Saturday, 5 August 2017

समाज के हित की बात नहीं रख सकतीं

जिस सदन में मैं अपने समाज के हित की बात नहीं रख सकतीं उस सदन का सदस्य बने रहना कोई मायने नहीं रखता.
#Mayawati
मुझे महज तीन मिनट का वक्त दिया जा रहा है. आखिर इतने महत्वपूर्ण मसले पर मेरी बात क्यों नहीं सुनी जा रही. लानत है ऐसी सदस्यता पर कि जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही।
मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए.
मैं अभी इससे इस्तीफा देती हूं.
ये जीरो ऑवर नहीं है फिर कैसे हमारे दलित समाज की बात महज तीन मिनट तक सीमित की जा सकती है. आखिर सहारनपुर में जो कुछ हो रहा है वो सब क्यों नहीं बताने दिया जा रहा ...
मान्य बहन जी की राज्यसभा में सहारनपुर दलित कांड पर दहाड़##
उत्तर प्रदेश शेरनी


नाराज मायावती इस्तीफा देकर जब राज्यसभा से बाहर निकलीं तो पत्रकारों से क्या बोलीं : 5 खास बातें | via Veooz 


https://www.veooz.com/shared/news/jN0GuHe


रामविलास पासवान वैचारिक दरिद्रता के शिकार हो गए मालूम पड़ते हैं। बोल रहे हैं कि जो कोविंद का विरोध करेगा, वो दलित विरोधी है। 


भाई साहब भाजपा की ही प्रवक्तई करनी है, तो अपनी पार्टी लोजपा का सीधे विलय ही क्यों नहीं कर देते भाजपा में ? इतनी अतार्किक बातें कैसे कर लेते हैं आप ? आप अपना ही इतिहास क्यों भूल जाते हैं ?


 84 के आमचुनाव के बाद 85 में बिजनौर सीट पर हुए उपचुनाव में आप ही थे न जिनको लोकदल से चरण सिंह ने मायावती जी और मीरा कुमार जी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़वाया था।


 त्रिकोणीय संघर्ष में मीरा कुमार ने तक़रीबन 5 हज़ार वोटों से आपको हराया था।


 बताइए, जब दो जुझारू, योग्य, कर्मठ व लगनशील दलित प्रत्याशी मैदान में थीं ही, तो आप क्या करने गए थे वहां ? 


गर आपके कुतर्कों पर चला जाए, फिर तो आप घोर महिला विरोधी करार दिए जाएंगे। यही सब अलबल बोलना है, तो बेहतर हो कि आप चुप ही रहें। कम एक्सपोज होइएगा।


दु:ख इस बात का नहीं कि रामविलास पासवान भाजपा के साथ चले गये​ (पहले भी गये हैं), दु:ख इस बात का है कि उन्होंने पुत्रमोह व भ्रातृप्रेम में लब सिल लिए हैं।


 दलितों के साथ कितना भी बड़ा अत्याचार हो जाए, उनका बयान तक नहीं आता। पासवान जी, एक वक़्त आपका क़द कैबिनेट मिनिस्टर से कहीं ज़्यादा बड़ा था.


 याद करो कि वीपी सिंह के आप विश्वासपात्र रहे, आपकी कार्यकुशलता देख, मंडल कमीशन को ज़ल्दी लागू करने के लिए पूरे मामले को दूसरे मंत्रालय से हटाकर उन्होंने आपके मंत्रालय में डाल दिया था।


 देवगौड़ा और गुजराल के समय आप लोकसभा में नेता, सदन थे, नेक्स्ट टू प्राइम मिनिस्टर का रुतबा हासिल था। क्या हाल बना लिया आपने अपना ? दलित सेना का गठन कर कभी हुंकार भरने वाला नेता आज ख़ामोशी ओढ़ने पर मजबूर है।


 अगस्त 1982 में सदन में मंडल कमीशन पर आपकी निरुत्तर कर देने वाली धारदार बहस कोई पढ़ ले, तो क़ायल हो जाए। आपके तेवर हमने देखे और सुने हैं, इसलिए शायद बुरा लगता है। 



यही सब अनापशनाप बोलना है, तो ख़ामोश रहने में क्या बुराई है.....



 बसपा सुप्रीमो मायावतीजी की केंद्रीय राजनीती में धमक आज भी बरकरार है।।।।।

बीजेपी ने अपना राष्ट्रपती उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को घोषित करने के तुरंत बाद मायावतीजी ने प्रेस वार्ता करके विपक्ष को सबसे पहले दो टूक जवाब दे दिया था की विपक्ष को बीजेपी के दलित उमेदवार के खिलाफ दूसरा दलित उमेदवार उतारना चाहिए तभी हम समर्थन करेंगे।

और देखिये बहनजी का रुतबा और धमक सभी UPA के घटक दलों को इस पर विचार और निर्णय लेने हेतु मजबूर कर दिया। अब सवाल ये नहीं है कि विपक्ष का उमीदवार किस पार्टी का है कैसा है वो क्या योग्यता रखता है। सवाल ये है कि मायावतीजी ने राष्ट्रपती पद को लेकर दिया गये बयान को विपक्ष ने पूरी गंभीरता से लिया और नतीजा देश के सामने है।
विपक्ष अच्छि तरह से जानता है की मायावतीजी 1 बार ही बोलती है और वो बात अंतिम होती है, विषय ख़त्म समजो।।।।।।

अब देश के तमाम सामाजिक,राजनितिक,साहित्यिक बुद्धिजीवियों और बाबासाहब का नाम लेकर तमाम राजनितिक दुकान खोल के बैठे तटपूंजिये दलाल नेताओं को समझनी चाहिये की उनकी औकात और मायावतीजी की औकात में क्या फर्क है? और वो फर्क देश की बहुजन जनता साफ़ साफ़ देख रही है।।।


#सच्चाई_का_साथ_देने_के_लिए_स्वामी_प्रसाद_जी_का_धन्यवाद।
                नई दिल्ली। नेशनल जनमत ब्यूरो।

बीते दिनों यूपी के रायबरेली जिले के इटौरा गांव में ग्राम प्रधानपति रामश्री यादव की हत्या के इरादे से आऐ पांच बदमाशों की भागते समय बिजली के खम्भे से गाड़ी के टकराने से जलकर हुई मौत की सच्चाई जनता को बताना योगी सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को भारी पड़ गया।

योगी सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि ब्राह्मण जाति के पांचो हमलावर अपराधी किस्म के थे। और ग्राम प्रधान की हत्या करने आऐ थे। जब इन हमलावरों ने ग्राम प्रधान के घर पर गोलीबारी शुरू की तो गोली चलने की आवाज सुनकर गांव वाले इकट्ठे हो गए और हमलावरों को दौड़ा लिया। भागते वक्त इन बदमाशों की गाड़ी बिजली के खम्भे से टकरा गई , जिससे जलकर पांचों बदमाशों की मौत हो गई। इस मामले में निर्दोष लोगों को फसाया जा रहा है।

सच बोलने पर ब्राह्रणों ने फूंक दिया स्वामी प्रसाद मौर्या का पुतला

#स्वामी प्रसाद मौर्या ने इटौरा की घटना की सच्चाई क्या बताई, रायबरेली और आस-पास के विभिन्न ब्राह्मण संगठनों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ब्राह्मण महासभा,परशुराम सेना, सर्व ब्राह्मण महासभा, परशुराम सेवादल आदि संगठनों के पदाधिकारियों ने स्वामी प्रसाद मौर्या का पुतला जलाया।

#यादव_सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष #शिव_कुमार_यादव ने सत्य के पक्ष में खड़े होने के लिए दिया स्वामी प्रसाद मौर्या का आभार प्रकट किया। और योगी सरकार के पुलिस प्रशासन पर इटौरा की घटना में निर्दौष यादव जाति के लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मामले में यादव और ब्राह्मण जाति के पांच बुद्धजीवियों का एक संयुक्त जांच दल बनाने की मांग की ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस प्रशासन और अधिकारियों की जांच पर कोई भरोसा नहीं है। पूरा प्रशासन ब्राह्मण जाति के प्रभावशाली लोगों के दबाव में काम कर रहा है। यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने इस मामले में सपा विधायक मनोज पांडे और कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी जातीय दंगा भड़काने का भी आरोप लगाया है. सूत्रों के हवाले से खबर तो ये भी है कि अगर  इटौरा के ग्राम प्रधान की  रामश्री यादव की गिरफ्तारी के विरोध में चार – पांच यादव यदि इटौरा के आस-पास दिखाई दें तो उनकी हत्या की योजना भी बनाई जा रही है। इसके अलावा प्रशासन यादवों को  इटौरा के आस-पास यादवों को किसी भी तरह की कोई जनसभा करने की भी इजाजत नहीं दे रहा है। कुल मिलाकर आस-पास के ब्राह्णम नेताओं की शह पर यादवों के खिलाफ जातीय युद्ध छेड़ने की पूरी तैयारी चल रही है। और नेताओं की इस शह को पुलिस प्रशासन और योगी सरकार के कुछ नेताओं और मंत्रियों का पर्दे के पीछे समर्थन दिख रहा है।

                http://nationaljanmat.com/raibareli-swami-prasad-maurya/

4 comments:

  1. गरीबों,दलितों,किसानों की बात मैं सदन के अंदर रखता हूँ तो रूलिंग पार्टी के मंत्री, सदस्य बोलने से रोकतीं है,,,जिसके कारण मैं अपनी समस्याएं नही रख पातीं हूँ।।

    जब मैं अपनी बात ही नही रख पाती हूँ सदन में तो सदन में रहने का कोई अधिकार ही नही हैं मुझे।।।।।।।।

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  2. http://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/aajtak-epaper-aajtak/92+sal+ke+bad+sangh+ka+sapana+sakar+desh+ke+tino+sarvocch+pad+par+svayansevak-newsid-71344303

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