Tuesday 1 August 2017

हिन्दू धर्म का ठेकेदार

*हिन्दू धर्म का ठेकेदार ब्राह्मण हिन्दू धर्म की  एकता का शोर मचा कर कर रहा है SC"ST"OBC AND MINORITY  के लोगो को  गुमराह '*     
   🙏आइऐ देखते हैं हिन्दू हिन्दू का ढोल पीटने वाले  हिन्दू धर्म के ठेकेदार ब्राह्मणों के दामादों की पालकी!
  👉🏾इन्दिरा गांधी w/o फिरोज खान       
 👉🏾मोनिका बेदी w/o अबू सलेम   
  👉🏾करीना कपूर  w/o सैफ अली खान
 👉🏾शर्मिला टैगोर w/o नवाब पटोदी      
 👉🏾रेणु शर्मा w/o B'J'P नेता शाहनवाज हुसैन 
  👉🏾किरण राव w/o आमिर खान   
 👉🏾BJP नेता  आडवाणी की लड़की रोशन आडवाणी w/o सलीम खान
 👉🏾रतना पाठक w/o नसरुद्दीन शाह 
  👉🏾संगीता बिजलानी w/o अजहरुद्दीन
  👉🏾सोनम शर्मा w/o शाहरुख खान    
 👉🏾दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की बेटी
 👉🏾दीपिका दीक्षित w/o इमरान खान.
*वाह वाह......*
क्या बात है❓
*हिन्दू धर्म के ठेकेदार ब्राह्मणों की "कभी गंगा का "कभी गाय का "कभी मंदिर का "SC"ST"OBC के लोगो के हाथों मे हिन्दू धर्म का झुनझुना थमा देता है  और खुद मुसलमानो को  अपना दामाद बना रहे हैं!*
  "वैसे तो "शूद्र "SC"ST"OBC ब्राह्मणो का दिया हुआ हिन्दू धर्म का झुनझुना बजाने मे पूरी  ताकत  के साथ  बजा रहा है और ब्राह्मणों के कहने पर गाय का मूत पीकर मुसलमानों को गाली देने में उलझे हुए हैं;
    SC"ST"OBC के जो जागरूक लोग है वे इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके समाज को जगाने की कृपा करें
"मै जोगेंद्र प्रजापति SC"ST"OBC AND MINORITY के लोगो से ब्राह्मणो का साथ छोडने की अपील करता हूं
  *"जोगेंद्र प्रजापति"*



ओमराय विशेष 


दलित समाज के लिये सबसे बड़ा अभिशाप : पण्डित 


पण्डित न तो कोई धर्म है न कोई जाति है बल्कि एक योजनाबद्ध तरीके से पढ़े लिखे समाज को मूर्ख बनाने की व्यवस्था है। पढ़िये:----- 


1 जन्म से पहले पण्डित 

2 जन्म के बाद पण्डित 

1 शादी से पहले पण्डित 

2 शादी वाले दिन पण्डित 

1 गाड़ी लेने से पहले पण्डित 

2 गाड़ी बेचने से पहले पण्डित 

1 एग्जाम से पहले पण्डित 

2 परिणाम से पहले पण्डित 

1 घर की नीव पर पण्डित 

2 घर बन जाने के बाद पण्डित 

1 कोई हादसा होने पर पण्डित 

2 ठीक होने के बाद फिर पण्डित 

1 दवाई असर न करे तो पण्डित 

2 ज्यादा कर जाए तो भी पण्डित 

1 कोई काम न बना तो पण्डित 

2 काम बनते ही फिर पण्डित 

1 मृत्यु आने से पहले पण्डित 

2 मृत्यु होने के बाद पण्डित 

1 मृत्यु भोज से पहले पण्डित 

2 मृत्यु भोज पर भी पण्डित 

1 हवन करने पर पण्डित 

2 दूसरे का बुरा करने पर पण्डित  

अब फायदा देखो: 


ये जितने भी कर्मकाण्ड मैने नोटिस किये है इनमे सिर्फ और सिर्फ नुक्सान हमारे समाज का है और फायदा केवल और केवल पण्डित का है। 


पण्डित की दीर्घायु का कारण और आर्थिक रूप से सम्पन्न होने का कारण। 


पण्डित भी हमारी तरह इंसान है लेकिन उसके खाने में और हमारे खाने में जमीन आसमान का अंतर है हम जिन फल,सब्जी, जूस और ड्राईफ्रूट्स को तब खाते है जब हम बीमार पड़ते है और डॉक्टर हमे सलाह देता है कि न खाओगे तो मरोगे।

लेकिन पण्डित बचपन से लेकर मृत्यु तक यही सब आहार लेता है और उसे इसके खरीदने की कोई टेंसन नही है क्योकि उसकी सेवा में हमारा 90% समाज लगा हुआ है इतनी सेवा तो उसका परिवार भी नही करता है जितना ख्याल इनका हमारा समाज रखता है। 
अब ये बीमार क्यों पड़ेंगे और क्यों जल्दी मरेंगे क्योकि हम जो इन्हें जिन्दा रखते है। 
अब जो पैसा ये समाज को मूर्ख बनाकर लेते है वो इन्हें खर्च करने की जरूरत नही पड़ती और हम जीवन भर कर्जमुक्त नही हो पाते और इसी क्लेश और टेंसन में हम बीमार और अल्पायु में ही मर जाते। 


हमारे समाज को अगर तरक्की करनी है तो इन पंडितो का त्याग करना जरूरी है। इनका बहिष्कार कर दो ये प्रजाति खुद खत्म हो जायेगी। 

3 comments:

  1. *यदि भारत के भविष्य निर्माण करना हो तो ब्राह्मणों को पैरों तले कुचल डालो ! - स्वामी विवेकानंद*

    स्वामी विवेकानन्द शिकागो में जब "विश्व धर्म" सम्मेलन का आयोजन 1893 में हो रहा था तब स्वामी विवेकानन्द धर्म सम्मेलन मे बोलने हेतु पहुंचे थे, उन्होने आयोजकों से विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण देने की इजाजत मांगी, तो आयोजकों ने उनसे हिन्दू धर्म के प्रवक्ता होने का प्रमाण पत्र मांगा, तो स्वामी विवेकानन्द ने वहां शिकागो से भारत के शंकराचार्य को तार भेजा और कहा की मुझे हिन्दू धर्म का प्रवक्ता होने का प्रमाण पत्र भिजवाने का कष्ट करें। इस पर शंकराचार्य (जो की ब्राम्हण जाति की आरक्षित उपाधि है) ने स्वामी विवेकानन्द को कहा की, "तुम ब्राम्हण जाति के नहीं हो बल्कि "शूद्र" जाति के हो; अत: तुम्हें हिन्दूओ का प्रवक्ता नहीं बनाया जा सकता है।"

    शंकराचार्य के जातिवाद और भेदभाव से स्वामीजी का मन उदास हो गया , वे ब्राम्हणों के इस व्यवहार से काफी दुखी हुए । स्वामीजी की पीड़ा देख कर वहां शिकागो में मौजूद श्रीलंका से आए "बौद्ध धर्म" के प्रवक्ता अनागरिक धम्मपाल बौद्ध जी ने स्वामीजी को अपनी ओर से एक सहमति पत्र दिया कि स्वामी विवेकानन्द विद्वान है, एवं ओजस्वी वक्ता है। इन्हें धर्म ससंद मॆं अपनी बातें कहने का मौका दिया जाये। इस तरह स्वामी जी को हिन्दू धर्म पर बोलने का मौका दिया।

    शास्त्रों में उल्लेख होने के कारण स्वामीजी को शिकागो की धर्म ससंद मॆं बोलने के लिये ब्राह्मणों ने अधिकृत नहीं किया। विवेकानंद को बोलने के लिए धम्मपाल के भाषण के समय में से सिर्फ पांच मिनट दिये गये। उस पाच मिनट में स्वामिजी ने अपनी बात रखी और इन्ही पांच मिनट की वजह से उनको सर्वोत्तम वक्ता का इनाम मिला ।ब्राह्मणों के दुर्व्यवहार के कारण ही स्वामी जी ने अपनी पुस्तक"भारत का भविष्य" में कहा है कि, यदि भारत के भविष्य निर्माण करना हो तो ब्राम्हणों को पैरों तले कुचल डालो !

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  2. *एक बार एक ब्राह्मण मरणाशन पड़ा था।*
    ✍कबीरदास उससे मिलने के लिए उसके घर आये। ब्राह्मण ने उनसे मरते वक्त गंगाजल पीने की इच्छा जताई। कबीरदास गंगाजल लेकर आये। ब्राह्मण ने यह कहते हुए पानी पीने से इनकार कर दिया कि 'तुमने गंगाजल को मेरे बर्तन के बजाय अपने बर्तन मेँ लाकर गंगाजल को ही अशुद्द कर दिया।'
    *इसपर कबीरदास ने कहा-'आपको कभी मुक्ति नहीँ मिलेगी। जो गंगाजल बर्तन को पवित्र नहीँ कर सकती है वो आपको क्या मुक्ति दिलायेगी ।'*
    *पाखण्ड पर करारी चोट*👊👊

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  3. इतिहास तो हिंदुओं की गद्दारी से भरा हुआ है।
    सिकंदर को बुलाने वाला आम्भि हिंदू ही था। सिंधू के राजा दाहिर जो एक ब्राह्मण की गददारी से मारा गया उसकी मोहम्मद बिन कासिम ने खाल निकलबा ली।उसकी दो लडकियों को अपने साथ ले गया। इनके नाम थे सूर्य कुमारी और प्रमिला कुमारी। यह ब्राह्मण हिंदू ही था।
    मोहम्मद गोरी को बुलाने बाला हिंदू ही था।
    बाबर को बुलाने राणासांगा जो राणा प्रताप के बाबा थे हिंदू ही था। यह राणा सांगा राणा प्रताप के बाबा थे। अकबर को जीजा फूफा बनाने बाले 12 राजा महाराजा हिंदू ही थे। मानसिह जिसने अपनी बुआ की शादी अकबर के साथ शादी कर दी बदले में अकबर ने इसे अपना सेनापति बना दिया।
    शिवाजी जिंदगी भर औरंगजेब के खिलाफ लडाई लडते रहे उनका राजतिलक ब्राह्मणों ने शिवाजी को शूद्र बताकर शिवाजी का राजतिलक करने से मना कर दिया। 5 करोड रूपया लेकर गंगभट्ट ब्राह्मण ने पैर के अंगूठे से राजतिलक कर दिया। शिवाजी जीवन भर मुगलो के खिलाफ लडाई लडते रहे। शिवाजी जाति से कुर्मी थे। इनकी माता देवगिरि के यादव राजाओं की लडकी थी। दलितों पिछडों की शासन सत्ता का सबर्ण जातिया सदैव बिरोध करती रहीं।
    मैनपुरी का देहुली कांड और बेलछी कांड एक दर्जन से ज्यादा दलितों को ठाकुरों ने लाइन मे लगाकर गोली से उडा दिया। क्या बे हिंदू नही थे

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