Wednesday 6 September 2017

तीन तलाक गाय गोबर की आड़ में जो खेल चल रहा

तीन तलाक, मंदिर मस्जिद, गाय गोबर पर तालियां बजाइए.....
मगर राम रहीम की आड़ में जो खेल चल रहा है उसे भी तो समझिये --


 एक bill जिसपर कहीं कोई चर्चा नही है। ध्यान  से पढ़िए और समझिए।

1. 10 अगस्त को, लोकसभा में The Code on Wages, 2017 पेश किया गया है. इसके लागू होने के बाद, ये सारे Acts अप्रभावी हो जाएंगे:- The Payment of Wages Act, 1936, the Minimum Wages Act, 1948, the Payment of Bonus Act, 1965 and the Equal Remuneration Act, 1976 (Clause 60)

2. सभी कंपनियों आदि के अतिरिक्त यह, इन सब पर भी लागू होने जा रहा है रेलवे, खानों, तेल क्षेत्र, प्रमुख बंदरगाहों, हवाई परिवहन सेवा, दूरसंचार, बैंकिंग और बीमा कंपनी या किसी निगम या केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या सहायक कंपनियां या स्वायत्त निकायों के प्रयोजनों के लिए ठेकेदारों की स्थापना सहित, जैसा कि मामला हो, केन्द्रीय सरकार; (Clause 2(d)) यानि यह अब हर नौकरीपेशा पर लागू होगा.
3. इसके मुताबिक़, अब पारिश्रमिक (I) घंटे के हिसाब से, या (Ii) दिन के हिसाब से, या (Iii) महीने के हिसाब से तय किया जा सकता है. जो, (ए) समय काम के लिए मजदूरी की न्यूनतम दर; या (बी) टुकड़े के काम के लिए मजदूरी की एक न्यूनतम दर; के हिसाब से दिया जाएगा. (Clause 6 ) यानि अब नौकरी घंटों या दिन के हिसाब से भी दी जा सकेगी, महीने के हिसाब से पगार की कोर्इ बाध्यता नहीं रह जाएगी.

4. (Clause 9 को 60 के साथ पढ़िए ) पे-कमीशन या wage-revision आदि ख़त्म किए जा रहे हैं. सरकार एक 'सलाहकार बोर्ड' बनाएगी जो पारिश्रमिक तय करेगा.


5. 15 साल से कम उम्र के लोग भी काम पर रखने पर कोई जुर्माना नही होगा. (Clause 19.(5) )

6. किसी को भी केवल 2 दिन के नोटिस पर काम से निकाला जा सकेगा. (Clause 17. (2) )

7. काम के घंटे कुछ भी तय किए जा सकते हैं (8 घंटे की बाध्यता समाप्त). हफ़्ता 6 दिन का होगा, सातवें दिन छुट्टी ( Clause 13. (1) )


स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शायद ही किसी ने एेसा draconian कानून कभी सुना होगा. ILO, इस कानून के सामने एक हास्यास्पद संस्था दिखार्इ दे रही है. अभी तक तो यह सरकार, मज़दूर का PF अौर बैंक-डिपाज़िट ही हड़प रही थी, अब उसकी ज़िंदगी ही साहूकारों के चंगुल में रखने जा रही है.

3 comments:

  1. नौकरीपेशा लोगों को यह ज़रूर पढ़नी चाहिए क्योंकि अब उनकी ज़िंदगी बदलने जा रही है आैर मीडिया इस पर चुप है.

    1. 10 अगस्त को, लोकसभा में The Code on Wages, 2017 पेश किया गया है. इसके लागू होने के बाद, ये सारे Acts अप्रभावी हो जाएंगे:- The Payment of Wages Act, 1936, the Minimum Wages Act, 1948, the Payment of Bonus Act, 1965 and the Equal Remuneration Act, 1976 (Clause 60)

    2. सभी कंपनियों आदि के अतिरिक्त यह, इन सब पर भी लागू होने जा रहा है रेलवे, खानों, तेल क्षेत्र, प्रमुख बंदरगाहों, हवाई परिवहन सेवा, दूरसंचार, बैंकिंग और बीमा कंपनी या किसी निगम या केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या सहायक कंपनियां या स्वायत्त निकायों के प्रयोजनों के लिए ठेकेदारों की स्थापना सहित, जैसा कि मामला हो, केन्द्रीय सरकार; (Clause 2(d)) यानि यह अब हर नौकरीपेशा पर लागू होगा.

    3. इसके मुताबिक़, अब पारिश्रमिक (I) घंटे के हिसाब से, या (Ii) दिन के हिसाब से, या (Iii) महीने के हिसाब से तय किया जा सकता है. जो, (ए) समय काम के लिए मजदूरी की न्यूनतम दर; या (बी) टुकड़े के काम के लिए मजदूरी की एक न्यूनतम दर; के हिसाब से दिया जाएगा. (Clause 6 ) यानि अब नौकरी घंटों या दिन के हिसाब से भी दी जा सकेगी, महीने के हिसाब से पगार की कोर्इ बाध्यता नहीं रह जाएगी.

    4. (Clause 9 को 60 के साथ पढ़िए ) पे-कमीशन या wage-revision आदि ख़त्म किए जा रहे हैं. सरकार एक 'सलाहकार बोर्ड' बनाएगी जो पारिश्रमिक तय करेगा.

    5. 15 साल से कम उम्र के लोग भी काम पर रखने पर कोई जुर्माना नही होगा. (Clause 19.(5) )

    6. किसी को भी केवल 2 दिन के नोटिस पर काम से निकाला जा सकेगा. (Clause 17. (2) )

    7. काम के घंटे कुछ भी तय किए जा सकते हैं (8 घंटे की बाध्यता समाप्त). हफ़्ता 6 दिन का होगा, सातवें दिन छुट्टी ( Clause 13. (1) )

    स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शायद ही किसी ने एेसा draconian कानून कभी सुना होगा. ILO, इस कानून के सामने एक हास्यास्पद संस्था दिखार्इ दे रही है. अभी तक तो यह सरकार, मज़दूर का PF अौर बैंक-डिपाज़िट ही हड़प रही थी, अब उसकी ज़िंदगी ही साहूकारों के चंगुल में रखने जा रही है.

    जो, इस पास होने जा रहे कानून का संसद में पेश मूल मसौदा देखना चाहते हैं, वे इसे यहां, भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के इस लिंक पर पढ़ सकते हैं

    http://labour.nic.in/sites/default/files/Code%20on%20Wages%20Bill%202017-As%20introduced%20in%20Lok%20Sabha.pdf

    ये सरकार की सबसे घटिया निर्णय है इस निर्णय की हर तरह से विरोध होनी चाहिये।

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  2. चारों ओर से भयंकर दवाब बनाया जा रहा है। नही मानने पर पुलिसकर्मी तरह-तरह से परेशान कर रही हैं। कुल मिलाकर बिल्डरों व पत्रकारों पर कार्रवाई की मांग से ध्यान हटवाने अौर बढते संगठन के वर्चस्व से जलन का नतिजा है। शायद अब अवसर न मिले दुबारा संदेश देने के लिए। क्योंकि आपको तो जीते जी कोई सच कहे तो यकीन भी कहां आता है। फिर भी बताना चाहता हूं कि बहुत खतरे में है मेरी व मेरे परिवार की जिन्दगी। लेकिन यह मत समझना कि आप लोगों को हमारे लिए कोई विशेष सहायता व कुर्वानी करनी पड़ेगी। आप अपनी जिन्दगी जियो मित्रों अौर खूब सुख-सुविधा से लोकतंत्र का आनन्द मनाना।
    मैं इतने बड़े भ्रष्ट सिस्टम से बहुत ही आक्रांत व भयभीत हो चुका हूं। पहली बार कुछ डर हावी होने लगा है। आप सभी साथी जो संगठन में मेरे साथ बहुत अपनेपन व गहराईयों से जुड़े थे। आप सब भी अपने-अपने घरों में अपने-अपनों के साथ मिलजुल कर रहना। कभी किसी अत्याचार या गलत कामों को देखना तो अनदेखा और अनसुना ही कर देना। क्योंकि आपकी कहीं कोई सुनवाई नही होने वाली। आप चाहें कितना ही सच्चे या अच्छे हों आप भ्रष्ट सिस्टम से कभी भी लड़ नही पाएंगे। मैं तो एक पत्रकार होकर भी रोहित वैमुला सा दर्द अौर विवशता अनुभव कर रहा हूं। लेकिन एक ओर सारे चोर-बेईमान, बदमाश और भ्रष्ट हैं दूसरी ओर हम कमजोर, असंगठित, गरीब अौर बेवश बेशिफारिसी।
    बता दें कि फारूखनगर पुलिस व मीडिया अौर माफिया ने मिलजुल कर बहुत ही खतरनाक जीवन घातक षड़यन्त्र के तहत मुझे पूरी तरह से मिटा डालने की चाल चली है। जिसके चलते सारे भ्रष्ट मीडिया वाले एकजुट होकर मुझे पत्रकारिता से दूर करने वाले कुप्रयास करते रहे। इन्होनें मेरे पास काम करने वाले सभी अवैतनिक पत्रकारों एवं विज्ञापन प्रतिनिधियों को बहला-फुसला कर गुमराह कर विरोधी बनाकर भगाया। फिर विज्ञापनदाताअों को कहा गया कि विमल को विज्ञापन दिया या आर्थिक मदद की तो हम बड़े-बड़े अखबारों में तुम्हें नही छापेगें। ऐसी धमकी मिलने से सभी नेता-विज्ञापनदाता और सहयोगी मुझसे किनारा करते गए। फिर बहुत चालाकी से मुझे, कहीं भी रहा वहां के मकान मालिकों को भड़काया ताकि मैं शहर छोड़ भागने पर विवश हो जाऊं। मेरे बच्चों को परेशान करवाया नतिजतन न चाहते हुए घर से पढाई कराने को विवश। दूर के स्कूल में शिक्षा के लिए भेजना पङा। ये बहुत चालाक हैं जो इन्होने मेरा मददगार बन मुझसे दोस्ती का नाटक रचाया। भ्रष्टाचार पर अनौखी एक टैली फिल्म बनवाने की पटकथा की बात कहकर टेलीफोन रिकॉडिंग को आधार बनवाकर ब्लैकमेल किया। दोस्त कहकर एकांत जँगल क्षेत्र में सहुलियत से पैसा चुकाने की शर्त पर मकान देकर एहसान के नीचे दबाया। फिर जान से मरवाने की खतरनाक साजिश रची गई। मेरे नए-पुराने सब छोटे-बड़े विरोधी व शत्रुअों को साथ मिलाया और बारदात करा दी। 15 अगस्त के दिन मेरे घर करीब 8-10 बदमाश द्वारा मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की योजना बनाई गई। बदमाश गन लेकर किसी भाजपा नेता की ब्लैक Z ऑल्टो कार व दो अन्य बाईकों पर सवार होकर आए। यह योजना बनाकर हमला था क्योंकि 15 अगस्त को दो पत्रकार अचानक फारूखनगर छोङकर चले गए थे। उसी दौरान मेरे घर पर हमला किया गया ताकि उन पर हमला कराने का शक-संदेह न हो। पुलिस के साथ माफिया सैटिंग देखो कि 15 अगस्त की घटना, मौका मुआयना अौर पूछताछ - बयान होने के बावजूद लिखित शिकायत पर भी कार्रवाई नही की गई। मैं 17 को वापिस आता हूं तो 18 को पुलिस थाने में चक्कर काटने पर कुछ कार्रवाई नही हुई। संगठन के लोग DCP अशोक बख्शी गुड़गांव से मिले। 21 को बामुस्किल FiR दर्ज तो कर ली। परन्तु मेडिकल व बयान कराने में फिर जानबूझ कर देरी की गई। मेरी व बच्चों की तबीयत खराब थी तो कोर्ट में जाने का समय नही बचा ऐसा कहकर एक प्रार्थना पत्र लिखवा लिया कि तबीयत ठीक होते ही बयान दर्ज कराऊंगा। 3-4 दिन आईओ फोन ही नही उठाती। फिर अचानक फोन करके थाना में बुलाती है। वहां कई दिनों तक बुलवा-बुलवा कर हमें परेशान किया गया। आरोपी थाना में फिर 302 बनाने की सरेआम धमकी देता है। लेकिन पुलिस सच पर पर्दा डलवाने के लिए जानबूझकर देरी करवा रही है। दूसरी ओर आरोपीजनों को बचाने के लिए उन्हें कानूनी दांव-पेंच से बचाने के एवज में लेन-देन का खेल खेला जा रहा है। अब मेरे खिलाफ ही क्रोस केस की धमकी, केस वापिस न लेने पर अज्ञात बदमाशों द्धारा देख लेने की धमकी, पत्रकारों द्वारा गलत खबर निकलवाने के पीछे षड़यन्त्रकारी सोंच।

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  3. सरकार के पिछले तीन साल के काम करने का ब्यौरा निम्न प्रकार है-
    ★आधार कार्ड बनवाओ।
    ★आधार को खाते से लिंक करो।
    ★आधार को मोबाइल से लिंक करो।
    ★आधार को पेन कार्ड से लिंक करो।
    ★एलपीजी नम्बर को आधार से लिंक करो।
    ★जुलाई से पहले रिटर्न भर दो।
    ★नोट बदल लो।
    ★बदले हुए नोट का हिसाब दो।
    ★गैस सब्सिडी सरेंडर कर दो।
    ★रेलयात्रा में सब्सिडी ले रहे हो मुफ्तखोर!
    ★एटीएम से इतने बार पैसे मत निकालो।
    ★ज्यादा निकाले तो टैक्स दो।
    ★खाते में पैसे छोड़ दो,
    ★न छोड़ा तो जुर्माना भुगतो।
    ★खाते में इतने पैसे कहाँ से आए?
    ★ज्यादा पैसों पर टैक्स भरो।
    ★गुड्स पर टैक्स भरो।
    ★सर्विस पर टैक्स भरो।
    ★कफन पर टैक्स भरो।
    ★सीए के साथ मिलकर गफलत मत करो।
    ★बच्चे को आधार के साथ स्कूल भेजना।
    ★यूपी-एमपी में बीफ़ मत खाओ।
    ★गोआ में हो तो मजे से खाओ।
    ★मेले में जानवर को मत बेचो।
    ★जानवर या ईमान, जो बेचना है घर में बेचो।
    ★स्कूल में योग करो। योग वाला बाबा फैक्टरीयां चलायेगा।
    ★घर में चीन का सामान मत ले जाओ।
    ★केवल सरकार चीन को ठेके देगी।
    ★गाय को सताया तो खैर नहीं। उनको काटने का कार्य कत्लखाने करेंगे।
    ★पार्क में लड़कियों से मत मिलो। केवल भाजपा नेता छेड सकते हैं
    #औरसबसे जरूरी मेरे बारे में कुछ मत कहो सिर्फ मेरी मन की बात सुनो

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