आखिर OBC,कौन है ??
इस प्रश्न का उतर 55%आबादी वाले,OBC,समुदाय के ज्यादातर बुद्धीजीवियो और पढ़े-लिखे
लोगो के पास,आज भी नहीं है।
OBC,,जातियों को ही पौराणिक
ब्राह्मण पंडितो ने वास्तविक शूद्र माना है ।जबकि,,SC,ST,को चारों वर्णों से बहार रखा है ।
1922 में मद्रास हाईकोर्ट ने
मदुराई के कुर्मी, यादव-आहिर को,शूद्र घोषित किया था.जबकि वे क्षत्रिय होने का दावा कर रहे थे
1924 में भूमिहार जमीदार नारायण सिंह ने बिहार के मुंगेर
जिला के लाखुचक गाँव में जनेऊ पहनने का सामूहिक कार्यक्रम कर रहे यादवो पर सैकड़ोँ की सेना के साथ हमला किया था ।
नारायण सिंह का कहना था कि धर्म की रक्षा राजा का कर्तव्य है और शूद्र यादव जनेऊ धारण कैसे कर सकते है ??
1924 में मद्रास हाईकोर्ट ने छत्रपति शिवाजी के वंशज एकोजी के क्षत्रिय होने के दावे को ख़ारिज कर दिया था।मद्रास
हाईकोर्ट ने 229 पेज के अपने फैसले में मराठा को
क्षत्रिय नहीं बल्कि शूद्र वर्ण के घोषित किया था ।
1926 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वामी विवेकानंद की कायस्थ
जाति को क्षत्रिय नहीं माना । तथा कायस्थों के शूद्र होने
का फैसला दिया था ।
1928 में बोम्बे प्रान्त के गवर्नर ने स्टार्ट नाम के एक अधिकारी की अध्यक्षता में पिछड़ी जातियों के लिए एक कमिटी नियुक्त की थी।इस कमीटी में डॉ बाबा
साहेब अंबेडकर ने शुद्र वर्ण से जुडी जातियों के लिए,,
OTHER
BACKWARD CAST " शब्द का उपयोग सर्वप्रथम किया था ।
इसी शब्द का शोर्टफॉर्म,,OBC है
जिसको सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी हुई जाति के रूप
में आज हम पहचानते है ।और उनको पिछड़ी जाति य OBC
कहते है ।
स्टार्ट कमीटी के समक्ष अपनी बात रखते हुवे बाबा साहेब ने देश की जनसंख्या को तीन भाग में बांटा था-(1) अपरकास्ट(Upercast) जिसमे ब्राह्मण,
क्षत्रिय-राजपूत
और वैश्य जैसी उच्च वर्ण जातियां आती थी ।
(2) बेकवर्ड र्कास्ट(Backward cast) जिसमे सबसे पिछड़ी और अछूत बनायीं गई जातियां और आदिवासी समुदाय की
जातियां को समाविष्ट की गई थी (३) जो जातियां बेकवर्ड कास्ट और अपर कास्ट
के बिच में
आती थी, ऐसी शुद्र वर्ण की मानी गई जातियो के लिए,,
Other backward cast,,शब्द का प्रयोग किया गया था।
इन्ही शुद्र जातियो को मनुस्मृति में ब्राह्मणों द्वारा खूब लताड़ा गया है,किंतु ये शूद्र जातियाँ आज भी
ब्रह्मणवाद के पैरों तले रौंदे जाना अपना सौभाग्य समझती है ।
*📢📢 भारत के 72 करोड़ ओबीसी की सबसे बड़ी समस्या, कारण और निवारण ? 📢📢*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*👉 भारत में लोकतंत्र लागू् होने के 70 बर्ष बाद भी यहां लोकतंत्र लागू नहीं हो सका है।*
*👉 ये लोकतंत्र क्या है ??*
☄☄☄☄☄☄
*जनता का*
*जनता के लिए*
*जनता के द्वारा शासन व्यवस्था*
*👉 सरल भाषा में लोकतंत्र का मतलव है, सभी को संख्या के आधार पर सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी मिलना चाहिये :-*
*जिसकी जितनी संख्या भारी*
*उसकी उतनी हिस्सेदारी*
*👉 अब देखते हैं कि देश में आजादी के 70 बर्षों में किसको क्या मिला और कौन कितनी संख्या में हैं ??*
*👉 भारत की जनता में*
*सामान्य - 10%*
*एससी - 15%*
*एसटी - 7.5%*
*ओबीसी - 67.5%*
*👉 भारत की जनता में सबसे अधिक संख्या ओबीसी की है। भारत की केंद्र की और सभी राज्य की सरकारे लगभग 30% वोटों से बनती है, वहीं ओबीसी की संख्या लगभग 67.5% है। मतलव सरकार बनाने के लिए जितनी संख्या चाहिये उससे दोगुनी से भी ज्यादा संख्या ओबीसी की है।*
*👉 भारत में लोकतंत्र की स्थापना के 70 वर्ष बाद भी यहां लोकतंत्र स्थापित नहीं हो पाया है। अभी तक यहां 10% सामान्य जाती वालो की सरकार चल रही है। ओबीसी और किसान समाज को मूर्ख बनाकर शोषित किया जा रहा है।*
*👉 सरकारी नौकरी में विभिन्न समाजों की हिस्सेदारी संख्या के आधार पर होना था, मतलब ओबीसी को सभी क्षेत्रों में 67% हिस्सेदारी होनी थी। जबकि स्थिति देखें कितनी दयनीय है।*:-
*(1) SC :- 15% - 12 %*
*(2) ST :- 7.5% - 05 %*
*(3) OBC :- 67.5% - 04 %*
*(4) GEN :- 10% - 79 %*
*👉 साथ ही ओबीसी के आरणक्ष में असंवैधानिक रूप से क्रीमीलेयर का गिफ्ट भी दिया है। जो संवैधानिक रूप से गलत है।*
*👉 जबकि एससी को 15% होना था, एसटी को 7.5%, ओबीसी को 67% और सामान्य को 10% होना था। तब लोकतंत्र लागू होता।*
*👉 ओबीसी समाज का नौकरी के अलावा दूसरे क्षेत्रों में हिस्सेदारी (आरक्षण) की स्थिति देखे, जबकि सभी जगह 67% होना था:-*
*विधानसभा - 0% - होना था 67%*
*लोकसभा - 0% - होना था 67%*
*न्यायपालिका - 0% - होना था 67%*
*सेना - 0% - होना था 67%*
*मीडिया - 0% - होना था 67%*
*उद्योग - 0% - होना था 67%*
*निजी क्षेत्र - 0% - होना था 67%*
*👉 ओबीसी समाज अपने साथ होने वाले अन्याय से कब तक बेखबर रहेगा ??*
*👉 67% ओबीसी को केंद्र में 67% आरक्षण (हिस्सेदारी) के स्थान पर 40 वर्ष बाद केवल 27% दिया और उसमें भी असंवैधानिक क्रीमीलेयर लगा दिया। और अभी तक केवल 4% ही भर्ती हो सकी है, 63% जनरल खा रहे है*
*👉 मध्यप्रदेश के 54% ओबीसी के लिए 40 वर्ष बाद क्रीमीलेयर के साथ केवल 14% आरक्षण मिला, भर्ती केवल 4% हुआ। बैकलाग 10% खाली है। जबकि होना था 54%, बाकी 50% जनरल वाले खा रहे है।*
*👉 आखिर ओबीसी अपने साथ होने वाले अन्याय को कब तक रहते रहेंगे ?*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*📢📢 ओबीसी की बर्वादी का प्रमुख कारण क्या है ?📢📢*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*👉 देश में ओबीसी समाज का कोई मजबूत संगठन नहीं था।*
*👉 ओबीसी समाज को दुश्मनों ने 3743 तुकड़ो में बांट के रखा है।*
*किसी को लोधी में,*
*किसी को कुर्मी में*
*किसी को यादव में*
*किसी को कुशवाहा में*
*किसी को तेली में*
*किसी को कुन्वी में*
*किसी कलार मैं*
*किसी को गुर्जर में*
*किसी को गडरिया मे*
*किसी को मीना में*
*किसी को मंडलोई में*
*किसी को लोहार में*
*किसी को प्रजापति में*
*किसी को नाई में*
*किसी को तमोली में*
*किसी को माली में*
*किसी को किरार में*
*किसी को सुनार में*
*किसी को पाटीदार में*
*किसी को मेवाडा में*
*किसी को दर्जी में*
*किसी को खाती में*
*किसी को चौरसिया में*
*किसी को कहार में*
*किसी को पवार में*
*किसी को विसनोई में*
*आदि, आदि....*
*🔹ओबीसी को 3743 जातिया में बाट दिया है। यही हमारी बर्बादी का कराण है।*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
इस प्रश्न का उतर 55%आबादी वाले,OBC,समुदाय के ज्यादातर बुद्धीजीवियो और पढ़े-लिखे
लोगो के पास,आज भी नहीं है।
OBC,,जातियों को ही पौराणिक
ब्राह्मण पंडितो ने वास्तविक शूद्र माना है ।जबकि,,SC,ST,को चारों वर्णों से बहार रखा है ।
1922 में मद्रास हाईकोर्ट ने
मदुराई के कुर्मी, यादव-आहिर को,शूद्र घोषित किया था.जबकि वे क्षत्रिय होने का दावा कर रहे थे
1924 में भूमिहार जमीदार नारायण सिंह ने बिहार के मुंगेर
जिला के लाखुचक गाँव में जनेऊ पहनने का सामूहिक कार्यक्रम कर रहे यादवो पर सैकड़ोँ की सेना के साथ हमला किया था ।
नारायण सिंह का कहना था कि धर्म की रक्षा राजा का कर्तव्य है और शूद्र यादव जनेऊ धारण कैसे कर सकते है ??
1924 में मद्रास हाईकोर्ट ने छत्रपति शिवाजी के वंशज एकोजी के क्षत्रिय होने के दावे को ख़ारिज कर दिया था।मद्रास
हाईकोर्ट ने 229 पेज के अपने फैसले में मराठा को
क्षत्रिय नहीं बल्कि शूद्र वर्ण के घोषित किया था ।
1926 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वामी विवेकानंद की कायस्थ
जाति को क्षत्रिय नहीं माना । तथा कायस्थों के शूद्र होने
का फैसला दिया था ।
1928 में बोम्बे प्रान्त के गवर्नर ने स्टार्ट नाम के एक अधिकारी की अध्यक्षता में पिछड़ी जातियों के लिए एक कमिटी नियुक्त की थी।इस कमीटी में डॉ बाबा
साहेब अंबेडकर ने शुद्र वर्ण से जुडी जातियों के लिए,,
OTHER
BACKWARD CAST " शब्द का उपयोग सर्वप्रथम किया था ।
इसी शब्द का शोर्टफॉर्म,,OBC है
जिसको सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी हुई जाति के रूप
में आज हम पहचानते है ।और उनको पिछड़ी जाति य OBC
कहते है ।
स्टार्ट कमीटी के समक्ष अपनी बात रखते हुवे बाबा साहेब ने देश की जनसंख्या को तीन भाग में बांटा था-(1) अपरकास्ट(Upercast) जिसमे ब्राह्मण,
क्षत्रिय-राजपूत
और वैश्य जैसी उच्च वर्ण जातियां आती थी ।
(2) बेकवर्ड र्कास्ट(Backward cast) जिसमे सबसे पिछड़ी और अछूत बनायीं गई जातियां और आदिवासी समुदाय की
जातियां को समाविष्ट की गई थी (३) जो जातियां बेकवर्ड कास्ट और अपर कास्ट
के बिच में
आती थी, ऐसी शुद्र वर्ण की मानी गई जातियो के लिए,,
Other backward cast,,शब्द का प्रयोग किया गया था।
इन्ही शुद्र जातियो को मनुस्मृति में ब्राह्मणों द्वारा खूब लताड़ा गया है,किंतु ये शूद्र जातियाँ आज भी
ब्रह्मणवाद के पैरों तले रौंदे जाना अपना सौभाग्य समझती है ।
*📢📢 भारत के 72 करोड़ ओबीसी की सबसे बड़ी समस्या, कारण और निवारण ? 📢📢*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*👉 भारत में लोकतंत्र लागू् होने के 70 बर्ष बाद भी यहां लोकतंत्र लागू नहीं हो सका है।*
*👉 ये लोकतंत्र क्या है ??*
☄☄☄☄☄☄
*जनता का*
*जनता के लिए*
*जनता के द्वारा शासन व्यवस्था*
*👉 सरल भाषा में लोकतंत्र का मतलव है, सभी को संख्या के आधार पर सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी मिलना चाहिये :-*
*जिसकी जितनी संख्या भारी*
*उसकी उतनी हिस्सेदारी*
*👉 अब देखते हैं कि देश में आजादी के 70 बर्षों में किसको क्या मिला और कौन कितनी संख्या में हैं ??*
*👉 भारत की जनता में*
*सामान्य - 10%*
*एससी - 15%*
*एसटी - 7.5%*
*ओबीसी - 67.5%*
*👉 भारत की जनता में सबसे अधिक संख्या ओबीसी की है। भारत की केंद्र की और सभी राज्य की सरकारे लगभग 30% वोटों से बनती है, वहीं ओबीसी की संख्या लगभग 67.5% है। मतलव सरकार बनाने के लिए जितनी संख्या चाहिये उससे दोगुनी से भी ज्यादा संख्या ओबीसी की है।*
*👉 भारत में लोकतंत्र की स्थापना के 70 वर्ष बाद भी यहां लोकतंत्र स्थापित नहीं हो पाया है। अभी तक यहां 10% सामान्य जाती वालो की सरकार चल रही है। ओबीसी और किसान समाज को मूर्ख बनाकर शोषित किया जा रहा है।*
*👉 सरकारी नौकरी में विभिन्न समाजों की हिस्सेदारी संख्या के आधार पर होना था, मतलब ओबीसी को सभी क्षेत्रों में 67% हिस्सेदारी होनी थी। जबकि स्थिति देखें कितनी दयनीय है।*:-
*(1) SC :- 15% - 12 %*
*(2) ST :- 7.5% - 05 %*
*(3) OBC :- 67.5% - 04 %*
*(4) GEN :- 10% - 79 %*
*👉 साथ ही ओबीसी के आरणक्ष में असंवैधानिक रूप से क्रीमीलेयर का गिफ्ट भी दिया है। जो संवैधानिक रूप से गलत है।*
*👉 जबकि एससी को 15% होना था, एसटी को 7.5%, ओबीसी को 67% और सामान्य को 10% होना था। तब लोकतंत्र लागू होता।*
*👉 ओबीसी समाज का नौकरी के अलावा दूसरे क्षेत्रों में हिस्सेदारी (आरक्षण) की स्थिति देखे, जबकि सभी जगह 67% होना था:-*
*विधानसभा - 0% - होना था 67%*
*लोकसभा - 0% - होना था 67%*
*न्यायपालिका - 0% - होना था 67%*
*सेना - 0% - होना था 67%*
*मीडिया - 0% - होना था 67%*
*उद्योग - 0% - होना था 67%*
*निजी क्षेत्र - 0% - होना था 67%*
*👉 ओबीसी समाज अपने साथ होने वाले अन्याय से कब तक बेखबर रहेगा ??*
*👉 67% ओबीसी को केंद्र में 67% आरक्षण (हिस्सेदारी) के स्थान पर 40 वर्ष बाद केवल 27% दिया और उसमें भी असंवैधानिक क्रीमीलेयर लगा दिया। और अभी तक केवल 4% ही भर्ती हो सकी है, 63% जनरल खा रहे है*
*👉 मध्यप्रदेश के 54% ओबीसी के लिए 40 वर्ष बाद क्रीमीलेयर के साथ केवल 14% आरक्षण मिला, भर्ती केवल 4% हुआ। बैकलाग 10% खाली है। जबकि होना था 54%, बाकी 50% जनरल वाले खा रहे है।*
*👉 आखिर ओबीसी अपने साथ होने वाले अन्याय को कब तक रहते रहेंगे ?*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*📢📢 ओबीसी की बर्वादी का प्रमुख कारण क्या है ?📢📢*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*👉 देश में ओबीसी समाज का कोई मजबूत संगठन नहीं था।*
*👉 ओबीसी समाज को दुश्मनों ने 3743 तुकड़ो में बांट के रखा है।*
*किसी को लोधी में,*
*किसी को कुर्मी में*
*किसी को यादव में*
*किसी को कुशवाहा में*
*किसी को तेली में*
*किसी को कुन्वी में*
*किसी कलार मैं*
*किसी को गुर्जर में*
*किसी को गडरिया मे*
*किसी को मीना में*
*किसी को मंडलोई में*
*किसी को लोहार में*
*किसी को प्रजापति में*
*किसी को नाई में*
*किसी को तमोली में*
*किसी को माली में*
*किसी को किरार में*
*किसी को सुनार में*
*किसी को पाटीदार में*
*किसी को मेवाडा में*
*किसी को दर्जी में*
*किसी को खाती में*
*किसी को चौरसिया में*
*किसी को कहार में*
*किसी को पवार में*
*किसी को विसनोई में*
*आदि, आदि....*
*🔹ओबीसी को 3743 जातिया में बाट दिया है। यही हमारी बर्बादी का कराण है।*
☄☄☄☄☄☄☄☄☄
*OBC समाज के 99% लोग क्रीमीलेयर नहीं है। जानकारी के अभाव में खुद को क्रीमीलेयर मान बैढ़े हैं।*
ReplyDelete🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
*क्रीमीलेयर मे कौन-कौन ओबीसी आते हैं ??*
*(1) VVIP'S (संवैधानिक) पद जैसे, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के जज आदि।*
*(2) Govt. Or PSU employee of Central and state:-*
*👉 जिन बच्चों के माता या पिता में से कोई भी एक सीधे प्रथम श्रेणी के पद पर नियुक्त हुये हों।*
*👉 जिन बच्चों के माता और पिता दोनों ही सीधे द्वितीय श्रेणी के पद पर नियुक्त हुये हों।*
*👉 जिन बच्चों के माता या पिता में से कोई एक 40 बर्ष की आयु से पहले प्रथम श्रेणी में प्रमोट हुआ हो।*
*(3) मिलेट्री में कर्नल या उससे उपर के पद पर हो।*
*(4) जिन बच्चों के माता पिता की वेतन और क्रषि आय को छोड़कर तीसरी कोई भी आय 6 लाख से अधिक हो।*
*🍬शेष सभी नान क्रीमीलेयर हैं।🍬*
*प्रमाणपत्र बनवाने में किसी प्रकार की परेशानी हो तो आदेश DOPT की बेवसाइट पर देखें। अथवा हमें संपर्क करें।*
*प्रस्तुति :-*
--------------
*ओबीसी ललित कुमार*
*राष्ट्रीय अध्यक्ष*
*अखिल भारतीय ओबीसी महासभा*
07694009442
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
*ओबीसी समाज के कम से कम 100 लोगो को शेयर जरूर करें।*
जागो OBC जागो
ReplyDeletehttps://realhstry.blogspot.in/2017/08/obc.html?m=1&_utm_source=1-2-2
Mujhe bahut aacha laga hai ki hamare desh ke logo ko kaha hai aur sabhi ki baat ki janakari nahi karna chahate hai
ReplyDeleteशूद्र sc वाले हैं OBC Chhatriya है और OBC पर कोई अअत्याचार नहीं हो rha hai तुम अंबेडकर विचारधारा वालों वैचारिक आंतकवाद मत फैलाओ हमारे बीच में भागो सालो.
ReplyDeleteJyotiba phule OBC the aur unke saath kya hota tha woh bhi janna avashyak hai.
DeleteSc st obc shuda hai main bhi obc hu
DeleteJi sir sun kar achha lga gyan achha de lete ho
Deleteसही है obc क्षत्रिय वर्ण मै आते हैँ शूद्र मै चमार, मेघ, batwal आदी जातियाँ आती हैँ 🙏🙏🙏
ReplyDeleteSc st obc shuda hi hai main bhi obc hu
Deleteतो फिर इलेक्शन में भी वोट ऐसे ही डलवा दिया करो की 67 % सीधे obc को ही जितवा दो, pm मोदी भी ऐसे ही आये हैं, हैं ना
ReplyDeleteOBC शूद्र जाति नहीं है OBC list मैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य जाति भी आते हैं यह तीनों कैसे शूद्र जाति हो गए OBC मैं सबसे ज्यादा आर्य समाज आते हैं
ReplyDeleteBarabar he oBC shudr hi hee
ReplyDeleteमैंने कुछ महामुर्ख लोग देखे है जो अपनी एक नयी फ़र्ज़ी थ्योरी के साथ जी रहे है की OBC शुद्र होता है तो उन गधों को ये पता होना चाहिए की OBC का मतलब "अन्य पिछड़ी जातियां " होता है और OBC सभी धर्मो के लोगो में होते है....
ReplyDeleteclick on this link to know more about obc-https://en.wikipedia.org/
Note-भारत में जितने भी धर्म है उनकी सारी जातियों को General , obc , sc-st categories में बांटा गया है..इसलिए किसी के बहकावे में ना आइये विस्वास ना हो तो खुद पता कर लीजिये...
ये कुछ ब्राह्मण जातियाँ है जिन्हे OBC में शामिल किया गया है
Daivadnya Brahmins
Shaiva Brahmin
Bhargav Dakaut or Joshi Brahmins
Kattaha Brahmins
VishwaBrahmins
Jangid Brahmins
Saurashtra Brahmins
Sthanika Brahmins
Goswami Brahmins
Rudraja Brahmins
Manipuri Brahmins
Rajapur Saraswat Brahmins
Vaishnav Brahmins (Swami, Bairagi, Nayak, Raina, Bawa,)
मुस्लिमो में OBC जातियों की जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-https://en.wikipedia.org/
वैसे भी शूद्र होना कोई गलत बात नहीं है क्यूंकि मनुस्मृती के अनुसार शूद्र भी आर्य(श्रेष्ठ ) है जन्म से हर व्यक्ति शूद्र होता है..बाद में कर्म के अनुसार अन्य वर्ण को धारण करता है
=>मनुस्मृति के एक श्लोक में कहा है-
शूद्रेण हि समस्तावद् यावत् वेदे न जायते। (2.172)
अर्थात्-‘जब तक कोई वेदाध्ययन नहीं करता तब तक वह शूद्र के समान है, चाहे किसी भी कुल में उत्पन्न हुआ हो।’
=>‘‘जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद् द्विज उच्यते।’’
(स्कन्दपुराण, नागरखण्ड 239.31)
अर्थात्-प्रत्येक बालक, चाहे किसी भी कुल में उत्पन्न हुआ हो, जन्म से शूद्र ही होता है। उपनयन संस्कार में दीक्षित होकर विद्याध्ययन करने के बाद ही द्विज बनता है।
महर्षि मनु ने श्लोक 10.4 में शूद्रवर्ण के लिए अन्य एक शद का प्रयोग किया है जो अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और सटीक है, वह है- ‘एकजातिः’। यह शूद्रवर्ण की सारी पृष्ठभूमि और यथार्थ को स्पष्ट कर देता है। ‘एकजाति वर्ण’ या व्यक्ति वह कहाता है जिसका केवल एक ही जन्म माता-पिता से हुआ है, दूसरा विद्याजन्म नहीं हुआ। अर्थात् जो विधिवत् शिक्षा ग्रहण नहीं करता और अशिक्षित या अल्पशिक्षित रह जाता है। इस कारण उस वर्ण या व्यक्ति को ‘शूद्र’ कहा जाता है।
कर्मों के अनुसार-
=>शूद्रो ब्राह्मणतामेति ब्राह्मणश्चैति शूद्रताम।
क्षत्रियाज्जातमेवं तु विद्याद्वैश्यात्तथैव च। - (मनुस्मृति-10.65)
अर्थात- कर्म के अनुसार ब्राह्मण शूद्रता को प्राप्त हो जाता है और शूद्र ब्राह्मणत्व को। इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य से उत्पन्न संतान भी अन्य वर्णों को प्राप्त हो जाया करती हैं।
Reference -
1-Wikipedia
2-स्कन्दपुराण
3-मनुस्मृति
Kahan se ye list utha ke laaye ho bhai? Government ke OBC list mein toh ye sab hain hi nahi. Wikipedia is not an authentic source as it can be edited by anyone. OBCs are Shudras and SC & STs are Ati-Shudras or Untochables. Get your facts right.
DeleteSc st obc ya any koi bhi ho jindgi insaan ki tarah jio na ki sc st obc ki tarah
ReplyDeleteHm sbhi sc st obc ya any krte rh jayenge aur dusre desh moon parchle jayenge
i like it that's the truth
ReplyDelete