पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा के साथ मिलकर गुरुवार को छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके साथ बीजेपी के सुशील कुमार मोदी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। अब नीतीश कुमार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित करना नीतीश कुमार के लिए इतना आसान नहीं है।
खास बातें-
नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने पर पार्टी में बड़ी बगावतशरद यादव और अली अनवर के बाद केरल इकाई ने तोड़ा संबंध5 मुस्लिम और 11 यादव विधायक छोड़ सकते हैं नीतीश का साथपश्चिम बंगाल के जदयू उपाध्यक्ष ने कहा मुस्लिम नेता छोड़ेंगे पार्टी
नीतीश कुमार के इस फैसले ने जदयू की राजनीति को मुश्किल मोड़ में लाकर खड़ा कर दिया है। वैसे तो नीतीश कुमार के इस फैसले से पार्टी के दो बड़े नेता शरद यादव और अली अनवर नाराज हो गए हैं। वहीं जदयू के केरल इकाई के राज्यसभा सदस्य ने भी नीतीश कुमार से संबंध तोड़ने की बात कर दी है। लेकिन नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें उससे भी बड़ी हैं।
पढ़ें- जेडीयू में बड़ी फूट, पार्टी की केरल इकाई ने नीतीश कुमार से तोड़ा संबंध
खबर है कि जदयू के 5 मुस्लिम और 11 यादव विधायक नीतीश कुमार का साथ छोड़ सकते हैं। सू्त्रों की मानें तो जदयू के 71 में 18 विधायक राजद का समर्थन कर सकते हैं। इनमें से 5 विधायक मुस्लिम और 11 विधायक यादव समुदाय से हैं। दो अन्य विधायक भी राजद के संपर्क में हैं। जदयू विधायक बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश और लालू को एक साथ चुना था। लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर सही नहीं किया।
खास बातें-
नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने पर पार्टी में बड़ी बगावतशरद यादव और अली अनवर के बाद केरल इकाई ने तोड़ा संबंध5 मुस्लिम और 11 यादव विधायक छोड़ सकते हैं नीतीश का साथपश्चिम बंगाल के जदयू उपाध्यक्ष ने कहा मुस्लिम नेता छोड़ेंगे पार्टी
नीतीश कुमार के इस फैसले ने जदयू की राजनीति को मुश्किल मोड़ में लाकर खड़ा कर दिया है। वैसे तो नीतीश कुमार के इस फैसले से पार्टी के दो बड़े नेता शरद यादव और अली अनवर नाराज हो गए हैं। वहीं जदयू के केरल इकाई के राज्यसभा सदस्य ने भी नीतीश कुमार से संबंध तोड़ने की बात कर दी है। लेकिन नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें उससे भी बड़ी हैं।
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खबर है कि जदयू के 5 मुस्लिम और 11 यादव विधायक नीतीश कुमार का साथ छोड़ सकते हैं। सू्त्रों की मानें तो जदयू के 71 में 18 विधायक राजद का समर्थन कर सकते हैं। इनमें से 5 विधायक मुस्लिम और 11 विधायक यादव समुदाय से हैं। दो अन्य विधायक भी राजद के संपर्क में हैं। जदयू विधायक बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश और लालू को एक साथ चुना था। लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर सही नहीं किया।
https://youtu.be/7lMKn3PymiU
ReplyDeleteआज सारे के सारे स्वर्ण लालू के पीछे पड़े हुये हैं क्यों...
ReplyDeleteमाननीय श्री लालू प्रसाद यादव जी पर कार्रवाई बदले की भावना से RSS bjp वाले ने किया
1) लालू ने मंडल के आगे कमंडल को ध्वस्त किया।
2) लालू ही पहले आदमी हैं जिन्होंने मन्दिरों के आरक्षण पर अंगुली उठाई, और पुजारी के पदों पर दलितों की नियुक्ति हो कहा जी नहीं, पटना के प्रसिद्ध मंदिर में दलित को पुजारी नियुक्ति भी किया था अपने समय में।
3) रेलवे में कमलापति त्रिपाठी और उनकी बहू द्वारा नियुक्त लांखो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों जो बिना काम के रेलवे से वेतन लेते थे और स्टेशनों पर चाय या अखबार बेंचते थे उन्हें काम के लिये मजबूर करके रेलवे के घाटे को खत्म किया था।
4) जनता की नब्ज को पहचान कर लालू ने ही माया और मुलायम को एक हो जाने और उस पर सार्थक पहल भी किया।
5) लालू ने हमेशा संघ और RSS के जहरीले मंसूबों पर प्रहार और बेनकाब किया है।
लालू यादव पर हो रही कार्रवाई से अगर कोई सबसे ज्यादा खुश है तो वो है एक खास वर्ग के लोग !
ReplyDeleteये लोग लालू परिवार को भ्रष्टाचारी, लुटेरा, और न जाने क्या क्या उपमाऐं दे रहे हैं!
और जब लालू के समर्थक ये तर्क देते हैं कि देश में और भी कई नेता हैं जिनपर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लग चुके हैं उनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है (लगभग सभी राजनीतिक पार्टी में कई ऐसे नेता हैं )
और वहीं पिछले सात महीने में लालू यादव के परिवार पर कई बार सीबीआई व आयकर विभाग के छापेमारी हो चुकी है!
अगर लालू यादव के साथ साथ देश के अन्य विभिन्न राजनीतिक पार्टी के भ्रष्टाचारी नेताओं पर एकसाथ छापेमारी की जाती तो लोगों को लगता कि सही मायने में मोदी सरकार भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ है!
इन सबसे इतर सिर्फ लालू यादव पर ही ताबडतोड़ छापेमारी करवाना केंद्र सरकार की लालू से बौखलाहट व राजनीतिक विद्वेष को परिलक्षित करती है! और ये सर्वविदित है कि जिस किसी भी पार्टी की सरकार केंद्र में बनी है वो अपने राजनीतिक लाभ हेतू सीबीआई की ताकत का गलत तरीके से उपयोग जरूर की है!
हो सकता है कि लालू जी के कार्यकाल में कुछ गडबडियां हुई होंगी लेकिन देश की कौन ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो यह ताल ठोककर कह सके कि मेरे पार्टी के किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं!
अंत में मैं यही कहूँगा कि अगर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करनी है तो सभी आरोपितों पर एकसाथ छापेमारी करवाई जाए! अन्यथा आप कितनी भी सफाई पेश करिएगा लोग इसे दुर्भावनापूर्वक की गई कार्रवाई ही कहेंगे!
और लालू यादव की चिंता कुछ लोग जो कर रहे हैं उनसे मैं कहना चाहूँगा कि जब जब लालू पर इस तरह से परेशानी में डालने हेतू सोचीसमझी कार्रवाई की गई है वे और मजबूती से खड़े हुए हैं!
अब समाचार बिहार से:-
ReplyDelete(1) मोदी ने एक तीर से चार निशाने लगाए -
बिहार में सत्ता मिली
PM पद का दावेदार हटा
बिहार की लोकसभा सीटें बचीं
साम्प्रदायिक से सेक्युलर हो गए।
(2) क्या खूब !! 😂😂😂😂
तलाक JDU और RJD के बीच हुआ किन्तु विधवा कॉंग्रेस हो गई !
(3) घोटाला उप मुख्यमंत्री ने किया
इस्तीफ़ा मुख्यमंत्री ने दिया
बधाई प्रधानमंत्री ने दी
मेरा तो सर चकरा रहा है....!!!😂
(4) बिहार मे कुल मिलाकर हुआ ये की नवविवाहिता अपने पूर्व प्रेमी के साथ भाग गयी 😂😂😂😂
(5) तुरंत दूसरी नौकरी मिलने की गारंटी हो तो इस्तीफ़ा कोई बड़ी बात नहीं 😜
#बिहार
(6) अब बस सोनिया गांधी भी भाजपा में शामिल हो जाएं तो अमित शाह जी चारो धाम की यात्रा पे निकल जाएंगे ।
(7) एक बात तो केजरीवाल की ठीक निकली,
वोट किसी को भी दे दो जाता बीजेपी को है 😂🤘
चाहे साल दो साल बाद ही सही 😂😂
(8) नीतीश कुमार ऐसी लड़की है जो हमेशा 2 बॉयफ्रेंड रखती है अगर 1 नाराज भी हो जाये तो दूसरा उसका रिचार्ज करवाने को तत्पर रहता है😂
(9) वो तो शी जिनपिंग इसलिए हमला नहीं कर रहा कि क्या पता इधर हम सेना लेकर भारत में घुसे उधर अमित शाह चीन में तख्ता पलट करवा के BJP की सरकार बनवा दे।
(10) कभी सुना है कि किसी मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने पर उसे बधाई दी जाए.
मोदी जी भी ना मस्ती करने का कोई मौका नही छोड़ते. 😂😂😂
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊