ऐसा राजतन्त्र
जिसे हम लोकतान्त्रिक प्राणी तानाशाही कहते है।
मैं भी तानाशाही में यकीन नही रखता था।
लेकिन अगर देखें तो तानाशाही ने दुबई को जन्नत बना दिया।
100 % रोजगार।
विश्व की सबसे अच्छी कानून व्यवस्था।
विश्व स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं , हर किसी के लिए।
करप्शन फ्री देश।
न्यूनतम रिश्वतखोरी।
विश्वस्तर की हर सुविधा।
न्यूनतम नशाखोरी।
कानून तक हर किसी की पहुँच।
बलात्कार की एक नाकाम कोशिश आखिरी बार 2007 में हुई थी।
आरोपी पठान अगले शुक्रबार को चौराहे पे लटकता हुआ पाया गया था।
एक बैंक डकैती हुई थी (नाकाम ) 2005 में।
सब के सब आरोपियों को गोली मार दी गयी थी।
ज्यादातर शो रूम्स में कांच की ही दीवारें होती है।
लोहे के भरी भरकम शटर नही।
किसी भी पब्लिक ऑफिस में आप लाइन नही लगा सकते ,
अपनी आटोमेटिक अपॉइंटमेंट पर्ची लो और सोफे पे बैठकर इंतज़ार करो।
आपका नंबर बोलकर बुलाया जायेगा।
रोड एक्सीडेंट होने पे चंद ही मिंटो में एम्बुलेंस ,
फिर पुलिस ,
सिविल डिफेन्स।
और अगर जरूरत पड़े तो
हेलीकाप्टर एम्बुलेंस भी हाजिर।
आधी रात को भी पश्चिमी औरतें स्कर्ट में घूमती है
लेकिन क्या मजाल कि कोई छेड़छाड़ हो जाये।
999 में बस फोन घुमा दो।
फोन काटने से पहले ही पुलिस हाजिर।
ये वो देश है
जहाँ का राष्ट्रपति भी बिना सुरक्षा के अकेला निकल जाता है।
ये वो देश है जहाँ लोग अपने मुल्क को अपना मुल्क समझते है।
पुलिस न भी मौजूद हो
लेकिन अगर आप कुछ भी गलत करते हुए पकड़े गए तो आपकी खैर नही।
यहाँ के निवासी इस मुल्क की हर चीज को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी मानते है और उ
सका ख्याल रखते है।
और एक हमारा कथित लोकतंत्र है
की खामिया ही खामिया।
आँखे बंद करके सोचना शुरू करदो।
अब साला दिल कहता काश ये सिस्टम भारत में भी होता।
लोकतंत्र तो एक ढकोसला है।
हर पांच साल बाद एक लोल्लिपोप थमा देते है
और खुद नेता लोगो का खून चूसते है।
😳😳
कुछ सत्य पर कडवे सच
☺☺☺
1. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने देश में बैठे गद्दारो पर कोई कार्यवाही नहीं करता....
😊😊😊
2. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यकँ समुदाय पर अत्याचार करता है....
😊😊😊
3. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जिसमें सरहद पर तैनात सिपाही को एकसाल तक छुट्टी नहीं मिलती. लेकिन जेल में बंद संजय दत्त को हर 2 महीने से पैरोल पर छुट्टी मिल जाती है.....
😊😊😊
4. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ लाखों अरबो का घोटाला करने वाले आजाद घूमते है. लेकिन जिसपे आरोप साबित नहीं हुआ है कैंसर पीडित ऐसी साध्वी को जेल मे रखते है
😊😊😊
5. भारत ऐसा देश है, जहाँ आतंकवादियों और बलात्कारियों के मानवाधिकारो के लिए लड़ने वाले मिल जाते है. लेकिन आतंकवादियों के हमलों में मरने वालों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं करता.....
😊😊😊
6. भारत ऐसा देश है जहां हिरन का शिकार करने पर कडी सजा का प्रावधान है लेकिन गौमाता जिसे हिन्दू मां मानते है की हत्या पर सब्सिडी दी जाती है
😊😊😊
7. भारत के सेकुलर नेता ऐसे है, जो आतंकवादियों को सम्मान देते है और राष्ट्रवादीयों को गालियां देते है....
😊😊😊
. 8. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ बाहरी घुसपैठियों का घर बैठे राशन कार्ड और वोटर कार्ड बन जाते है. लेकिन इन सब के लिए चक्कर काटते काटते अपने देश के आम नागरिक की चप्पल घिस जाती है......
😊😊😊
9. भारत दुनिया ऐसा देश है जहां पांचवी पास आदमी एक स्कूल का चपरासी तो नही बन सकता लेकिन नेता बन सकता है
😊😊😊
10. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां के इतिहास मे भगतसिंह को आतंकवादी और भारत पर हमला करने वाले अकबर और सिकन्दर को महान बताया गया है
😊
👆 कृपया आगे भेजकर अपने भारतीय होने का फर्ज निभाये. 🙏
🇧🇴भारत माता कि जय💪
आपने बहुत अच्छा निर्णय लिया लेकिन यह तब और g अच्छा होता जब आपने एक बार यह जानने की कोशिश की होती की भर्ती फिट किए गए तो अनफिट हुए कैसे...... मैं बताता हूं इन्हें आपकी नीतियों ने आपके फरमानों ने इस कदर बेबस और लाचार बनाया कि यह लाख चाहकर भी खुद को फिट नहीं रख सके ! खैर आपने तो बता दिया कि एक समिति बनाई जाएगी और वह पैनलिस्ट करके अनफिट पुलिसकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा !
हुजूर कभी आपने ऐसी समिति भी बनाने की बात की जो इन पुलिसकर्मियों के ड्यूटी टाइम, वेलफेयर, वेतन विसंगति आदि के विषय में अपनी रिपोर्ट पेश करें..... और अगर पिछले समय में किसी समिति द्वारा कोई रिपोर्ट पेश की गई तो उस पर क्या कार्यवाही हुई ! खैर आपकी नजर में तो माननीय सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नहीं है उनके भी आदेशों को आज तक लागू करना उचित नहीं समझा गया जो उन्होंने पुलिस सुधार एक्ट के रूप में निर्देशित किया था !
कभी आपने सोचा कम से कम 18 से 20 घंटे ड्यूटी करने वाला पुलिसकर्मी अपने को कैसे फिट रख पाएगा! पुलिस विभाग को छोड़कर....... जिसमें खासकर कांस्टेबल पुलिसकर्मी जो 18 से 20 घंटे ड्यूटी करता है, और कोई ऐसा विभाग जो 18 से 20 घंटे ड्यूटी करता हो..... और हां अगर इतनी ड्यूटी उस विभाग के द्वारा जैसे कि रेलवे या सरकारी हॉस्पिटल इमरजेंसी वार्ड करते भी हैं तो 3 चरणों में उन्हें 8 घंटे की ड्यूटी के बाद 16 घंटे रेस्ट मिलता है !
लेकिन पुलिस के साथ ऐसा कुछ भी नहीं आइए किसी दिन किसी पुलिसकर्मी के साथ किसी चौराहे पर चिलचिलाती धूप एवं भड़कती पब्लिक के बीच किसी पॉइंट पर 8 घंटे बराबर खड़े रह कर देखिए उस दिन के बाद सफेद कुर्ता पायजामा पहनना भूल जाएंगे ! ट्रैफिक के दुरुस्त आवागमन के लिए अगर कोई पुलिसकर्मी आपको किसी चौराहे पर 2 मिनट के लिए रोक देता है तो आप अपनी एयर कंडीशन कार में बैठे बैठे उसको गाड़ी रुकवाने के बदले वर्दी उतरवाने की धमकी देते हैं ! क्या इसके लिए अभी कोई समिति बनेगी............
अभी तक इस तरह के जितने वीडियो है उन पर आपने क्या कार्यवाही की अगर यही वीडियो किसी पुलिसकर्मी के आए होते तो आप पता नहीं क्या किए होते ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ........... जो वीडियो पर कार्यवाही करें चाहे वह पुलिस का हो या नेता का.......
एक समिति ऐसी बनाओ जो यह देखें एक पुलिसकर्मी जिसको साइकिल भत्ता दिया जाता है और अपेक्षा की जाती बुलेट ट्रेन की तरह काम करें ! हर घटना पर अपेक्षा की जाती है कि वह 5 मिनट में पहुंचे.... आपने कौन से संसाधन मुहैया कराए जिससे हम 5 मिनट में पहुंच जाएं वह मेरी व्यक्तिगत मोटरसाइकिल होती है और मेरा जेब के पैसे का पेट्रोल पड़ता है तब मैं 5 मिनट में पहुंचता हूं !
एक समित उसके लिए भी बनाओ.....
बाहर के मुलजिम गैर जिला गैर प्रदेश ले जाने पड़ते हैं जिनके साथ पुलिसकर्मी स्वयं का व मुलजिम का यात्रा खर्चा, खाना खर्चा स्वयं वहन करता है ! जो कि उसे तुरंत देना पड़ता है और उसका टीए-डीए 3 साल 4 साल बाद किस तरह आधा-अधूरा मिलता है जिसमें कि केवल पुलिसकर्मी का.........ना कि उस मुलजिम पर खर्च किए गए खाना खुराक का ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ....
पुलिसकर्मी जब ड्यूटी से वापस थाने पहुंचता है तो रात 12:00 बजे उसे बताया जाता है कि फला जगह पर सुबह 5:00 बजे VIP ड्यूटी या सुरक्षा ड्यूटी हेतु पहुंचना है ! जो कि 50 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक दूरी हो सकती है ! उसका यात्रा खर्चा खाने का खर्चा सब कुछ स्वयं अपने पास से करना पड़ता है चाहे जैसे हो ! हालांकि राजपत्रित अधिकारी जो हर तरह से सक्षम होते हैं उन्हें इसकी चिंता बिल्कुल नहीं करनी पड़ती ! उन्हें यात्रा के लिए गाड़ी एवं ड्यूटी के लिए होटल में कमरा या गेस्ट रूम उपलब्ध कराया जाता है, तो हमें भी कुछ पैसा Advance मिले जिससे कि इस तरह की ड्यूटी में कोई दिक्कत ना हो ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ......
पुलिस को छोड़ कर सारे राज्य कर्मचारी 1 साल में लगभग 90 दिन राजकीय अवकाश के कारण छुट्टी पर रहते हैं ! जबकि हम इन अवकाशों का 1 घंटे भी उपयोग नहीं कर पाते और ड्यूटी करते हुए यह अवकाश गुजर जाते हैं ! उसके एवज में मात्र 30 दिन का वेतन मिलता है, वह भी अगर उपार्जित अवकाश ले लिया तो बीच में पड़ने वाले राजकीय अवकाशों का वेतन काट कर भुगतान किया जाता है ! जबकि ड्यूटी के दौरान अगर हम राजकीय अवकाश में ड्यूटी करते हैं तो उस अवकाश के बदले में भी हमें वेतन मिलना चाहिए जो कि नहीं मिलता है ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ........
पुलिस आवास जो कि बद से बदतर स्थिति में है ! एक छोटे से हाल में 10 पुलिसकर्मी अपनी चारपाई, अपने बक्से, अपनी मच्छरदानी, अपने बैग, वर्दी, बर्तन के साथ किस तरह गुजारा कर रहे हैं ! और लैट्रिंग से लेकर खाने और नहाने तक के लिए किस तरह लाइन में लगना पड़ता है ! इसके निदान हेतु भी एक समिति बनाओ........
1861 का पुलिस एक्ट..... जो की अंग्रेजों द्वारा इसलिए बनाया गया था की पुलिसकर्मियों ने उनके द्वारा की जा रही ज्यादतियों के विरुद्ध 1857 में क्रांति का ऐसा अलख जगाया था........ जिस के महानायक मंगल पांडे थे ! जो स्वयं एक पुलिसकर्मी थे ....उसको दबाने के लिए 4 साल बाद 1861 में दमनकारी पुलिस एक्ट बनाया गया क्योंकि उस समय पुलिस विभाग के बड़े पदों पर अंग्रेज ऑफिसर होते थे और छोटे पदों पर भारतीय होते थे! लेकिन अब जब बड़े और छोटे दोनों पदों पर भारतीय हैं तो फिर इस दमनकारी एक्ट के बदलाव के लिए भी एक समिति बनाओ.............
पुलिसकर्मी आपके अनुशासन नामक हंटर की मार से इतना लाचार और बेबस हो चुके हैं की इसके लिए भी जल्द से जल्द एक समिति बना दो जो की अति आवश्यक हैं !
समस्याएं बहुत हैं ....लेकिन पहले जरूरी वाली इतनी समस्याओं पर समिति बनाओ फिर आगे बताएंगे और क्या-क्या समस्याएं हैं !
अगर आप अनफिट पुलिसकर्मियों की या राज्य कर्मचारियों की आवश्यक रिटायरमेंट के लिए समिति बना रहे हैं तो मेरी नजर में ज्यादातर 50 वर्ष से ऊपर की आयु के अनफिट कर्मियों में बड़े अधिकारी हैं ! शुरुआत उन से की जाए तो एक मिसाल बनेगी......
वैसे अभी तक जो हुआ है उसमें छोटे कर्मचारी को ही जबरदस्ती रिटायरमेंट दिया गया है........
यही निर्णय शासन के जो महत्वपूर्ण अंग मंत्री विधायक नेता आदि हैं जिनकी शारीरिक क्षमता एवं वैचारिक कुशलता अति उच्च स्तर की होनी चाहिए ! उनके साथ भी ऐसा ही हो, क्योंकि उन्हें हमारी अपेक्षा काफी बड़े निर्णय, काफी ज्यादा आवागमन करना पड़ता है ! तो सबसे ज्यादा जरूरी यही है की प्राथमिक स्तर पर शुरुआत इन्हीं से की जाए ! इसके लिए भी एक समिति बनाओ...
जिसे हम लोकतान्त्रिक प्राणी तानाशाही कहते है।
मैं भी तानाशाही में यकीन नही रखता था।
लेकिन अगर देखें तो तानाशाही ने दुबई को जन्नत बना दिया।
100 % रोजगार।
विश्व की सबसे अच्छी कानून व्यवस्था।
विश्व स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं , हर किसी के लिए।
करप्शन फ्री देश।
न्यूनतम रिश्वतखोरी।
विश्वस्तर की हर सुविधा।
न्यूनतम नशाखोरी।
कानून तक हर किसी की पहुँच।
बलात्कार की एक नाकाम कोशिश आखिरी बार 2007 में हुई थी।
आरोपी पठान अगले शुक्रबार को चौराहे पे लटकता हुआ पाया गया था।
एक बैंक डकैती हुई थी (नाकाम ) 2005 में।
सब के सब आरोपियों को गोली मार दी गयी थी।
ज्यादातर शो रूम्स में कांच की ही दीवारें होती है।
लोहे के भरी भरकम शटर नही।
किसी भी पब्लिक ऑफिस में आप लाइन नही लगा सकते ,
अपनी आटोमेटिक अपॉइंटमेंट पर्ची लो और सोफे पे बैठकर इंतज़ार करो।
आपका नंबर बोलकर बुलाया जायेगा।
रोड एक्सीडेंट होने पे चंद ही मिंटो में एम्बुलेंस ,
फिर पुलिस ,
सिविल डिफेन्स।
और अगर जरूरत पड़े तो
हेलीकाप्टर एम्बुलेंस भी हाजिर।
आधी रात को भी पश्चिमी औरतें स्कर्ट में घूमती है
लेकिन क्या मजाल कि कोई छेड़छाड़ हो जाये।
999 में बस फोन घुमा दो।
फोन काटने से पहले ही पुलिस हाजिर।
ये वो देश है
जहाँ का राष्ट्रपति भी बिना सुरक्षा के अकेला निकल जाता है।
ये वो देश है जहाँ लोग अपने मुल्क को अपना मुल्क समझते है।
पुलिस न भी मौजूद हो
लेकिन अगर आप कुछ भी गलत करते हुए पकड़े गए तो आपकी खैर नही।
यहाँ के निवासी इस मुल्क की हर चीज को अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी मानते है और उ
सका ख्याल रखते है।
और एक हमारा कथित लोकतंत्र है
की खामिया ही खामिया।
आँखे बंद करके सोचना शुरू करदो।
अब साला दिल कहता काश ये सिस्टम भारत में भी होता।
लोकतंत्र तो एक ढकोसला है।
हर पांच साल बाद एक लोल्लिपोप थमा देते है
और खुद नेता लोगो का खून चूसते है।
😳😳
कुछ सत्य पर कडवे सच
☺☺☺
1. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने देश में बैठे गद्दारो पर कोई कार्यवाही नहीं करता....
😊😊😊
2. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यकँ समुदाय पर अत्याचार करता है....
😊😊😊
3. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है. जिसमें सरहद पर तैनात सिपाही को एकसाल तक छुट्टी नहीं मिलती. लेकिन जेल में बंद संजय दत्त को हर 2 महीने से पैरोल पर छुट्टी मिल जाती है.....
😊😊😊
4. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ लाखों अरबो का घोटाला करने वाले आजाद घूमते है. लेकिन जिसपे आरोप साबित नहीं हुआ है कैंसर पीडित ऐसी साध्वी को जेल मे रखते है
😊😊😊
5. भारत ऐसा देश है, जहाँ आतंकवादियों और बलात्कारियों के मानवाधिकारो के लिए लड़ने वाले मिल जाते है. लेकिन आतंकवादियों के हमलों में मरने वालों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं करता.....
😊😊😊
6. भारत ऐसा देश है जहां हिरन का शिकार करने पर कडी सजा का प्रावधान है लेकिन गौमाता जिसे हिन्दू मां मानते है की हत्या पर सब्सिडी दी जाती है
😊😊😊
7. भारत के सेकुलर नेता ऐसे है, जो आतंकवादियों को सम्मान देते है और राष्ट्रवादीयों को गालियां देते है....
😊😊😊
. 8. भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहाँ बाहरी घुसपैठियों का घर बैठे राशन कार्ड और वोटर कार्ड बन जाते है. लेकिन इन सब के लिए चक्कर काटते काटते अपने देश के आम नागरिक की चप्पल घिस जाती है......
😊😊😊
9. भारत दुनिया ऐसा देश है जहां पांचवी पास आदमी एक स्कूल का चपरासी तो नही बन सकता लेकिन नेता बन सकता है
😊😊😊
10. भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां के इतिहास मे भगतसिंह को आतंकवादी और भारत पर हमला करने वाले अकबर और सिकन्दर को महान बताया गया है
😊
👆 कृपया आगे भेजकर अपने भारतीय होने का फर्ज निभाये. 🙏
🇧🇴भारत माता कि जय💪
आपने बहुत अच्छा निर्णय लिया लेकिन यह तब और g अच्छा होता जब आपने एक बार यह जानने की कोशिश की होती की भर्ती फिट किए गए तो अनफिट हुए कैसे...... मैं बताता हूं इन्हें आपकी नीतियों ने आपके फरमानों ने इस कदर बेबस और लाचार बनाया कि यह लाख चाहकर भी खुद को फिट नहीं रख सके ! खैर आपने तो बता दिया कि एक समिति बनाई जाएगी और वह पैनलिस्ट करके अनफिट पुलिसकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा !
हुजूर कभी आपने ऐसी समिति भी बनाने की बात की जो इन पुलिसकर्मियों के ड्यूटी टाइम, वेलफेयर, वेतन विसंगति आदि के विषय में अपनी रिपोर्ट पेश करें..... और अगर पिछले समय में किसी समिति द्वारा कोई रिपोर्ट पेश की गई तो उस पर क्या कार्यवाही हुई ! खैर आपकी नजर में तो माननीय सुप्रीम कोर्ट भी कुछ नहीं है उनके भी आदेशों को आज तक लागू करना उचित नहीं समझा गया जो उन्होंने पुलिस सुधार एक्ट के रूप में निर्देशित किया था !
कभी आपने सोचा कम से कम 18 से 20 घंटे ड्यूटी करने वाला पुलिसकर्मी अपने को कैसे फिट रख पाएगा! पुलिस विभाग को छोड़कर....... जिसमें खासकर कांस्टेबल पुलिसकर्मी जो 18 से 20 घंटे ड्यूटी करता है, और कोई ऐसा विभाग जो 18 से 20 घंटे ड्यूटी करता हो..... और हां अगर इतनी ड्यूटी उस विभाग के द्वारा जैसे कि रेलवे या सरकारी हॉस्पिटल इमरजेंसी वार्ड करते भी हैं तो 3 चरणों में उन्हें 8 घंटे की ड्यूटी के बाद 16 घंटे रेस्ट मिलता है !
लेकिन पुलिस के साथ ऐसा कुछ भी नहीं आइए किसी दिन किसी पुलिसकर्मी के साथ किसी चौराहे पर चिलचिलाती धूप एवं भड़कती पब्लिक के बीच किसी पॉइंट पर 8 घंटे बराबर खड़े रह कर देखिए उस दिन के बाद सफेद कुर्ता पायजामा पहनना भूल जाएंगे ! ट्रैफिक के दुरुस्त आवागमन के लिए अगर कोई पुलिसकर्मी आपको किसी चौराहे पर 2 मिनट के लिए रोक देता है तो आप अपनी एयर कंडीशन कार में बैठे बैठे उसको गाड़ी रुकवाने के बदले वर्दी उतरवाने की धमकी देते हैं ! क्या इसके लिए अभी कोई समिति बनेगी............
अभी तक इस तरह के जितने वीडियो है उन पर आपने क्या कार्यवाही की अगर यही वीडियो किसी पुलिसकर्मी के आए होते तो आप पता नहीं क्या किए होते ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ........... जो वीडियो पर कार्यवाही करें चाहे वह पुलिस का हो या नेता का.......
एक समिति ऐसी बनाओ जो यह देखें एक पुलिसकर्मी जिसको साइकिल भत्ता दिया जाता है और अपेक्षा की जाती बुलेट ट्रेन की तरह काम करें ! हर घटना पर अपेक्षा की जाती है कि वह 5 मिनट में पहुंचे.... आपने कौन से संसाधन मुहैया कराए जिससे हम 5 मिनट में पहुंच जाएं वह मेरी व्यक्तिगत मोटरसाइकिल होती है और मेरा जेब के पैसे का पेट्रोल पड़ता है तब मैं 5 मिनट में पहुंचता हूं !
एक समित उसके लिए भी बनाओ.....
बाहर के मुलजिम गैर जिला गैर प्रदेश ले जाने पड़ते हैं जिनके साथ पुलिसकर्मी स्वयं का व मुलजिम का यात्रा खर्चा, खाना खर्चा स्वयं वहन करता है ! जो कि उसे तुरंत देना पड़ता है और उसका टीए-डीए 3 साल 4 साल बाद किस तरह आधा-अधूरा मिलता है जिसमें कि केवल पुलिसकर्मी का.........ना कि उस मुलजिम पर खर्च किए गए खाना खुराक का ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ....
पुलिसकर्मी जब ड्यूटी से वापस थाने पहुंचता है तो रात 12:00 बजे उसे बताया जाता है कि फला जगह पर सुबह 5:00 बजे VIP ड्यूटी या सुरक्षा ड्यूटी हेतु पहुंचना है ! जो कि 50 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक दूरी हो सकती है ! उसका यात्रा खर्चा खाने का खर्चा सब कुछ स्वयं अपने पास से करना पड़ता है चाहे जैसे हो ! हालांकि राजपत्रित अधिकारी जो हर तरह से सक्षम होते हैं उन्हें इसकी चिंता बिल्कुल नहीं करनी पड़ती ! उन्हें यात्रा के लिए गाड़ी एवं ड्यूटी के लिए होटल में कमरा या गेस्ट रूम उपलब्ध कराया जाता है, तो हमें भी कुछ पैसा Advance मिले जिससे कि इस तरह की ड्यूटी में कोई दिक्कत ना हो ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ......
पुलिस को छोड़ कर सारे राज्य कर्मचारी 1 साल में लगभग 90 दिन राजकीय अवकाश के कारण छुट्टी पर रहते हैं ! जबकि हम इन अवकाशों का 1 घंटे भी उपयोग नहीं कर पाते और ड्यूटी करते हुए यह अवकाश गुजर जाते हैं ! उसके एवज में मात्र 30 दिन का वेतन मिलता है, वह भी अगर उपार्जित अवकाश ले लिया तो बीच में पड़ने वाले राजकीय अवकाशों का वेतन काट कर भुगतान किया जाता है ! जबकि ड्यूटी के दौरान अगर हम राजकीय अवकाश में ड्यूटी करते हैं तो उस अवकाश के बदले में भी हमें वेतन मिलना चाहिए जो कि नहीं मिलता है ! एक समिति इसके लिए भी बनाओ........
पुलिस आवास जो कि बद से बदतर स्थिति में है ! एक छोटे से हाल में 10 पुलिसकर्मी अपनी चारपाई, अपने बक्से, अपनी मच्छरदानी, अपने बैग, वर्दी, बर्तन के साथ किस तरह गुजारा कर रहे हैं ! और लैट्रिंग से लेकर खाने और नहाने तक के लिए किस तरह लाइन में लगना पड़ता है ! इसके निदान हेतु भी एक समिति बनाओ........
1861 का पुलिस एक्ट..... जो की अंग्रेजों द्वारा इसलिए बनाया गया था की पुलिसकर्मियों ने उनके द्वारा की जा रही ज्यादतियों के विरुद्ध 1857 में क्रांति का ऐसा अलख जगाया था........ जिस के महानायक मंगल पांडे थे ! जो स्वयं एक पुलिसकर्मी थे ....उसको दबाने के लिए 4 साल बाद 1861 में दमनकारी पुलिस एक्ट बनाया गया क्योंकि उस समय पुलिस विभाग के बड़े पदों पर अंग्रेज ऑफिसर होते थे और छोटे पदों पर भारतीय होते थे! लेकिन अब जब बड़े और छोटे दोनों पदों पर भारतीय हैं तो फिर इस दमनकारी एक्ट के बदलाव के लिए भी एक समिति बनाओ.............
पुलिसकर्मी आपके अनुशासन नामक हंटर की मार से इतना लाचार और बेबस हो चुके हैं की इसके लिए भी जल्द से जल्द एक समिति बना दो जो की अति आवश्यक हैं !
समस्याएं बहुत हैं ....लेकिन पहले जरूरी वाली इतनी समस्याओं पर समिति बनाओ फिर आगे बताएंगे और क्या-क्या समस्याएं हैं !
अगर आप अनफिट पुलिसकर्मियों की या राज्य कर्मचारियों की आवश्यक रिटायरमेंट के लिए समिति बना रहे हैं तो मेरी नजर में ज्यादातर 50 वर्ष से ऊपर की आयु के अनफिट कर्मियों में बड़े अधिकारी हैं ! शुरुआत उन से की जाए तो एक मिसाल बनेगी......
वैसे अभी तक जो हुआ है उसमें छोटे कर्मचारी को ही जबरदस्ती रिटायरमेंट दिया गया है........
यही निर्णय शासन के जो महत्वपूर्ण अंग मंत्री विधायक नेता आदि हैं जिनकी शारीरिक क्षमता एवं वैचारिक कुशलता अति उच्च स्तर की होनी चाहिए ! उनके साथ भी ऐसा ही हो, क्योंकि उन्हें हमारी अपेक्षा काफी बड़े निर्णय, काफी ज्यादा आवागमन करना पड़ता है ! तो सबसे ज्यादा जरूरी यही है की प्राथमिक स्तर पर शुरुआत इन्हीं से की जाए ! इसके लिए भी एक समिति बनाओ...
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