Friday, 25 August 2017

U.P.सरकार ने फरमान

*U.P.सरकार ने फरमान जारी किया है कि 50 साल से ज्यादा के कर्मचारियों को कार्य कुशलता की समीक्षा के आधार पर जबरन रिटायर किया जाएगा। इसलिए आओ सब भारत वासी आज प्रण करें कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक ऐसे किसी नेता को वोट देकर नहीं चुनेंगे, जो 50 वर्ष से अधिक हो! ताकि देश की कार्य कुशलता प्रभावित न हो और मेरा भारत और महान बन सके और निम्नलिखित अनुसार यह कानून अनिवार्य रूप से सभी पर लागू हों 🙏👇*

*1-* नेताओं को भी पचास साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाय ?
*2-* क्यों नहीं नेताओं को भी पुरानी पेंशन से वंचित किया जाय ?
*3-* क्यों नहीं नेताओं को विधानसभा सदस्य बनने के लिए स्नातक व लोकसभा सदस्य बनने के लिए परास्नातक होना अनिवार्य किया जाय ?
*4-* क्यों नहीं कानून मंत्री बनने के लिए LAW की डिग्री अनिवार्य हो, स्वास्थ्य मंत्री बनने के लिये MBBS की डिग्री अनिवार्य हो, समाज कल्याण के लिए समाजशास्त्र की डिग्री अनिवार्य हो, मानव संसाधन के लिए M.Ed. की डिग्री अनिवार्य हो, वित्त मंत्री को अर्थशास्त्री होना अनिवार्य हो इसी प्रकार सभी मंत्रीयों की योग्यता का मानक निर्धारित किया जाय ।
*5-* क्यों नहीं फ्री का डीजल, पेट्रोल, फोन की सुविधा, हवाई सुविधा, रेल सुविधा सहित तमाम सुविधाओं में जिसमें प्रतिवर्ष अरबों रूपये खर्च होता हैं उसमें कटौती की जाय ।
*6-* क्यों नहीं सभी नेताओं के खाते सार्वजनिक किये जाय ।
*7-* क्यों नहीं नेताओं की पुरानी पेंशन,मोटी तनख्वाह,सब्सिडी द्वारा भोजन बंद किया जाय जिसपर सरकार प्रतिवर्ष अरबों रूपये पानी की तरह खर्च करती हैं ।
*8-* क्यों नहीं नेताओं के पद से हटने के बाद फ्री मेडिकल सुविधा बंद किया जाय जिस पर देश का करोड़ों रूपये नुकसान होता हैं ।
*9-* क्या 50 साल का कर्मचारी बूढ़ा और 50 साल का नेता जवान होता हैं ? यह कौन सा मानक हैं ? नेताओं के पास क्या राहु व केतु वाला अमृत कलश हैं क्या ? जिससें यह पचास की उम्र में युवा नेता हो जाते हैं ?
     *देश को कितना गर्त में आप नेताजी लोग ले जायेंगे?* जब स्वयं की तनख्वाह लाखों में करते हैं तो सभी पार्टियों के कोई भी नेता विरोध नहीं करता सभी मिलकर मेज थपथपा देते हैं । क्या देश पर आप की तनख्वाह की बेतहाशा वृद्धि से अरबों रूपये का भार नहीं पडता ? गजब की सोच हैं आप नेताओं की जब कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों को पचास वर्ष में हटाने पर विचार किया जा सकता तो यह उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार क्यों नहीं किया जा सकता है!!

चयन प्रक्रिया में हड़बड़ी, लगता है कुछ गड़बड़ी
https://www.google.co.in/amp/m.jagran.com/lite/uttar-pradesh/varanasi-city-16458677.html


बनारस हिंदू विश्वविद्यालय: शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली, बहुजन छात्रों ने किया प्रदर्शन
http://www.nationaldastak.com/country-news/student-protest-against-bhu-administration/



ये 70 साल का रोना क्या है ?

#संघी चाहते थे कि सबको मताधिकार नहीं होना चाहिए, मत का अधिकार सिर्फ चुनींदा वर्गों को होना चाहिए, उस वक्त के नेतृत्व ने (नेहरू,अम्बेडकर) तय किया कि ये मताधिकार दलितों,मुसलमानों और महिलाओं,गरीबों को समान रूप से मिलेगा, संघियों में ग्रंथि घर कर गयी।
#संघियों ने कहा वर्तमान संविधान का प्रारूप मनुस्मृति के कानून को समाहित नहीं करता, इसमें भारतीय संस्कृति की झलक नहीं है डॉ आंबेडकर और नेहरू ने कहा संविधान सम्पूर्ण विश्व के बेहतरीन कानूनों से प्रेरित होगा,किसी की भी कुंठा से नहीं।
#संघियों ने मांग की देश को हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए, नेहरू और डॉ आंबेडकर ने एक स्वर में कहा भारत का स्वरूप बहुभाषी और बहुधार्मिक है इसे किसी एक रंग में नहीं रंगा जा सकता देश का प्राण बहुसांस्कृतिक है इसे आप धर्मनिरपेक्षता भी कह सकते हो।
#संघी चाहते थे देश में एकात्मक शासन हो नेहरू और डॉ आंबेडकर ने व्यवस्था दी कि भारत विविधताओं वाला देश है प्रत्येक क्षेत्र की अपनी सुखद विविधताएं हैं जिन्हें बनाये रखने का उस क्षेत्र के लोगों को नैसर्गिक अधिकार है इसलिए संघात्मक व्यवस्था होगी।
#संघियों ने जोर देकर कहा कि किसी भी वर्ग के लिए विशेष प्रोत्साहन या लक्षित योजना नहीं होनी चाहिए, जैसे आरक्षण। डॉ आंबेडकर और नेहरू ने कहा कि देश का वंचित समुदाय मुख्यधारा में तब तक नहीं आएगा जब तक इन्हें विशेष सुविधाएं न दी जाएं।
#संघी चाहते थे देश की समस्याओं का समाधान ज्योतिष और यज्ञों के माध्यम से हो, भारत को पाश्चात्य विशेषकर ईसाई चिकित्सा पद्धति का प्रयोग नही  करना चाहिए,आयुर्वेद में हर रोग का उपचार है। नेहरू ने कहा देश का युवा आधुनिक चिकित्सा पद्धति का ज्ञान भी रखेगा और आयुर्वेद भी पड़ेगा, आधुनिक ज्ञान धर्म के आधार पर त्याज्य नहीं हो सकता।
#संघी मानसिकता मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा ढाए गए जुल्म का बदला वर्तमान भारतीय मुस्लिमों से लेना चाहती है इसलिए न तो संघी स्वतंत्रता आंदोलन में इनकी भूमिका चाहते थे न ही राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान को स्वीकार करते हैं इसके विपरीत धर्म निरपेक्ष सोच ने ये माना कि भारतीय मुसलमान पूर्ण रूप से भारतीय है और उसे किसी भी सनक के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
#संघी इस मत पर अडिग थे कि शिक्षा की गुरुकुल पद्धत्ति सर्वश्रेष्ठ है वेद ज्ञान के एक मात्र स्रोत हैं पाठ्यक्रम में गीता,महाभारत और रामायण अनिवार्य रूप से होने चाहिए,ज्योतिष के बिना भारतीय पाठ्यक्रम अधूरा है नेहरू ने व्यवस्था की रीसर्च के लिए टीआईएफआर, अंतरिक्ष विज्ञान के लिए इसरो और चिकित्सा के लिए आई आई एम की व्यवस्था हो।
#
यही और ऐसा ही बहुत कुछ इस संघी मानसिकता के लोगों को ये कहने का आधार देता है कि देश में पिछले 70 वर्ष में कुछ नहीं हुआ,देश को कांग्रेस ने बर्बाद कर दिया और आज जब केंद्र सरकार ,राजस्थान सरकार,उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के बजट में कटौती होती है तो इस मानसिकता को संतुष्टि होती है क्योंकि ये मानते है कि सबको शिक्षा के विचार ने मजदूरों को उनके सर पर बिठा दिया, जब मध्य प्रदेश सरकार ज्योतिषों को सरकारी हस्पतालों में बिठाने का आदेश देती है(न्यूज़ कमेंट बॉक्स में) तो ये मानसिकता इसे भारतीय संस्क्रुति की स्थापना समझती है, जब मोदी जी चुन चुन कर सरकारी क्षेत्रों को बेचते हैं तो ये मानसिकता आश्वस्त होती है की आरक्षण ऐसे ही खत्म हो सकता है जब जगह जगह मुसलमानों  को मारा जाता है दलितों को टारगेट किया जाता है महिलाओं को चूल्हा चाकी तक सीमित बताया जाता है ( न्यूज़ कमेंट बॉक्स में) तो इस मानसिकता को अपार मानसिक शांति मिलती है। जब मोदी योजना आयोग को खत्म करते हैं और उसे नीति आयोग कहते हैं तो यही संघी मानसिकता संतुष्ट हो जाती है क्योंकि नेहरू अम्बेडकर के विरोध का ये एक माध्यम नजर आता है।
अब ये लोग खुलकर डॉ आंबेडकर का विरोध तो दलित वोट की वजह से कर नहीं सकते, इसलिए अपनी सारी कुंठा नेहरू पर निकालते हैं पहले तो नेहरू को मुस्लिम सिद्ध करते हैं,फिर उनके चरित्र को दागदार करते हैं और अंत में जब नेहरू के साइंटिफिक टेम्पर,योजना आयोग ( अंबेडकर विचार), औद्योगीकरण, आईआईएम,टीआईएफआर,इसरो का कोई तोड़ नहीं ढूढ पाते तो कश्मीर और चीन समस्या का जिम्मेदार बनाने का षड्यंत्र रचते हैं।

वास्तव में ये लड़ाई दो विचारों की है देश को ये तय करना है कि वे किस विचार के साथ हैं और ये भी की तटस्थता का कभी इतिहास नही  लिखा जाता, इस वक्त देश को सबसे ज्यादा खतरा इसी तटस्थता से है।


*अनिवार्य रूप से*
      *सभी पर लागू हों* 🙏
    जब कर्मचारियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों को पचास वर्ष की उम्र में निकाले जाने पर सरकार द्वारा विचार किया जा सकता हैं तो क्यों नहीं निम्नलिखित विचार जनहित में किया जाय ।
*1-* नेताओं को भी पचास साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाय ?
*2-* क्यों नहीं नेताओं को भी पुरानी पेंशन से वंचित किया जाय ?
*3-* क्यों नहीं नेताओं को विधानसभा सदस्य बनने के लिए स्नातक व लोकसभा सदस्य बनने के लिए परास्नातक होना अनिवार्य किया जाय ?
*4-* क्यों नहीं कानून मंत्री बनने के लिए LAW की डिग्री अनिवार्य हो, स्वास्थ्य मंत्री बनने के लिये MBBS की डिग्री अनिवार्य हो, समाज कल्याण के लिए समाजशास्त्र की डिग्री अनिवार्य हो, मानव संसाधन के लिए M.Ed. की डिग्री अनिवार्य हो, वित्त मंत्री को अर्थशास्त्री होना अनिवार्य हो इसी प्रकार सभी मंत्रीयों की योग्यता का मानक निर्धारित किया जाय ।
*5-* क्यों नहीं फ्री का डीजल, पेट्रोल, फोन की सुविधा, हवाई सुविधा, रेल सुविधा सहित तमाम सुविधाओं में जिसमें प्रतिवर्ष अरबों रूपये खर्च होता हैं उसमें कटौती की जाय ।
*6-* क्यों नहीं सभी नेताओं के खाते सार्वजनिक किये जाय ।
*7-* क्यों नहीं नेताओं की पुरानी पेंशन,मोटी तनख्वाह,सब्सिडी द्वारा भोजन बंद किया जाय जिसपर सरकार प्रतिवर्ष अरबों रूपये पानी की तरह खर्च करती हैं ।
*8-* क्यों नहीं नेताओं के पद से हटने के बाद फ्री मेडिकल सुविधा बंद किया जाय जिस पर देश का करोड़ों रूपये नुकसान होता हैं ।
*9-* क्या 50 साल का कर्मचारी बूढ़ा और 50 साल का नेता जवान होता हैं ? यह कौन सा मानक हैं ? नेताओं के पास क्या राहु व केतु वाला अमृत कलश हैं क्या ? जिससें यह पचास की उम्र में युवा नेता हो जाते हैं ?

     *देश को कितना गर्त में आप नेताजी लोग ले जायेंगे?* जब स्वयं की तनख्वाह लाखों में करते हैं तो सभी पार्टियों के कोई भी नेता विरोध नहीं करता सभी मिलकर मेज थपथपा देते हैं । क्या देश पर आप की तनख्वाह की बेतहाशा वृद्धि से अरबों रूपये का भार नहीं पडता ? गजब की सोच हैं आप नेताओं की जब कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों को पचास वर्ष में हटाने पर विचार किया जा सकता तो यह उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार क्यों नहीं किया जा सकता हैं !!  

10 comments:

  1. 🔺 *सियासत चाहती है…*🔺
    〰〰〰〰〰〰〰〰〰

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि हमें कार में दुनिया का सबसे महंगा पेट्रोल क्यों डलवाना पड़ता है ... सिर्फ ये याद रखें कि वह कार ले कर हमें मंदिर जाना है या मस्जिद

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि हमारे टैक्स के कितने पैसे वो मिल- बाँट कर खा गए... सिर्फ ये याद रखें कि हम चरणामृत से उपवास खोलते हैं, या खजूर से

    सियासत ये चाहती है, हम भूल जाएं कि उस नेता का नाम क्या था जिसने शहीद सैनिक को कुत्ता कहा था... सिर्फ ये याद रखें कि हमारे नाम में पांडे लगा है या मुहम्मद

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि लोकपाल जैसे कड़े कानून के पन्ने किस तरह फाड़ कर संसद में लहरा दिए गए थे... सिर्फ ये याद रखें कि हमारे घर के सब से पवित्र जगह पर जो जिल्द वाली किताब रखी है, वो कुरान शरीफ है या श्रीमद्भागवद्गीता

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि बलात्कारी भेडियों के हत्थे चढ़ी लड़की को मिलने के नाम पर किस औरत ने कहा था 'आज तो इतवार की छुट्टी है'... सिर्फ ये याद रखें कि हमारी बहन का नाम सरस्वती है या शाइस्ता

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि हमारे बच्चों को भोजन में ज़हर दे कर किसने मार डाला... सिर्फ ये याद रखें कि हमारा बच्चा स्कूल जाता है या मदरसा

    सियासत चाहती है, हम भूल जाएं कि उस नेता का चेहरा कैसा था, जिसने कहा था कि 'बारिश नहीं हो रही तो क्या पेशाब से किसानो के खेत भर दें?' ... सिर्फ ये याद रखें कि हम दाढ़ी रखते हैं या चोटी

    ... *दुःख तो ये हैं, कि हो वही रहा है जो सियासत चाहती है...*

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  2. किसी भी देश में तानाशाह इतने लम्बे समय तक राज कैसे कर लेते हैं ?पहले तो हर तानाशाह जनता को झूठे घमंड में फंसाताहै और राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने का धोखा देता हैं,जैसे हिटलर ने जर्मनी को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का झूठा वायदा किया,मुसोलिनी ने इटली को दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का वादा किया था,इसी तरह मोदी भारत शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का झूठा भ्रम फैला कर सत्ता में आये हैं,इन्होने भी घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, जैसे छप्पन इंच का सीना और पकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब देना जैसे फर्जी जुमले उछाले,अभी भी युवा उन जुमलों को सच मान कर मोदी की जयजयकार में लगे हुए हैं,तानाशाह जब ताकतवर बना देने का झूठा वादा करके सत्ता में आता है,तो उसके बाद तानाशाह खुद को ताकतवर दिखाने के लिएपड़ोसी देशों के साथ युद्ध छेड़ देता है,इसके साथ साथ तानाशाह अपने ही देश के कमज़ोर नागरिकों पर हमले करके डरा कर और मार कर नकली वीरता का भ्रम भी फैलाता है,मोदी की पार्टी अभी पड़ोसी देश से युद्ध की हिम्मततो नहीं कर पा रही है,लेकिन संघ ने अपने ही देश के अल्पसंख्यक समुदायों के कमज़ोर बूढ़े लोगों पर हमले करवाने शुरू कर दिए हैं,गोरक्षकों द्वारा मुसलमानों पर हमले संघ की उसी योजना के अंतर्गत किये गए हैं,यह तानाशाह फासिस्ट ताकतें सत्ता में बने रहने के लिए एक और तरीका अपनाती हैं,तानाशाह कहता है कि मेरे अलावा कोई विकल्प नहीं है,इससे जनता निराश हो जाती है,अगर आप हिटलर का उदहारण लें,तो हिटलर ने एक करोड़ दस लाख लोगों को पकड़ कर उनका क़त्ल किया था,हिटलर के सिपाही यहूदियों, बुद्धिजीवियों, विरोधियों, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं, लेखकों और कवियों को पकड कर पहले नहलाते थे फिर उन्हें गैस चेम्बर में ले जाकर ज़हरीली गैस से मार देते थे,सोचिये कि इतने सारे लोग चुपचाप कैसे मर गए होंगे?भारत में आप किसी को पकड़ते हैं तो वह चिल्लाता है,छूटने की कोशिश करता है, लड़ता है,लेकिन हिटलर के समय में एक करोड़ दस लाख लोग चुपचाप जूते उतारते थे, नहाते थे, और मरने के लिए चल देते थे,असल में हिटलर ने पूरे देश में यह विश्वास दिला दिया था कि हिटलर को हराया नहीं जा सकता,और अगर आप जीत ही नहीं सकते तो आपका लड़ना ही बेकारहै,और फिर लोग लड़े नहीं चुप चाप मर गए,आज मोदी, भाजपा, संघ और भक्त, ट्रोल लगातार आपके दिमाग में यही बैठाने में लगे हुए हैं,यह लोग पूरे देश में यह भाव पैदा करने में लगे हुएहैं कि मोदी के अलावा सब जोकर हैं, भ्रष्ट हैं, बाकी के सभी पार्टियों के सभी नेता गलत हैं,आपने ध्यान दिया होगा कि भाजपा ने पहले मनमोहन सिंह की मज़ाक बनानी शुरू करी, राहुल गांधी के खिलाफ चुटकुले और पप्पू कहना शुरू किया था,भाजपा और संघ के लोगों ने केजरीवाल, मायावती, ममताबनर्जी, लालू प्रसाद यादव पर चुटकुले बना कर सोशलमीडिया पर फैलाने के लिए बाकायदा लोगों को नौकरी पर रखा,भाजपा ने आईटी सेल की स्थापना करी और उसके द्वारादेश में माहौल बनाया गया कि मोदी के अलावा सभी नेता बेकार और कमज़ोर हैं,हांलाकि मोदी खुद बिलकुल मूर्ख और कमज़ोर साबित हुआ है,लेकिन आज भी संघ और भाजपा का प्रचार तन्त्र यही दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी का कोई विकल्प ही नहीं है,इसका परिणाम यह हो रहा है कि दूसरी पार्टियों के लोग हिम्मत हार कर मोदी का विरोध बंद कर रहे हैं,आप ध्यान से देखने तो अब किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर मोदी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं,लोगों में डर और निराशा भर देना ही तानशाह को सत्ता में बनाये रखता है,इसे समझिये, संघ और भाजपा के खिलाफ सड़कों पर उतरिये,यह नफरत फैला कर समाज को गुलाम बनाने वाले लोग भाग जायेंगे,

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  3. *दोस्तों क्या हमारा समाज बुद्धिहीन हो गया है या अपने बुद्धि का प्रयोग करने की शक्ति ही खत्म कर दिया है वो भी धर्म और भगवान् के नाम पर।???*

    मैं ए बातें इस लिए कह रहा हूँ कि आज हमारा समाज अपने मुल समस्या पर ध्यान नहीं दे पा रहा है
    अपने संवैधानिक अधिकारों को बचाने पर ध्यान बिल्कुल नहीं दे रहा है क्योंकि उनके पास समय नहीं है। आरक्षण sc st एक्ट और संविधान को बचाने के लिए।

    *क्योंकि हमारे समाज आज धार्मिक किताबें गीता रामायण महाभारत वेद पुराण उप निशाद पढ़ने और तीर्थ यात्रा कांवर यात्रा पुजा पाठ यज्ञ जाप करने में व्यस्त हैं*
    आज मेरा समाज अपने अतीत को भूलते जा रहे हैं अपने पूर्वजों पर किए गए अत्याचार जुर्मों को भूले जा रहे हैं चलो आप भूल जाओ सही बात है लेकिन वर्तमान में जो हमारे हक और अधिकारों को खत्म करने की साजिश की जा रही है उसको तो बचा लो नहीं तो एक ऐसी स्थिति आएगी जिसकी कल्पना हम लोग नहीं कर सकते हैं
    कल यह बात कभी मत भूलना कि आज हमारे समाज की स्थिति सुधरी है और सुधार रहा है और आगे भी सुधर करने का जो रास्ता है वह सिर्फ और सिर्फ परम पूज्य बाबा साहेब के दिए गए संविधान के बदौलत, आरक्षण के बदौलत, और हमारे समाज पर जुर्म का लगाम लगने के लिए परम पूज्य बाबा साहब ने संविधान दिया है संविधान के तहत हमें एक एससी एसटी एक्ट दिया गया है जिसे अच्छे-अच्छे मनुवादी इस एक्ट से डरते हैं इसीलिए तो आज ऐसा साजिश रची जा रही है जिसको हम लोग समझने में नाकाम है और दुर्गा लक्ष्मी गणेश सरस्वती काली भोले शंकर ब्रह्मा विष्णु महेश को किसने में व्यस्त है कैसी गुलामी हम अपनी अंधभक्ति की कर रहे हैं
    दोस्तों अगर हम लोग नहीं जानते हैं और इस धार्मिक गुलामी से बाहर नहीं निकलते हैं तो हमें अपंग बना दिया जाएगा। हमारे अधिकारों को खत्म करने के लिए जोर तोड़ से गुप्त आन्दोलन वर्तमान सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है और हमें इसकी जानकारी नहीं चलेगा और सब कुछ खत्म कर दिया जाएगा।

    *एक रिपोर्ट पढें जो वर्तमान सरकार के एक वरिष्ठ नेता क्या कह रहा है*
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    नई दिल्ली ।। आरक्षण को एकदम खत्म करने की बात करना पगलपन है, लेकिन भाजपा सरकार आरक्षण को उस स्तर तक पहुंचा देगी, जहां उसका होना या नहीं होना बराबर होगा। इस दिशा में काम शुरू हो गया है।

    उपरोक्त बातें एक महिला पत्रकार के सवाल के जवाब में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कही है। महिला पत्रकार का सवाल था कि 97 फीसदी मार्क्स लाने के बाद भी प्रवेश विश्वविद्यालयों में नहीं मिल रहा है। जबकि 50 फीसदी वाले छात्र कक्षा में बैठ जाते हैं।

    पैर के नीचे की ज़मीन खोदने के कई तरीके होते हैं। जरूरी नहीं कि इसे दिखाकर ही किया जाए। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जो कहा, भाजपा सरकारें इस काम में लगी हुई हैं। अभी हमारे लोगों को नहीं दिख रहा, लेकिन वंचित तबकों के वजूद की संवैधानिक ज़मीन दरकाने का काम अंदर-अंदर तेजी में चल रहा है।
    http://farkindia.org/the-bjp-leader-said-we-bring-reservation-at-end-point/
    इसलिए दोस्तों जागो और जगाओ मनुवाद ब्राह्मणवाद स्वर्ण वाद और हमारे समाज के विरोधी को सबक सिखाओ।

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  4. जब मुगल भारत में आये तो यहां राज्य की स्थापना करने के उद्धेश से आये थे| मुगल मुसलमान थे, जिस तरह आज अनुसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी लोगों को आरक्षण देना है तो उनकी अलग पहचान बनाना जरुरी होता है तो उसी प्रकार मुसलमानों के सामने भी यही समस्या थी कि, जिनके उपर राज्य करना है उनको किस नाम से पहचाना जाये इसलिये उन्होने इस देश के लोगों को चाहे वह किसी भी जाति या धर्म के हों हिन्दू यह नाम दिया| हिन्दू शब्द का ब्राह्मणों के वेद से लेकर पुराणो तक किसी भी धर्मशास्त्र में उल्लेख नहीं है| बारहवीं सदी के पहले जो धर्म शास्त्र लिखे गये उसमें हिन्दू शब्द कही पर भी नहीं है| गीता में भारत शब्द का उल्लेख है उसमें लिखा है| तो गीता में जब भारत शब्द का उल्लेख है तो आज के ब्राह्मण हमारे देश को हिन्दुस्तान क्यों कहते हैं? यदि ब्राह्मण गीता को मानते हैं तो फिर गीता के भारत शब्द को क्यों नही मानते?
    क्योंकि भारत शब्द का संबंध मूलनिवासी लोगों से है, इसलिये ब्राह्मण भारत शब्द को स्वीकार नही करते

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  5. https://www.google.co.in/amp/m.jagran.com/lite/uttar-pradesh/varanasi-city-16481829.html
    उच्च शिक्षा संस्थाओं में विभागवार आरक्षण के विरुद्ध जन आन्दोलन

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  6. भगवा कानून: योग परीक्षा पास करने पर बलात्कारियों को रिहा कर रही है BJP सरकार - नेशनल जनमत http://nationaljanmat.com/rapist-rihai-on-begaalf-of-yoga-exam/

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  7. RSS राज की शुरुआत: मुगलसराय का नाम बदलकर होगा दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन! http://www.nationaldastak.com/country-news/mughalsarai-as-deen-dayal-upadhyaya-station/

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  8. दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु गोश्त की नली चूसने पर उसमें के हड्डियों की चूरा ,श्वांस नली में फ़सने से पंजाब मेल के प्रथम श्रेणी की बोगी में मुग़लसराय जं पर हुआ था ।

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  9. न्यूयॉर्क टाइम्स में विवादित लेख, CM योगी को बताया गया 'हिन्दू आतंकी'!
    http://dhunt.in/2ykTI?ss=wsp
    via Dailyhunt

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  10. यह हमारे उत्तर प्रदेश का बहुत बुरा नसीब है हमारे मुख्यमंत्री पर रोज कोर्ट में सुनवाई चल रही है

    गोरखपुर दंगा 2007 मामला : मुख्य आरोपी योगी आदित्य नाथ वर्तमान CM यूपी व् अन्य

    कोर्ट सुनवाई दिनांक 1 सितंबर 2017

    Criminal WRIT Petition number 21733 /2008
    परवेज़ परवाज़ और असद हयात बनाम स्टेट ऑफ़ यूपी आदि

    **************************************

    सबकी निगाहें अब इस मामले पर , अब तक 5 दिनों के दौरान लगभग 11 घण्टे सुनवाई कर चुकी है माननीय हाई कोर्ट बेंच।

    माननीय बेंच मामले से जुड़े हर बिंदु का गहराई और गंभीरता से कर रही है मंथन।

    आज पिटीशनर पक्ष की ओर से 25 नजीरों का बंच कोर्ट को पेश किया गया , इसके बाद कोर्ट ने हर नज़ीर पर मंथन शुरू किया जो जारी है।

    अब 11 सितंबर को सुबह 10.30 पर फिर जारी रहेगी सुनवाई, इस बीच 2,3,4,9,10 सितंबर को अवकाश रहेगा ।

    आज पिटिशनर्स के अधिवक्ता जनाब फ़रमान अहमद नक़वी ने बहस 10.30 am पर बहस शुरू की जो 1 pm तक आज भी पूरी न हो सकी , कल उनकी बहस जारी रहेगी , इस से पहले पिछली सुनवाई 9 ,10,30 और 31 अगस्त को सुनवाई हुई थी, जिसमें अधिवक्ता जनाब फ़रमान अहमद नक़वी ने 4 दिन कोर्ट के सामने रखा था अपना पक्ष , जो बहस अधूरी रही थी इसलिए आज उसी क्रम में फ़रमान साहब ने ही अपनी दलीलें माननीय कोर्ट के सम्मुख रखीं ।

    सरकार की ओर से महाधिवक्ता श्री राघवेंद्र सिंह कोर्ट में उपस्थित थे ।

    आज कोर्ट ने विवेचना से सम्बंधित समस्त रेकॉर्ड (केस डायरी आदि) कोर्ट में 11 सितंबर को पेश करने के आदेश सरकार को दिए हैं ।

    जनाब नक़वी की बहस 11 सितंबर को पूरी होने के बाद सरकार की ओर से महाधिवक्ता जवाब देंगे और उस के उपरांत अगर ज़रूरी होगा तब फ़रमान साहब उनका जवाब देंगे। इस तरह 11 सितंबर के बाद कभी भी सुनवाई पूरा होने की सम्भावना है।

    Court no 21 Bench HON'BLE Justice Krishna Murari and HON'BLE Justice S N Sharma

    होगी इन्साफ की जीत और मिलेगा पीड़ितों को न्याय,

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