Wednesday, 27 September 2017

हरिजन कहने या लिखने पर अब होगी कड़ी कार्रवाई

*⚖👊हरिजन  कहने या लिखने पर चली बड़ी मुहिम।👊⚖*
*_😡हरिजन कहने या लिखने पर अब होगी कड़ी कार्रवाई यदि लापरवाही की तो कानून का डंडा सरकारी अफसरों पर भी चलेगा।😡_*

*Order No.: NENB-IFLHC/ND/HDWB/2017-007*
E-mail: indiafreelegalhelpcell@gmail.com
nawabsatpaltanwar@gmail.com
*_Contact:_*
*नवाब सतपाल तंवर*
*_9310003886_*
*_9911189986_*
*_Operated By:_*
*निगाहें (एक नया बदलाव)*

*विषय: जारी पत्र के अनुसार *_हरिजन * शब्द का प्रयोग ना करने संबंधी संवेधानिक चेतावनी।*

*बहुजन समाज यानी समस्त SC/ ST, OBC नागरिकों को, सभी सरकारी एजेंसियों, पुलिस विभाग, समस्त सरकारी विभागों और समस्त देशवासियों को सूचित किया जाता है।*
*_हरिजन शब्द, धोबी शब्द_* किसी भी सरकारी/ प्राइवेट दस्तावेज जैसे पुलिस जांच, बयान, जाति प्रमाण पत्र, नौकरी फ़ार्म, स्कूल रिकार्ड आदि किसी भी सरकारी/ प्राइवेट दस्तावेज पर लिखने पर अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कानूनों के तहत अपराध घोषित किया गया है। पब्लिक प्लेस पर लिखने जैसे चौपाल, कॉलोनी, नगर, पंचायत आदि के नाम से बनाने, लिखने पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम के तहत अपराध घोषित किया गया है। (यदि पहले से लिखा या दस्तावेजों में है तो तुरंत हरिजन की जगह कोई अन्य नाम रखें जैसे अम्बे‍डकर कॉलोनी, नगर आदि)। सामुहिक अथवा व्यक्तिगत तौर पर उपरोक्त शब्दों हरिजन अथवा धोबी शब्द को बोलने पर भी उपरोक्त कानूनों के तहत अपराध माना गया है।
इस बारे में संसद में कानून भी कई वर्ष पहले पारित किया जा चुका है और सभी राज्य सरकारों और सभी विभागाध्यक्षों को केंद्र सरकार के पत्रों द्वारा सूचित भी किया जा चुका है।
ध्यान देने योग्य तथ्य है कि कई वर्ष पहले केंद्र के द्वारा जारी किए गए नए विधान की सूचना मिलने के बावजूद सरकारी दस्तावेजों, पब्लिक प्लेस, आम बोलचाल की भाषा में और मीडिया में इन शब्दों का प्रयोग धड्डले से किया जा रहा है। अनेकों सूचनाएं और शिकायतें हमें प्राप्त हुई हैं। हरियाणा एंव गुड़गांव के कई पटवारियों के बारे में भी जानकारी मिली है कि वे और नंबरदार, सरपंच, पार्षद आदि भी जमकर उक्त शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। पुलिस जांच में जांच अधिकारी जब पीड़ित का बयान लिख रहे होते हैं तो इसी शब्द का इस्तेमाल धड्डले से कर रहे पाए गए हैं। हरियाणा गुड़गांव के अलावा उत्तर भारत के अनेकों राज्यों से हमारे पास शिकायतें पहुंची हैं और सूचना अधिकार अधिनियम के तहत भी अनेकों चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। साथ ही हमें यह भी मालूम हुआ है कि गांवों के अंदर अनुसूचित जाति के लोगों को यह कह कर भ्रमित किया जाता है कि *_आप तो हरि के जन हो यानी आप हरिजन हो और उनको पर हरिजन यानी हरि भगवान के पुत्र जन बताकर संबोधित करने के साथ-साथ साथ मानसिक दवाब बनाया जाता है। जबकि ऐतिहासिक प्रमाणों और कानूनों में किए गए प्रावधान रिकार्ड के अनुसार पौराणिक मनुवादी व्यवस्था में संविधान लागू होने से पूर्व एवं भारत गणराज्य के स्वतंत्र होने से पूर्व देवदासी व्यवस्था पाई गई है। अलोकतांत्रिक एवं असंवेधानिक देवदासी व्यवस्था के अनुसार अनुसूचित जाति/ जनजाति, पिछड़ा वर्ग एंव अति पिछड़ा वर्ग की कन्याओं को तथाकथित विशेष स्वर्ण जाति पोंगा-पंडित अपहरण करके बंधक बनाकर अपना गुलाम बना लेते थे उनसे जो संताने पैदा होती थी उन्हे #हरिजन# कहकर पुकारा जाता था। आज भी इस शब्द का प्रयोग और कानून पारित होने के बावजूद इस घृणित शब्द का प्रयोग वास्तव में चिंताजनक विषय है।_*
नतीजन हमें यह पत्र जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इस पत्र की प्रतियां सभी राज्य सरकारों को भेजी जा रही हैं। राज्य सरकारें अपने सभी विभागों को इस पत्र का रेफ़्रांस देकर सूचित करें और कानूनों को लागू कराएं अन्यथा हमें आपके दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही करने हेतु मजबूर होना होगा। साथ ही पुलिस विभाग को गृह मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से सचेत किया जाता है कि इस संबध में आपके पास कोई भी शिकायत आती है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार बिना विलंब किए अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम में एफआईआर दर्ज करके कार्यवाही अमल में लाएं अन्यथा इस अधिनियम के तहत दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है।
Cc: Forward by post.
*_इस पत्र का मूल रूप सोशल मीडिया में जारी किया जा रहा है ताकि लोकतांत्रिक रूप से सभी को यह जानकारी मुहैया कराई जा सके। सीआईडी, आईबी आदि इस पत्र के मूल रूप तक अपने अधिकारों तक अवश्य पहुंचा दें।_*
*साथ ही समस्त देशवासी और संबंधित समाज यानी अनुसूचित जाति/ जाति, पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले सभी नागरिक इस पत्र के मूल रूप इस संदेश को अपने सभी सोशल नेटवर्क, फेसबुक, ट्विटर, Whatsapp आदि पर सभी ग्रुप और व्यक्तिगत सभी संपर्क सूत्रों पर भेज दें।*
*_यदि आपके पास_* *हरिजन अथवा धोबी* *_शब्द के प्रयोग की कोई जानकारी है तो 

indiafreelegalhelpcell@gmail.com अथवा nawabsatpaltanwar@gmail.com 
पर ईमेल करें अथवा नवाब सतपाल तंवर के मोबाइल नंबर 
9310003886, 9911189986 
पर फोन करके सूचित करें।_*

*👍अधिक से अधिक शेयर करें और हरिजन शब्द का नामोनिशान मिटा दें।👍*
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