*क्या आपने कभी इन पश्चिमी philosophers को पढ़ा है:*
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1. *लियो टॉल्स्टॉय (1828 -1910):*
"बौद्ध और बुद्धीझम ही एक दिन दुनिया पर राज करेगी, क्योंकि इसी में ज्ञान और बुद्धि का संयोजन है"।
2. *हर्बर्ट वेल्स (1846 - 1946):*
" बुद्धीझम का प्रभावीकरण फिर होने तक अनगिनत कितनी पीढ़ियां अत्याचार सहेंगी और जीवन कट जाएगा । तभी एक दिन पूरी दुनिया उसकी ओर आकर्षित हो जाएगी, उसी दिन ही दिलशाद होंगे और उसी दिन दुनिया आबाद होगी । सलाम हो उस दिन को "।
3. *अल्बर्ट आइंस्टीन (1879 - 1955):*
"मैं समझता हूँ कि बौद्धओ ने अपनी बुद्धि और जागरूकता के माध्यम से वह किया जो यहुदी न कर सके । बुद्धीझम मे ही वह शक्ति है जिससे शांति स्थापित हो सकती है"।
4. *हस्टन स्मिथ (1919):*
"जो विश्वास हम पर है और इस हम से बेहतर कुछ भी दुनिया में है तो वो बुद्धीझम है । अगर हम अपना दिल और दिमाग इसके लिए खोलें तो उसमें हमारी ही भलाई होगी"।
5. *माइकल नोस्टरैडैमस (1503 - 1566):*
" बुद्धीझम ही यूरोप में शासक धर्म बन जाएगा बल्कि यूरोप का प्रसिद्ध शहर बौद्ध राजधानी बन जाएगा"।
6. *बर्टरेंड रसेल (1872 - 1970):*
"मैंने बुद्धीझम को पढ़ा और जान लिया कि यह सारी दुनिया और सारी मानवता का धर्म बनने के लिए है । बुद्धीझम पूरे यूरोप में फैल जाएगा और यूरोप में बुद्धीझम के बड़े विचारक सामने आएंगे । एक दिन ऐसा आएगा कि बौद्ध ही दुनिया की वास्तविक उत्तेजना होगा "।
7. *गोस्टा लोबोन (1841 - 1931):*
" बौद्ध ही सुलह और सुधार की बात करता है । सुधार ही के विश्वास की सराहना में ईसाइयों को आमंत्रित करता हूँ"।
8. *बरनार्ड शा (1856 - 1950):*
"सारी दुनिया एक दिन बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेगी । अगर यह वास्तविक नाम स्वीकार नहीं भी कर सकी तो रूपक नाम से ही स्वीकार कर लेगी। पश्चिम एक दिन बुद्धीझम स्वीकार कर लेगा और बौद्ध ही दुनिया में पढ़े लिखे लोगों का धर्म होगा "।
9. *जोहान गीथ (1749 - 1832):*
"हम सभी को अभी या बाद मे बौद्ध धर्म स्वीकार करना ही होगा । यही असली धर्म है। मुझे कोई बौद्ध कहे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मैं यह सही बात को स्वीकार करता हूँ ।"
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1. *लियो टॉल्स्टॉय (1828 -1910):*
"बौद्ध और बुद्धीझम ही एक दिन दुनिया पर राज करेगी, क्योंकि इसी में ज्ञान और बुद्धि का संयोजन है"।
2. *हर्बर्ट वेल्स (1846 - 1946):*
" बुद्धीझम का प्रभावीकरण फिर होने तक अनगिनत कितनी पीढ़ियां अत्याचार सहेंगी और जीवन कट जाएगा । तभी एक दिन पूरी दुनिया उसकी ओर आकर्षित हो जाएगी, उसी दिन ही दिलशाद होंगे और उसी दिन दुनिया आबाद होगी । सलाम हो उस दिन को "।
3. *अल्बर्ट आइंस्टीन (1879 - 1955):*
"मैं समझता हूँ कि बौद्धओ ने अपनी बुद्धि और जागरूकता के माध्यम से वह किया जो यहुदी न कर सके । बुद्धीझम मे ही वह शक्ति है जिससे शांति स्थापित हो सकती है"।
4. *हस्टन स्मिथ (1919):*
"जो विश्वास हम पर है और इस हम से बेहतर कुछ भी दुनिया में है तो वो बुद्धीझम है । अगर हम अपना दिल और दिमाग इसके लिए खोलें तो उसमें हमारी ही भलाई होगी"।
5. *माइकल नोस्टरैडैमस (1503 - 1566):*
" बुद्धीझम ही यूरोप में शासक धर्म बन जाएगा बल्कि यूरोप का प्रसिद्ध शहर बौद्ध राजधानी बन जाएगा"।
6. *बर्टरेंड रसेल (1872 - 1970):*
"मैंने बुद्धीझम को पढ़ा और जान लिया कि यह सारी दुनिया और सारी मानवता का धर्म बनने के लिए है । बुद्धीझम पूरे यूरोप में फैल जाएगा और यूरोप में बुद्धीझम के बड़े विचारक सामने आएंगे । एक दिन ऐसा आएगा कि बौद्ध ही दुनिया की वास्तविक उत्तेजना होगा "।
7. *गोस्टा लोबोन (1841 - 1931):*
" बौद्ध ही सुलह और सुधार की बात करता है । सुधार ही के विश्वास की सराहना में ईसाइयों को आमंत्रित करता हूँ"।
8. *बरनार्ड शा (1856 - 1950):*
"सारी दुनिया एक दिन बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेगी । अगर यह वास्तविक नाम स्वीकार नहीं भी कर सकी तो रूपक नाम से ही स्वीकार कर लेगी। पश्चिम एक दिन बुद्धीझम स्वीकार कर लेगा और बौद्ध ही दुनिया में पढ़े लिखे लोगों का धर्म होगा "।
9. *जोहान गीथ (1749 - 1832):*
"हम सभी को अभी या बाद मे बौद्ध धर्म स्वीकार करना ही होगा । यही असली धर्म है। मुझे कोई बौद्ध कहे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मैं यह सही बात को स्वीकार करता हूँ ।"
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