वर्ष - 1962,
भारत-चीन युद्ध
==चीन==
सैनिक - 80,000
शहीद - 722
घायल - 1697
==भारत==
सैनिक - 10,000 से 12,000
शहीद - 1383
घायल - 1047
लापता - 1696
बंदी - 3968
परिणाम - भारत, चीन से हार गया…!
चीन अभी तक सुधरा भी नहीं है।
लेकिन हमे क्या ??
53 साल पहले की बात भूल कर हम तो चीनी सामान खरीदेंगे....
उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे !!
सैनिक तो होते ही मरने के लिए है !!
नेता बोल देते है.....
हमारा व्यवहार बोलता है !!
मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी सामान के ??
अगर नहीं.....
तो याद उन्हे भी कर लो.....
जो लौट के घर ना आए…!!
और सीखो जापान जैसे देशो से……
काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था।
अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा की जो आपके यहाँ संतरा (orange) होता है
हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा आपको दे सकते है।
जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से आर्डर दे दिया।
जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा
(आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और जो अमेरिका वाला संतरा था वो खाने में अच्छा भी था। )
तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों में आया तो किसी ने नहीं खरीदा।
पता है क्यों नहीं खरीदा…!!
जापानी लोगो ने कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा और महंगा है।
पर है तो हमारे देश का ही।
हम इसे ही खरीदेंगे।
तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास पडा पड़ा ही सड गया ।
तो ये होती है राष्ट्रभक्ति मेरे भाइयो…!!
कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से
हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी…!!
कृपया करके इस पोस्ट को शेयर करे …!!!
🌍दुनिया में सबसे powerfull फ़ौज सोवियत संघ 🇭🇰के पास थी , जिसका खर्चा वह भारत🇮🇳 जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,
परन्तु जब अमेरिका 🇬🇧और फ़्रांस🇦🇺 उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत 🇭🇰का बाजार टूट गया और ९० के दशक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी ।
इस प्रकार सोवियत संघ🇭🇰 का पतन हो गया ।
चीन 🇨🇳के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है ।
लगभग रोज चीन 🇨🇳भारतीय सीमा 🇮🇳में घुस आता है, परन्तु वह वियतनाम युद्ध 🚀के बाद इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई 🚀लड़ सके,
यदि चीन 🇨🇳को बिना एक गोली चलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है कि
हर भारतीय 🇮🇳चीनी 🇨🇳सामानों का बहिष्कार करें,
क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत 🇮🇳है ,
कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छिन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.
मै हर भारतीय 🇮🇳से अनुरोध 👏करता हूँ कि वह चीनी 🇨🇳सामान लेना बंद कर दें...!!
....धन्यवाद 🙏
भारत-चीन युद्ध
==चीन==
सैनिक - 80,000
शहीद - 722
घायल - 1697
==भारत==
सैनिक - 10,000 से 12,000
शहीद - 1383
घायल - 1047
लापता - 1696
बंदी - 3968
परिणाम - भारत, चीन से हार गया…!
चीन अभी तक सुधरा भी नहीं है।
लेकिन हमे क्या ??
53 साल पहले की बात भूल कर हम तो चीनी सामान खरीदेंगे....
उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे !!
सैनिक तो होते ही मरने के लिए है !!
नेता बोल देते है.....
हमारा व्यवहार बोलता है !!
मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी सामान के ??
अगर नहीं.....
तो याद उन्हे भी कर लो.....
जो लौट के घर ना आए…!!
और सीखो जापान जैसे देशो से……
काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था।
अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा की जो आपके यहाँ संतरा (orange) होता है
हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा आपको दे सकते है।
जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से आर्डर दे दिया।
जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा
(आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और जो अमेरिका वाला संतरा था वो खाने में अच्छा भी था। )
तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों में आया तो किसी ने नहीं खरीदा।
पता है क्यों नहीं खरीदा…!!
जापानी लोगो ने कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा और महंगा है।
पर है तो हमारे देश का ही।
हम इसे ही खरीदेंगे।
तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास पडा पड़ा ही सड गया ।
तो ये होती है राष्ट्रभक्ति मेरे भाइयो…!!
कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से
हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी…!!
कृपया करके इस पोस्ट को शेयर करे …!!!
🌍दुनिया में सबसे powerfull फ़ौज सोवियत संघ 🇭🇰के पास थी , जिसका खर्चा वह भारत🇮🇳 जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,
परन्तु जब अमेरिका 🇬🇧और फ़्रांस🇦🇺 उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत 🇭🇰का बाजार टूट गया और ९० के दशक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी ।
इस प्रकार सोवियत संघ🇭🇰 का पतन हो गया ।
चीन 🇨🇳के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है ।
लगभग रोज चीन 🇨🇳भारतीय सीमा 🇮🇳में घुस आता है, परन्तु वह वियतनाम युद्ध 🚀के बाद इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई 🚀लड़ सके,
यदि चीन 🇨🇳को बिना एक गोली चलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है कि
हर भारतीय 🇮🇳चीनी 🇨🇳सामानों का बहिष्कार करें,
क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत 🇮🇳है ,
कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छिन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.
मै हर भारतीय 🇮🇳से अनुरोध 👏करता हूँ कि वह चीनी 🇨🇳सामान लेना बंद कर दें...!!
....धन्यवाद 🙏
संघ-मोदी-भाजपा का गणितीय भृष्टाचार -
ReplyDeleteभाजपा-संघ के आका अंबानी की कम्पनी रिलायंस ने दुश्मन देश " चीन " को 30 करोड़ " जियो मोबाईल सेट " बनाने का देशभक्त आर्डर दिया !!!
रिलायंस कम्पनी 10-10 करोड़ की 3 खेपों मे ये जियो सेट भारतियों को 1500-1500 रुपयो मे इस्तेमाल करने के लिये देगी , बेचेगी नही !!! अब जब बिक्री नही तो 28% जीएसटी भी नही !!!
मतलब 10 करोड़ सेट की एक खेप मे 1500 रुपये प्रति सेट पर 28% के टैक्स के हिसाब से देश को 4200 करोड़ रुपयों के टैक्स का चूना !!! कुल तीनो खेप मिलाकर 12600 करोड़ रुपयों के टैक्स का चूना देश को सरकारी संरक्षण मे और सरकार किसकी ? भईया सरकार तो है कथित रूप से ईमानदार एवं देशभक्त संघ-भाजपा की !!!
उच्च स्तरीय भृष्टाचार की ये सीधी सीधी गणित है जो सभी को समझ मे आ ही गई होगी !!! लेकिन अब कोई मुझसे ये मत पूंछना की इन 12 हजार 6 सौ करोड़ मे से कितना कितना हिस्साकिसकी पॉकेट मे जायेगा , क्योंकि ये गणित अति-गोपनीय है !!!
बाकी देशवासियों से भाजपा सरकार की यही अपील है कि चीन के बने हुए सामान का बहिष्कार कर देशभक्त बने
भाजपा-संघ के आका अंबानी की कम्पनी रिलायंस ने दुश्मन देश " चीन " को 30 करोड़ " जियो मोबाईल सेट " बनाने का देशभक्त आर्डर दिया !
ReplyDeleteरिलायंस कम्पनी 10-10 करोड़ की 3 खेपों मे ये जियो सेट भारतियों को 1500-1500 रुपयो मे इस्तेमाल करने के लिये देगी , बेचेगी नही ! अब जब बिक्री नही तो 28% जीएसटी भी नही !
मतलब 10 करोड़ सेट की एक खेप मे 1500 रुपये प्रति सेट पर 28% के टैक्स के हिसाब से देश को 4200 करोड़ रुपयों के टैक्स का चूना ! कुल तीनो खेप मिलाकर 12600 करोड़ रुपयों के टैक्स का चूना देश को सरकारी संरक्षण मे और सरकार किसकी ? भईया सरकार तो है कथित रूप से ईमानदार एवं देशभक्त संघ-भाजपा की !
उच्च स्तरीय भृष्टाचार की ये सीधी सीधी गणित है जो सभी को समझ मे आ ही गई होगी ! लेकिन अब कोई मुझसे ये मत पूंछना की इन 12 हजार 6 सौ करोड़ मे से कितना कितना हिस्सा मोनू भागवत, दामोदर के ... और तड़ीपार गैण्डा स्वामी के पाकेटो मे जायेगा , क्योंकि ये गणित अति-गोपनीय है !
बाकी देशवासियों से भाजपा सरकार की यही अपील है कि सभी देशवासी 31 जुलाई तक अपना पूरा टैक्स जरूर जमा कर दें ताकि मोदी-भाजपा सरकार इसी तरह से धन्ना सेठों को टैक्स बचाने के रास्ते देते हुए देश का देशभक्ति की भावना के साथ विकास कर सके !!
नागपुर मेट्रो के लिए 851 करोड़ रुपए का ठेका चीन की कंपनी को मिला वह भी देश की सरकारी कंपनी से छीनकर।
ReplyDeleteऔर हम दीवाली की झालर बायकाट करके चीन से जंग लड़ रहे हैं
http://www.business-standard.com/article/economy-policy/china-railway-rolling-stock-corp-bags-rs-851-cr-nagpur-metro-contract-116101500600_1.html
चाइना और पाकिस्तान से डरने की जरूरत नहीं है.क्योंकि विश्व की सबसे बड़ी लड़ाकु फोज हमारे पास है . यह लोग युद्ध जीतने में माहिर है.33 करोड़ देवी देवता हमारे पास है. ओ कब काम में आएंगे .हमारे पास राम लक्ष्मण हनुमान इंद्र.कृष्णा ऐसे बाहुबली योद्धा हमारे पास है भेज दो इनको बोडर पर . आखिर यह लोग कब काम में आए.इनमें से कोई भी ना मिले तो सारे के सारे ब्राह्मणो को बॉर्डर पर भेज दो .तंत्र मंत्र हवन फवन करके चाइना को हरा देंगे????
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