Saturday, 28 October 2017

ईरानी का चिठ्ठा!!

ईरानी का चिठ्ठा!!

कौन है स्मृति मल्होत्रा ईरानी -
● पंजाबी खत्री (बनिया) पिता व बंगाली ब्राह्मण (आसाम) माँ है.. 11 साल बड़े पारसी पति की दूसरी पत्नी है।
● 1997 में कक्षा-12 में फेल होने के बाद घर छोड़कर दिल्ली से मुंबई भागी..
● नौकरी न मिलने पर मैकडोनाल्ड में वेटर का काम किया.. और गलत कामो में लिप्त होने के कारण से निकाल दिया गया..
● मिस इन्डिया -1998 में भाग लिया और फेल हो गयी..
● फिर मीका सिंह ने आफर दिया (वही राखी सावन्त वाला)- एक म्यूजिक एलबम में इनको नचवाया और गाने के बोल थे- "सावन में लग गई आग"... यूट्यूब पर है।
● "सावन में आग लगने के बाद" 3/4 सीरियल मिले लेकिन सब टीवी सीरियल  फ्लाप..
● भाजपा के एक बड़े नेता तत्कालीन प्रधानमंत्री के दाहिने हाथ PM की नजर, सन् 2000 में "सावन में लग गई आग" एलबम पर पड़ी, बुलवाया और बना दिया तुलसी..
● लोगों की नजर में बदनाम न हो जाऊँ इसलिए अपनी दोस्त (जिसने मानवता के आधार पर अपने पास रखा था) के पति 2001 में शादी कर ली..
● भाजपा के तत्कालीन महाराष्ट्र के शक्तिशाली नेता PM ने 2003 में भाजपा की सदस्यता दिला दी और 2004 में महाराष्ट्र महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया..
● PM के कहने पर गुजरात दंगो पर,  मुख्यमंत्री मोदी का खुलकर इस्तीफा माँगा लेकिन फेल हो गयी.. यूट्यूब पर वीडियो देखे।
● PM ने फिर 2004 में चाँदनी चौक से लोकसभा का चुनाव लड़वा दिया जहाँ वो बुरी तरह हार गयी व फेल हो गयी..
● खैर 2007 में  PM की हत्या उनके छोटे भाई ने कर दी तो राजनीति में  लगभग फेल हो गयी थी। फिर टीवी सीरियल में एक गुजराती सीरियल करने लगी, मुख्यमंत्री गुजरात की नजर पड़ी। सीरियल फेल लेकिन पुरस्कार दिलवा कर, अपनापन जाहिर कर दिया..
● मुख्यमंत्री गुजरात से संबंध इतने बढे कि 2011 में  गुजरात से राज्यसभा सांसद बनवा दिया और फिर महिला मोर्चा की अध्यक्ष..
● 2014 में अंतिम क्षणों में अमेठी चुनाव लड़ने आयी और लाखों वोटो से पराजित होकर फेल हो गयी..
● अनपढ,12 वी फेल, येल विश्वविद्यालय, JNU, रोहित बेमूला, पाठ्यक्रम, मायावती जैसे रोज विवादो में रहने के कारण HRD मंत्रिमंडल छीन लिया गया..
● फिर लफड़ा मंत्री बनी और अब चूसना प्रसाधन मंत्री भी है.. और कृपादृष्टि से पुनः गुजरात से राज्यसभा सांसद चुन लिया गया। 

कुल मिलाकर इनको राहुल गाँधी जी को छेड़ने के लिए रखा है भाजपा ने। महिला है, मंत्री है, नौटंकी में माहिर है, बंगाली हिन्दी अंग्रेजी में धारा प्रवाह है। रो गा भी लेती है। अमेठी हो या अमेरिका- इनका काम विलाप करना है। छाती पीट पीट कर राहुल राहुल- कांग्रेस कांग्रेस चिल्लाना है। राहुल गाँधी जी है ऐसे लोगों पर नजर उठा कर भी नहीं देखते। बेशर्मी की हद हो गयी है।


अब मोदी सरकार के मंत्री पूरी तरह से बेशर्मी पर उतर आए हैं

आज केन्द्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंज कन्ननाथनम ने कहा है कि जो लोग पेट्रोल डीजल खरीद रहे हैं वो गरीब नहीं है और ना ही वो भूखे मर रहे हैं, उनका कहना है कि सरकार को गरीबों का कल्याण करना है, और इसके लिए पैसे चाहिए
यानी देश के मध्यम वर्ग पर पेट्रोल डीजल के बढ़ते टैक्स का बोझ डाल कर कल्याणकारी योजनाओं का खर्च पूरा किया जा रहा है

कल धर्मेंद प्रधान नार्वे ओर आइसलैंड की पेट्रोल की कीमतों से भारत की कीमतों की तुलना कर रहे थे उन्हें भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान की कीमतें नही दिखाई दी

 यह लेख इसलिए लिखा गया है कि आप समझे कि मोदी सरकार बड़े कारपोरेट ओर उद्योगपतियो को टैक्स में कितनी सहूलियत देती है और कल्याणकारी योजनाओं का सारा बोझ मध्य वर्ग पर ही डाला जा रहा है

इस तथ्य को जानकर बहुत से लोगो को आश्चर्य होगा लेकिन सच यही है कि सरकार नोटबन्दी जैसे निर्णय  कर हर व्यक्ति को आयकर के दायरे में खींच लेना चाहती हैं लेकिन बड़ी कम्पनियो को तरह तरह की टेक्स में छूट देती है

जानी-मानी अर्थशास्त्री जयंती घोष ने कल दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर  बड़े उद्योगपतियों को दी जाने वाली कर माफी सवाल उठाते हुये  कहा कि,  कर संग्रह और कर का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार को नोटबंदी जैसे अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाले कदम उठाने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश में कर की उच्चतम दर 30 प्रतिशत है जबकि अडानी अंबानी जैसे उद्योगपति 20 प्रतिशत कर दे रहे हैं
अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों की कर माफी पर सवाल उठाते हुये उन्होंने कहा कि पिछले साल उद्योगों को दी गयी कर छूट सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.7 प्रतिशत पर रही जबकि वित्तीय घाटा इससे काफी कम रहा था। यानी सिर्फ इसी रकम से पूरे वित्तीय घाटे की भरपाई हो सकती थी

आपको शायद जयंती घोष की इन बातों पर यकीन नही होगा लेकिन यह सच है इसकी पुष्टि अन्य स्रोतों से भी आप कर सकते है इंडिया स्पेंड ने यह आंकड़े पब्लिश किये हैं साल 2015-16 में मोदी सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर को लगभग 76 हजार 857 करोड़ 7 लाख रुपए का टैक्स छूट प्रदान की थी 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 में पेश बजट में कॉर्पोरेट कर दर को चार साल में 30% से घटाकर 25% करने की घोषणा की थी जबकि राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने एक बार कहा था कि कंपनी कर में 1% कटौती करने से राजस्व में 18,000 से 19,000 करोड़ रुपये की कमी आती है

इंडियास्पेंड की रिपोर्ट नेशनल टैक्स डाटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 में मोदी सरकार ने 15 हजार 80 मुनाफा कमाने वाली कंपनियों से किसी प्रकार का भी टैक्स नहीं लिया है. सरकार ने ऐसा कर चुकाने वालों को प्रोत्साहित करने के नाम पर किया.

कुछ कंपनियों ने मुनाफा तो कमाया पर सरकार की ‘टैक्स इंसेंटिव पॉलिसी’ का फायदा उठा कर किसी प्रकार का टैक्स नहीं चुकाया. इतना ही नहीं सरकार ने निजी कंपनियों को 2 लाख 25 हजार 229 करोड़ रुपये का टैक्स छूट भी दिया. देश में 10 लाख ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने आज तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है. 

केंद्र में मोदी सरकार के आए तीन साल से भी ज्यादा समय बीत गए हैं पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन विसंगतियों को अभी तक दूर नहीं किया है.

साल 2014-15 में 52 हजार 911 कंपनियां मुनाफ़े में थी, लेकिन किसी भी कंपनियों ने टैक्स का भुगतान नहीं किया. इसके साथ साल 2015-16 में बड़ी कंपनियों ने छोटी कंपनियों से भी कम टैक्स चुकाया

अब यह बड़ी कम्पनिया किस उद्योगपति की होगी आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं

सरकार के आंकड़े के मुताबिक 46 फीसदी भारतीय कंपनियों ने 2015-16 में कोई मुनाफा नहीं कमाया. साल 2015-16 में कम से कम 43 फीसदी भारतीय कंपनियां घाटे में रही हैं. 47.7 फीसदी कंपनियों ने 1 करोड़ रुपए तक का मुनाफा कमाया है. टैक्स डेटा के अनुसार, करीब 6 फीसदी भारतीय कंपनियों ने 1 करोड़ रुपए से अधिक मुनाफा दर्ज कराया है.

पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और देश के जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी कहते हैं, ‘देखिए इससे साफ हो रहा है कि सरकार पावरफूल लोगों को रहत दे रही है. जो पावरफूल लोग नहीं हैं उन पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ दे रही है.

यानी बड़े कारपोरेट को यह मोदी सरकार कर माफी के नाम पर बेजा फायदा पुहंचा रही है ओर उस कर माफी का पूरा भुगतान पेट्रोल डीजल पर बढ़ते हुए टेक्स द्वारा आम जनता से वसूला जा रहा है

इतना सब जान लेने के बाद भी आपके दिमाग की बंद खिड़की नही खुल रही है तो क्या कहा जा सकता है 


यह लेख आज मीडिया विजिल में भी पब्लिश हुआ है


 *मोदी के फार्मूले*

*लगभग 550 किलोमीटर की दूरी है अहमदाबाद से मुंबई*
*1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है बुलेट ट्रेन का* 

*88000 करोड़ रुपए जापान देगा उधारी 0.1% ब्याज पर 50 साल के लिए* 
*मतलब अपने लग रहे हैं 22 हजार करोड़  रुपए* 

*रेल्वे का revenue है कुछ 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपए सालाना* 
*जिसमें से खर्चा काट कर कुल आय है लगभग 10 हजार 500 करोड़ रुपए* 

*अब 88000 करोड़ रुपए की उधारी 0.1%  ब्याज पर* 
*मतलब* 
*1800 करोड़ रुपए सालाना की हम उधारी चुकाएंगे* 

*हमारे अपने जो 22000 करोड़ रुपए लगे हैं वो अलग है* 
*तो* 
*देखना यह है कि क्या 1800 करोड़ रुपए की कमाई भी हम कर पाएंगे इस प्रोजेक्ट से* ?

*मान लें एक ट्रेन में 16 डिब्बे हैं और एक डिब्बे में 72 सीट हैं तो एक बार में ट्रेन में कुल यात्रियों की संख्या हुई 72x16=1152*

*अब यही ट्रैन वापस आती है तो संख्या है 1152*

*मतलब कुल एक चक्कर में कुल यात्री हुए 2304*

*एक यात्री से सरकार ने अगर 1000 रू लिए तो एक दिन का हुआ 23,04,000*

*और एक साल का 84,09,60,000*

*कुल 84 करोड़ 09 लाख़ 6 हजार रू* 
 *अब अगर ट्रैन दिन में 4 चक्कर लगाती है मतलब दोनों जगह से ट्रेन सुबह भी चलेगी और शाम को  भी तो कुल आय होती है*
*840960000x4=*
*336,38,40,000*

*मतलब 336 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपये, जिसमे उसके संचालन का खर्च अलग है, मसलन ड्राइवर और गार्ड की तनख्वाह, रखरखाव, मेंटेनेंस आदि का खर्च*।

*जिसमे ब्याज सिर्फ ब्याज के भरने हैं 1800 करोड़ रुपये और उसके बाद मूलधन और उसके बाद कमाई की सोचना*।

*और अपने जो 22000 करोड़ गायब हो गए उसे तो भूल ही जाना*।

*क्या आपको लगता है कि आप* 
*साल भर में 336 करोड़ रू कमा कर 1800 करोड़ का ब्याज भर सकते हैं, और 88000 करोड़ का कर्ज उतार सकते हैं और उसके बाद कुछ कमा सकते हैं वो भी अगके 50 साल के बाद*, 

*किराया अगर 3000 भी कर दे तब भी 1008 करोड़ ही इकट्ठा होगा* ।


*एक भारतीय की नजर से*🙏🙏


ध्यान दीजिये #भगोड़ा नम्बर 2 और 3 पर..

1. विजय माल्या : ₹ 9500 करोड़..लंदन में है..भागने से पहले अरुण बाबू से बातचीत कर रहा था...क्या बात किसीको नही मालूम..

2. जतिन मेहता : ₹ 6500 करोड़.. अडानी का समधी..मोदी PM बनने के बाद 2014 में भागा.. अब सेंट किट्स का नागरिक है और अभी UAE में रहता है..हिम्मत है मेहता को छूने की?

3. संजय भंडारी : ₹ 5 लाख करोड़ अनुमानित..शस्त्रो का दलाल..अप्रैल 2016 में इसके घर मे रेड हुई...अक्टूबर 2016 में भाग गया..लंदन में है..

सारी दुनिया को मालूम है कि ये नागपुर का खानदानी एजेन्ट है..गोदिमीडिया कभी इसका नाम नही लेता क्योंकि गोदिमीडिया में सारा पैसा इसी का लगा हुवा है..गोबर गोस्वामी का चैनल भी इसीके पैसे से चलता है...

4. महेश शाह : ₹ 13,860 करोड़..भागा , भगाया गया या जमीन निगल गयी ? तड़ीपार का पैसा है..कहा है किसीको नही मालूम..

5. हनीप्रीत : ₹ 25,000 करोड़ कैश..भाग गई या भगा दी गई? मिल जाती तो सबकी 'गुफा' बन्द हो जाती..

5 लोगो का जोड़ आया ₹ 5,54,860  करोड़...भारत के सारे म्यूच्यूअल फण्ड में 20 लाख करोड़ ₹ है..यानी म्यूच्यूअल फण्ड के 28% बराबर रुपये 5 लोग लेकर भाग गये!!!


और साहेब महाराज हरिश्चन्द्र की औलाद बने घूम रहे है..और भगत दमोदर दास मोदी जी पोते 😏😏😏

1 comment:

  1. ₹ 1200 पेंशन पाने वाली एक 70 साल की बुजुर्ग महिला के खाते से 88 रुपये और दूसरे महीने 29 रुपये भारतीय स्टेट बैंक ने इसलिए काट लिए की उसने 2000 रुपये minimum balance नही बचाया था ।

    जब वो किसी तरह ये 2000 रुपये पूरे करने जाती है तो पता चलता है कि अब फॉर्म से पैसे नही जमा होंगे, उससे बैंक कर्मचारी ने कहा कि उसे अब पैसे जमा करने के लिए ग्रीन कार्ड या फिर ATM कार्ड बनवाना होगा। मुझे देख कर हंसी आती है कि जिसे पढ़ना लिखना नही आता और जिसे हाथ भी ठीक से नही थामते उससे ये कह रहे है ।

    हज़ारो करोड़ रुपये पूंजी पतियो के द्वारा गबन कर लिए जाते है और इसका बोझ। ये बैंक उनसे नही वसूल पा रहे है तो गरीबो से इस प्रकार वसूल रहे है। इससे अच्छे दिन क्या हो सकते है कि अपना पैसा भी हम ठीक से उपयोग नही कर सकते। और ATM धारको का ये हाल है कि उन्हें अगर 2 हज़ार की भी जरुरत होती है तो वो भी सीधे 10000 निकाल रहे है। क्योंकि 4 बार से ज्यादा निकलने पर 20 रुपये देने होते है।

    नहीं लेकिन हमें कोई लेना देना नहीं है हम नेताओ की अंध भक्ति में इतने ज्यादा जकड़े है,हम में गलत को गलत कहने का भी साहस नहीं बचा |
    70 साल से ये देश लुट रहा है इसकी बर्बादी का कारण नेता नहीं ,बल्कि देश की बर्बादी का कारण नेताओ की अंधभक्ति करने वाले लोग है , जिनके लिए अपना नेता और अपनी पार्टी देश से बड़ी है ,

    तुम सब ऐसे ही अपने अपने नेताओ की अंधभक्ति करते करते डूब मरोगे ,और तुम सब हो भी इसी योग्य |

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