सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस,
देश क्या मनु के संविधान से चल रहा है !
21 June, 2017 नेशनल जनमत ब्यूरो
नई दिल्ली। नेशनल जनमत ब्यूरो।
सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस जन्म लेती दिखाई दे रही है. सोशल मीडिया पर एक्टिव कई सामाजिक चिंतक इस बात पर एकमत दिखाई दे रहे हैं कि इस देश में ब्राह्मणवादियों नें संविधान में दिए गए समता, स्वतंत्रता, न्याय, वंधुत्व जैसे मानवीय विचारों की हत्या कर दी है और ये देश अब लगभग मनु के संविधान मनुस्मृति से शासित हो रहा है. ताजा उदाहारण न्यायपालिका में भ्रष्टाचार कर रहे जजों की जांच करने वाले जस्टिस कर्णन का है. कोलकाता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी पर धन्य है देश की न्याय व्यवस्था ,जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले दलित जज को ही 6 महीने की सजा सुना दी.
न्यायपालिका ही लागू कर रही है मनु का संविधान
इस देश की न्यायपालिका पर नजर दौड़ाऐं तो ऐसा लगता है कि इस देश की न्यायपालिका दलितों-पिछड़ों,आदिवासियों और मुसलमानों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है. जिस तरह से मनु स्मृति में हर वर्ण के लिए सजा का अलग-अलग प्रावधान था ठीक उसी प्रकार भारतीय न्याय व्यवस्था भी शूद्रों यानि ( दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों) और मलेच्छों ( मुसलमानों) के लिए अलग – अलग दंड विधान रच रही है.
उदाहारण के तौर पर भारतीय राजनीति में दलितों पिछड़ों के नायक लालू यादव के प्रति न्यायपालिका ने हमेशा दूषित मानसिकता का परिचय दिया. लालू यादव की ही तरह भारतीय राजनीति में जिन नेताओं ने भी राजनीति में ब्राह्मणों के वर्चस्व को समाप्त किया उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर न्यायपालिका ने त्वरित कार्यवाही करके अपने जिंदा होने का सबूत दिया.
अब तक जो राजनेता भी राजनीति में भ्रष्टाचार के कारण जेल गए उनमें से 90 फीसदी या कहें कि सौ फीसदी दलित या पिछड़े हैं. उदाहारण के तौर पर आरएलडी के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला जाट जाति के हैं. पर उसी हरियाणा के नवीन जिंदल के ऊपर भी भ्रष्टाचार के आरोप है पर वो जेल के बाहर हैं.
इसी तरह महाराष्ट्र के कद्दावर ओबीसी नेता छगन भुजवल भी जेल में हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि छगन भुजवल का कसूर इतना है कि उन्होंने दिल्ली में एक महाराष्ट्र सदन बनवाया उसमें शिवाजी महाराज, बाबा साहेब अम्बेडकर, अहिल्या बाई होल्कर, ज्योतिवा फुले , सावित्री वाई फुले ,यशवंत राव च्वहाण आदि बहुजन समाज के नायको की मूर्तियां लगा दी, जिससे महाराष्ट्र के मनुवादियों को गहरी चोट पहुंची औऱ उन्होंने छगन भुजवल को न्यायपालिका की मदद से जेल भेज दिया.
इसी तरह मधु को़ड़ा आदिवसाी थे , उनको जेल जाना पड़ा. ए. राजा. दलित थे , उनको भी जेल जाना पड़ा, कनिमोझी दलित थी , उनको भी जेल जाना पड़ा.
इसी तरह एनआरएचएम घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा तो जेल चले गए पर उसी घोटाले में अनंत कुमार मिश्रा जेल जाने से बच गए. ये बड़े आश्चर्य की बात है कि चारा चोर के नाम से लालू यादव को तो सारा देश जानता है पर चारा घोटाले का असली सूत्रधार जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी कोई नहीं जानता.
आज आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में मुलायम सिंह और मायावती पर तो सीबीआई जांच चल रही है पर इस देश के किसी अन्य सवर्ण नेता को आय से अधिक सम्पत्ति के मामले न तो जांच चल रही है और अगर कुछ नेताओं की जांच चल भी रही है तो उनकी आज तक कोई गिरप्तारी नही हुई है.
किसानों की जमीन का मामला तो इस देश के सबसे ताकतवर गांधी-नेहरू परिवार के दामाद पर भी चल रही है पर किसी न्यायपालिका की हिम्मत नहीं है कि दामाद जी को जेल भेज दे.
है किसी में हिम्मत जो अरुणांचल के मुख्यमंत्री कलिखो पुल के सुसाइड नोट के आधार पर उनकी हत्या की जांच सामाजिक एक्टिविस्टों के किसी पैनल से करा सके. प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण और कोलकाता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कर्णन ने जिन जजों को भ्रष्ट कहा, है किसी संस्था कि हिम्मत कि इन कथित रूप से बेईमान जजों की जांच करा सके.
है किसी अदालत में हिम्मत जो देश में दंगा फैलाने और हजारों लोगों की हत्या के आरोप में जोशी, आडवाणी, समेत कई विहिप नेताओं को सजा दे सके. है किसी अदालत में हिम्मत जो गुजरात दंगों की सीबीआई जांच करा दे.और गुनहगारों को सजा दे. जबकि सबको पता है कि ये दंगा किन लोगों ने कराया था।
क्या जो आज भारत में चल रहा है वो मनु का विधान नहीं है. क्या आज एक ही अपराध के लिए भारत में सवर्णों और शूद्रों के लिए अलग- अलग सजा का विधान नहीं है.
क्या ये मनु का दंड विधान नहीं है कि ...
– चंद्रशेखर रावण (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – सहारनपुर में सामंती हिंसा के विरुद्ध प्रतिरोध खड़ा करना .
– छात्रनेता दिलीप यादव (ओबीसी) अमीक़ जमाई (मुस्लिम) रामकरन निर्मल (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – सहारनपुर हिंसा के विरुद्ध मार्च करना.
– जस्टिस कर्णन (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – न्यायपालिका के भ्रष्ट जजों की पोल खोलना.
– ओपी मिश्रा जज ! 10 करोड़ रुपये घूस लेकर जमानत दी। गिरफ़्तार नहीं हुआ.
– अनन्त कुमार मिश्रा ! NRHM घोटाले में शामिल ! 13 करोड़ देकर गिरफ़्तारी से बच गया.
– प्रदीप शुक्ला ! करोड़ों रुपये घर से नक़द बरामद ! गिरफ़्तारी से बचा हुआ है.
– विजय माल्या (ब्राह्मण) ! 9000 करोड़ के लोन का डिफाल्टर ! लंदन में मौज़ कर रहा है.
मनुस्मृति में एक ही अपराध पर शूद्र के लिए मृत्युदण्ड वैश्य के लिए अर्थदण्ड, क्षत्रिय के लिए श्रमदण्ड और ब्राह्मण के लिए पुरस्कार का विधान है.
भारतीय न्यायपालिका जिस प्रकार से ब्राह्मण जाति के अपराधियों के प्रति नरम है उसे देखकर तो ये धारणा और भी मजबूत हो जाती है कि भारत भूमि पर प्रकारांतर से मनु का दंड विधान काम कर रहा! Copy-विमल कुमार बौद्ध की फेसबुक से।
सहारनपुर में हमारे समाज के लोगों के साथ बृाम्हणों मार पीट की । उनकी घरों को आग लगा दिया गया और पत्थर बाजी की । ये सुअर के बच्चे हमारा खाते हैं और हमें ही मारने काटने की बात करते हैं !
अब समय आ गया है , इनको इनकी भाषा में ही जवाब देने का ।
यह पोष्ट रुकना नहीं चाहिए ।
यह हमारी अस्तित्व को मिटाने का प्रयास है !
हमें चुनौती दी गयी है ।
*जो बहुजन भीम के नहीं ।*
*वह किसी भी टीम के नहीं ।।*
🌀1👉बृाम्हण सबसे अधिक महत्व अपने जाति को देता है।
बहुजन पैसे को।
🌀2 👉बृाम्हण सबसे अधिक महत्व पूजा को देता है।
बहुजनों के पास पढ़ने के लिये भी टाईम नहीं है।
🌀3👉 बृाम्हण की लड़कियाँ आँख उठाकर देखती नहीं हैं ।
बहुजनों की बाहुबली, रणवीर पर फिदा हैं ।
🌀4👉बहुजनों की लडकीयों की कोई इज्जत नहीं, भगा ले जाता है ।
🌀5👉बृाम्हण यूरोप से आये थे और बहुजनों को गुलाम बना कर उन्हें अछूत बना दिए|
🌀6👉हम क्यों नहीं लड़े? हम क्यों बृाम्हण तक लड़ने नहीं गये?
🌀7👉बहुजन अम्बेडकरवादी होते हैं ।
मुझे 130 करोड में से एक भी बृाम्हण अम्बेडकरवादी दिखा दो !
🌀8👉आज बहुजनों की आरक्षण को तेजी से कम किया जा रहा है। बृाम्हण डोनेशन बढा रहे हैं ।
🌀9👉अम्बेडकरवादी बच्चों/युवाओं पर पूरा बृाम्हण समाज हँसता है। जबकि
सवर्णों को उनके समाज से सपोर्ट मिलता है।
🌀10 👉अगर आज बहुजन नहीं जागा तो 20 साल में बहूजनों खत्म हो जाओगे। (विश्वास न हो तो गुजरात, चेन्नई , केरल , पश्चिमी बंगाल , आसाम , उ.प्र. हरियाणा आदि के हालात देख लो ) क्या ईज्जत है बहुजनों की |
जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी क्यों ? ⚖
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन ने देश के पीएम को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट के 20 बेईमान , भ्रष्टा, रिश्वतखोर जजों के नामों के साथ लिखित शिकायत की थी।
क्या देश के पीएम से शिकायत नहीं की जा सकती। क्या देश के पीएम विदेशी हैं या विदेशी शक्तियों से मिले हुए हैं ?
देश के पीएम से शिकायत करना क्या अपराध की श्रेणी में आता है? अपराध भी नहीं बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है क्या?
यह पूरा मामला साठगांठ और षडयंत्र से भरा हुआ है। जिसका बेहद आसान शिकार जस्टिस कर्णन हुए हैं।
आखिर पीएम ने 20 भृष्ट जजों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? अगर उनके पास पॉवर नहीँ हैं तो पूर्ण बहुमत से अधिक सीटों पर काबिज बीजेपी यानी 56 इंच वाली सरकार संसद में प्रस्ताव रखवाती फिर अपने खास राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पास करवाती और जांच शुरू हो जाती। 20 भ्रष्टा जजों को जेल होती। पूर्ण बहुमत वाली सरकार जब देश में नोटबन्दी कर सकती हैं । सेना में भी एफडीआई लागू कर सकती हैं। आधार कार्ड और जीएसटी लागू कर सकती हैं तो यह सरकार 20 रिश्वत खोर जजों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर पाई ? सरकार तो सर्वोच्च अदालत के चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग चला सकती हैं। फिर 20 जजों के मामले में सरकार के हाथ कैसे बंध गए? सरकार दिव्यांग कैसे हो गई ?
सुप्रीम कोर्ट 20 भृष्ट जजों के मामले में आखिर क्यों गांधारी की भूमिका निभा रही हैं ?
कौन नहीं जानता कि देश की अदालतों में तारीख के बदले रकम वसूली जाती हैं। देश की जिन कोर्ट का नाम एन्टी करप्शन हैं वहाँ भी तारीख के बदले रकम वसूलने का दस्तूर दिन दहाड़े बेखौफ जारी है। वो भी जज साहब के सामने।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के एक बयान ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी उन्होंने कहा था कि मैं हिन्दू हूँ और किसी से नहीँ डरता। आखिर 20 रिश्वत खोर जजों के मामले में वो क्यों डर गए ? जिस जस्टिस कर्णन ने 20 भृष्ट जजों के खिलाफ आवाज बुलंद की न्याय पालिका की काली करतूतें उजागर की आखिर उनको ही जेल क्यों ?
पॉक्सो मामले में जमानत के बदले यूपी के जज ओपी मिश्रा ने 10 करोड़ रिश्वत ली थी। न्यायालय के कई भृष्ट मामलो की पूर्व में भी कलई खुल चुकी हैं। ऐसे में जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी न्याय पालिका और पीएम की कार्यशैली पर कई सवालिया निशान लगा रही हैं ?
देश क्या मनु के संविधान से चल रहा है !
21 June, 2017 नेशनल जनमत ब्यूरो
नई दिल्ली। नेशनल जनमत ब्यूरो।
सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस जन्म लेती दिखाई दे रही है. सोशल मीडिया पर एक्टिव कई सामाजिक चिंतक इस बात पर एकमत दिखाई दे रहे हैं कि इस देश में ब्राह्मणवादियों नें संविधान में दिए गए समता, स्वतंत्रता, न्याय, वंधुत्व जैसे मानवीय विचारों की हत्या कर दी है और ये देश अब लगभग मनु के संविधान मनुस्मृति से शासित हो रहा है. ताजा उदाहारण न्यायपालिका में भ्रष्टाचार कर रहे जजों की जांच करने वाले जस्टिस कर्णन का है. कोलकाता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी पर धन्य है देश की न्याय व्यवस्था ,जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले दलित जज को ही 6 महीने की सजा सुना दी.
न्यायपालिका ही लागू कर रही है मनु का संविधान
इस देश की न्यायपालिका पर नजर दौड़ाऐं तो ऐसा लगता है कि इस देश की न्यायपालिका दलितों-पिछड़ों,आदिवासियों और मुसलमानों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है. जिस तरह से मनु स्मृति में हर वर्ण के लिए सजा का अलग-अलग प्रावधान था ठीक उसी प्रकार भारतीय न्याय व्यवस्था भी शूद्रों यानि ( दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों) और मलेच्छों ( मुसलमानों) के लिए अलग – अलग दंड विधान रच रही है.
उदाहारण के तौर पर भारतीय राजनीति में दलितों पिछड़ों के नायक लालू यादव के प्रति न्यायपालिका ने हमेशा दूषित मानसिकता का परिचय दिया. लालू यादव की ही तरह भारतीय राजनीति में जिन नेताओं ने भी राजनीति में ब्राह्मणों के वर्चस्व को समाप्त किया उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर न्यायपालिका ने त्वरित कार्यवाही करके अपने जिंदा होने का सबूत दिया.
अब तक जो राजनेता भी राजनीति में भ्रष्टाचार के कारण जेल गए उनमें से 90 फीसदी या कहें कि सौ फीसदी दलित या पिछड़े हैं. उदाहारण के तौर पर आरएलडी के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला जाट जाति के हैं. पर उसी हरियाणा के नवीन जिंदल के ऊपर भी भ्रष्टाचार के आरोप है पर वो जेल के बाहर हैं.
इसी तरह महाराष्ट्र के कद्दावर ओबीसी नेता छगन भुजवल भी जेल में हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि छगन भुजवल का कसूर इतना है कि उन्होंने दिल्ली में एक महाराष्ट्र सदन बनवाया उसमें शिवाजी महाराज, बाबा साहेब अम्बेडकर, अहिल्या बाई होल्कर, ज्योतिवा फुले , सावित्री वाई फुले ,यशवंत राव च्वहाण आदि बहुजन समाज के नायको की मूर्तियां लगा दी, जिससे महाराष्ट्र के मनुवादियों को गहरी चोट पहुंची औऱ उन्होंने छगन भुजवल को न्यायपालिका की मदद से जेल भेज दिया.
इसी तरह मधु को़ड़ा आदिवसाी थे , उनको जेल जाना पड़ा. ए. राजा. दलित थे , उनको भी जेल जाना पड़ा, कनिमोझी दलित थी , उनको भी जेल जाना पड़ा.
इसी तरह एनआरएचएम घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा तो जेल चले गए पर उसी घोटाले में अनंत कुमार मिश्रा जेल जाने से बच गए. ये बड़े आश्चर्य की बात है कि चारा चोर के नाम से लालू यादव को तो सारा देश जानता है पर चारा घोटाले का असली सूत्रधार जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी कोई नहीं जानता.
आज आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में मुलायम सिंह और मायावती पर तो सीबीआई जांच चल रही है पर इस देश के किसी अन्य सवर्ण नेता को आय से अधिक सम्पत्ति के मामले न तो जांच चल रही है और अगर कुछ नेताओं की जांच चल भी रही है तो उनकी आज तक कोई गिरप्तारी नही हुई है.
किसानों की जमीन का मामला तो इस देश के सबसे ताकतवर गांधी-नेहरू परिवार के दामाद पर भी चल रही है पर किसी न्यायपालिका की हिम्मत नहीं है कि दामाद जी को जेल भेज दे.
है किसी में हिम्मत जो अरुणांचल के मुख्यमंत्री कलिखो पुल के सुसाइड नोट के आधार पर उनकी हत्या की जांच सामाजिक एक्टिविस्टों के किसी पैनल से करा सके. प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण और कोलकाता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कर्णन ने जिन जजों को भ्रष्ट कहा, है किसी संस्था कि हिम्मत कि इन कथित रूप से बेईमान जजों की जांच करा सके.
है किसी अदालत में हिम्मत जो देश में दंगा फैलाने और हजारों लोगों की हत्या के आरोप में जोशी, आडवाणी, समेत कई विहिप नेताओं को सजा दे सके. है किसी अदालत में हिम्मत जो गुजरात दंगों की सीबीआई जांच करा दे.और गुनहगारों को सजा दे. जबकि सबको पता है कि ये दंगा किन लोगों ने कराया था।
क्या जो आज भारत में चल रहा है वो मनु का विधान नहीं है. क्या आज एक ही अपराध के लिए भारत में सवर्णों और शूद्रों के लिए अलग- अलग सजा का विधान नहीं है.
क्या ये मनु का दंड विधान नहीं है कि ...
– चंद्रशेखर रावण (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – सहारनपुर में सामंती हिंसा के विरुद्ध प्रतिरोध खड़ा करना .
– छात्रनेता दिलीप यादव (ओबीसी) अमीक़ जमाई (मुस्लिम) रामकरन निर्मल (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – सहारनपुर हिंसा के विरुद्ध मार्च करना.
– जस्टिस कर्णन (दलित) गिरफ़्तार ! अपराध – न्यायपालिका के भ्रष्ट जजों की पोल खोलना.
– ओपी मिश्रा जज ! 10 करोड़ रुपये घूस लेकर जमानत दी। गिरफ़्तार नहीं हुआ.
– अनन्त कुमार मिश्रा ! NRHM घोटाले में शामिल ! 13 करोड़ देकर गिरफ़्तारी से बच गया.
– प्रदीप शुक्ला ! करोड़ों रुपये घर से नक़द बरामद ! गिरफ़्तारी से बचा हुआ है.
– विजय माल्या (ब्राह्मण) ! 9000 करोड़ के लोन का डिफाल्टर ! लंदन में मौज़ कर रहा है.
मनुस्मृति में एक ही अपराध पर शूद्र के लिए मृत्युदण्ड वैश्य के लिए अर्थदण्ड, क्षत्रिय के लिए श्रमदण्ड और ब्राह्मण के लिए पुरस्कार का विधान है.
भारतीय न्यायपालिका जिस प्रकार से ब्राह्मण जाति के अपराधियों के प्रति नरम है उसे देखकर तो ये धारणा और भी मजबूत हो जाती है कि भारत भूमि पर प्रकारांतर से मनु का दंड विधान काम कर रहा! Copy-विमल कुमार बौद्ध की फेसबुक से।
सहारनपुर में हमारे समाज के लोगों के साथ बृाम्हणों मार पीट की । उनकी घरों को आग लगा दिया गया और पत्थर बाजी की । ये सुअर के बच्चे हमारा खाते हैं और हमें ही मारने काटने की बात करते हैं !
अब समय आ गया है , इनको इनकी भाषा में ही जवाब देने का ।
यह पोष्ट रुकना नहीं चाहिए ।
यह हमारी अस्तित्व को मिटाने का प्रयास है !
हमें चुनौती दी गयी है ।
*जो बहुजन भीम के नहीं ।*
*वह किसी भी टीम के नहीं ।।*
🌀1👉बृाम्हण सबसे अधिक महत्व अपने जाति को देता है।
बहुजन पैसे को।
🌀2 👉बृाम्हण सबसे अधिक महत्व पूजा को देता है।
बहुजनों के पास पढ़ने के लिये भी टाईम नहीं है।
🌀3👉 बृाम्हण की लड़कियाँ आँख उठाकर देखती नहीं हैं ।
बहुजनों की बाहुबली, रणवीर पर फिदा हैं ।
🌀4👉बहुजनों की लडकीयों की कोई इज्जत नहीं, भगा ले जाता है ।
🌀5👉बृाम्हण यूरोप से आये थे और बहुजनों को गुलाम बना कर उन्हें अछूत बना दिए|
🌀6👉हम क्यों नहीं लड़े? हम क्यों बृाम्हण तक लड़ने नहीं गये?
🌀7👉बहुजन अम्बेडकरवादी होते हैं ।
मुझे 130 करोड में से एक भी बृाम्हण अम्बेडकरवादी दिखा दो !
🌀8👉आज बहुजनों की आरक्षण को तेजी से कम किया जा रहा है। बृाम्हण डोनेशन बढा रहे हैं ।
🌀9👉अम्बेडकरवादी बच्चों/युवाओं पर पूरा बृाम्हण समाज हँसता है। जबकि
सवर्णों को उनके समाज से सपोर्ट मिलता है।
🌀10 👉अगर आज बहुजन नहीं जागा तो 20 साल में बहूजनों खत्म हो जाओगे। (विश्वास न हो तो गुजरात, चेन्नई , केरल , पश्चिमी बंगाल , आसाम , उ.प्र. हरियाणा आदि के हालात देख लो ) क्या ईज्जत है बहुजनों की |
जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी क्यों ? ⚖
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन ने देश के पीएम को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट के 20 बेईमान , भ्रष्टा, रिश्वतखोर जजों के नामों के साथ लिखित शिकायत की थी।
क्या देश के पीएम से शिकायत नहीं की जा सकती। क्या देश के पीएम विदेशी हैं या विदेशी शक्तियों से मिले हुए हैं ?
देश के पीएम से शिकायत करना क्या अपराध की श्रेणी में आता है? अपराध भी नहीं बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है क्या?
यह पूरा मामला साठगांठ और षडयंत्र से भरा हुआ है। जिसका बेहद आसान शिकार जस्टिस कर्णन हुए हैं।
आखिर पीएम ने 20 भृष्ट जजों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ? अगर उनके पास पॉवर नहीँ हैं तो पूर्ण बहुमत से अधिक सीटों पर काबिज बीजेपी यानी 56 इंच वाली सरकार संसद में प्रस्ताव रखवाती फिर अपने खास राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पास करवाती और जांच शुरू हो जाती। 20 भ्रष्टा जजों को जेल होती। पूर्ण बहुमत वाली सरकार जब देश में नोटबन्दी कर सकती हैं । सेना में भी एफडीआई लागू कर सकती हैं। आधार कार्ड और जीएसटी लागू कर सकती हैं तो यह सरकार 20 रिश्वत खोर जजों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर पाई ? सरकार तो सर्वोच्च अदालत के चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग चला सकती हैं। फिर 20 जजों के मामले में सरकार के हाथ कैसे बंध गए? सरकार दिव्यांग कैसे हो गई ?
सुप्रीम कोर्ट 20 भृष्ट जजों के मामले में आखिर क्यों गांधारी की भूमिका निभा रही हैं ?
कौन नहीं जानता कि देश की अदालतों में तारीख के बदले रकम वसूली जाती हैं। देश की जिन कोर्ट का नाम एन्टी करप्शन हैं वहाँ भी तारीख के बदले रकम वसूलने का दस्तूर दिन दहाड़े बेखौफ जारी है। वो भी जज साहब के सामने।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के एक बयान ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी उन्होंने कहा था कि मैं हिन्दू हूँ और किसी से नहीँ डरता। आखिर 20 रिश्वत खोर जजों के मामले में वो क्यों डर गए ? जिस जस्टिस कर्णन ने 20 भृष्ट जजों के खिलाफ आवाज बुलंद की न्याय पालिका की काली करतूतें उजागर की आखिर उनको ही जेल क्यों ?
पॉक्सो मामले में जमानत के बदले यूपी के जज ओपी मिश्रा ने 10 करोड़ रिश्वत ली थी। न्यायालय के कई भृष्ट मामलो की पूर्व में भी कलई खुल चुकी हैं। ऐसे में जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी न्याय पालिका और पीएम की कार्यशैली पर कई सवालिया निशान लगा रही हैं ?
राहुल गांधी लाइन में लगकर पैसे निकालें = *चोर*
ReplyDeleteमोदी की मां लाइन में लगकर पैसे निकालें = *ईमानदार*
गायत्री ने बलात्कार किया = *बलात्कारी*
पटेल ने बलात्कार किया = *देशभक्ति*
केजरीवाल ने वी आई पी कल्चर समाप्त की बात की = *ड्रामा*
मोदी ने लालबत्ती हटवा दी = *देशभक्ति*
कांग्रेस ने कालेधन वालों की सूची जारी नही की = *चोर*
मोदी ने कालेधन की सूची जारी नही की = *देशभक्त*
अखिलेश राज में बलात्कार हुए = *गुंडा राज*
योगी राज में गैंगरेप हो रहे हैं = *रामराज्य*
केजरीवाल पर कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया = *केजरीवाल चोर*
मोदी पर कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया = *कपिल झूठा*
कांग्रेस के राज में तेल की कीमतें बडी = *देश विरोधी*
भाजपा की सरकार में कीमतें बडी = *देशभक्ति*
एक्सप्रेस वे पर किसानों को ज्यादा पैसा दिया = *भृष्टाचार*
व्यापमं घोटाला किया शिवराज सरकार ने = *देशभक्ति*
केजरीवाल ने कांग्रेस से मिलकर सरकार बनाई = *लालची*
भाजपा ने पाकिस्तान समर्थक पी डी पी के साथ सरकार बनाई = *देशभक्ति*
कांग्रेस के समय जवान शहीद हुए = *कांग्रेसी हिजडे*
भाजपा के समय जवान शहीद हुए = *मोदी शेर*
भाजपा ने ई वी एम पर आरोप लगाए = *सच*
केजरीवाल ने ई वी एम पर आरोप लगाए = *झूठ*
सपा के समय मुजफ्फरनगर दंगे हुए = *हिन्दू विरोधी*
भाजपा के समय दलितों के घर जला दिए = *हिंदुत्व*
कांग्रेस पाकिस्तान के साथ वार्ता करे = *जाहिल*
मोदी शरीफ की मां के पैर छुएं = *शेर खान*
कांग्रेस ने रोजगार नही दिए = *युवा विरोधी*
भाजपा ने बचे हुए रोजगार छीन लिए = *युवा समर्थक*
सुधीर चौधरी दो हजार के नोट में चिप बताए= *सत्यवादी*
रवीश कुमार सच दिखा दें = *देशद्रोही*
तेज बहादुर ने खाने में भृष्टाचार की शिकायत की = *देशद्रोही*
जनरल वी के सिंह ने बिना सरकार के आदेश के सेना मूव कराई = *देशभक्त*
संदीप कुमार "आप" में रहे तो = *चरित्र हीन*
भाजपा मे आ जाए तो = *राजा हरिश्चंद्र*
*मोदी जी अपने भक्तों को बेवकूफ़ बना सकते हो जिनके पास स्वयं का दिमाग नही है!!*
*पूरे देश की आंखो में धूल कैसे झोंकोगे???*
*भक्त जवाब दे*
राज्य सभा के अन्दर जब बसपा प्रमुख मायावती जब सहारनपुर दलितो पर हुऐ अत्याचार पर बात रख रही थी तो 1या 2 मिनट मे ही राज्यसभा स्पीकर ने टोकते हुए राज्य सभा को स्थगित कर दिया़़..और मायावती जी ने राज्यसभा से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया ..दलितो कब तक सहन कर जियोगे..दलितो को राजनीति मे BJP बडे. बडे़ पद तो देते पर लोकसभा और राज्यसभा मे बोलने नही दिया जाता है... बस
ReplyDeleteमहिलाओ के हितों का हिन्दू कोडबिल एवं ओबीसी आरक्षण बाबा साहबजीने लागू कराना चाहा तो।
ReplyDeleteमनुवादीयोने बाबा साहबजी विरुद्ध बवाल मचा दिया।
इसीलिए बाबा साहबजीने कानून मंत्रीपद का इसतिफा दिया।
मंडल आयोग के जरिए ओबीसी आरक्षण आंदोलन काशिरामजीने चलाया तो मनुवादीयोने देश मे दंगे करवाए।
अब संसद मे सहारनपूर हमले की आवाज बहनजीने उठानी चाही तो मनुवादी बहनजी की आवाज दबाना चाहते है।
इसीलिए बहनजी राजीनामा देने की बात कर रही है।
अब तो दलालों और ईमानदारी के बीच का फर्क समझो।
जब संसद मे आवाज दबाने की कोशिश हो रही है।
तो बात साफ है।
प्रतिक्रांती नजदीक है।
गले मे हंडी कमर मे झाडू।
दलालों को भगाओ
बहनजी का साथ दो।
इस्तीफा देने से पहले बहन जी का कथन !!
ReplyDeleteजब #हिन्दू_कोड बिल सदन में डॉ #आंबेडकर पेश करना चाहते थे , तब मौजूदा सरकार ने डॉ आंबेडकर बोलने नही दिए , तब बाबा साहिब ने नारी हितों को सर्वोच्च रख , बेशर्म सरकार से कानून मंत्री के रूप में तुरन्त इस्तीफा दिया था ,वही रास्ता में भी चुनेगी जब मेरे बहुजन समाज के लोगो की लड़ाई में यहाँ नही लड़ सकती जिन्होंने मुझे यहाँ तक पहोचने में मेरा साथ दिया उनकी बात में सदन में ना रखु सकू तो लानत है मुझे इस सदन में होने पर !!
#बसपा_सुप्रीमो_बहन_मायावती !!
http://www.nationaldastak.com/country-news/judge-mishra-prooved-that-justice-karnan-was-right/
ReplyDeleteबीजेपी नेता ने की चलती बस मे शर्मनाक करतूत , जान के हो जायेंंगे दंग http://tz.ucweb.com/7_gUOn
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