सर हमने सुना है कि आप भृष्टाचार के एकदम खिलाफ हैं । ना खुद खाते हैं और ना ही किसी अन्य को खाने देते हैं । यह बहुत ही अच्छी और प्रशंसनीय बात है।
सर , आप की इसी मुहिम को बल देने के लिए एक जस्टिस , सी एस करनन ने आपको एक पत्र लिखा था जिसमे देश के 20 भृष्टतम जजों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की तरफ आपका ध्यान आकृषित किया था ।
सर , आपने संभवतः किसी भूलवश वह पत्र मुख्य न्यायाधीश को ही फारवर्ड कर दिया जो एक साधारण से ऑफिस मे काम करने वाला साधारण सा कर्मचारी भी समझ सकता है कि ऐसा नही करना चाहिए था ।
लेकिन चूंकि आप देश के प्रधान सेवक हैं आपके कार्यालय में कौन हिम्मत जुटाता कि साहब ऐसा नही करना चाहिए था, इसकी आप ही बराबर जांच करवाइए ।
सर , अगर आप उस पत्र पर उचित कार्यवाही करके , अन्य एजेंसी से इन्वेस्टीगेशन करवाते या महामहिम राष्ट्रपति महोदय या आप की स्वयम की निगरानी में जांच करते या करवाते और भारत की मौजूदा 132 करोड़ जनता के सामने पूरा सच लाते तो आप सदियों तक पूजे जाते भारत का प्रत्येक निवासी आपका ऋणी हो जाता ।
सर , अगर जांच में उन 20 जजों के खिलाफ भृष्टाचार के आरोप साबित हो जाते तो आपका नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता और इस महान देश से भृष्टाचार सदा सदा के लिए मिट जाता ।
अगर शिकायत में लिखे आरोप साबित नही होते तो जस्टिस करनन को 6 महीने तो क्या उनके शेष जीवन भर जेल में रहने की सजा देनी चाहिए थी ताकि आगे से किसी की झूठी शिकायत करने की कोई हिम्मत ना करे ।
अब यह मामला एक बगैर सुलझी पहेली ही बन कर रह गया है जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु की सच्चाई देश के सामने आज तक नही आई ।
मोदी जी , अगर इस पत्र पर कार्यवाही होती तो आने वाली पीढियों के लिए आप भृष्टाचार दूर करने वाले एक महान ईमानदार देवता के नाम से जाने जाते ।
अब यह कभी नही सुलझने वाली एक पहेली ही बन कर ही रह जाएगी और इन 20 जजों की कहानी जो जस्टिस करनन आपको सुनाना चाहते थे सदा सदा सदा के लिए लिफाफे में ही बन्द हो कर रह जाएगी और कभी नही खुलेगी ।
मतलब साफ है , देश से भृष्टाचार अब शायद कभी भी खत्म नही होगा क्योंकि जो भी भृष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा उसके सामने जस्टिस करनन का तमतमाता हुआ ओजस्वी चेहरा अवश्य आएगा जिनको ऐसा करने के लिए 6 महीने की जेल की सजा हुई है और भविष्य में किसी भी शख्स की हिम्मत नही होगी कि वह भृष्टाचार के खिलाफ या किसी अन्य जुर्म के खिलाफ आपकी मुहिम को मजबूत करने के लिए आपका दरवाजा खटखटाए । बाकि आप प्रधान सेवक हैं आप किसी का कुछ भी कर सकते हैं , कोई बेचारा आम नागरिक आखिर कर भी क्या सकता है।
मगर एक बात जरूर है :
*अब जब भी आप टीवी पर 125 करोड़ लोगों को भृष्टाचार पर प्रवचन देते दिखाई देंगे या सुनाई पड़ेंगे , सच मोदी जी दिल से अपने मन की बात बताते हैं , सब उसे एक जुमले के सिवा कुछ भी तो नहीं समझेंगे ।*
http://www.besthindinews.com/2017/07/why-congress-rahul-gandhi-want-war-between-india-china.html?m=1
सर , आप की इसी मुहिम को बल देने के लिए एक जस्टिस , सी एस करनन ने आपको एक पत्र लिखा था जिसमे देश के 20 भृष्टतम जजों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की तरफ आपका ध्यान आकृषित किया था ।
सर , आपने संभवतः किसी भूलवश वह पत्र मुख्य न्यायाधीश को ही फारवर्ड कर दिया जो एक साधारण से ऑफिस मे काम करने वाला साधारण सा कर्मचारी भी समझ सकता है कि ऐसा नही करना चाहिए था ।
लेकिन चूंकि आप देश के प्रधान सेवक हैं आपके कार्यालय में कौन हिम्मत जुटाता कि साहब ऐसा नही करना चाहिए था, इसकी आप ही बराबर जांच करवाइए ।
सर , अगर आप उस पत्र पर उचित कार्यवाही करके , अन्य एजेंसी से इन्वेस्टीगेशन करवाते या महामहिम राष्ट्रपति महोदय या आप की स्वयम की निगरानी में जांच करते या करवाते और भारत की मौजूदा 132 करोड़ जनता के सामने पूरा सच लाते तो आप सदियों तक पूजे जाते भारत का प्रत्येक निवासी आपका ऋणी हो जाता ।
सर , अगर जांच में उन 20 जजों के खिलाफ भृष्टाचार के आरोप साबित हो जाते तो आपका नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता और इस महान देश से भृष्टाचार सदा सदा के लिए मिट जाता ।
अगर शिकायत में लिखे आरोप साबित नही होते तो जस्टिस करनन को 6 महीने तो क्या उनके शेष जीवन भर जेल में रहने की सजा देनी चाहिए थी ताकि आगे से किसी की झूठी शिकायत करने की कोई हिम्मत ना करे ।
अब यह मामला एक बगैर सुलझी पहेली ही बन कर रह गया है जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु की सच्चाई देश के सामने आज तक नही आई ।
मोदी जी , अगर इस पत्र पर कार्यवाही होती तो आने वाली पीढियों के लिए आप भृष्टाचार दूर करने वाले एक महान ईमानदार देवता के नाम से जाने जाते ।
अब यह कभी नही सुलझने वाली एक पहेली ही बन कर ही रह जाएगी और इन 20 जजों की कहानी जो जस्टिस करनन आपको सुनाना चाहते थे सदा सदा सदा के लिए लिफाफे में ही बन्द हो कर रह जाएगी और कभी नही खुलेगी ।
मतलब साफ है , देश से भृष्टाचार अब शायद कभी भी खत्म नही होगा क्योंकि जो भी भृष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा उसके सामने जस्टिस करनन का तमतमाता हुआ ओजस्वी चेहरा अवश्य आएगा जिनको ऐसा करने के लिए 6 महीने की जेल की सजा हुई है और भविष्य में किसी भी शख्स की हिम्मत नही होगी कि वह भृष्टाचार के खिलाफ या किसी अन्य जुर्म के खिलाफ आपकी मुहिम को मजबूत करने के लिए आपका दरवाजा खटखटाए । बाकि आप प्रधान सेवक हैं आप किसी का कुछ भी कर सकते हैं , कोई बेचारा आम नागरिक आखिर कर भी क्या सकता है।
मगर एक बात जरूर है :
*अब जब भी आप टीवी पर 125 करोड़ लोगों को भृष्टाचार पर प्रवचन देते दिखाई देंगे या सुनाई पड़ेंगे , सच मोदी जी दिल से अपने मन की बात बताते हैं , सब उसे एक जुमले के सिवा कुछ भी तो नहीं समझेंगे ।*
http://www.besthindinews.com/2017/07/why-congress-rahul-gandhi-want-war-between-india-china.html?m=1
👇संविधान का सच्च 👇
ReplyDelete👉पेज न.132 :-
15 अगस्त 1947
पार्टिशन के बाद जो मुस्लिम अपनी इच्छा से भारत में रहना चाहता है बा इज़्ज़त भारत में रह सकता है क्यों की ये वो मुस्लिम है जिनके पुर्वजो ने भारत की आजादी में पूरा पूरा योगदान दिया और भारत के लिए बलिदान दिया ।
👉पेज न 156 :-
आरएसएस देश का सबसे बड़ा दुशमन है क्युकी इस संघठन ने भारत की आजादी के वक्त तिरंगा जलाया था और माहात्मा गाधी का हत्यारा आरएसएस पार्टी का नेता था और आरएसएस पर बैन लगाया।
👉1956 में जब आरएसएस पर से बैन हटाया तब कुछ शर्ते रखी वो शर्ते ये है की आरएसएस कभी भी राजनीती पार्टी में भाग नहीं लेगी सविधान में कभी शामिल नहीं होगी देशभक्त पार्टी कभी नही बनेगी सिर्फ एक संगठन ही चलाएगी ।
👉पेज न 197 :-
1971,
370 धारा , कश्मीर का भारत में विलय यानि भारत देश में शामिल होना कश्मीर एक आजाद देश था जिसे पाकिस्तान अपने देश में शामिल करना चाहता था इसको भारत में शामिल करने के लिए कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया यानि 370 धारा ।
👉और अब ये 370 धारा क्या है ?
और कश्मीर में क्यों लगी है ?
और क्यों नहीं हट सकती ?
370 धारा में ये है की कश्मीर में 6 साल का कार्यकाल है कोई भी व्यक्ति कश्मीर की लड़की से शादी कर के वहां की नागरिकता पा सकता है कश्मीर के अलावा बाहर का कोई भी इन्सान वहा पर जमीन नहीं खरीद सकता कश्मीर के पास केंद्र के सभी अधिकार है रक्षा और सूचना मंत्रालय छोड़ कर ।।
👉हस्ताक्षर :-
1.मोहम्मद अली जिन्ना ,
2.पंडित जवाहर लाल नेहरु ,
3.इंद्रा गांधी,
4.जरनल गेरी रिच्ल्ड ।।
👉ये सब साफ़ साफ सविधान में लिखा है। फिर भी भगवा पार्टीयां मुस्लिमो को गद्दार समझती हैं और आरएसएस को देशभक्त पार्टी समझति है ।।
*आज की सबसे बडी ब्रेकिंग न्यूज*
ReplyDelete✍
*C.B.I.* की नज़र में देश का सबसे बड़ा लुटेरा एक मात्र *लालू यादव पर है*
बाकी गुजरात का महेश शाह,जिसके पास लगभग
*14000 हज़ार करोड़* रुपयों के घोटालों का आरोप लगा था,अब वह कहां है उसका कोई पता नहीं।
*माल्या लन्दन* में मौज कर रहा है,
*अडानी - अम्बानी* के ऊपर हजारों करोड़ो रुपयों का घोटालों का आरोप है,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं।
*जनार्दन रेड्डी* नोट बंदी में अपनी बेटी की शादी 500 करोड़ में करता है,उसकी कोई जांच नहीं।
*अरुण जेटली* भी 2015 में अपनी बेटी की शादी में *400 करोड़ ख़र्च* करता है,उसकी भी कोई जांच नहीं।
*नितिन गड़करी*के ऊपर कांग्रेस की सरकार में अरबों रुपयों की संपत्ति कहाँ से आई की जांच चल रही थी , ओ बन्द हो गई।
नोट बंदी के बाद यूपी समेत पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव हुए,इन चुनावों में बीजेपी के जितने *हेलीकॉप्टर हवा में उड़े* उतने और किसी पार्टी के नहीं, सीबीआई उसकी कोई जांच नहीं की।
अब देश का सबसे बड़ा लुटेरा
*लालू यादव जी है* , उस पर बार सीबीआई छापा मार रही है। आज समाचार देख रहा था । सभी न्यूज़ चैनलों से भारत-चीन विवाद गायब,जर्मनी में हो रहे G-20 संमेलन गायब।
अब बस लुटेरा लालू ही दिखाई दे रहा है,जिससे देश को सबसे बड़ा खतरा है।
*और तो और अब सीबीआई पिजरे का तोता नहीं रह गई है बल्कि अब सीबीआई स्वतंत्र होकर अपना काम कर रही है।*
अब इसके बाद *मायावती,अखिलेश यादव* की बारी हो सकती है.......