कुपोषित, शोषित,लाचार,पुरुषों की दासी है।
इन असली भारत माताओं को कभी डायन कह के निर्वस्त्र किया अपमानित किया,मार दिया।
जबरन वेश्या (देवदासी) बना दिया।
जबरन आग में झोंक के सती बना दिया।
विधवा होने पर बाल मुड़वा दिया,हीन,अशुभ,अपमानित,दोयम,कुरूप, बना दिया।
मोबाईल नही रख सकती,जीन्स नही पहन सकती,पुरुषों के सामने बैठ नही सकती,बोल नही सकती,हंस नही सकती,चिल्ला नही सकती,निर्णय नही ले सकती,पंचायत में पंच नही बन सकती,पंचायत में बराबर से बैठ नही सकती,बराबर से बोल नही सकती,दिन ढलने के बाद बाहर नही रह सकती,घूमने, मूवी देखने ,पढ़ने नही जा सकती,अपने पसन्द से शादी नही कर सकती।यह है भारत माताओं की असली स्थिति।
दोगले,हरामखोर,मनुवादीयों तुम किस घटिया किताब से सीखते हो इतनी नीचता?
फोटो वाली भारत की रक्षा करने का नौटंकी करने वाले मनुवादी,असली भारत माता की रक्षा के लिए कितने आंदोलन चलाये हो अबतक??
जय भीम जय भारत दोस्तों
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जानो समझो फिर मानों
जागो और जगाओ अंधविश्वास पाखंड मनुवाद ब्राह्मण वाद भगाओ समाज को जागरूक करो शिक्षित करो संगठित करो
डिअर गाय्ज़…. मने मेरे प्यारे पुत्रों,
मैं आप सब के नाम एक खुला खत लिख रही हूँ। चौंक गए? चौंकने की कोई जरूरत नहीं है। आज जब मैं राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र-बिंदु बन चुकी हूँ तो सोचा वो वक़्त आन पहुंचा है जब मैं भी अपने मन की बात कर लूँ।
आप सब को तो पता ही है कि मैं घास-भूसा खाती रही हूँ, गोबर करती हूँ, उस गोबर से उपले थापे जाते हैं, उपलों से किसी गरीब का चूल्हा जलता है, उसपे दो वक़्त की रोटी बनती है और उनका पेट भरता है। पर आप सब ये जानकर फूले नहीं समायेंगे कि आजकल मैं भ्रष्टाचार, बलात्कार, सुखाड़, कमरतोड़ महंगाई, रुपये में गिरावट, किसानों की आत्महत्या जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे खाती हूँ। और तो और गोबर करने के लिए मैंने कुछ बुद्धि के विंध्याचल चिन्हित कर रखे हैं। वे अपने श्रीमुख से लगभग नित्य प्रति नियम से गोबर करते हैं, और फिर उस गोबर को लोगों के दिमाग में ठूंसा जाता है। उससे राजनीतिक कुनबे का चूल्हा जलता है, उसपे राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं और उससे उनका वोट वाला बैंक भरता है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मेरी पूँछ में इतनी शक्ति है कि कोई पार्टी अथवा नेता उसे पकड़ ले तो मैं उसकी चुनावी वैतरणी भी पार लगाने का माद्दा रखती हूँ। गौमूत्र तो अब इतना पवित्र हो गया है कि फिनाइल की जगह इसे छिड़का जा रहा है। वो दिन दूर नहीं जब गंगा में भी चंद बूँद गौमूत्र डालने से ही इसकी सफाई हो जायेगी। स्विस बैंकों में पड़े काला धन पर गौमूत्र छिड़क देने से ही ये सफेद हो जाएगा और काला धन धारकों को दो घूँट गौमूत्र पिला देने से उनका हृदय-परिवर्तन हो जाएगा। वो घड़ी लगभग आ ही गयी है जब नासा वाले मंगल समेत तमाम ग्रहों पर पानी और जीवन की जगह गौ और गौमूत्र तलाशना आरंभ करेंगे।
ये लिखते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 2013 के मुज्जफरनगर महामहोत्सव में शरीक ‘संगीत’कार साहब जैसे लोग मीट प्रोसेसिंग कंपनी के डायरेक्टर होते हुए भी गोरक्षा आंदोलन की मुखर आवाज बनते हैं। आखिर बंदा जिसकी कमाई खाता है उसके गुण गाता तो है! आजकल बीफ कंपनियों के करोड़ों रुपये के चंदे से पार्टी चलाने वाले लोग गौ रक्षा के लिए प्रतिपल समर्पित रहते हैं। ये बात जानकर मेरा तो इंसानियत पे भरोसा ही दुगुना हो गया। ये मेरे लिए गौरव का विषय ही है कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के लोग अब रामलला को रिमेम्बर करने की बजाय गौमाता का गरिमा-गायन कर रहे हैं।
मेरे लिए इससे ज्यादा संतोष की बात क्या हो सकती है कि मेरे मातृभक्त सपूत गौ-हत्या की अफवाह तक पर इंसान की जान लेने को उतारू हों। मुझे फक्र है कि कल तक लोग मेरे नाम पर सिर्फ चारा खाते आये थे, किन्तु अब मेरे नाम पे भाईचारा भी खा रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो मेरे ‘अच्छे दिन’ चल रहे हैं। यूपी से यूएन और ऊना से हरियाणा तक हर ओर बस मेरे नाम का ही शोर है।
आपको बताऊँ कि समय के साथ हमारी बिरादरी भी मॉडर्न हो गयी है। भरोसा न हो तो जरा नज़रें घुमाकर देखो कि कैसे गौशालों से उठकर ट्रैफिक सिग्नलों और चारागाहों से ऊबकर म्युनिसिपेलिटी के कचरा घरों के पास अब यह चौपाया जानवर पाया जाता है। इसलिए वक़्त आ गया है कि आपलोग मेरी चिंता करने की बजाय रोजगार के अन्य अवसर तलाशें। मेरी आप सब से प्रार्थना है कि वैदिक काल के मकड़जाल में फंसकर धर्मधुरंधर शाकाल न बनें। जब मैं अपने गोबर से परमाणु बम तक को बेअसर करने की क्षमता रखती हूँ, तो फिर मेरी रक्षा के लिए आपलोग क्यों अपनी सींग घुसेड़ते रहते हो ? अरे जब मंगोल,अफगान, तुर्क, तातार, तुग़लक़, ग़ुलाम, लोदी, मुग़ल,अंग्रेज़ इत्यादि का सदियों लंबा अत्याचार मेरा वजूद नहीं मिटा पाया, तो ये सिकुलर सरकार पिंक रेवोल्यूशन को पीक पर पहुंचाकर या बीफ खाने वाले को मंत्री बनाकर मेरी बिरादरी का क्या बिगाड़ लेगी ?
मैं आप सब को भरोसा दिलाना चाहती हूँ कि उन मुट्ठी भर चिरकुटों की बीफ पार्टी वगैरह करने से मेरा नामोनिशान नहीं मिटने वाला। आप लोग निश्चिन्त रहें, मेरे अस्तित्व पे कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है। अतः मेरी रक्षा के लिए फोटोशॉप-विद्या तथा अफवाह-उद्योग का उपयोग न करने की कृपा करें। ऐसा नहीं है कि आप सब ये करते हैं तो मुझे अच्छा नहीं लगता है। बस आपकी परवाह करती हूँ। आखिर माँ हूँ न। ये नाशपीटे निकम्मे ठुल्ले खामखा मेरे प्राणों से प्रिय बेटे-बेटियों पर फर्जी एफआईआर ठोक देते हैं। फिर फ़ालतू का गोइंग टू जेल एंड चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड ऑल ! अभी गुजरात में देखा न… गौरक्षा वालों ने दलितों की पीठ पर जरा बैटिंग प्रैक्टिस क्या की पूरी की पूरी क्रिकेट टीम को उठाकर जेल में डाल दिया।
आपकी इतनी ही श्रद्धा है तो #SelfieWithDaughter की तर्ज पर#SelfieWithMotherCow जैसे पॉजिटिव कैंपेन चलायें। वो क्या है न मुझे भी नेगेटिविटी से थोड़ी एलर्जी सी हो गयी है। वैसे भी जब इस तरह के अभियान से बेटी बचायी जा सकती है तो मैं क्यों नहीं ? इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि अब से हर इतवार अपनी-अपनी गाय माता के साथ सेल्फी खींचिए और बेझिझक ट्वीटीए। घर में गाय की जगह कुत्ता पालते हों तो फोटोशॉप विद्या इस्तेमाल में लाएं और उसी को गाय बनायें। बाकी मैंने तो मेरी तरह “मैं-मैं” करने वाला ब्रांड एम्बेस्डर बना ही रखा है।
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🐄गाय एक जानवर है उसको हरामखोरों ने माता बना दिया।माता भी बना लिया और ,दूध देना बन्द कर दे तो घर से निकाल भी देते है।सड़को पर प्लास्टिक खाने को छोड़ देते है।
🌬चेचक बीमारी का नाम था उसको भी हरामखोरों ने माता बना दिया।चेचक माता को तो गोली खिला खिला कर WHO ने भारत से भगा ही दिया।बेचारी चेचक माता।
🌞छठ पर्व का नाम था उसको भी छठ माता बना दिया हराम खोरों ने(यह माता बनाने का मनुवादियों का ताजा रिसर्च था)।अभी नए नए माताओ का रिसर्च जारी भी है।आगे देखिये कौन कौन सी माताएं आती है,चेचक माता,दीपावली माता,होली माता,हैजा माता,दस्त माता वगैरा वगैरा।
🇮🇳भारत अपने देश का नाम है ।भारत पुरुष वाचक शब्द है।पुरुष अपना नाम भारत रखते है।अगर हरामखोर दोगले मनुवादियों के अनुशार यह नाम भरत के नाम पर पड़ा है तो वह भी पुरुष ही था।अपने देश में जिस बच्चे के पिता का नाम भारत है वो "भारत माता की जय "कैसे बोल सकता है?
वैसे तो मनुवादी इस देश को हिंदुस्तान ,हिंदुस्तान चिल्लाते है।और जब माता बनाना होता है तो देश का नाम भारत हो जाता है।क्या नौटंकी है?
देश को भी हरामखोरों ने माता बना दिया।भारत माता का फोटो भी बना दिया जिसका शक्ल भारत के बहुसंख्यक मूलनिवासी असली मेहनती महिलाओं से मैच ही नही करता है।भारत माता का फोटो विदेश से आयी एयरकंडीशन में बैठी चन्द विदेशियों से ही मैच करता है।उसके हाथ में तिरंगा झंडा भी नही होता।उसको RSS का भगवा झंडा पकड़ा दिया।
और जो भारत की असली माताएं है वो अधिकतर कुपोषित, शोषित,लाचार,पुरुषों की दासी है।
इन असली भारत माताओं को कभी डायन कह के निर्वस्त्र किया अपमानित किया,मार दिया।
जबरन वेश्या (देवदासी) बना दिया।
जबरन आग में झोंक के सती बना दिया।
विधवा होने पर बाल मुड़वा दिया,हीन,अशुभ,अपमानित,दोयम,कुरूप, बना दिया।
मोबाईल नही रख सकती,जीन्स नही पहन सकती,पुरुषों के सामने बैठ नही सकती,बोल नही सकती,हंस नही सकती,चिल्ला नही सकती,निर्णय नही ले सकती,पंचायत में पंच नही बन सकती,पंचायत में बराबर से बैठ नही सकती,बराबर से बोल नही सकती,दिन ढलने के बाद बाहर नही रह सकती,घूमने, मूवी देखने ,पढ़ने नही जा सकती,अपने पसन्द से शादी नही कर सकती।यह है भारत माताओं की असली स्थिति।
दोगले,हरामखोर,मनुवादीयों तुम किस घटिया किताब से सीखते हो इतनी नीचता?
फोटो वाली भारत की रक्षा करने का नौटंकी करने वाले मनुवादी,असली भारत माता की रक्षा के लिए कितने आंदोलन चलाये हो अबतक??
जय भीम जय भारत दोस्तों
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जानो समझो फिर मानों
जागो और जगाओ अंधविश्वास पाखंड मनुवाद ब्राह्मण वाद भगाओ समाज को जागरूक करो शिक्षित करो संगठित करो
डिअर गाय्ज़…. मने मेरे प्यारे पुत्रों,
मैं आप सब के नाम एक खुला खत लिख रही हूँ। चौंक गए? चौंकने की कोई जरूरत नहीं है। आज जब मैं राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र-बिंदु बन चुकी हूँ तो सोचा वो वक़्त आन पहुंचा है जब मैं भी अपने मन की बात कर लूँ।
आप सब को तो पता ही है कि मैं घास-भूसा खाती रही हूँ, गोबर करती हूँ, उस गोबर से उपले थापे जाते हैं, उपलों से किसी गरीब का चूल्हा जलता है, उसपे दो वक़्त की रोटी बनती है और उनका पेट भरता है। पर आप सब ये जानकर फूले नहीं समायेंगे कि आजकल मैं भ्रष्टाचार, बलात्कार, सुखाड़, कमरतोड़ महंगाई, रुपये में गिरावट, किसानों की आत्महत्या जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे खाती हूँ। और तो और गोबर करने के लिए मैंने कुछ बुद्धि के विंध्याचल चिन्हित कर रखे हैं। वे अपने श्रीमुख से लगभग नित्य प्रति नियम से गोबर करते हैं, और फिर उस गोबर को लोगों के दिमाग में ठूंसा जाता है। उससे राजनीतिक कुनबे का चूल्हा जलता है, उसपे राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं और उससे उनका वोट वाला बैंक भरता है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मेरी पूँछ में इतनी शक्ति है कि कोई पार्टी अथवा नेता उसे पकड़ ले तो मैं उसकी चुनावी वैतरणी भी पार लगाने का माद्दा रखती हूँ। गौमूत्र तो अब इतना पवित्र हो गया है कि फिनाइल की जगह इसे छिड़का जा रहा है। वो दिन दूर नहीं जब गंगा में भी चंद बूँद गौमूत्र डालने से ही इसकी सफाई हो जायेगी। स्विस बैंकों में पड़े काला धन पर गौमूत्र छिड़क देने से ही ये सफेद हो जाएगा और काला धन धारकों को दो घूँट गौमूत्र पिला देने से उनका हृदय-परिवर्तन हो जाएगा। वो घड़ी लगभग आ ही गयी है जब नासा वाले मंगल समेत तमाम ग्रहों पर पानी और जीवन की जगह गौ और गौमूत्र तलाशना आरंभ करेंगे।
ये लिखते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 2013 के मुज्जफरनगर महामहोत्सव में शरीक ‘संगीत’कार साहब जैसे लोग मीट प्रोसेसिंग कंपनी के डायरेक्टर होते हुए भी गोरक्षा आंदोलन की मुखर आवाज बनते हैं। आखिर बंदा जिसकी कमाई खाता है उसके गुण गाता तो है! आजकल बीफ कंपनियों के करोड़ों रुपये के चंदे से पार्टी चलाने वाले लोग गौ रक्षा के लिए प्रतिपल समर्पित रहते हैं। ये बात जानकर मेरा तो इंसानियत पे भरोसा ही दुगुना हो गया। ये मेरे लिए गौरव का विषय ही है कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के लोग अब रामलला को रिमेम्बर करने की बजाय गौमाता का गरिमा-गायन कर रहे हैं।
मेरे लिए इससे ज्यादा संतोष की बात क्या हो सकती है कि मेरे मातृभक्त सपूत गौ-हत्या की अफवाह तक पर इंसान की जान लेने को उतारू हों। मुझे फक्र है कि कल तक लोग मेरे नाम पर सिर्फ चारा खाते आये थे, किन्तु अब मेरे नाम पे भाईचारा भी खा रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो मेरे ‘अच्छे दिन’ चल रहे हैं। यूपी से यूएन और ऊना से हरियाणा तक हर ओर बस मेरे नाम का ही शोर है।
आपको बताऊँ कि समय के साथ हमारी बिरादरी भी मॉडर्न हो गयी है। भरोसा न हो तो जरा नज़रें घुमाकर देखो कि कैसे गौशालों से उठकर ट्रैफिक सिग्नलों और चारागाहों से ऊबकर म्युनिसिपेलिटी के कचरा घरों के पास अब यह चौपाया जानवर पाया जाता है। इसलिए वक़्त आ गया है कि आपलोग मेरी चिंता करने की बजाय रोजगार के अन्य अवसर तलाशें। मेरी आप सब से प्रार्थना है कि वैदिक काल के मकड़जाल में फंसकर धर्मधुरंधर शाकाल न बनें। जब मैं अपने गोबर से परमाणु बम तक को बेअसर करने की क्षमता रखती हूँ, तो फिर मेरी रक्षा के लिए आपलोग क्यों अपनी सींग घुसेड़ते रहते हो ? अरे जब मंगोल,अफगान, तुर्क, तातार, तुग़लक़, ग़ुलाम, लोदी, मुग़ल,अंग्रेज़ इत्यादि का सदियों लंबा अत्याचार मेरा वजूद नहीं मिटा पाया, तो ये सिकुलर सरकार पिंक रेवोल्यूशन को पीक पर पहुंचाकर या बीफ खाने वाले को मंत्री बनाकर मेरी बिरादरी का क्या बिगाड़ लेगी ?
मैं आप सब को भरोसा दिलाना चाहती हूँ कि उन मुट्ठी भर चिरकुटों की बीफ पार्टी वगैरह करने से मेरा नामोनिशान नहीं मिटने वाला। आप लोग निश्चिन्त रहें, मेरे अस्तित्व पे कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है। अतः मेरी रक्षा के लिए फोटोशॉप-विद्या तथा अफवाह-उद्योग का उपयोग न करने की कृपा करें। ऐसा नहीं है कि आप सब ये करते हैं तो मुझे अच्छा नहीं लगता है। बस आपकी परवाह करती हूँ। आखिर माँ हूँ न। ये नाशपीटे निकम्मे ठुल्ले खामखा मेरे प्राणों से प्रिय बेटे-बेटियों पर फर्जी एफआईआर ठोक देते हैं। फिर फ़ालतू का गोइंग टू जेल एंड चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड ऑल ! अभी गुजरात में देखा न… गौरक्षा वालों ने दलितों की पीठ पर जरा बैटिंग प्रैक्टिस क्या की पूरी की पूरी क्रिकेट टीम को उठाकर जेल में डाल दिया।
आपकी इतनी ही श्रद्धा है तो #SelfieWithDaughter की तर्ज पर#SelfieWithMotherCow जैसे पॉजिटिव कैंपेन चलायें। वो क्या है न मुझे भी नेगेटिविटी से थोड़ी एलर्जी सी हो गयी है। वैसे भी जब इस तरह के अभियान से बेटी बचायी जा सकती है तो मैं क्यों नहीं ? इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि अब से हर इतवार अपनी-अपनी गाय माता के साथ सेल्फी खींचिए और बेझिझक ट्वीटीए। घर में गाय की जगह कुत्ता पालते हों तो फोटोशॉप विद्या इस्तेमाल में लाएं और उसी को गाय बनायें। बाकी मैंने तो मेरी तरह “मैं-मैं” करने वाला ब्रांड एम्बेस्डर बना ही रखा है।
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